Swar Kitne Prakar Ke Hote Hain: स्वर कितने प्रकार के होते हैं?

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Swar Kitne Prakar Ke Hote Hain
A. 11
B. 10
C. 9
D. 8
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उत्तर: A, इस प्रश्न का सही उत्तर है। हिंदी वर्णमाला में कुल 11 स्वर होते हैं।

इस प्रश्न का विस्तृत उत्तर:
बता दें कि वर्तमान में हिंदी वर्णमाला में कुल 11 स्वर होते हैं, जो इस प्रकार हैं – अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ, ऋ। इनके साथ एक और महत्वपूर्ण स्वर अः (विसर्ग) को भी कभी-कभी जोड़ा जाता है, लेकिन आमतौर पर यह व्याकरणिक चिन्ह के रूप में माना जाता है।

स्वर के प्रकार (भेद)
स्वरों को कई आधारों पर वर्गीकृत किया जा सकता है:

  1. उच्चारण की अवधि के आधार पर: बताना चाहेंगे उच्चारण की अवधि के आधार पर ह्रस्व स्वर (Short vowels): अ, इ, उ होते हैं, इनका उच्चारण बहुत जल्दी होता है। उदाहरण: अमर, इमली, उल्लू। इसके साथ ही उच्चारण की अवधि के आधार पर दीर्घ स्वर (Long vowels): आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ होते हैं, और इनका उच्चारण अपेक्षाकृत लंबा होता है। उदाहरण: आग, ईख, ऊन, एक, ऐनक, ओस, औरत।
  2. मुख के स्थान के आधार पर: बताना चाहेंगे मुख के स्थान के आधार पर कंठ्य (गले से): अ, आ और तालव्य (तालू से): इ, ई स्वर निकलते हैं। इसके साथ ही ओष्ठ्य (होंठ से): उ, ऊ और मूर्धन्य/दंत्य मिश्रित: ए, ऐ, ओ, औ तथा नासिक्य स्वर: अं (इसमें ध्वनि नाक से निकलती है) स्वर निकलते हैं।

स्वरों का महत्त्व
यहाँ निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से स्वरों के महत्त्व को जाना जा सकता है, जो इस प्रकार है –

  • किसी भी शब्द की शुरुआत या मध्य में स्वर का होना अनिवार्य होता है, जो शब्द निर्माण में मुख्य भूमिका निभाता है।
  • स्वर की सही पहचान से हम किसी भी शब्द को शुद्ध रूप से बोल सकते हैं। आसान भाषा में समझा जाए तो स्वर शुद्ध उच्चारण में भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • भारतीय शास्त्रीय संगीत में ‘स्वर’ शब्द का उपयोग रागों के सुरों के लिए भी होता है, जैसे सा, रे, गा आदि। इसलिए स्वर की भूमिका कविता और संगीत में भी एक बड़े स्तर पर देखने को मिलती है।

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