विश्व रंगमंच दिवस 2023: इतिहास, उद्देश्य और थीम

1 minute read
3 views
विश्व रंगमंच दिवस

हर साल 27 मार्च के दिन विश्व रंगमच दिवस मनाया जाता है। इस साल 2023 में 61वां विश्व रंगमंच दिवस मनाया जाएगा। 

विश्व रंगमंच दिवस लोगों को प्रभावित करने, मनोरंजन करने, सिखाने और बदलने में रंगमंच कलाओं के मूल्य को पहचानता और रेखांकित है। विश्व रंगमंच दिवस हमारे- आपके जीवन में थिएटर के महत्व के बारे में जागरूकता फैलता है और रंगमंच कला को बढ़ावा देता है। यह दनियाभर में धूम- धाम से मनाया जाता है। 

रंगमंच किसे कहते हैं?

रंगमंच उस स्थान को कहते हैं जहाँ नृत्य, नाटक, खेल आदि हों। रंगमंच शब्द रंग और मंच दो शब्दों से मिलकर बना है। रंग शब्द इसलिए कि दृश्य को आकर्षक बनाने के लिए दीवारों, छतों और पर्दों पर तरह- तरह की चित्रकारी होती है और अभिनेताओं की वेशभूषा तथा साज- सज्जा में भी भिन्न- भिन्न रंगों का इस्तेमाल किया जाता है, और मंच शब्द इसलिए कि दर्शकों की सुविधा के लिए रंगमंच का तल फर्श से कुछ ऊँचा उठा रहता है। दर्शकों के बैठने के स्थान को प्रेक्षागार और रंगमंच सहित समुचे भवन को प्रेक्षागृह, रंगशाला, या नाट्यशाला (या नृत्यशाला) कहते हैं। पश्चिम में इसे थिएटर या ऑपेरा नाम दिया गया। 

विश्व रंगमंच दिवस का इतिहास

विश्व रंगमंच दिवस की शुरुआत सन् 1962 में की गई थी। यह दिन हर साल 27 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय थिएटर समुदाय और इंटरनेशनल थिएटर इंस्टीट्यूट ITI द्वारा मनाया जाता है। इस दिवस की स्थापना का विचार राष्ट्रपति अरवी किविमा द्वारा सर्वप्रथमदिया गया था। उन्हें 1961 में ITI की 9वीं विश्व कांग्रेस की बैठक में फिनिश सेंटर की ओर से इस प्रस्ताव को सामने रखा था और उसके बाद 1962 से इस दिवस को हर साल 27 मार्च को मनाया जाने लगा। विश्व रंगमंच दिवस अभी भी ITI, विश्व प्रदर्शन कला संगठन द्वारा प्रायोजित है, और संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन द्वारा भी समर्थित है। विश्व रंगमंच दिवस का पहला मैसेज 1962 में जिन कोक्ट्यू द्वारा लिखा गया था। यह नाटक पांचवीं शताब्दी के शुरुआती दौर का माना जाता है।

घटनाओं की समयरेखा 

विश्व रंगमंच दिवस पर घटनाओं की समयरेखा देखें:

प्राचीन यूनानी रंगमंच की शुरुआत (1000 ई.पू.)

प्राचीन मिथक या किंवदंतियाँ मनोरंजन और शिक्षा दोनों के लिए नाटकों के आधार के रूप में काम करती हैं।

शेक्सपियर का ग्लोब थियेटर खुलता है (1599)

शेक्सपियर कंपनी लंदन में अपने थिएटर का निर्माण और उद्घाटन तब करती है जब इसके पूर्व स्थल पर पट्टे का नवीनीकरण नहीं किया जाता है।

काबुकी थियेटर जापान में शुरू होता है (1600)

इस प्रकार का जापानी नृत्य नाटक अपने अत्यधिक शैलीबद्ध प्रदर्शनों के लिए उल्लेखनीय है।

पहला थियेटर ब्रॉडवे पर खुला (1735)

न्यूयॉर्क शहर में ब्रॉडवे नाट्य गतिविधि का केंद्र है।

प्रथम विश्व रंगमंच दिवस मनाया जाता है (1962)

अंतर्राष्ट्रीय रंगमंच संस्थान (ITI) ने प्रथम विश्व रंगमंच दिवस की स्थापना की, जिसे अंतर्राष्ट्रीय रंगमंच समुदाय द्वारा सम्मानित किया जाता है।

विश्व रंगमंच दिवस 2023 की थीम 

“रंगमंच और शांति की संस्कृति” विश्व रंगमंच दिवस 2023 का विषय है। अंतर्राष्ट्रीय रंगमंच संस्थान ने इस विषय की स्थापना की, जो साल दर साल लगातार बनी हुई है। विश्व रंगमंच दिवस की थीम संस्कृतियों को एकजुट करने और शांति को बढ़ावा देने में रंगमंच के महत्व को दर्शाती है। विश्व रंगमंच दिवस 2023 के संदेश की लेखिका मिस्र की ‘सामिहा अयूब‘ है, वह मिस्र की मशहूर अभिनेत्री हैं।

विश्व रंगमंच दिवस का उद्देश्य 

विश्व रंगमंच दिवस के कुछ उद्देश्य हैं –

  • दुनिया भर में रंगमंच को उसके सभी रूपों में बढ़ावा देना। 
  • रंगमंच से जुड़े लोगों को सम्मानित करना।
  • लोगों के बीच रंगमंच के सभी रूपों के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना। 
  • रंगमंच समुदायों को अपने काम को व्यापक स्तर पर बढ़ावा देने में सक्षम बनाना ताकि सरकार और राय के नेता नृत्य के सभी रूपों के मूल्य और महत्व के बारे में जागरूक हों और इसका समर्थन कर सकें।
  •  रंगमंच सभी रूपों में आनंद लेने के लिए है।
  • दूसरों के साथ रंगमंच के आनंद को बांटना।

कैसे मनाया जाता है विश्व रंगमंच दिवस?

विश्व रंगमंच दिवस रंगमंच प्रेमियों ITI केंद्रो, सहयोगी और सदस्यों, प्रोफेशनल रंगमंच कलाकारों, थिएटर संगठनों और थिएटर यूनिवर्सिटीज़ द्वारा मनाया जाता है। विश्व रंगमंच दिवस हर साल विभिन्न्न कार्यक्रमों का आयोजन करके मनाया जाता है। इसमें  सबसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय संदेश का प्रसार करना है। इसमें विश्व स्तर की रंगमंच हस्ती को आमंत्रित किया जाता है और शांति की संस्कृति पर वह अपने विचारों को साझा करते हैं।

इस अंतरराष्ट्रीय सन्देश का 50 से अधिक भाषाओं में अनुवाद किया जाता है। इसका सिनेमाघरों में फिल्मों के प्रदर्शन से पहले दर्शकों के लिए पाठन किया जाता है, समाचार पत्रों में छापा जाता है और ऑडियो-विजुअल क्षेत्र के माध्यम से दुनिया के हर कोनों में रहने वाले लोगों के लिए रेडियो और टेलीविजन स्टेशनों द्वारा प्रसारित किया जाता है। इस दिवस को हर साल “शांति की संस्कृति” थीम के साथ मनाया जाता है। 

ऐसी ही रोमांचक जानकारी के लिए बने रहिए हमारी वेबसाइट के साथ। 

प्रातिक्रिया दे

Required fields are marked *

*

*

10,000+ students realised their study abroad dream with us. Take the first step today.
Talk to an expert