पुराणों, वेदों और भारतीय ज्ञान प्रणाली की स्टडी स्टूडेंट्स को क्रेडिट दिलाने में सक्षम करेगी, जो कि अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (ABC) में जमा होगा। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) के अंतिम नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (NCRF) में कहा गया है कि पुराण, मीमांसा, धर्मशास्त्र, ज्योतिष सहित वेदांग आदि भारतीय ज्ञान परंपरा को क्रेडिट सिस्टम में लाया जा सकता है और स्टूडेंट्स वेदों और पुराणों को सीखकर क्रेडिट हासिल कर सकते हैं।
यूजीसी की ओर से इसे नोटिफाई कर दिया गया है और अब देश भर के सभी उच्च शिक्षा संस्थानों में इसे लागू किया जाएगा। क्रेडिट एक मान्यता है कि एक स्टूडेंट ने सीखने का सिलेबस पूरा कर लिया है, जो उस स्तर पर योग्यता के अनुरूप है। यह सीखने के रिजल्ट को देखने या मापने का एक तरीका है।
अक्टूबर 2022 में जारी किया गया था NCRF ड्राफ्ट
यूजीसी ने नोटिस में कहा कि नेशनल एजुकेशन पाॅलिसी में सामान्य शिक्षा एवं व्यवसायिक शिक्षा के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने पर जोर दिया गया है। NCRF के अंतर्गत खेल जैसी गतिविधियों को अन्य फील्ड के बराबर क्रेडिट किया जा सकता है। सार्वजनिक प्रतिक्रिया मांगने वाले NCRF का ड्राफ्ट अक्टूबर 2022 में जारी किया गया था और बाद में इसे यूजीसी द्वारा नोटिफाई किया गया है।
NCRF में इन्हें किया गया है शामिल
NCRF में भारतीय ज्ञान परंपरा में 18 प्रमुख विद्याओं और 64 कलाओं, कौशल आदि का उल्लेख है। 4 वेद के अलावा पुराण, मीमांसा, न्याय, व्याकरण, धर्मशास्त्र, वेदांग, ज्योतिष आदि को देखते हुए क्रेडिट सिस्टम को प्रोत्साहित करने की जरूरत है। एनईपी के उद्देश्यों में खेल, साइंस, टेक्नोलाॅजी, लिटरेचर, सोशल वर्क, परफार्मिंग आर्ट्स, फाइन आर्ट्स, भारतीय ज्ञान और परंपरा आदि क्षेत्रों में बढ़ावा देना शामिल है।
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