त्रिकोणमिति मैथ की वह ब्रांच है, जो एक समकोण त्रिभुज की भुजाओं और कोणों से संबंधित है। यह ग्रीक शब्द ‘त्रि’ से लिया गया है, जिसका अर्थ है तीन, ‘गॉन’ जिसका अर्थ है भुजाएं, ‘मेट्रोन’ का अर्थ है माप। इसका उपयोग शुरुआती खगोलविदों और मिस्र और बेबीलोन में किया गया था। इस ब्लॉग में हम त्रिकोणमिति क्या है? और इसके फाॅर्मूले और रेशियो के बारे में विस्तृत जानेंगे।
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त्रिकोणमिति क्या है?
विभिन्न कोणों (0 से 90 डिग्री) के लिए कक्षा 10 के त्रिकोणमिति और त्रिकोणमितीय अनुपातों का प्रयोग करने के बाद इसका उपयोग आर्किटेक्चर, इंजीनियरिंग, भौतिक विज्ञान जैसे सब्जेक्ट्स में देख सकते हैं। त्रिकोणमिति गणित की वह शाखा है, जिसमें त्रिभुज की तीनों भुजाओं और तीनों कोणों की स्टडी की जाती है। त्रिकोणमिति को इंग्लिश में Trigonometry कहते हैं और त्रिकोणमिति का अर्थ त्रिभुज की तीनों भुजाओं की माप होता है।
त्रिकोणमिति की खोज किसने की थी?
त्रिकोणमिति का आविष्कार और प्रयोग प्राचीन भारत में किया गया। त्रिकोणमिति के जनक, शून्य और दशमलव का महत्व बताने वाले विश्व के महान गणितज्ञ और खगोलशास्त्री आर्यभट्ट हैं।
ट्रिगोनोमेट्रिक आइडेंटिटी की इम्पोर्टेंस
ट्रिगोनोमेट्रिक आइडेंटिटी का उपयोग त्रिकोणमिति और ज्यामिति की समस्याओं को हल करने और विभिन्न गणितीय गुणों को समझने के लिए किया जाता है। प्रमुख ट्रिग आइडेंटिटी जानने से महत्वपूर्ण गणितीय सिद्धांतों को याद रखने और समझने में मदद मिलती है और इससे गणित की कई समस्याओं को हल किया जा सकता है।
त्रिकोणमिति का उपयोग
त्रिकोणमिति का उपयोग मैथ, साइंस और टेक्नोलाॅजी में किया जाता है। त्रिकोणमिति की स्टडी के बाद हम इसका उपयोग निम्न चीजों में देखते हैं-
- खेतों, प्लॉट्स और क्षेत्रों को मापना
- सिरेमिक टाइल की माप
- छत का झुकाव; इमारत की ऊंचाई, चौड़ाई और लंबाई के लिए त्रिकोणमिति की आवश्यकता होती है।
- वास्तुकारों द्वारा संरचनात्मक भार, छत के ढलानों, जमीन की सतहों आदि में त्रिकोणमिति का उपयोग होता है।
त्रिकोणमिति रेश्यो किन्हें कहते हैं?
किसी समकोण त्रिभुज में किन्हीं दो भुजाओं के अनुपात को त्रिकोणमितीय अनुपात या त्रिकोणमितीय रेश्यो कहते हैं। Trigonometry in Hindi में भुजाओं के नाम लंब (perpendicular), कर्ण (Hypotenuse) औऱ आधार (base) हैं। नीचे त्रिकोणमिति रेश्यो के बारे में बताया गया है-
- sin θ = लंब/कर्ण
- cos θ = आधार/कर्ण
- tan θ = लम्ब/आधार
- cosec θ = कर्ण/लंब
- sec θ = कर्ण/आधार
- cot θ = आधार/लंब।
पाइथागोरस प्रमेय का सूत्र क्या है?
पाइथागोरस प्रमेय का सूत्र कर्ण2 = आधार2 + लंब2
त्रिकोणमिति के फाॅर्मूले क्या हैं?
Trigonometry in Hindi मैथ का महत्वपूर्ण भाग माना जाता है और इसकी स्टडी की शुरुआत 9वीं से होती है। नीचे त्रिकोणमिति के फाॅर्मूले प्वाइंट्स में बताए गए हैं-
- sin θ
- sec θ
- cos θ
- tan θ
- cosec θ
- cot θ
- sin(A + B) = sinA.cosB + cosA.sinB
- sin(A – B) = sinA.cosB – cosA.sinB
- cos(A + B) = cosA.cosB – sinA.sinB
- cos(A – B) = cosA.cosB + sinA.sinB
- tan(A + B) = (tanA + tanB)/(1 – tanA.tanB)
- tan(A – B) = (tanA – tanB)/(1 + tanA.tanB)
- cot(A + B) = cotA.cotB – 1/cot B.cot A
- cot(A – B) = cotA.cotB + 1/cot B – cot A
- Cosec θ / Sec θ = Cot θ
- Sec θ / Tan θ = Cosec θ
- Cos θ / Cot θ = Sin θ
- Tan θ / Sin θ = Sec θ
- Cot θ / Cosec θ = Cos θ
- Sin θ / Cos θ = Tan θ
- sin (A + B). sin (A – B) = sin² A – sin² B = cos² B – cos² A
- cos (A + B). cos (A – B) = cos² A – sin² B = cos² B – sin² A
- 2 sin²A = 1 – cos 2A
- 2 cos²A = 1 + cos 2A
- sin 3A = 3 sin A – 4 sin³A
- sin 2A = 2 sin A.cos A = 2 tan A/ 1 + tan² A
- sin2A = 2sinA.cosA
- cos2A = cos²A – sin²A = 1 – 2sin²A
- 2cos²A – 1 = 1 – 2sin²A/1 + tan²A
- tan2A = 2tanA/(1 – tan²A)
- cos 3A = 4 cos³ – 3 cos A
- tan 3A = 3 tan A – tan³ A/1 – 3tan² A.
त्रिकोणमिति की टेबल?
ज्यामिति के साथ आपको 0°, 30°, 45°, 60° और 90° के विभिन्न त्रिकोणमितीय कोणों के निर्माण के बारे में पता होना चाहिए। त्रिकोणमिति को कोणो को परिभाषित करते हुए टेबल नीचे दी गई है-
θ | 0° | 30° | 45° | 60° | 90° |
sin | 0 | 1/2 | 1/2 | 3/2 | 1 |
cos | 1 | 3/2 | 1/2 | 1/2 | 0 |
ten | 0 | 1/3 | 1 | 3 | ∞ |
cosec | ∞ | 3 | 1 | 1/3 | 0 |
sec | 1 | 2/3 | 2 | 2 | ∞ |
cot | ∞ | 2 | 2 | 2/3 | 1 |
कक्षा 10 त्रिकोणमिति के लिए PPT
कक्षा 10 Trigonometry in Hindi के लिए PPT और PDF नीचे दी गई है, जिससे आपको त्रिकोणमिति क्या है के बारे में पूरी जानकारी मिल सकेगी-
- 10 त्रिकोणमिति के लिए PDF
- Source- NCERT
- 10 त्रिकोणमिति के लिए PPT
- Source- Abhishek Yadav and Slide Share.
कक्षा 10 त्रिकोणमिति के लिए महत्वपूर्ण MCQs
कक्षा 10 त्रिकोणमिति के लिए महत्वपूर्ण क्वेश्चंस नीचे दिए गए हैं-
1. यदि sinA = 3/5 हो तो cotA का मान क्या होगा?
A. 2/3
B. 4/3
C. 3/5
D. 3/7
उत्तर- C. 3/5
2. पाइथागोरस प्रमेय का सूत्र क्या है?
A. कर्ण2 = आधार2 + लंब2
B. आधार2 = कर्ण2 + लंब2
C. लंब2 = कर्ण2 + आधार2
D. इनमें से कोई नहीं।
उत्तर- A. कर्ण2 = आधार2 + लंब2
3. त्रिकोणमिति में भुजाओं के नाम क्या हैं?
A. कर्ण, लंब और आधार
B. लंब, कर्ण और आधार
C. आधार, कर्ण और लंब
D. इनमें से कोई नहीं।
उत्तर- A. कर्ण, लंब और आधार
4. यदि sin θ + sin² θ = 1, तो cos² θ + cos4 θ =
A. 1
B. 0
C. 1
D. 2
उत्तर- C. 1
5. 1/cosec A का अधिकतम मान क्या है?
A. 0
B. 1
C. 3
D. 2
उत्तर- B. 1
6. भारतीय गणित के पिता कौन हैं?
A. आर्यभट्ट
B. सुदर्शन महाराज
C. अरस्तु
D. इनमें से कोई नहीं
उत्तर- आर्यभट्ट
7. साइन 30 का मान कितना होता है?
A. 3
B. 1
C. 0
D. 1/2
उत्तर- साइन 30 का मान ½ होता है।
8. यदि sinθ = 3/5 हो तो cotθ का मान क्या होगा?
A. 3/5
B. 2/3
C. 4/3
D. 3/7
उत्तर- 3/5
9. Cot 45 का मान कितना होता है?
A. 3
B. 2
C. 4
D. 0
उत्तर- 0
10. Cosec 60 का मान कितना होता है?
A. 4
B. 2
C. 3
D. 1
उत्तर- 2
इंजीनियरिंग में त्रिकोणमिति का महत्त्व क्या है?
इंजीनियरिंग में त्रिकोममिति (Trigonometry in Hindi) काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है, लेकिन सबसे पहले यह निर्धारित करें कि त्रिकोणमिति किस क्षेत्र में उपयोग करेंगे। नीचे प्वाइंट्स में इंजीनियरिंग में त्रिकोणमिति का महत्व बताया गया है-
- व्यावसायिक मामलों का निर्माण करने के लिए।
- अपनी परियोजना या योजनाओं के लिए।
- प्रोजेक्ट स्कोप और विजन जानने के लिए।
- संसाधनों की आवश्यकता देखने के लिए। (यानी लोग, आपूर्ति और निरीक्षण स्टेशन)
- प्रोजेक्ट के शुरू से पूरा होने में समय तय करने के लिए।
FAQs
त्रिकोणमिति के 6 प्रकार होते हैं।
ट्रिगोनोमेट्री/Trigonometry।
त्रिकोणमिति मैथ की वह ब्रांच है जिसमें जिसमें त्रिभुज और त्रिभुजों से बनने वाले बहुभुजों की स्टडी की जाती है। इसमें समकोण त्रिभुज की स्टडी भी शामिल है।
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