सुध-बुध खोना मुहावरे का अर्थ (Sudh Budh Khona Muhavare Ka Arth) होता है, जब किसी वस्तु या किसी व्यक्ति को देखकर खुशी या आश्चर्य होता है। तो उसके लिए सुध-बुध खोना मुहावरे का प्रयोग किया जाता है। इस ब्लॉग के माध्यम से आप सुध-बुध खोना मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग और इसकी व्याख्या के बारे में जानेगें।
मुहावरे किसे कहते हैं?
मुहावरे और उनके अर्थ – किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है उसे मुहावरा कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है।
सुध-बुध खोना मुहावरे का अर्थ क्या है?
सुध-बुध खोना मुहावरे का अर्थ (Sudh Budh Khona Muhavare Ka Arth) होता है- होशहवास न रह जाना।
सुध-बुध खोना पर व्याख्या
इस मुहावरे में “सुध-बुध खोना मुहावरे का अर्थ” शुभम बहुत ही अच्छा लड़का था, लेकिन जब वह शहर में रहने लगा, तब से उसने सभी गांव वालों से मुँह फेरना शुरू कर दिया।
सुध-बुध खोना मुहावरे का वाक्य प्रयोग
सुध-बुध खोना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग निम्नलिखित है;
- घर में आए अचानक से बहुत से मेहमानों को देखकर सुमन ने अपनी सुधबुध खो दी।
- एक सड़क दुर्धटना में दिनेश को बहुत चोट लग गई जिसे देख उसकी माँ सुध-बुध खो गई।
- जब अनुराग मेरे सामने तैयार होकर आया, तो उसे देखकर मेरी सुध-बुध खो गई।
- रोहन जब केदारनाथ गया तो वहां का नजारा देखकर सुध-बुध भूल खो दिया।
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आशा है कि सुध-बुध खोना मुहावरे का अर्थ (Sudh Budh Khona Muhavare Ka Arth) आपको समझ आया होगा। हिंदी मुहावरे के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।