प्रगतिशील और आधुनिक बनने के दौड़ में हम अपने स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। खेल का महत्व जैसे हम भूलते जा रहे हैं। आज के बच्चे मोबाइल, लैपटॉप और वीडियो गेम्स से ही खेलते हैं। परंतु खेल का महत्व बच्चों की बढ़ती ग्रोथ के साथ जानना आवश्यक है। खेल जितना स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है, उतना ही खेल का महत्व पढ़ाई में भी है। अक्सर परीक्षाओं में तथा प्रतियोगी परीक्षाओं में खेल का महत्व पर निबंध लिखने को कहा जाता है। खेल के महत्व को समझाने के लिए तथा खेल के महत्व पर निबंध जो कि एक महत्वपूर्ण तथा पूछे जाने वाला विषय है, उसके बारे में छोटे और बड़े निबंध नीचे दिए जा रहे हैं। आइए देखते हैं हमारे जीवन में खेल का क्या महत्व हैI
This Blog Includes:
- खेल का महत्व (Essay on Importance of Sports in Hindi)
- खेल के महत्व पर निबंध 200 शब्दों में
- खेल के महत्व पर निबंध 400 शब्दों में
- खेल के महत्व पर निबंध 800 शब्दों में
- विद्यार्थी जीवन में खेल का महत्व (Essay on Importance of Sports in Hindi)
- खेल के महत्व पर स्लोगन
- खेल के महत्व पर कविता (Essay on Importance of Sports in Hindi)
- खेल के महत्व पर सुविचार
- खेल से लाभ
- खेल में करियर
- खेल में करियर विकल्प
- खेलों के प्रकार
- मौसम के आधार पर विभाजित
- इंडोर खेल
- आउटडोर खेल
- आदर्श खिलाड़ी के गुण
- FAQs
खेल का महत्व (Essay on Importance of Sports in Hindi)
खेल का हमारे जीवन में क्या महत्व है इसके बारे में हम बचपन से सुनते आए हैं और इसलिए स्कूल कॉलेज में अलग से स्पोर्ट्स टाइम दिया जाता है। इतना ही नहीं घर पर कई बार मम्मी भी बच्चों को डांटती रहती है कि थोड़ा बाहर जाके खेलों सारा दिन में घर में टीवी देखते हो।
अब मैं खेल के महत्व की बात करूँ तो शरीर और दिमाग काे विकसित करने के लिए खेल महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके साथ खेल आपके तनाव को भी दूर करता है। खेल आपके कंसन्ट्रेशन को बनाए रखने के लिए अच्छा है। इतना ही नहीं खेल आपकी नौकरी लगने में भी मदद करते हैं।
खेल के महत्व पर निबंध 200 शब्दों में
स्वामी विवेकानंद ने अपने देश के नवयुवकों को कहा था-“मेरे नवयुवक मित्रों। बलवान बनों। तुमको मेरी यह सलाह है। गीता को पढ़ने के बदले युवकों को फुटबॉल खेलना चाहिए।” इस कथन से स्पष्ट है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास संभव है और शरीर को स्वस्थ तथा मजबूत बनाने के लिए खेल अनिवार्य है। मनोवैज्ञानिकों का मत है कि मनुष्य की खेलों में रुचि स्वाभाविक है। इसी कारण बच्चे खेलों में अधिक रुचि लेते है। पी.साइरन ने कहा है- ‘अच्छा स्वास्थ्य एवं अच्छी समझ जीवन के दो सर्वोत्तम वरदान हैं।’ इन दोनों की प्राप्ति के लिए जीवन में खिलाड़ी की भावना से खेल खेलना आवश्यक है। खेलने से शरीर को बल, माँस-पेशियों को उभार, भूख को तीव्रता आलस्यहीनता तथा मलादि का शुद्धता प्राप्त होती है। खेल खेलने से मनुष्य को संघर्ष करने की आदत लगती है। जीवन की जय-पराजय को आनंदपूर्ण ढंग से लेने की महत्त्वपूर्ण आदत खेल खेलने से ही आती है। खेल हमारा भरपूर मनोरंजन करते हैं। खिलाड़ी हो अथवा खेल प्रेमी दोनों को खेल के मैदान में एक अपूर्व आनंद मिलता है।
खेल के महत्व पर निबंध 400 शब्दों में
आज हर व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य की चिंता है। वह चाहता है कि स्वस्थ रहकर जीवन बिताएं। स्वस्थ रहने के लिए व्यायाम, योग, प्राणायाम, संतुलित पोषक-आहार आदि तो महत्वपूर्ण घटक हैं ही, इसके अलावा खेल बहुत महत्वपूर्ण है।
जीवन में खेलकूद का भी उतना ही महत्व है, जितना कि पढ़ाई-लिखाई का। खेलकूद न केवल छात्रों का मनोरंजन करते हैं अपितु उनके स्वास्थ्य को भी उत्तम बनाते हैं। यदि बच्चे प्रसन्न और स्वस्थ रहेंगे तो पढ़ाई लिखाई की ओर भी ध्यान देंगे।
खेल के अंतर्गत शरीर बहुत अधिक परिश्रम करता है, परिणामस्वरूप अधिक मात्रा में ऑक्सीजन शरीर के अंदर जाती है। यही ऑक्सीजन हमारे रक्त को शुद्ध करती है तथा भोजन को पचाने में सहायता करती है। जिसने खेलों को महत्व दिया है वह सदैव प्रसन्न, स्वस्थ तथा मजबूत रहता है, उसमें आत्मविश्वास रहता है, नेतृत्व की क्षमता उत्पन्न होती है, इच्छाशक्ति सदैव बलवती रहती है, संगठन की शक्ति का अहसास होता है। अत: खेल स्वास्थ्य का पर्याय है।
स्वस्थ युवक खेल-सामग्री के अभाव में भी खेल सकता है। कई परिवार अपने स्तर को ऊंचा बनाए रखने के लिए बच्चों के खेल के विभिन्न साधन घर में ही जुटा कर उन्हें वहाँ कैद रखना चाहते हैं, जिसकी वजह से सामूहिक खेलों से बच्चे वंचित रह जाते हैं। आज के अधिकतर बच्चे कंप्यूटर पर अकेले वीडियो गेम खेलते रहते हैं। ऐसे खेलों से मानसिक अभ्यास तो हो जाते हैं, किंतु शारीरिक अभ्यास नहीं हो पाते हैं।
थकान के बाद शीतल छाया में बैठकर सामान्य भोजन में भी जैसे आनंद की अनुभूति होती है, वैसे आनंद की अनुभूति रोगग्रस्त शरीर को विविध प्रकार के व्यंजनों में भी नहीं होती है। अतः जब बालक रुचि से खेलता है, तो उसकी पाचन-शक्ति बढ़ती है और उसे ज़ोर की भूख लगती है। ऐसे में किए गए भोजन का बिना किसी चूर्ण या पुड़िया प्रयोग किए पचना और शरीर का बलिष्ठ होना, ये सभी प्रक्रियाएँ स्वचालित यंत्र की तरह पूर्ण हो जाती हैं । ऐसे बालकों के लिए कभी चिकित्सकों की आवश्यकता नहीं पड़ती है। इस प्रकार खेल एक और लाभ अनेक हैं।
वही राष्ट्र विकसित या सामर्थ्यवान बन पाता है, जिस देश का युवक स्वस्थ होता है। यह तभी संभव है जब प्रत्येक नागरिक अपनी लाख व्यस्तताओं के बावजूद खेल के लिए समय निकाले।
डिजिटल इंडिया पर निबंध (Essay on Digital India)
खेल का महत्त्व पर निबंध (600 शब्द)
परिचय
लोगों द्वारा आकस्मिक या संगठित भागीदारी के माध्यम से की जाने वाली प्रतिस्पर्धी खेल गतिविधियों को हम खेल कह सकते हैं। यह सभी की शारीरिक क्षमता और कौशल को सुधारने और बेहतर बनाए रखने में मदद करता है। यह प्रतिभागियों के लिए मनोरंजन का एक तरीका है। खेल वास्तव में सभी के द्वारा विशेषरुप से बच्चों द्वारा पसंद किए जाते हैं हालांकि, ये उनके लिए विभिन्न तरीकों से हानि भी पहुँचा सकते हैं। यह – खेल: चरित्र और स्वास्थ्य निर्माणबच्चों को आसानी से घायल कर सकता है या अध्ययन से भटका सकता है। फिर भी, बच्चे अपने मित्रों के साथ खेलने के लिए बाहर जाना पसंद करते हैं।
इतिहास
यदि हम इतिहास पर नजर डालें तो हम देखते हैं कि, खेलों को प्राचीन समय से ही बहुत अधिक महत्व दिया जा रहा है। आधुनिक समय में, अन्य मनोरंजन बढ़ाने वाली चीजों, जैसे- विडियो गेम, टीवी आदि की वृद्धी और प्रसिद्धी के कारण जीवन में खेलों की माँग कम हो रही है। यद्यपि, यह भी सत्य है कि, खेल बहुत से देशों के द्वारा सांस्कृतिक गतिविधियों की तरह माने जाते हैं, इसलिए हम कह सकते हैं कि, भविष्य में खेल और स्पोर्ट्स का प्रचलन कभी खत्म नहीं होगा।
खेल गतिविधियों को स्कूल और कॉलेजों में विद्यार्थियों के अच्छे शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य और पेशेवर भविष्य के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। खेल उन सभी के लिए, जो इनमें पूरी लगन के साथ शामिल होता के लिए भविष्य में अच्छा कैरियर रखते हैं। यह विशेषरुप से विद्यार्थियों के लिए बहुत ही लाभदायक है क्योंकि, यह शारीरिक और मानसिक विकास को सहायता प्रदान करता है। वे लोग जो खेलों में अधिक रुचि रखते हैं और खेलने में अच्छे हैं, वे अधिक सक्रिय और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। वे कार्यस्थल पर बेहतर अनुशासन के साथ ही नेतृत्व के गुणों को विकसित कर सकते हैं।
शारीरिक समन्वय और ताकत
यह माना जाता है कि, खेल और ताकत एक ही सिक्के के दो पहलु हैं। यह सत्य है कि, खेल में भागीदारी करने वाले एक व्यक्ति के पास सामान्य व्यक्ति (जो व्यायाम नहीं करता हो) से अधिक ताकत होती है। खेलों में रुचि रखने वाला व्यक्ति महान शारीरिक ताकत विकसित कर सकता है और किसी भी राष्ट्रीय या अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के खेल में भागीदारी करने के द्वारा अपना भविष्य उज्ज्वल कर सकता है। खेल प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने, शारीरिक समन्वय बनाए रखने, शरीर की ताकत को बढ़ाने और मानसिक शक्ति में सुधार करने में मदद करता है।
चरित्र और स्वास्थ्य निर्माण
नियमित आधार पर खेल खेलना एक व्यक्ति के चरित्र और स्वास्थ्य निर्माण में मदद करता है। यह आमतौर पर देखा जा सकता है कि, युवा अवस्था से ही खेल में शामिल रहने वाला एक व्यक्ति, बहुत ही साफ और मजबूत चरित्र के साथ ही अच्छे स्वास्थ्य को विकसित करता है। खिलाड़ी बहुत अधिक समय के पाबंद और अनुशासित होते हैं, इस प्रकार, हम कह सकते हैं कि, खेल राष्ट्र और समाज के लिए विभिन्न मजबूत और अच्छे नागरिक प्रदान करता है।
निष्कर्ष
खेल आमतौर पर, एक दूसरे पर विजय प्राप्त करने की कोशिश के साथ दो प्रतिस्पर्धी टीमों के बीच एक प्रतियोगिता के रूप में खेला जाता है।खेल और स्पोर्ट्स के विभिन्न प्रकार होते हैं, जिन्हें हम घर के बाहर खेलते हैं उन्हें आउटडोर (मैदानी खेल) खेल कहते हैं, वहीं जो घर के अन्दर खेले जाते हैं उन्हें इनडोर खेल कहा जाता है। दोनों में से एक प्रतिभागी विजेता होता है, वहीं दूसरा हारता है। खेल वास्तव में सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण गतिविधि है, विशेषरुप से बच्चों और युवाओं के लिए क्योंकि यह शरीर को स्वस्थ और तंदरुस्त रखता है।
खेल के महत्व पर निबंध 800 शब्दों में
खेल का महत्व पर 800 शब्दों में निबंध नीचे दिया जा रहा है :
संकेत बिंदु-
- खेलों का महत्व
- खेलकूद और स्वास्थ्य
- सच्चे खिलाड़ी का कर्तव्य
- खेल और आयु
खेल का महत्व
मानव संसार का सबसे महत्वपूर्ण प्राणी है। अन्य प्राणियों की अपेक्षा मानव में सोचने-समझने, चिंतन करने की शक्ति अधिक है, परंतु मस्तिष्क का एकांगी विकास किसी काम का नहीं है। मस्तिष्क के विकास के साथ-साथ शारीरिक शक्ति का होना भी आवश्यक है।
‘शरोरामायं खलु धर्मसाधनम्’ अर्थात् शरीर कर्तव्य पालन का पहला साधन है। कालिदास का यह कथन पूर्णत: सत्य है। जीवन की पहली आवश्यकता स्वस्थ शरीर ही है। अच्छे स्वास्थ्य के अनेक साधन हैं जैसे-व्यायाम, खेलकूद, जिम्नास्टिक आदि। व्यायाम तथा जिम्नास्टिक से शरीर स्वस्थ तो अवश्य रहता है, परंतु न तो इनसे मनोरंजन होता है और न ही शरीर के स्वस्थ बनने के अतिरिक्त इसका कोई अन्य लाभ है। साथ ही ये दोनों साधन नीरस हैं। इसके विपरीत खेलों से व्यायाम के साथ-साथ मनोरंजन भी होता है। यही कारण है कि विद्यार्थियों की रुचि व्यायाम की अपेक्षा खेलकर में अधिक होती है। वे खेलकूद में भाग लेकर अपना स्वास्थ्य ठीक रखते हैं स्वामी दयानंद सरस्वती ने कहा था-
“मजबूत आत्मा और पक्के मन का मंदिर शरीर कल्पना में भी कैसे कच्चा हो सकता है?” खेलकूद स्वास्थ्य-रक्षा का निःशुल्क साधन है। स्वामी विवेकानंद जी ने स्वास्थ्य का मस्तिष्क पर प्रभाव के विषय में अपने विचार स्पष्ट रूप से व्यक्त किए थे “स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है। “
खेलों से स्वास्थ्य तो ठीक रहता ही है इनसे मनुष्य का चारित्रिक और आध्यात्मिक विकास भी होता है। खेलकर से पुष्ट और स्फूर्तिमय शरीर ही मन को स्वस्थ बनाता है। खेलकूद मानव मन को प्रसन्न और उत्साहित बनाए रखते हैं। खेलों से नियम पालन के स्वभाव का विकास होता है और मन एकाग्र होता है। खेल में भाग लेने से खिलाड़ियों में सहिष्णुता,धैर्य और साहस का विकास होता है तथा सामूहिक सद्भाव और भाईचारे की भावना बढ़ती है। खेलकूद अप्रत्यक्ष रूप से आध्यात्मिक विकास में भी सहायक होते हैं ये जीवन संघर्ष का मुकाबला करने की शक्ति प्रदान करते है। खेलकूद से एकाग्रता का गुण आता है जिससे अध्यात्म साधना में मदद मिलती है।
सच्चा खिलाड़ी हानि लाभ, यश अपयश सफलता असफलता को समान भाव से ग्रहण करने का अभ्यस्त हो जाता है। खेलों में भाग लेने से तन मन की शक्ति के साथ-साथ हमारा आत्मविश्वास भी बढ़ता है। तन-मन से स्वस्थ आत्मविश्वासी व्यक्ति के लिए जीवन में कोई भी काम करना कठिन नहीं होता।
मनुष्य अकेले किसी भी खेल को नहीं खेल सकता। दो या दो से अधिक व्यक्ति ही किसी खेल को खेल सकते हैं। मिलकर खेलने से हमारा दूसरे खिलाड़ियों में परिचय बढ़ता है। हमें मिलकर काम करने की आदत पड़ती है। मिलकर खेलने में व्यक्तिगत हार-जीत नहीं रहती। हार का दुःख तथा जीत की खुशी साथी खिलाड़ियों में बंट जाती है। खेल में जीत के लिए आवश्यक है कि खिलाड़ी व्यक्तिगत यश के लिए न खेले। वह अन्य खिलाड़ियों के साथ सहयोग से खेले। इस प्रकार खेलों से टीम भावना तथा सहकारिता की भावना से काम करने को शिक्षा स्वयंमेव मिलती रहती है।
अच्छे खिलाड़ियों को खेलने के लिए अपने स्कूल के अतिरिक्त दूसरे स्कूलों में, अपने नगर के अतिरिक्त दूसरे नगरों में, अपने प्रदेश के अतिरिक्त दूसरे प्रदेशों में यहाँ तक कि अपने देश के अतिरिक्त दूसरे देशों में भी जाना पड़ता है। इससे उसके ज्ञान का विस्तार होता है। हमें दूसरे देशों की सभ्यता-संस्कृति,भाषा,खान-पान,रहन- सहन आदि को देखने समझने का अवसर प्राप्त होता है। अधिकतर खेल घर से बाहर निकलकर प्रकृति के खुले आँगन में खेले जाते हैं। इससे खुली हवा का आनंद भी मिलता है।
खेलों में बच्चे, बूढ़े, युवक सभी आयु वाले भाग ले सकते हैं। खेल दो प्रकार के हैं- एक वे जो घर में बैठकर खेले जा सकते हैं या किसी हॉल में जैसे-शतरंज, लूडो, केरमबोड,टेबल टेनिस आदि। दूसरे प्रकार के खेल वे है जो घर से बाहर खुले स्थानों और मैदानों में खेले जाते हैं जैसे-हॉकी, क्रिकेट, बॉलीबॉल, फुटबॉल, लोन टेनिस, कबड्डी आदि। घर में खेले जाने वाले खेलों से केवल मनोरंजन होता है। इन से मन मस्तिष्क का व्यायाम तो हो जाता है, परंतु शरीर का व्यायाम नहीं होता। शारीरिक व्यायाम तो मैदान में खेले जाने वाले खेलों से ही होता है।
आज संसार के सभी देशों ने खेल के महत्व को समझ लिया है, इसलिए खेलों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। स्कूलों,कॉलेजों में खेलों पर अधिक खर्च किया जाने लगा है। अब हर स्तर पर खेलों का महत्व समझाने के लिए खेलों का आयोजन होने लगा है। इससे न केवल खिलाड़ियों बल्कि देखने वालों और सुनने वालों का भी मनोरंजन होता है। इससे जीवन रसमय बन जाता है। खेल के मैदान में खिलाड़ियों से अधिक उत्साह दर्शकों में दिखाई देता है। विदेशों में खेल के महत्व को समझते हुए खेल पर बहुत ध्यान दिया जाता है। बड़े दुर्भाग्य की बात है कि हमारे देश में सरकार खेलों पर उतना ध्यान नहीं देती जितना देना चाहिए। इस प्रकार हम देखते हैं कि खेलों में भाग लेकर खिलाड़ी अपना स्वास्थ्य तो ठीक रखते ही है साथ ही अपने विद्यालय, कार्यालय तथा देश का नाम भी उज्ज्वल करते हैं।
विद्यार्थी जीवन में खेल का महत्व (Essay on Importance of Sports in Hindi)
पुराने समय से ही खेल का महत्व है । विद्यार्थी जीवन में अनुशासन , पढ़ाई का जितना महत्व है उतना ही महत्व खेल खुद का भी हैं । ये पूरा दिन कक्षा में बैठे बैठे पढ़ाई करने से बॉडी का Posture ख़राब हो जाता हैं । खेल खुद बॉडी का Posture मेन्टेन रखने में मददगार साबित होता हैं । पहले जब बच्चे जब गुरुकुल में शिक्षा ग्रहण करने जाते थे। तो उनकेपढ़ाई के साथ-साथ अनेक प्रकार के खेल भी खिलाये जाते थे। जिससे अपने दिमाग के साथ तन की भी स्वस्थ रख सके । एक विद्यार्थी बचपन से प्रेरणा लेकर खेलना शुरू करता हैं । आज कल न सिर्फ लड़के बल्कि लडकिय भी बढ़ -चढ़ कर हिस्सा लेती है । खेल खुद आपके दिमाग को रिफ्रेशमेंट देता है जिससे विद्यार्थी अच्छे से अपना ध्यान केन्द्रित कर पाते हैं । ये कंसंट्रेशन बढ़ाने में भी मदद करता हैं । जो विद्यार्थी बचपन से खेल खुद में भाग लेते हैं उनके शरीर का विकास आचे तरीके से होता हैं । विद्यार्थियों के अन्दर खेल भावना जगाती है। इससे वो एकजुटता, लीडरशिप की भावना जगाती है ।ये मानसिक रूप से विद्यार्थियों को टफ बनाती है और खेल को खेल की तरह देखना चाहिए चाहे जीत हो या हार उसे खुले दिल से एक्सेप्ट करना चाहिए ।
खेल के महत्व पर स्लोगन
खेल का महत्व और उस पर लिखे गए नारे इस प्रकार हैं:
- खेल-कूद द्वारा होता है स्वास्थ्य का निर्माण, जरुरी है खेल क्योंकि स्वास्थ्य है जीवन का प्राण।
- खेलों का महत्व समझती हैं नानी-दादी, इसीलिए उस जमाने में खेलने की थी आज़ादी।
- जैसे-जैसे हो रहा है खेल-कूद की प्रवृति का लोप, वैसे-वैसे दिख रहा है रोगो का स्वास्थ्य पर कोप।
- जिंदगी की सबसे बड़ी जीत उन चीजों से ऊपर उठ जाना हैं जिसे हम कभी बहुत ज्यादा महत्व देते थे।
- कभी भी हार को दिल पे मत लगाये और हार कर घर पर मत बैठ जाये, क्युकी कभी कभी एक अच्छा खिलाडी भी 0 पे आउट हो जाता हैं।
- जिंदगी की सबसे बड़ी जीत उन चीज़ों से ऊपर उठना है जिन्हें हम अभी बहुत ज्यादा महत्त्व देते हैं।
- मैं उस खिलाडी से नहीं डरूँगा जिसने 50 कलाएं सीख ली हैं, बल्कि उस खिलाडी से डरूंगा जो एक ही कला की 50 बार प्रैक्टिस करता है।
- खेल आपको स्वस्थ तो बनाते ही हैं इसके साथ करियर बनाने का भी एक बेहतर विकल्प है।
खेल के महत्व पर कविता (Essay on Importance of Sports in Hindi)
खेल का महत्व और लिखी कविता इस प्रकार है:
खेलों की दुनिया का जादू,
खेल हमें सिखलाते
आओ बच्चों आज तुम्हे मैं,
एक बात बतलाऊं
खेलों का कितना महत्त्व है?
यह तुमको समझाऊं
खेलों से सब कुछ मिल सकता,
हमको हँसते गाते
खेल…
खेल-खेल में सारे बच्चे,
सेहत खूब बनाते
उछल कूद कर मस्ती करते,
जीवन का सुख पाते
यह आनंद बिना पैसे का,
हम खेलों से पाते
खेल..
खेल खेलने से ही बच्चों,
खेल भावना आती
खेल-खेल में जीवन के सब,
बिगड़े काम बनाती
हार जीत से उपर उठ कर,
हम आदर्श बनाते
खेल…
रुपया-पैसा, धन-दौलत सब,
खेलों से मिल जाता
सचिन घुमा कर अपना बल्ला,
लाखों लाख कमाता
नाम और धन पाकर दोनों,
फूले नहीं समाते
खेल…
खेलों की दुनिया का जादू,
खेल हमें सिखलाते
खेल के महत्व पर सुविचार
खेल का महत्व और उसपे कुछ बेहतरीन सुविचार इस प्रकार हैं:
- शिक्षा के अलावा आपको अच्छे स्वास्थ्य की आवश्यकता है और उसके लिए आपको खेल खेलना चाहिए। कपिल देव
- “जिंदगी की सबसे बड़ी जीत उन चीजों से ऊपर उठ जाना हैंजिसे हम कभी बहुत ज्यादा महत्व देते थे…”
- खेल में अपना प्रर्दशन इस प्रकार दिखाओ की सामने वाली विरोधी टीम का प्रत्येक खिलाड़ी आपके लिए तालियां बजाने लग जाये।
- अपनी एक हार से इतना भी निराश मत होईये मौके और भी आएंगे जीतने के लिए, इसलिए अपना अभ्यास जारी रखे।
- एक अच्छा खिलाड़ी कभी भी अपना मनोबल नीचे नहीं गिरने देता है।
- अगर आप भी स्पोर्ट्स में अपना कर्रिएर बनाना चाहते हैं, तो सबसे पहले खुद को परिश्रमी बनाना आवश्यक हैं।
- अगर स्कूलों में खेलो को बढ़ावा नहीं दिया जायेगा, तो कोई भी देश एक बेहतर खिलाड़ी की खोज नहीं कर पायेगा।
खेल से लाभ
खेल का महत्व और उससे होने वाले लाभों के बारे में नीचे बताया गया है-
- खेल से व्यक्ति का शारीरिक और मासिक विकास होता है बच्चे बड़ो की उपेक्षा चीजों पर जल्दी कंसन्ट्रेट कर पाते हैं।
- खेल बच्चों में टीम स्पिरिट की भावना बढ़ाता है और उन्हें इसमें अपना नाम कैसे देख सकते हैं यह भी सिखाता है जो उन्हें आगे चलकर कई तरीकों से लाभ पहुंचाता है।
- शारीरिक गतिविधियों में बॉडी स्ट्रेच करते हैं जिससे हमारी हमारी शायद बनावट भी बनी रहती है। ज्यादा से ज्यादा बच्चों को खेल और योगा के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
- खेल अपने जीवन में धैर्य कैसे बनाया जाए यह सकते हैं क्योंकि हर गेम उतार चढ़ाव आते हैं जिसमें धैर्य की भूत आवश्यकता होती है साथ ही धूप गर्मी पसीना इन सब समस्याओं से भी आप अपने धैर्य के साथ लड़ सकते हैं।
- खेलकूद हमारे व्यक्तित्व के विकास में बहुत बड़ा योगदान देता है जिससे इन में शारीरिक मानसिक क्षमता में बढ़ोतरी करता है।
खेल में करियर
खेल का महत्व में अब जानिए कि खेल में क्या क्या करियर संभावनाएं हैं :
पढ़ोगे-लिखोगे तो बनोगे नवाब, खेलोगे-कूदोगे तो होगे खराब। पहले ये कहावत बहुत प्रचलित थी l लेकिन बदलते दौर के साथ हर कोई मुझे बड़ा होगा अपना करियर बनाना चाहता है। आज के समय में आप खेल में अपना एक बेहतरीन करियर बना सकते हैं जहां को एक अच्छी सैलरी मिलती है। खेल मैं कैरियर बनाना कई लोगों को लगता है के खेल में करियर बनाना सिर्फ एथलीट या किसी एक खेल में अच्छा परफ़ॉर्मर तक सीमित नहीं है इसमें कई तरह की जॉब हैं जिनमें आपको आपको एथलेटिक होने की जरुरत नहीं है । खेल में हर किसी के लिए अवसर ही अवसर है। अब हम ये कह सकते है की- खेलोगे-“कूदोगे तो होगे नवाब।”
खेल में करियर विकल्प
खेल में करियर विकल्प कुछ इस प्रकार हैं:
- खेल कमेंटेटर या एंकर – इनका काम कोच और प्लेयर्स का इंटरव्यू देना होता है यह लाइव रेडियो या टेलीविजन में आपको मुख्य भूमि निभाते हुए नजर आएंगे। इसके लिए आपको खेल की अच्छी जानकारी के साथ-साथ उसमें अच्छा अनुभव भी होना चाहिए।
- खेल फोटोग्राफर – खेल आयोजन के दौरान खेल फोटोग्राफर फोटो खींचते हैं। खेल फोटोग्राफर फ्रीलांसरों के रूप में काम कर सकते हैं । एक खेल फोटोग्राफर के रूप में आप विभिन्न खेल आयोजनों की फोटो को कैप्चर कर सकते हैं। खेल फोटोग्राफरों को एक्शन को अच्छी क्वालिटी में कैप्चर करने के लिए रेफ्लेक्सेस अच्छे होने चाहिए ।
- खेल राइटर- खेल लेखक का काम होता है खेल से जुड़ी ख़बरें या आर्टिकल, ब्लॉग लिखना। जो ऑनलाइन वेब मीडिया तथा अखबारों के लिए लिखते है। आज इस क्षेत्र में भी बहुत सारे विकल्प मौजूद है और अच्छी खासी सैलरी भी मिलती है।
- फिटनेस डाइरेक्टर- जो कि व्यक्तिगत या सामूहिक रूप में फिटनेस एक्टिवीटी का ध्यान रखते है। जिसमें फिटनेस फेसिलिटी, होटल कॉर्पोरेशन भी शामिल है।
- खेल अंपायर– क्रिकेट की अंपायरिंग करने के लिए जाने जाते हैं। वहीं रेफरी फुटबॉल, टेनिस, हॉकी इत्यादि मैच में होते हैं। अंपायर के पास फील्ड में कोई भी निर्णय लेते हैं । वह जो भी निर्णय लेता है दोनों टीमों के खिलाड़ियों को उसे स्वीकारना ही होता है। इसमें थर्ड अंपायर भी होता है जो फील्ड अंपायर के डिसिशन बदल सकता हैं
- खेल कोच- आप कोच के लिए अप्लाई कर सकते है ।जिसके लिए आपके पास थोडा अनुभव होना चाहिए क्युकी इसमें कम्पटीशन काफी होता है । एक अच्छा कोच अपन खिलाडियों का मागदर्शन करता है ।
खेलों के प्रकार
खेलों के प्रकार नीचे बताए गए हैं-
- शारीरिक खेल -जिनमें शारीरिक क्षमताओं का विशेष प्रदर्शन करते है उसे शारीरिक खेल कहा जाता है।जैसे – क्रिकेट, खो- खो, कबड्डी, क्रिकेट , बैडमिंटन आदि।
- मानसिक खेल -जिन खलों में मानसिक क्षमताओं का विशेष प्रदर्शन किया जीता है उसे मानसिक खेल कहा जाता है। जैसे – चैस, सुडोकू, केरम्, पासा, बकरी– बाघ खेल आदि।
- मशीनी खेल– मशीनी खेल उस खेल को कहा जाता है जिसमें मानसिक क्षमताओं के साथ उपकरणों का उपयोग किया जाता है!
- ऑनलाइन खेल – ये खेल वाइड रेंज में पाए जाते है । इन्हें लैपटॉप, मोबाइल, टेबलेट पर खेला जाता है। आज कल के दौर में इसका प्रचलन बढ़ रहा है।
मौसम के आधार पर विभाजित
मौसम के आधार पर इन्हें समर विंटर गेम्स दो तरह के खेला जाता हैं।
- समर गेम्स – जिस खेल को गर्मियों के महीने में खेला जाता है उसे समर गेम्स कहते हैं जैसे नौकायन आदि।
- विंटर गेम्स –जिस खेल को सर्दियों के महीने में खेला जाता है उसे विंटर गेम्स कहते हैं जैसे आइस हॉकी तथा आइस स्केटिंग आदि।
खेल को इंडोर और आउटडोर खेल में भी बांटा गया हैं।
इंडोर खेल
ये ऐसे खेल हैं जिन्हें आप घर में बैठ कर अपने परिवार या प्रियजनों के साथ खेल सकता है। जिससे आपका मनोरंजन होगा और एक दूसरे के साथ समय भी बिता सकते हैं। आइए देखें इंडोर खेल के उदहारण –
- राजा मंत्री चोर सिपाही – इसमें चार किरदार है राजा,मंत्री,चोर, सिपाही।इसमें 4 चिट बनाई जाती हैं ।इसमें सबसे ज्यदा पॉइंट्स राजा, फिर मंत्री, फिर सिपाही और अंत में चोर आता हैं।
- सांप-सीढ़ी- इसमें एक बोर्ड, गोटियों और डाइस की मदद से खेला जाता है। बोर्ड में 1 से 100 तक अंक होते है और डाइस में 1 से 6 तक के नंबर होते हैं, जहाँ बीच-बीच में सांप के चित्र होते हैं। डाइस में जितना नंबर आता है, उतने ही नम्बर चलना होता है। सांप के मुंह में गोटी कट मानी जाती है और वो नीचे उस बॉक्स में वापस चली जाती है, जहां सांप की पूंछ होती है।
- चैस (शतरंज)- चैस का खेल मानसिक रूप से दिमाग को मजबूत बनाने का खेल है है। इसमें एक चैस बोर्ड और मोहरे होती है।
आउटडोर खेल
जिसे हम घर से बाहर खेलते हैं, जिससे हमारा मानसिक और शारीरक विकास होता है। ये तरों ताज़ा रहने में भी मदद करता है – आए देखे कुछ आउटडोर खेल –
- फुटबॉल – फुटबॉल दुनिया हर देश में खेलता है। इसमें 11 खिलाड़ियों की आवश्यकता होती है। इसमें बॉल को फुटबॉल नाम से जाना जाता है।
- क्रिकेट – क्रिकेट खेल में 11 खिलाड़ी होते है। ये कई देशों में खेला जाता हैं। भारत क्रिकेट खेल का क्रेज सबसे ज्यादा हैं। इसे बेट और बॉल का उपयोग करके खेला जाता है। इसमें एक अंपायर होता है जो इसके सारे निर्णय लेता है और सबको वो मानाने पड़ते है। महिला और पुरुष दोनों की टीम खेलती है।
- हॉकी – हॉकी खेल में खिलाड़ियों की संख्या 11 होती है। ओलंपिक में हॉकी खेली जाती है। महिला और पुरुष दोनों की टीम खेलती है। इस खेल में हॉकी स्टिक और बॉल होती है।
- टेनिस – टेनिस खेल में दो या दो से अधिक लोग खेलते है। इस खेल को सिंगल या डबल में खेला जाता है। इसमें टेनिस रैकेट और बॉल होती है।
- बैटमिंटन- बैडमिंटन रैकेट से खेला जाने वाला एक खेल है जिसमें शटलकॉक को नेट पर हिट करने के लिए रैकेट का उपयोग किया जाता है।
- कबड्डी– कबड्डी भारत में दूसरा सबसे लोकप्रिय खेल है । यह भारत और पाकिस्तान (भारतीय उपमहाद्वीप) का मूल खेल है। भारत में लोग प्राचीन काल से कबड्डी खेलते और देखते आ रहे हैं।
- कुश्ती- कुश्ती, जिसे पहलवानी के नाम से भी जाना जाता है, भारत के सबसे पुराने खेलों में से एक है। इस खेल में शारीरिक बल मायने रखता है।
आदर्श खिलाड़ी के गुण
एक अच्छा खिलाड़ी सदैव अपने खेल के प्रति समर्पित रहता है। वो अपना , परिवार और देश का नाम रोशन करने का हर मुमकिन प्रयाश करते हैं। वह एक अच्छा लीडर होना चाहिए जो अपनी टीम को लीड करे। उसके एक पॉजिटिव सोच वाला होना चाहिए ताकि वो टीम को कॉन्फिडेंस दिला सके। उसे अपना मन शांत रखने की कला में निपुण होना चाहिए ताकि विपरीत परिस्तिथि में सयम बना सकते। एक अच्छे खिलाड़ी को विनम्र होना चाहिए ताकि वो अपने टीम में एक अच्छा वातावरण बना सके। उसके अन्दर खेल भावना होनी चाहिए ताकि वो हार या जीत को दिल से न लगाए। किसी भी अच्छे खिलाड़ी को इच्छा, अपने उत्साह और शरीर में तालमेल बनाए रखें। उसे हमेशा अपने अभ्यास में कंसिस्टें होना चाहिए क्योंकि “Practice Makes a Man Perfect”
FAQs
हॉकी से
बैक स्ट्रोक
क्रिकेट से
राहुल द्रविड़
रोहित शर्मा
बिलियर्ड्स में
साक्षी मलिक
गोल्फ से
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