भारत में समय के साथ साथ शिक्षा और उच्च शिक्षा का स्तर आगे बढ़ता जा रहा है। हर साल भारत में उच्च शिक्षा के लिए नामांकन करने वाले छात्रों की संख्या में इज़ाफ़ा देखने को मिलता है। भारत में बहुसंख्यक समुदाय के साथ साथ अल्पसंख्यक समुदाय में उच्च शिक्षा के स्तर में लगातार सुधार हो रहा है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ एजुकेशनल प्लानिंग एंड एडमिनिस्ट्रेशन, दिल्ली यूनिवर्सिटी ने उच्च शिक्षा को लेकर ताज़ा आंकड़े जारी किए हैं। इस रिपोर्ट में अल्पसंख्यक समुदाय को उच्च शिक्षा प्रदान करने में दक्षिण भारतीय राज्य पहले दो शीर्ष पायदानों पर रहे हैं।
तेलंगाना बना अल्पसंख्यकों को उच्च शिक्षा देना वाला नंबर 1 प्रदेश
दक्षिण भारतीय राज्य तेलंगाना भारत में अल्पसंख्यकों को उच्च शिक्षा देने के मामले में सबसे आगे है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ एजुकेशनल प्लानिंग एंड एडमिनिस्ट्रेशन के द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक़ ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो (जीईआर) के आधार पर सबसे अधिक तेलंगाना राज्य के अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने उच्च शिक्षा के लिए एनरोलमेंट कराया है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ एजुकेशनल प्लानिंग एंड एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक़ तेलंगाना में 33.6% के अनुपात से अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र उच्च शिक्षा के लिए एनरोलमेंट करा करा रहे हैं।
दूसरे स्थान पर रहा तमिलनाडु
अल्पसंख्यक समुदाय को उच्च शिक्षा प्रदान करने में तेलंगाना के बाद एक अन्य दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु दूसरे स्थान पर रहा है। तमिलनाडु का ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो (जीईआर) 27.6% रहा है। यानी तमिलनाडु राज्य में अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों ने 27.6% के अनुपात से उच्च शिक्षा के लिए एनरोलमेंट कराया है।
जीईआर क्या है?
ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो (जीईआर) यानी सकल नामांकन अनुपात एक सांख्यिकी पैमाना है जिसके द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में कई अलग अलग स्तरों जैसे प्राथमिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा और उच्च शिक्षा में छात्रों के नामांकन की संख्या के अनुपात को दर्शाने के लिए किया जाता है। दूसरे शब्दों में कहें तो जीईआर उच्च शिक्षा में छात्रों के नामांकन की गणना करने के लिए एक सांख्यिकी उपकरण है।
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