केंद्र सरकार इन दिनों भारत की शिक्षा व्यवस्था में नए नए बदलाव करने में लगी है। इसी क्रम में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने स्कूल शिक्षा और टीचर एजुकेशन में सुधार करने के उद्देश्य से बड़े कदम उठाने का फैसला किया है।
52 गैर अनुसूचित भाषाओं को भी बनाया जाएगा शिक्षा का माध्यम
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के मुताबिक़ 52 ऐसी भाषाओं को शिक्षा का माध्यम बनाया जाएगा जो भारत के संविधान में अनुसूचित नहीं है। अब इन 52 भाषाओं में स्टूडेंट्स शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे। इन भाषाओं को शिक्षा का माध्यम बनाने के पीछे उद्देश्य यह है कि स्टूडेंट्स अपनी मातृभाषा में शिक्षा ग्रहण कर सकें। यह फैसला न्यू एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत लिया गया है।
शिक्षा मंत्री ने किया नेशनल मिशन फॉर मेंटरिंग लॉन्च
शिक्षा मंत्री ने न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत ही देश में टीचर्स ट्रेनिंग को लेकर भी एक मिशन लॉन्च किया है। इस मिशन का नाम नेशनल मिशन फॉर मॉनिटरिंग रखा गया है। इस मिशन के तहत टीचिंग की ट्रेनिंग कर रहे स्टूडेंट्स की देश के टॉप प्रोफेसर्स के द्वारा मॉनिटरिंग की जाएगी। इसके अलावा स्टूडेंट्स इन प्रोफेसर्स से अपनी समस्याओं और शंकाओं के संबंध में भी बात कर सकेंगे।
डाइट्स ऑफ़ एक्सीलेंस के तहत डाइट्स केंद्रों में होगा सुधार
केंद्रीय शिक्षा मंत्री डाइट (DIET) केंद्रों में सुधार के लिए डाइट्स ऑफ़ एक्सीलेंस प्रोग्राम भी शुरू किया जाएगा। इस परियोजना के लिए कुल INR 900 करोड़ का बजट तैयार किया जाएगा। इस बजट के तहत प्रति डाइट INR 15 करोड़ आवंटित किए जाएंगे।
NCERT ने शुरू किया नेशनल विद्या समीक्षा केंद्र
NCERT के द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में रिसर्च और डेवलेपमेंट को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नेशनल विद्या समीक्षा केंद्र शुरू किए गए हैं। इन केंद्रों में शिक्षा को और बेहतर बनाने के लिए शोध एवं विकास कार्य किए जाएंगे।
पीएम ई विद्या के तहत नए एचडी चैनल किए गए शुरू
पीएम ई विद्या के तहत 200 नए एचडी एजुकेशन चैनल शुरू किए गए हैं। इन चैनल्स को खोलने के पीछे का उद्देश्य डिजिटल एजुकेशन को बढ़ावा देना है। इसके साथ ही इन चैनल्स को शुरू करने का दूसरा बड़ा उद्येश्य दूर दराज के क्षेत्रों तक स्टूडेंट्स के लिए बेहतर से बेहतर शिक्षा की पहुँच को मुहैया कराना है।
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