Dhoomketu Kise Kahate Hain: धूमकेतु किसे कहते हैं? 

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Dhoomketu Kise Kahate Hain
A) एक प्रकार का तारा
B) आकाश में चमकने वाला उल्का
C) सूरज की परिक्रमा करने वाला बर्फ और धूल से बना पिंड
D) एक प्रकार का ग्रह
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सही उत्तर है C) सूरज की परिक्रमा करने वाला बर्फ और धूल से बना पिंड

संक्षिप्त उत्तर:

धूमकेतु सूर्य की परिक्रमा करने वाले छोटे खगोलीय पिंड होते हैं, जो पत्थर, बर्फ, धूल और गैस से बने होते हैं। सूर्य के पास आने पर इनमें से गैसें और बर्फ वाष्पित होकर एक चमकदार पूंछ बनाती हैं, जो हमेशा सूर्य से विपरीत दिशा में होती है।

विस्तार से:

धूमकेतु (Comet) सौरमंडल के छोटे लेकिन रोचक खगोलीय पिंड होते हैं, जो मुख्यतः बर्फ, पत्थर, धूल और जमी हुई गैसों से बने होते हैं। इन्हें कभी-कभी “धूम ग्रह” भी कहा जाता है। ये सूर्य की परिक्रमा अत्यधिक अंडाकार (Elliptical) कक्षा में करते हैं, जिससे ये लंबे समय तक सौरमंडल के बाहरी भागों में अदृश्य रहते हैं और केवल सूर्य के समीप आने पर ही दिखाई देते हैं।

जब कोई धूमकेतु सूर्य के निकट आता है, तो उसकी सतह पर मौजूद बर्फ और गैसें सूर्य की गर्मी से वाष्पित होने लगती हैं। इस वाष्पन से उसके चारों ओर एक धुंधला वातावरण बनता है जिसे कोमा (coma) कहा जाता है। इसके साथ ही, सौर विकिरण और सौर वायु के प्रभाव से एक चमकदार पूंछ (tail) बनती है, जो सदैव सूर्य से विपरीत दिशा में होती है। यही पूंछ धूमकेतु को उसकी विशिष्ट पहचान देती है और यह पूंछ लाखों किलोमीटर लंबी हो सकती है।

धूमकेतु के मूल भाग को नाभिक (nucleus) कहा जाता है, जो ठोस और बर्फीला होता है। कोमा और पूंछ मिलकर धूमकेतु को चमकदार और आकर्षक बनाते हैं, जो अक्सर रात के आकाश में दिखाई देते हैं।

धूमकेतु की प्रमुख विशेषताएं:

  • यह बर्फ, धूल, पत्थर और गैसों से बने होते हैं।
  • सूर्य के पास आने पर इनकी सतह वाष्पित होकर कोमा और पूंछ बनाती है।
  • पूंछ हमेशा सूर्य की विपरीत दिशा में होती है।
  • ये अत्यधिक अंडाकार कक्षा में चलते हैं।
  • अधिकतर समय अदृश्य रहते हैं और केवल सूर्य के पास आने पर ही चमकते हैं।

इस प्रकार, धूमकेतु हमारे सौरमंडल के उन प्राचीन अवशेषों में से हैं जो ब्रह्मांड की उत्पत्ति और विकास के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान करते हैं।

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