क्या आप जानते हैं फुटबॉल के दिग्गज सुनील छेत्री के बारे में ये बातें?

1 minute read
सुनील छेत्री

सुनील छेत्री, भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान और देश के सबसे प्रतिष्ठित खिलाड़ियों में से एक, वो खिलाड़ी हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के लिए सबसे ज्यादा गोल किए हैं। छेत्री ने अपनी प्रतिभा और समर्पण से देश को गौरवान्वित किया है। सुनील छेत्री, युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा हैं जिन्होंने फुटबॉल के प्रति देशवासियों के जुनून को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सुनील छेत्री के बारे में अधिक जानने के लिए यह लेख पूरा पढ़ें। इस लेख में सुनील छेत्री के बारे में विस्तार से बताया गया है।

सिकंदराबाद, तेलंगाना में हुआ था जन्म

सुनील छेत्री (Sunil Chhetri in Hindi) का जन्म 3 अगस्त, 1984 को सिकंदराबाद, तेलंगाना में हुआ था। उनके माता-पिता के.बी. छेत्री और सुशीला छेत्री हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गंगटोक, दार्जिलिंग, कोलकाता और नई दिल्ली से पूरी की। आर्मी बैकग्राउंड होने के कारण उन्हें कई अलग – अलग शहरों में जाना होता था। जिसके चलते सुनील को गंगटोक से दार्जीलिंग, वहाँ से कोलकाता और फिर दिल्ली में स्थानांतरित होना पड़ा। कक्षा बारहवीं में अपनी पढ़ाई छोड़कर उन्होंने दिल्ली में सिटी क्लब के साथ फ़ुटबॉल में अपना कॅरियर शुरू किया। वहां वह मोहम बागान जेसीटी एफसी का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने मौजूदा सीजन के लिए ईस्ट बंगाल क्लब के साथ हस्ताक्षर किए। उन्हें वर्ष 2007 के एआईएफएफ प्लेयर के रूप में चुना गया था। 22 मई, 2009 को उन्होंने डेम्पो एससी के लिए दो साल के समझौते पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने अगस्त, 2009 में क्वीन एंड आरस्कू पार्क रेंजरों के साथ तीन साल के अनुबंध पर भी हस्ताक्षर किया। लेकिन वह नहीं खेल सके, क्योंकि भारत फीफा रेटिंग के शीर्ष 70 में नहीं है।

सुनील छेत्री की वाइफ एवं शादी

सुनील छेत्री
Source: Pinterest

सुनील छेत्री (Sunil Chhetri in Hindi) की पत्नी का नाम सोनम भट्टाचार्य है जोकि अपना बिज़नस मैनेजमेंट का कोर्स स्कॉटलैंड से पूरा करने के बाद कोलकाता के साल्ट लेक एरिया में अपने 2 होटल चलाती हैं। बता दें कि सोनम, मोहन बागन के प्रसिद्ध सुब्रोतो भट्टाचार्य की बेटी हैं। सुब्रोतो भट्टाचार्य सुनील छेत्री के मेंटर हैं, जिसके चलते सोनम एवं सुनील एक दूसरे से मिलते रहते थे। उन्होंने कई सालों तक एक दूसरे को डेट किया। फिर सुनील छेत्री ने उनसे शादी करने का फैसला किया और 4 दिसम्बर, 2017 को दोनों ने कोलकाता में शादी कर ली।

सुनील छेत्री के रिकॉर्ड और उपलब्धियाँ : Sunil Chhetri Goal Record and Achievements

सुनील छेत्री
Source: Pinterest

सुनील छेत्री द्वारा किये गए गोल स्कोर का रिकॉर्ड इस प्रकार है –

No.क्लब एवं टीमसालकुल मैचकुल गोल
1पूर्व बंगाल2008-091811
2डेम्पो2009-10138
3केंसास सिटी विज़ार्ड201010
4चिराग यूनाइटेड201177
5मोहन बागन2011-12169
6स्पोर्टिंग सीपी बी2012-1330
7चर्चिल ब्रदर्स (लोन)2012-13136
8बेंगलुरु एफसी2013-14 और
2014-15
5826
9मुंबई सिटी2015117
10बेंगलुरु एफसी (लोन)2015-162511
11बेंगलुरु एफसी2016-17 और
2017-18
5933
12मुंबई सिटी (लोन)
200551
200610
200776
2008138
200961
201063
20111814
201273
2013115
201423
201660
13भारतीय राष्ट्रीय टीम
2015126
201642
201765
201848

इसके अलावा इन्होने अपने करियर में क्लब, टीम और अपने खुद के लिए कई सारी उपलब्धियाँ भी हासिल कीं हैं।

No.क्लब, टीम एवं खुद
के लिए
पुरस्कार एवं अवार्ड का
नाम

साल
1डेम्पो क्लबआई – लीग खिताब2009-10
2चर्चिल ब्रदर्स क्लबआई – लीग ख़िताब2012-13
3बेंगलुरु एफसी क्लब
इंडियन फेडरेशन कप
एएफसी कप (रनर अप)
सुपर कप
आई – लीग ख़िताब2013-14, 2015-16
2014-15, 2016-17
2016
2018
4भारतीय राष्ट्रीय टीम एएफसी चैलेंज कप
एसएएफएफ चैंपियनशिप
नेहरु कप2007, 2009, 2012 2008
2011, 2016
5खुद के लिए एआईएफएफ प्लेयर ऑफ़ द ईयर
एफपीएआई भारतीय खिलाड़ी ऑफ़ द ईयर
एएफसी चैलेंज कप सबसे मूल्यवान खिलाड़ी
एसएएफएफ चैंपियनशिप में प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट
आई- लीग के हीरो
इंडियन सुपर लीग के हीरो
इंटरकॉन्टिनेंटल कप के हीरो
अर्जुन अवार्ड2011, 2007, 2011, 2013, 2014
2009, 2018
2008
2011
2016-17
2017-18
2018

सुनील छेत्री का क्लब करियर (शुरुआत से अब तक का सफर)

सुनील (Sunil Chhetri in Hindi) ने अपने करियर में कई क्लबों के लिए खेला, जिसके बारे में यहाँ दर्शाया गया है-

मोहन बागन क्लब

सन 2001-02 के दौरान दिल्ली सिटी एफसी के साथ शुरूआती दिनों में उन्होंने अपना करियर शुरू किया.

  •  लेकिन उनके करियर की वास्तविक यात्रा तब शुरू हुई, जब उन्होंने प्रसिद्ध कोलकाता क्लब मोहन बागन के लिए खेलना शुरू किया।
  • इस क्लब के साथ उनका कार्यकाल ज्यादा अच्छा नहीं रहा, क्योंकि क्लब के साथ 3 साल की अवधि में छेत्री ने 18 मैचों में केवल 8 गोल किये थे।
  • बाद मे इन्होने इस क्लब को छोड़ने का निर्णय लिया, परंतु सीजन 2011-12 में, उन्होंने मोहन – बागन में वापसी की, जहाँ से उन्होंने अपने करियर की यात्रा शुरू की थी, और चोटों से प्रभावित होने के कारण 14 मैचों में 8 गोल ही किये थे।

जेसीटी क्लब

इसके बाद वे वर्ष 2005 में जेसीटी के लिए खेलने चले गए, और 3 साल तक वहाँ रहे. जेसीटी (2005-06) के साथ पहले सीजन में छेत्री ने 3 गोल किये।

  • अगले सीजन (2006-07) में, छेत्री ने टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा गोल स्कोर कर लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया।
  • इस सीजन में जेसीटी के लिए उन्होंने 11 गोल किये, जिससे जेसीटी को लीग टेबल में दूसरी पोजीशन प्राप्त करने में मदद मिली।
  •  इसके बाद अपने आखिरी कार्यकाल (2007-08) में, जोकि आई – लीग का पहला सीजन भी था, छेत्री ने 7 गोल किये, जबकि जेसीटी इस टूर्नामेंट में तीसरे स्थान पर रहा।
  • क्लब और देश के लिए उनके इस प्रदर्शन के कारण उन्हें वर्ष 2007 में एआईएफएफ खिलाड़ी के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

वर्ष 2008 में अफवाहों के चलते छेत्री ने इस बात की पुष्टि की कि उन्हें इंग्लिश फुटबॉल लीग के क्लब एवं पुर्तगाल के दूसरे डिवीज़न क्लबों के साथ बातचीत करने के संकेत दिए गये हैं।हालाँकि यह सौदा कभी भी फाइनलाइस्ड नहीं हो पाया।

पूर्व बंगाल क्लब

  • सन 2008-09 में उन्होंने पूर्व बंगाल के लिए खेला।
  •  सितंबर 2008 में चिराग यूनाइटेड के खिलाफ पूर्व बंगाल के लिए उन्होंने अपने गोल के स्कोर की शुरुआत की, जिसमे उन्होंने पूर्व बंगाल को 3-1 से जीत दिलाने में मदद की थी।
  • इस क्लब के लिए वे कुल 14 मैचों में 9 गोल करने में कामयाब रहे।

डेम्पो क्लब

सन 2009 में छेत्री कॉवेंट्री, इंग्लैंड में एक ट्रायल के लिए गए थे।

  • हालाँकि यह ट्रायल अच्छा नहीं रहा और वे इस मौके को हासिल करने में असमर्थ रहे।
  •  उसी साल, छेत्री ने डेम्पो क्लब के लिए 2 साल के कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किये, जिसने उन्हें परिक्षण के लिए विदेश जाने की अनुमति दी।
  • इस क्लब के लिए छेत्री ने 13 मैचों में 8 गोल किये।
  • अगस्त 2009 में यह पता चला कि छेत्री ने क्वीन्स पार्क रेंजर – फुटबॉल लीग चैंपियनशिप में एक क्लब के साथ 3 साल के कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किये हैं।
  • लेकिन भारत के फीफा वर्ल्ड रैंकिंग के टॉप 70 में नहीं होने के कारण ब्रिटिश सरकार ने छेत्री को वर्क परमिट से हटा दिया था।

केंसास सिटी विज़ार्ड

मार्च 2010 में छेत्री ने केंसास सिटी विज़ार्ड्स के लिए हस्ताक्षर किये, और इससे वे मेजर लीग सॉकर (MLS) के लिए खेलने वाले पहले भारतीय बने।

हालाँकि उन्हें टीम के लिए अधिकारिक रूप से शामिल होने का मौका नहीं मिला. इसके बाद छेत्री को एआईएफएफ ने बुलाया, जिन्होंने उन्हें सन 2011 एएफसी एशियाई में भारतीय राष्ट्रीय टीम के लिए तैयारी और प्रतिस्पर्धा करने के लिए कहा और साथ ही उनकी आय का ख्याल रखने का भी वादा किया।

चिराग यूनाइटेड

सन 2011 में, चिराग यूनाइटेड ने 2010-11 आई-लीग सीजन के लिए सुनील छेत्री को साइन किया. इसमें उन्होंने कुल 7 मैचों में 7 गोल किये।

स्पोर्टिंग क्लब डे पुर्तगाल ‘बी’

जुलाई 2012 में, छेत्री ने स्पोर्टिंग क्लब डे पुर्तगाल ‘बी’ टीम के साथ 1 साल के कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किये, और टीम के साथ खेला।

बेंगलुरु एफसी क्लब

जुलाई 2013 में छेत्री ने इस क्लब से छूटने के बाद बेंगलुरु एफसी के एक और आई – लीग साइड के साथ हस्ताक्षर किये. बेंगलुरु एएफसी के लिए उन्होंने 23 मैचों में 14 गोल किये और 7 सहायताएँ उनके नाम हुई।

  • इस प्रकार इनके शुरूआती सीजन में बेंगलुरु एफसी को पहला आई – लीग ख़िताब हासिल हुआ।
  • छेत्री ने सन 2014 में, डूरंड कप में बेंगलुरु एफसी के लिए खेलना शुरू किया, लेकिन सल्गाकार के खिलाफ सेमीफाइनल में उन्होंने डेसीसिव पेनल्टी गवां दी।
  •  इसके बाद उन्होंने 2014-15 फेडरेशन कप जीतने में बेंगलुरु एफसी के लिए अपना बड़े पैमाने पर योगदान दिया।

मुंबई सिटी क्लब

सन 2015 में, छेत्री को मुंबई सिटी द्वारा 1.2 करोड़ रूपये में खरीदा गया, जिससे नीलामी में वे सबसे मँहगे भारतीय खिलाड़ी बन गए।

  • नार्थईस्ट यूनाइटेड के साथ अपने चौथे मैच में छेत्री ने हैट-ट्रिक स्कोर करने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बनकर रिकॉर्ड बुक में अपना नाम दर्ज करा लिया।
  •  आई – लीग के 2015-16 सीजन में, छेत्री को बेंगलुरु एफसी द्वारा लोन दिया गया था, और उन्होंने फिर से 5 गोल का स्कोर करके ख़िताब जीतने के लिए टीम का मार्ग खोल दिया था।
  • जून 2016 में, बेंगलुरु एफसी ने यह घोषणा की कि छेत्री ने उनके क्लब के लिए 1 साल के कॉन्ट्रैक्ट पर साइन किये हैं, और इस प्रकार मुंबई सिटी से यह स्वामित्व वापस ले लिया गया।

सुनील छेत्री के बारे में रोचक तथ्य

सुनील छेत्री (Sunil Chhetri in Hindi) के बारे में रोचक तथ्य इस प्रकार से है :

  • सुनील ने गंगटोक, दार्जिलिंग, कोलकाता और दिल्ली के स्कूलों में पढ़ाई की।
  • उन्होंने 2002 में मोहन बागान के साथ अनुबंध कर प्रोफेशनल फुटबॉल करियर की शुरुआत की।
  • उन्हें हाल ही में इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) की नीलामी में मुंबई सिटी एफसी ने 1 करोड़ रुपए से अधिक राशि पर अनुबंधित किया।
  • मोहम्मद सलीम और बाइचुंग भूटिया के बाद छेत्री विदेशी क्लब से जुड़ने वाले तीसरे भारतीय फुटबॉलर बने, जब 2010 में उन्होंने कनसास सिटी विजार्ड्‍स ने अनुबंधित किया।
  • वे एशियन कप मे इंद्र सिंह के बाद एक से ज्यादा मैचों में गोल करने वाले दूसरे भारतीय फुटबॉलर बने।
  • वे भारत की तरफ से अंतरराष्ट्रीय मैचों में सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी हैं। वे 50 अंतरराष्ट्रीय गोल दागने वाले देश के पहले फुटबॉलर बने। उन्होंने जून में गुआम के खिलाफ यह कारनामा किया था।
  • उन्होंने भारत को 2007, 2009 और 2012 में नेहरू कप तथा 2011 में सैफ चैंपियनशिप का खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई।

आशा करते हैं कि आपको सुनील छेत्री (Sunil Chhetri in Hindi) से जुड़ी सभी जानकारी मिल गयी होगी। इसी तरह के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए बने रहिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ। 

Leave a Reply

Required fields are marked *

*

*