यूके की आंतरिक मंत्री ने दिए नई इमीग्रेशन नीति के संकेत, मिलेगा भारतीय छात्रों को फायदा

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यूके में नई इमीग्रेशन नीति के मिले संकेत

ब्रिटेन की लिज़ ट्रस सरकार 2019 के चुनावी प्लेज में इंग्लैंड में नेट माइग्रेंट्स को कम करने के मुद्दे का उपयोग कर रही है। 2 अक्टूबर 2022 को ब्रिटेन की नई आंतरिक मंत्री भारतीय मूल की सुएला ब्रेवरमैन ने The Sun के साथ एक इंटरव्यू में नेट माइग्रेंट्स को कम करने की बात कही।

सुएला ब्रेवरमैन ने कहा कि ब्रिटेन में कम स्किल्ड माइग्रेंट्स की एक बड़ी संख्या है और बड़ी संख्या में अंतरराष्ट्रीय छात्र हैं। छात्र अक्सर अपने साथ डेपेंडेंट्स को यूके लाते हैं जिससे यूके का विकास प्रभावित होता है।

सुएला ब्रेवरमैन आगे कहती हैं कि वे लोग जो यहां आ रहे हैं, वे जरूरी काम नहीं कर रहे हैं या वे कम-स्किल ओरिएंटेड नौकरियों में काम कर रहे हैं, और वे हमारी अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में योगदान नहीं दे रहे हैं। यूके सरकार माइग्रेशन को कम करेगी और इमीग्रेशन नीति की समीक्षा करेगी।

यूके के नेशनल स्टेटिस्टिक्स ऑफिस के अनुसार जून 2021 के अंत में समाप्त होने वाला नेट माइग्रेशन 2.39 लाख था। यूके में यूरोपियन वर्कर्स की संख्या में कमी के साथ गैर-यूरोपियन वर्कर्स की संख्या में बढ़ौतरी देखी गई है, जिन में विशेषकर भारतीय वर्कर्स शामिल हैं।

जहां पर सुएला ब्रेवरमैन ने यूके में काम स्किल्ड वर्कर्स की संख्या कम करने की बात कर रही हैं, वहीं इसके विपरीत अक्टूबर 2022 में लिज़ ट्रस सरकार का यूके में लेबर की गंभीर कमी को मैनेज करने का ब्यान देखा गया है।

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