जानिए संज्ञा सर्वनाम विशेषण और क्रिया में क्या अंतर है?

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संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया

संज्ञा सर्वनाम विशेषण और क्रिया हिंदी ग्रामर के महत्वपूर्ण टॉपिक है या ऐसा कह सकते हैं कि ये हिंदी व्याकरण के बेसिक टॉपिक हैं। इसके बारे में 5वी कक्षा 8वी कक्षा तक पढ़ाया जाता है। आज के इस ब्लॉग में हम संज्ञा सर्वनाम विशेषण और क्रिया में अंतर जानेंगे।

संज्ञा की परिभाषा

संज्ञा उस विकारी शब्द को कहते हैं जिससे किसी वस्तु भाव और जीव के नाम का बोध हो मतलब कि किसी प्राणी, वस्तु, स्थान, भाव के नाम को संज्ञा कहते हैं।

संज्ञा वाक्य के 10 उदाहरण नीचे दिए गए हैं:

  1. राम एक बुद्धिमान बालक है। 
  2. यह किताब उसकी है। 
  3. पीतल के बर्तन में खाना बनाओ। 
  4. मैं उस से प्रेम करता हूं। 
  5. टेबल पर अंगूर का गुच्छा पड़ा है। 

सर्वनाम की परिभाषा

संज्ञा के स्थान पर आने वाले शब्दों को सर्वनाम कहते हैं। जैसे: तुम, हम, आप, उसका, आदि I सर्वनाम संज्ञा के स्थान पर आता है।सर्वनाम 2 शब्दों का योग करके बनता है: सर्व+नाम, इसका यह अर्थ है कि जो नाम शब्द के स्थान पर उपयुक्त होता है उसे सर्वनाम कहते हैं।

उदाहरण: वह मोहन है।
इस वाक्य में शब्द वह ‘सर्वनाम’ है। जो व्यक्ति के नाम की जगह पर मौजूद है।

अन्य शब्दों में समझें तो सर्वनाम उन शब्दों को कहा जाता है, जिन शब्दों का प्रयोग संज्ञा अर्थात किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान आदि,के नाम के स्थान पर करते हैं। इसमें मैं, तुम, तुम्हारा, आप, आपका, इस, उस, यह, वह, हम, हमारा ,आदि शब्द आते हैं।

विशेषण की परिभाषा

विशेषण शब्द का अर्थ है – विशेषण की विशेषता को सूचित या प्रकट करने वाला शब्द। संज्ञा या सर्वनाम शब्दों की विशेषता बताने वाले शब्दों को विशेषण कहते हैं। जैसे-

  • छोटा लड़का
  • मोटा लड़का
  • सुंदर चित्र
  • गोरा वर्ण

क्रिया की परिभाषा

जिस शब्द के द्वारा किसी कार्य के करने या होने का बोध होता है उसे क्रिया कहा जाता है। संस्कृत में क्रिया रूप को धातु कहते हैं। हिंदी में इन धातुओं के साथ ‘ना’ लगता है।

क्रिया के उदाहरण

  • खाना
  • खेलना
  • हंसना
  • रोना

संज्ञा सर्वनाम विशेषण और क्रिया में अंतर

संज्ञा सर्वनाम विशेषण और क्रिया में अंतर नीचे बताया गया है:

संज्ञा सर्वनाम विशेषण क्रिया
संज्ञा किसी वस्तु, व्यक्ति, स्थान, गुण आदि के नाम को कहते हैंसर्वनाम किसी संज्ञा के स्थान पर प्रयोग होने वाला शब्द होता है।विशेषण वैसे शब्द होते हैं जो संज्ञा या सर्वनाम के बारे में कुछ जानकारी देते हैंक्रिया ऐसे शब्द हैं जो किसी संज्ञा या क्रियाविशेषण की विशेषता या कार्य बतलाते हैं।
संज्ञाएँ अनंत होती हैं।जबकि सर्वनाम सीमित होते हैं। विशेषण का सम्बन्ध संज्ञा या सर्वनाम से हैक्रिया कार्य करने से संबंधित है।
संज्ञाओं का अपना लिंग होता है।सर्वनाम का अपना कोई लिंग नहीं होता है।कैसा, किस तरह का, कौन, कितने जैसे प्रश्नो से विशेषण का पता चलता हैलड़ना, खाना, पीना, सोना, रोना, हंसना से क्रिया का पता चलता हैं।
संज्ञा से किसी ख़ास व्यक्ति, वस्तु या स्थान का स्थान का बोध होता है।सर्वनाम स्वतंत्र अवस्था में किसी निश्चित व्यक्ति, वस्तु या स्थान का बोध नहीं कराता।

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