UGC NET Commerce Syllabus in Hindi: यदि आप Ugc Net Commerce एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं तो इसके सिलेबस के बारे में जानना आवश्यक है। UGC NET कॉमर्स के लिए सिलेबस को दस यूनिट्स में विभाजित किया गया है। जिनमें से प्रत्येक में अलग-अलग विषय और उप-विषय शामिल हैं। उम्मीदवारों को एग्जाम में बेहतर स्कोर करने के लिए इन सभी विषयों को अच्छी तरह से समझने के लिए पर्याप्त समय देना चाहिए। उम्मीदवारों को प्रभावी ढंग से तैयारी करने में मदद करने के लिए नीचे सिलेबस का विस्तृत विवरण दिया गया है। यह विवरण उम्मीदवारों को सिलेबस के माध्यम से मार्गदर्शन करेगा। ugc net commerce syllabus in hindi के बारे में अधिक जानने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें।
This Blog Includes:
- यूजीसी नेट कॉमर्स क्या है?
- UGC NET Commerce Syllabus in Hindi
- यूनिट 1: बिजनेस एनवायनमेंट एंड इंटरनेशन बिजनेस
- यूनिट 2: अकाउंटिंग एंड ऑडिटिंग
- यूनिट 3: बिजनेस इकोनॉमिक्स
- यूनिट 4: बिजनेस फाइनेंस
- यूनिट 5: बिजनेस स्टेटिस्टिक्स एंड रिसर्च मैथड्स
- यूनिट 6: बिजनेस मैनेजमेंट एंड ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट
- यूनिट 7: बैंकिंग एंड फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस
- यूनिट 8: मार्केटिंग मैनेजमेंट
- यूनिट 9: लीगल एस्पेक्ट्स ऑफ बिजनेस
- यूनिट 10: इनकम टैक्स एंड कॉरपोरेट टैक्स प्लानिंग
- यूजीसी नेट कॉमर्स एग्जाम के लिए एग्जाम पैटर्न
- यूजीसी नेट कॉमर्स एग्जाम के लिए योग्यता
- यूजीसी नेट कॉमर्स में भर्ती के लिए क्या होता है सिलेक्शन प्रोसेस?
- यूजीसी नेट कॉमर्स की तैयारी के लिए बेस्ट बुक्स
- यूजीसी नेट कॉमर्स एग्जाम की तैयारी के लिए टिप्स
- FAQs
यूजीसी नेट कॉमर्स क्या है?
यूजीसी नेट कॉमर्स एग्जाम को भारत में यूजीसी द्वारा आयोजित किया जाता है। यह विशेष रूप से उन उम्मीदवारों के लिए है जो कॉलेज और विश्वविद्यालय स्तर पर कॉमर्स के क्षेत्र में शिक्षण और रिसर्च करना चाहते हैं। यह परीक्षा कॉमर्स, अकाउंटिंग, इकोनॉमिक्स, मैनेजमेंट, फाइनेंस और संबंधित विषयों से संबंधित विभिन्न अवधारणाओं और सिद्धांतों के बारे में उम्मीदवारों के ज्ञान और समझ का आकलन करती है। इसमें बहुविकल्पीय प्रश्न होते हैं और इसका उद्देश्य भारतीय विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर की भूमिका और जूनियर रिसर्च फेलोशिप के लिए उम्मीदवारों की पात्रता निर्धारित करना है। सफल उम्मीदवार शिक्षण पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं या अपने संबंधित क्षेत्रों में शोध के अवसरों को तलाश सकते हैं।
UGC NET Commerce Syllabus in Hindi
यूजीसी नेट कॉमर्स का सम्पूर्ण सिलेबस यहां दिया गया है:
यूनिट 1: बिजनेस एनवायनमेंट एंड इंटरनेशन बिजनेस
- कॉन्सेप्ट एंड एलिमेंट्स ऑफ द बिजनेस एनवायरमेंट: इकोनॉमिक एनवायरमेंट, इकोनॉमिक सिस्टम, इकोनॉमिक पॉलिसीज (मॉनेटरी एंड फिस्कल पॉलिसीज), पॉलीटिकल एनवायरमेंट रॉल ऑफ गवर्नमेंट इन बिज़नेस, लीगल एनवायरमेंट: कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट, FEMA, सोशियो कल्चरल फैक्टर्स एंड देयर इनफ्लुएंस ऑन बिज़नेस, कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर)
- स्कोप एंड इंपोर्टेंस ऑफ इंटरनेशनल बिजनेस, ग्लोबलाइजेशन एंड इट्स ड्राइव्स, मॉड्स ऑफ एंट्री इंटू इंटरनेशनल बिजनेस
- थियरीज ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड, गवर्नमेंट इंटरवेंशन इन इंटरनेशनल ट्रेड, टैरिफ एंड नॉन टैरिफ बैरियर्स, इंडियाज़ फारेन ट्रेड पॉलिसी
- फारेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (एफडीआई) एंड फारेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टमेंट (एफपीआई), टाइप्स ऑफ एफडीआई, कॉस्ट एंड बेनिफिट्स ऑफ एफडीआई टू होम एंड हॉस्ट कंट्रीज़, ट्रेंड्स इन एफडीआई, इंडियाज़ एफडीआई पॉलिसी
- बैलेंस ऑफ पेमेंट्स (बीओपी): इंपोर्टेंस एंड कंपोनेंट्स ऑफ बीओपी
- रीजनल इकोनॉमिक इंटीग्रेशन: लेवल्स ऑफ़ रीजनल इकोनॉमिक इंटीग्रेशन, ट्रेड क्रिएशन एंड डायवर्जन इफेक्ट्स, रीजनल ट्रेड एग्रीमेंट्स: यूरोपियन यूनियन, ASEAN, Saarc, NAFTA
- इंटरनेशनल इकोनॉमिक इंस्टीट्यूशंस: आईएमएफ, वर्ल्ड बैंक, UNCTAD
- वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन: फंक्शंस एंड ऑब्जेक्टिव्स ऑफ वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन, एग्रिकल्चर एग्रीमेंट, GATS, TRIPS, TRIMS
यूनिट 2: अकाउंटिंग एंड ऑडिटिंग
- बेसिक अकाउंटिंग प्रिंसिपल्स कॉन्सेप्ट एंड पोस्टुलेट्स
- पार्टनरशिप अकाउंट्स: एडमिशन, रिटायरमेंट, डेथ, डिसोल्यूशन एंड इंसॉल्वेंसी ऑफ पार्टनरशिप फर्म्स
- कॉरपोरेट अकाउंटिंग: इश्यू, फॉरफीचर, एंड रि इश्यू ऑफ शेयर्स, लिक्विडेशन ऑफ कंपनी, एक्वीजीशन, मर्जर, अमाल्गामेशंस एंड रिकंस्ट्रक्शन ऑफ कंपनीज, होल्डिंग कंपनी अकाउंट्स
- कॉस्ट मैनेजमेंट अकाउंटिंग: मार्जिनल कॉस्टिंग एंड ब्रेक इवन एनालिसिस, स्टैंडर्ड कॉस्टिंग, बजेट्री कंट्रोल, प्रोसेस कॉस्टिंग, एक्टिविटी बेस्ड कॉस्टिंग, कॉस्टिंग फॉर डिसीजन मेकिंग, लाइफ साइकिल कॉस्टिंग, टारगेट कॉस्टिंग, कैजन कॉस्टिंग, जेआईटी
- फाइनेंशियल स्टेटमेंट एनालिसिस: रेश्यो एनालिसिस, फंड्स फ्लो एनालिसिस, कैश, फ्लो, एनालिसिस, हुमन रिसोर्स अकाउंटिंग, इन्फ्लेशन अकाउंटिंग, एनवायरमेंटल अकाउंटिंग
- इंडियन अकाउंटिंग स्टैंडर्ड्स एंड आईएफआरएस
- ऑडिटिंग: इंडिपेंडेंट फाइनेंशियल ऑडिट, वाउचिंग, वेरीफिकेशन एंड इवैल्यूएशन ऑफ एसेट्स एंड लायबिलिटीज, ऑडिट ऑफ फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स एंड ऑडिट रिपोर्ट, कॉस्ट ऑडिट
- रिसेंट ट्रेंड्स इन ऑडिटिंग: मैनेजमेंट ऑडिट, एनर्जी ऑडिट, एनवायरमेंट ऑडिट, सिस्टम ऑडिट, सेफ्टी ऑडिट
यूनिट 3: बिजनेस इकोनॉमिक्स
- मीनिंग एंड स्कोप ऑफ बिजनेस इकोनॉमिक्स
- ऑब्जेक्टिव्स ऑफ बिजनेस फर्म्स
- डिमांड एनालिसिस: लॉ ऑफ़ डिमांड, इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड एंड इट्स मेजरमेंट, रिलेशनशिप बिटवीन एआर एंड एमआर
- कंज्यूमर बिहेवियर: यूटिलिटी एनालिसिस, इंडिफ्रेंस कर्व एनालिसिस
- लॉ ऑफ वेरिएबल प्रोपोर्शंस: लो ऑफ रिटर्न टू स्केल
- थ्योरी ऑफ कॉस्ट: शॉर्ट रन एंड लोंग रन कॉस्ट कर्व्स
- प्राइस डिटरमिनेशन अंडर डिफरेंट मार्केट फॉर्म्स: परफेक्ट कंपटीशन, मोनोपोलिस्टिक कंपटीशन, ओलिगोपॉली प्राइस, लीडरशिप मॉडल, मोनोपोली, प्राइस डिस्क्रिमिनेशन
- प्राइसिंग स्ट्रैटेजिस: प्राइस स्कीमिंग प्राइस पेनेंट्रेशन, पीक लोड प्राइसिंग
यूनिट 4: बिजनेस फाइनेंस
- स्कोप एंड सोर्सेज ऑफ फाइनेंस, लीज फाइनेंसिंग
- कॉस्ट ऑफ कैपिटल एंड टाइम वैल्यू ऑफ़ मनी
- कैपिटल स्ट्रक्चर
- कैपिटल बजटिंग डिसीजंस: कन्वेंशनल एंड साइंटिफिक टेक्निक्स ऑफ कैपिटल बजटिंग एनालिसिस
- वर्किंग कैपिटल मैनेजमेंट, डिविडेंड डिसीजन, थिअरीज एंड पॉलिसीज
- रिस्क एंड रिटर्न एनालिसिस, एसेट सिक्योरिटाइजेशन
- इंटरनेशनल मॉनेटरी सिस्टम
- फॉरेन एक्सचेंज मार्केट, एक्सचेंज रेट रिस्क एंड हैजिंग टेक्निक्स
- इंटरनेशनल फाइनेंशियल मार्केट्स एंड इंस्ट्रूमेंट: यूरो करेंसी
- इंटरनेशनल आर्बिट्रेरज: मल्टीनेशनल कैपिटल बजटिंग
यूनिट 5: बिजनेस स्टेटिस्टिक्स एंड रिसर्च मैथड्स
- सेंट्रल टेंडेंसी: मेजर्स ऑफ सेंट्रल टेंडेंसी
- डिस्पर्शन: मेजर्स ऑफ डिस्पर्शन
- स्क्यूनेस: मेजर्स ऑफ स्क्यूनेस
- टू वैरियेबल्स: कॉरिलेशन एंड रिग्रेशन ऑफ टू वैरियेबल्स
- प्रोबेबिलिटी: अप्रोचेज टू प्रोबेबिलिटी, बाइज् थ्योरम
- प्रोबेबिलिटी डिस्ट्रीब्यूशन: बिनोमियल, पॉइशन एंड नॉर्मल डिस्ट्रीब्यूशन
- रिसर्च: कॉन्सेप्ट एंड टाइप्स, रिसर्च डिजाइंस
- डाटा:कलेक्शन एंड क्लासिफिकेशन ऑफ़ डाटा
- सेंपलिंग एंड ऐस्टीमेशन: कॉन्सेप्ट, मेथड्स ऑफ़ सैंपलिंग, प्रोबेबिलिटी एंड नों प्रोबेबिलिटी मैथर्ड सैंपलिंग डिस्ट्रीब्यूशन, सेंट्रल लिमिट थ्योरम, स्टैंडर्ड एरर स्टेस्टिटिकल ऐस्टीमेशन
- हाइपोथेसिस टेस्टिंग: ज़ी टेस्ट, टी टेस्ट, अनोवा, ची स्क्वेयर टेस्ट, मन्न विटनी टेस्ट, कृक्षल वेलिस टेस्ट, रैंक कॉरिलेशन टेस्ट
- राइटिंग: रिपोर्ट राइटिंग
यूनिट 6: बिजनेस मैनेजमेंट एंड ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट
- प्रिंसिपल्स एंड फंक्शन ऑफ मैनेजमेंट
- ऑर्गेनाइजेशन स्ट्रक्चर: फॉर्मल एंड इनफॉर्मल आर्गेनाइजेशन स्पैन ऑफ कंट्रोल
- रिस्पांसिबिलिटी एंड अथॉरिटी: डेलिगेशन ऑफ अथॉरिटी एंड डिसेंट्रलाइजेशन
- मोटिवेशन एंड लीडरशिप: कॉन्सेप्ट एंड थिअरीज
- कॉरपोरेट गवर्नेंस एंड बिजनेस एथिक्स
- ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट: कॉन्सेप्ट रोल एंड फ़ंक्शंस ऑफ़ ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट, हुमन रिसोर्स प्लैनिंग, रिक्रूटमेंट एंड सिलेक्शन, ट्रेनिंग एंड डेवलपमेंट सक्सेशन प्लैनिंग
- कंपनसेशन मैनेजमेंट: जॉब इवेलुएशन इंसेंटिव एंड फ्रिंज बेनिफिट्स
- परफॉर्मेंस अप्रेजल इंक्लूडिंग 360 डिग्री परफॉर्मेंस अप्रेजल
- कलेक्टिव बारगेनिंग एंड वर्कर्स पार्टिसिपेशन इन मैनेजमेंट
- पर्सनैलिटी: परसेप्शन, एटिट्यूड, इमोशंस, ग्रुप डायनॉमिक्स, पावर एंड पॉलिटिक्स, कॉनफ्लिक्ट एंड नेगोशिएशन, स्ट्रेस मैनेजमेंट
- ऑर्गेनाइजेशनल कल्चर: ऑर्गेनाइजेशनल डेवलपमेंट एंड ऑर्गेनाइजेशनल चेंज
यूनिट 7: बैंकिंग एंड फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस
- ओवरव्यू ऑफ़ द इंडियन फाइनेंशियल सिस्टम
- टाइप्स ऑफ बैंक्स: कमर्शियल बैंक्स, रीजनल रूरल बैंक्स, फॉरेन बैंक्स, कोऑपरेटिव बैंक्स
- रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया: फंक्शंस, रोल एंड मॉनेटरी पॉलिसी मैनेजमेंट
- बैंकिंग सेक्टर रिफॉर्म्स इन इंडिया: बेसेल नॉर्म्स रिस्क, मैनेजमेंट, एनपीए मैनेजमेंट
- फाइनेंशियल मार्केट्स: मनी मार्केट, कैपिटल मार्केट, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज मार्केट
- फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस: डेवलपमेंट फाइनेंस इंस्टीट्यूशंस, नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनीज, म्युचुअल फंड्स, पेंशन फंड्स
- फाइनेंशियल रेगुलेटर्स इन इंडिया
- फाइनेंशियल सेक्टर रिफॉर्म्स इंक्लूडिंग फाइनेंशियल इंक्लूजन
- डिजिटाइजेशन ऑफ बैंकिंग एंड अदर फाइनेंशियल सर्विसेज: इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, डिजिटल पेमेंट सिस्टम
- इंश्योरेंस: टाइप्स ऑफ़ इंश्योरेंस, लाइफ एंड नोन लाइफ इंश्योरेंस, रिस्क क्लासिफिकेशन एंड मैनेजमेंट, फैक्टर्स लिमिटिंग द इंश्योंरेबिलिटी ऑफ रिस्क, रि इंश्योरेंस, रेगुलेटरी एंड फ्रेमवर्क ऑफ इंश्योरेंस, आईआरडीए एंड इट्स रॉल
यूनिट 8: मार्केटिंग मैनेजमेंट
- मार्केटिंग: कॉन्सेप्ट एंड अप्रोचेज, मार्केटिंग चैनल्स, मार्केटिंग मिक्स, स्ट्रैटेजिक मार्केटिंग, प्लैनिंग मार्केट, सेगमेंटेशन, टारगेटिंग एंड पोजिशनिंग
- प्रोडक्ट डिसीजंस: कॉन्सेप्ट प्रोडक्ट लाइन, प्रोडक्ट मिक्स डिसीजंस, प्रोडक्ट लाइफ साइकिल, न्यू प्रोडक्ट डेवलपमेंट
- प्राइसिंग डिसीजंस: फैक्टर्स अफेक्टिंग प्राइस डिटरमिनेशन प्राइसिंग, पॉलिसीज एंड स्ट्रैटेजिस
- प्रमोशन डिसीजंस: रोल ऑफ़ प्रमोटिंग इन मार्केटिंग, प्रमोशन मैथर्ड एडवरटाइजिंग, पर्सनल सेलिंग, पब्लिसिटी, सेल्स प्रमोशन टूल्स एंड टेक्निक्स, प्रमोशन मिक्स
- डिस्ट्रीब्यूशन डिसीजंस: चैनल ऑफ डिस्ट्रीब्यूशन, चैनल मैनेजमेंट
- कंज्यूमर बिहेवियर कंज्यूमर बाइंग प्रोसेस, फैक्टर्स इनफ्लुएंसिंग कंज्यूमर बाइंग डिसीजंस
- सर्विस मार्केटिंग
- ट्रेंड्स इन मार्केटिंग: सोशल मार्केटिंग, ऑनलाइन मार्केटिंग, ग्रीन मार्केटिंग, डायरेक्ट मार्केटिंग, रूरल मार्केटिंग, सीआरएम
- लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट
यूनिट 9: लीगल एस्पेक्ट्स ऑफ बिजनेस
- इंडियन कांट्रैक्ट एक्ट 1872: एलिमेंट्स ऑफ़ ए वैलिड कांट्रैक्ट, कैपेसिटी ऑफ़ पार्टीज, फ्री कंसेंट, डिस्चार्ज ऑफ़ ए कांट्रैक्ट, ब्रीच ऑफ़ कांट्रैक्ट एंड रेमेडीज अगेंस्ट ब्रीच, क्वासी कांट्रैक्ट
- स्पेशल कांट्रैक्ट्स: कॉन्ट्रैक्ट ऑफ इंडिमनिटी एंड गारंटी, कॉन्ट्रैक्ट ऑफ बेलमेंट एंड प्लेज, कांट्रैक्ट्स ऑफ एजेंसी
- सेल ऑफ गुड्स एक्ट 1930: सैल एंड एग्रीमेंट टू सेल, डॉक्ट्रिन ऑफ़ केविएट एंपटर, राइट्स ऑफ अनपेड सेलर, राइट्स ऑफ़ द बायर
- नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट 1881: टाइप्स ऑफ़ नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट, नेगोशिएशन एंड असाइनमेंट, डिसऑनर एंड डिस्चार्ज ऑफ नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट
- द कंपनीज एक्ट 2013: नेचर एंड काईड्स ऑफ़ कंपनी, कंपनी फॉरमेशन, मैनेजमेंट, मीटिंग्स, वाइंडिंग अप ऑफ ए ज्वाइंट स्टॉक कंपनी
- लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप: स्ट्रक्चर एंड प्रोसीजर ऑफ फार्मेशन ऑफ़ एलएलपी इन इंडिया
- द कंपटीशन एक्ट 2002: ऑब्जेक्टिव्स एंड मैन प्रोविजंस
- द इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2000: ऑब्जेक्टिव्स एंड मैन प्रोविजंस, साइबर क्राइम्स एंड पेनल्टीज
- द आरटीआई एक्ट 2005: ऑब्जेक्टिव्स एंड मैन प्रोविजंस
- इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स: पेटेंट्स ट्रेडमार्क एंड कॉपीराइट्स इमर्जिंग इश्यू इन इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी
- गुड्स एंड सर्विस टैक्स: ऑब्जेक्टिव्स एंड मैन प्रोविजंस, बेनिफिट्स ऑफ़ जीएसटी, इंप्लीमेंटेशन मेकैनिज्म, वर्किंग ऑफ़ ड्यूअल जीएसटी
यूनिट 10: इनकम टैक्स एंड कॉरपोरेट टैक्स प्लानिंग
- इनकम टैक्स: बेसिक कॉन्सेप्ट्स, रेजिडेंशियल स्टेटस एंड टैक्स इंसिडेंस, एक्सेम्प्टेड इनकम्स, एग्रीकल्चरल इनकम, कंप्यूटेशन ऑफ टैक्सेबल इनकम अंडर वेरियस हेड्स, डिडक्शंस फ्रॉम ग्रॉस टोटल इनकम, असेसमेंट ऑफ़ इंडिविजुअल्स, क्लबिंग ऑफ इनकम्स
- इंटरनेशनल टैक्सेशन: डबल टैक्सेशन एंड इट्स एविडेंस मैकेनिज्म, ट्रांसफर प्राइसिंग
- कॉरपोरेट टैक्स प्लानिंग: कॉन्सेप्ट एंड सिग्निफिकेंस ऑफ कॉरपोरेट टैक्स प्लानिंग, टैक्स अवॉइडेंस वर्सिज टैक्स एवेजन, टेक्निक्स ऑफ कॉरपोरेट टैक्स प्लानिंग, टैक्स कंसीडरेशन इन ए स्पेसिफिक बिजनेस सिचुएशंस, मेक ओर बाय डिसीजंस, ओन ओर लीज एन ऐसेट, रिटेन, रिनिवल एंड रिप्लेसमेंट ऑफ एसेट, शट डाउन ओर कंटिन्यू ऑपरेशंस
- डिडक्शन एंड कलेक्शन ऑफ़ टैक्स एट सोर्स, एडवांस्ड पेमेंट ऑफ टैक्स, ई-फाइलिंग ऑफ इनकम टैक्स रिटर्न
UGC NET Commerce Syllabus in Hindi PDF
यूजीसी नेट कॉमर्स सिलेबस इन हिंदी PDF यहां से डाउनलोड करें।
यूजीसी नेट कॉमर्स एग्जाम के लिए एग्जाम पैटर्न
यूजीसी नेट कॉमर्स एग्जाम के लिए एग्जाम पैटर्न नीचे दिया गया है:
यूजीसी नेट कॉमर्स एग्जाम पैटर्न | ||
यूजीसी नेट कॉमर्स पेपर | क्वेश्चंस | मार्क्स |
पेपर 1 (टीचिंग एंड रिसर्च एप्टीट्यूड) | 50 | 100 |
पेपर 2 | 100 | 200 |
यूजीसी नेट कॉमर्स एग्जाम के लिए योग्यता
यूजीसी नेट कॉमर्स एग्जाम के लिए योग्यता निम्न प्रकार से है:
- कॉमर्स, बिजनेस सर्विस, इकोनॉमिक्स, अकाउंटेंसी या रिलेटेड सब्जेक्ट्स में पोस्ट ग्रेजुएट की पढ़ाई पूरी कर चुके या कर रहे उम्मीदवार यूजीसी नेट कॉमर्स एग्जाम के लिए पात्र हैं।
- मान्यता प्राप्त भारतीय विश्वविद्यालयों से बैचलर और मास्टर्स दोनों डिग्री वाले उम्मीदवार योग्य हैं।
- सामान्य/ईडब्ल्यूएस उम्मीदवारों के लिए पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री में न्यूनतम 55% अंक आवश्यक हैं।
- एससी/एसटी/पीडब्ल्यूडी उम्मीदवारों को अपनी पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री में न्यूनतम 50% अंक चाहिए।
- पोस्ट ग्रेजुएट के अंतिम वर्ष के उम्मीदवार भी पात्र हैं, बशर्ते वे दिए हुआ समय के भीतर कोर्स पूरा कर लें।
यूजीसी नेट कॉमर्स में भर्ती के लिए क्या होता है सिलेक्शन प्रोसेस?
यूजीसी नेट परीक्षा कॉमर्स एनटीए के द्वारा आयोजित किया जाता है। यूजीसी नेट एग्जाम का सिलेक्शन प्रोसेस में शामिल हैं:
- कंप्यूटर आधारित लिखित परीक्षा
- उम्मीदवारों के प्रदर्शन के आधार पर पात्रता प्रमाण पत्र जारी करना
यूजीसी नेट कॉमर्स की तैयारी के लिए बेस्ट बुक्स
यूजीसी नेट कॉमर्स की तैयारी के लिए बेस्ट बुक्स नीचे दी गई हैं:
बुक | राइटर | यहां से खरीदें |
इंटरनेशनल बिज़नेस एनवायरमेंट | डॉक्टर प्रशांत गुंडावर, दीपक तुलसीराम पाटिल | यहां से खरीदें |
बेसिक्स ऑफ अकाउंटिग | जेआर मोंगा, राज बहादुर | यहां से खरीदें |
मैनेजमेंट अकाउंटिग | एसएन माहेश्वरी, एसएन मित्तल | यहां से खरीदें |
माइक्रो इकोनॉमिक्स | दीपश्री | यहां से खरीदें |
फाइनेंशियल प्लानिंग | एंड्रयू सी साफर | यहां से खरीदें |
रिसर्च मेथोडोलॉजी | सीआर कोठारी | यहां से खरीदें |
ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट | वीएसपी राव | यहां से खरीदें |
इनकम टैक्स | टैक्समैन | यहां से खरीदें |
यूजीसी नेट कॉमर्स एग्जाम की तैयारी के लिए टिप्स
यूजीसी नेट कॉमर्स एग्जाम की तैयारी के लिए टिप्स निम्न प्रकार से हैं:
- सिलेबस को समझें: सिलेबस से खुद को अच्छी तरह से परिचित करें। सभी विषयों को कवर करने वाला एक स्टडी प्लान बनाएं और प्रत्येक के लिए पर्याप्त समय आवंटित करें।
- स्टैंडर्ड बुक्स: कॉमर्स विषयों के लिए रिकोमेंडेड स्टैंडर्ड टेक्सबुक्स का उपयोग करें। ये बुक्स आपको अवधारणाओं का गहन ज्ञान और समझ प्रदान करेंगी।
- पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों को हल करें: एग्जाम पैटर्न और पूछे जाने वाले प्रश्नों के प्रकार को समझने के लिए पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों का अभ्यास करें। यह आपको वास्तविक परीक्षा के दौरान समय का प्रबंधन करने में भी मदद करेगा।
- मॉक टेस्ट लें: अपनी तैयारी का आकलन करने के लिए नियमित मॉक टेस्ट लें। मॉक टेस्ट आपको परीक्षा के माहौल में ढलने और आत्मविश्वास बनाने में भी मदद करेंगे।
- मुख्य अवधारणाओं पर ध्यान दें: रटने के बजाय मुख्य अवधारणाओं को समझने पर ध्यान दें।
- टाइम मैनेजमेंट: अपनी तैयारी और परीक्षा के दौरान टाइम मैनेजमेंट का अभ्यास करें। प्रत्येक सेक्शन को उसके वेटेज के अनुसार बुद्धिमानी से समय आवंटित करें।
- अपडेट रहें: कॉमर्स से संबंधित क्षेत्रों में वर्तमान मामलों, विकास और परिवर्तनों के साथ अपडेट रहें।
FAQs
UGC चेयरमैन के अनुसार, UGC NET पेपर 2 कॉमर्स सिलेबस में संशोधन किया जाएगा।
UGC NET कॉमर्स सिलेबस समय-समय पर अपडेट होता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह कॉमर्स और प्रबंधन के क्षेत्र में मौजूदा ट्रेंड्स और डेवलपमेंट के लिए प्रासंगिक बना रहे। हालाँकि, सिलेबस में शामिल मुख्य विषय और अवधारणाएँ काफी हद तक समान रहती हैं।
हाँ, आप M.Com के साथ UGC NET कॉमर्स एग्जाम दे सकते हैं। M.Com एक संबंधित विषय है, इसलिए आप परीक्षा में बैठने के लिए योग्य हैं।
उम्मीद है आपको ugc net commerce syllabus in hindi के संदर्भ में हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। इसी तरह से अन्य ब्लॉग आप हमारी ऑफिशियल वेबसाइट Leverage Edu पर पढ़ सकते हैं।