Answer
Verified
सही उत्तर है (C) उत्तल दर्पण
विस्तृत उत्तर
उत्तल दर्पण (Convex Mirror) वह दर्पण होता है जिसकी परावर्तक सतह बाहर की ओर उभरी होती है। इस दर्पण में बनने वाला प्रतिबिंब हमेशा काल्पनिक, सीधा और वस्तु से छोटा होता है।
जब कोई प्रकाश किरण उत्तल दर्पण पर गिरती है, तो वह परावर्तित होकर फैल जाती है। ये फैली हुई किरणें वास्तव में नहीं मिलतीं, लेकिन यदि हम उनका पिछला विस्तार करें, तो वे दर्पण के पीछे किसी एक बिंदु से आती हुई प्रतीत होती हैं। इसी बिंदु पर काल्पनिक प्रतिबिंब बनता है।
उत्तल दर्पण से बनने वाले प्रतिबिंब की विशेषताएँ
- प्रतिबिंब हमेशा काल्पनिक (Virtual) होता है।
- कभी भी पर्दे पर प्राप्त नहीं किया जा सकता।
- प्रतिबिंब हमेशा सीधा (Erect) होता है।
- प्रतिबिंब वस्तु से छोटा (Diminished) होता है।
उत्तल दर्पण का उपयोग
उत्तल दर्पण का प्रयोग वाहनों के पीछे देखने वाले शीशों (Rear-view Mirrors) में किया जाता है क्योंकि यह बड़ा क्षेत्र दिखाने में सहायक होता है।
यह भी पढ़ें
60,000+ students trusted us with their dreams. Take the first step today!

One app for all your study abroad needs
