तीर नहीं तो तुका सही मुहावरे का अर्थ (Teer Nahi To Tukka Sahi Muhavare Ka Arth) ‘पूरा नहीं तो जो कुछ मिल जाए उसी में संतोष करना’ होता है। जब किसी व्यक्ति को ज्यादा की उम्मीद में थोड़ा ही प्राप्त होता है और वह उसी में संतोष कर लेता है, तब उसके लिए आड़े समय पर काम आना मुहावरे का प्रयोग किया जाता है। इस ब्लॉग के माध्यम से आप तीर नहीं तो तुका सही मुहावरे का अर्थ (Teer Nahi To Tukka Sahi Muhavare Ka Arth) और इसके वाक्यों में प्रयोग के बारे में जानेंगे।
मुहावरे किसे कहते हैं?
किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है उसे ‘मुहावरा’ कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा-सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है।
तीर नहीं तो तुका सही मुहावरे का अर्थ क्या है?
तीर नहीं तो तुका सही मुहावरे का अर्थ (Teer Nahi To Tukka Sahi Muhavare Ka Arth) ‘पूरा नहीं तो जो कुछ मिल जाए उसी में संतोष करना’ होता है।
तीर नहीं तो तुका सही मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग
तीर नहीं तो तुका सही मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग निम्नलिखित हैं :-
- रोहन की पहली पसंद का कोई भी विकल्प उपलब्ध नहीं था, तो उसने अंततः ‘तीर नहीं तो तुका सही’ के सिद्धांत को अपनाते हुए दूसरा तरीका चुना।
- जब घर की मरम्मत को अच्छे कारीगर ने करने से मना कर दिया, तब हम सभी एक साधारण कारीगर को बुला लिया। वैसे भी, ‘तीर नहीं तो तुका सही’ की तरह काम चलाना पड़ा।
- जब कोई विशेषज्ञ नहीं मिल पा रहा था, तो रिया अपनी समस्या का समाधान तीर नहीं तो तुका सही की तर्ज पर किसी सामान्य स्रोत से ढूंढा।
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