Ramakrishna Paramahamsa Quotes in Hindi: भारत साधु-संतों की वो तपोभूमि है जहाँ से विश्व ने ज्ञान पाया। भारत के संतों ने विश्व को अध्यात्म, सुख-शांति और समृद्धि का मार्ग दिखाया। भारत में आज भी ऐसे महान तपस्वी हैं जिनके पराक्रम और ज्ञान के प्रकाश से संसार प्रकाशित हो रहा है। भारत के महान संतों में से एक संत स्वामी रामकृष्ण परमहंस भी थे, जिनसे प्रेरणा पाकर स्वामी विवेकानंद जी ने अपने ज्ञान का विस्तार किया और भारतीय समाज को सशक्त करने का कार्य किया। रामकृष्ण परमहंस आज भी संसार को ज्ञान का सद्मार्ग दिखाते हैं। इस लेख में आपके लिए रामकृष्ण परमहंस के अनमोल विचार (Ramakrishna Paramahamsa Quotes in Hindi) के साथ-साथ, रामकृष्ण परमहंस का जीवन परिचय भी दिया गया है।
This Blog Includes:
- स्वामी रामकृष्ण परमहंस का संक्षिप्त में जीवन परिचय
- Ramakrishna Paramahamsa Quotes in Hindi
- Top 10 Ramakrishna Paramahamsa Quotes in Hindi
- स्वामी रामकृष्ण परमहंस के प्रेरणादायक विचार
- स्वामी रामकृष्ण परमहंस के सामाजिक विचार
- रामकृष्ण परमहंस पर प्रसिद्ध हस्तियों के विचार – Lines on Ramakrishna Paramahamsa in Hindi
- FAQs
स्वामी रामकृष्ण परमहंस का संक्षिप्त में जीवन परिचय
स्वामी रामकृष्ण परमहंस की शिक्षा, उनके दिखाए आध्यात्मिक मार्ग पर चलकर विश्व ने उन्नति और कल्याण का परम वैभव प्राप्त किया। स्वामी रामकृष्ण परमहंस जी का जन्म 18 फरवरी, 1836 को पश्चिम बंगाल के कामारपुकुर गांव में हुआ था। स्वामी रामकृष्ण परमहंस जी का मूल नाम ‘गदाधर चट्टोपाध्याय’ था। उनके पिता का नाम खुदीराम चट्टोपाध्याय और माता का नाम चंद्रमणि देवी था।
रामकृष्ण परमहंस की तंत्र साधिका गुरु एक महिला थीं, जिनका नाम ‘योगेश्वरी भैरवी ब्राह्मणी’ था। मान्यता है कि 25 वर्ष की आयु में रामकृष्ण परमहंस को उस समय स्वयं योगेश्वरी भैरवी ब्राह्मणी ने उन्हें खोज कर तंत्र विद्याओं की दीक्षा दीं थी। वहीं इसके कुछ वर्ष बाद रामकृष्ण जी ने महान योगी ‘तोतापुरी’ के मार्गदर्शन में निर्विकल्प समाधि प्राप्त की, जो हिंदू धर्मग्रंथों में वर्णित सर्वोच्च आध्यात्मिक अनुभव है।
स्वामी विवेकानंद को भी आध्यात्मिक मार्ग पर लाने का पूरा श्रेय रामकृष्ण परमहंस को जाता है, स्वामी विवेकानंद ही रामकृष्ण परमहंस जी के प्रिय शिष्यों में से एक थे। अपने गुरु की शिक्षाओं का प्रचार-प्रसार करने के लिए स्वामी विवेकानंद जी ने वर्ष 1897 में ‘रामकृष्ण मिशन’ की स्थापना की थी। रामकृष्ण परमहंस ने जीवनभर समाज का कल्याण किया, अंततः 16 अगस्त 1886 में उन्होंने 50 वर्ष की आयु में अपनी देह का त्याग कर परम समाधि को प्राप्त किया।
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Ramakrishna Paramahamsa Quotes in Hindi
यहाँ आपके लिए स्वामी रामकृष्ण परमहंस जी के विचार (Ramakrishna Paramahamsa Quotes in Hindi) दिए गए हैं –
परमात्मा का वास सभी इंसानों में है। लेकिन, सभी इंसानों में परमात्मा का भाव भी हो, ये जरुरी नहीं है। इसलिए व्यक्ति अपने कर्मों की वजह से दुखी है।
जब तक हमारे मन में इच्छाएं रहेगी, तब तक हमें न तो शांति मिल सकती है और ना ही ईश्वर की भक्ति जाग सकती है।
नाव पानी में ही रहती है, लेकिन कभी भी नाव में पानी नहीं होना चाहिए। ठीक इसी तरह भक्ति करने वाले लोग इस दुनिया में रहें लेकिन उनके मन में यहाँ की चीजों के लिए मोह नहीं होना चाहिए।
भगवान हर जगह है और कण-कण में हैं, लेकिन वह एक आदमी में ही सबसे अधिक प्रकट होते है, इस स्थिति में भगवान के रूप में आदमी की सेवा ही भगवान की सबसे अच्छी पूजा है।
यदि आप पागल ही बनना चाहते हैं तो सांसारिक वस्तुओं के लिए मत बनो, बल्कि परमात्मा के प्रेम में पागल बनों।
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Top 10 Ramakrishna Paramahamsa Quotes in Hindi
Top 10 Ramakrishna Paramahamsa Quotes in Hindi निम्नवत हैं, जिसमें आप स्वामी रामकृष्ण परमहंस के विचारों को पढ़ पाएंगे। स्वामी रामकृष्ण परमहंस के जीवन से प्रेरणा पाकर आप अपने जीवन को सफल बना सकते हैं –
“ज्ञान एकता की ओर ले जाता है, जबकि अज्ञान बिखराव लाता है।”
“बारिश का पानी ऊंचाई पर नहीं ठहरता और ढलान पर बहकर नीचे जाता है। ऐसे ही ज्ञान भी घमंड में ऊंचे उठे सिर में नहीं ठहरता।”
“जो व्यक्ति दूसरों की बिना किसी भी स्वार्थपूर्ण उद्देश्य से मदद करता है, वह असल में खुद के लिए अच्छे का निर्माण कर रहा होता है।”
“अगर किसी सफेद कपड़े में छोटा सा भी दाग लग जाए, तो वह दाग देखने में बहुत बुरा लगता है। ठीक इसी तरह किसी साधु का छोटे से छोटा दोष भी बहुत बड़ा प्रतीत होता है।”
“यह मन ही है जो मनुष्य को बुद्धिमान या अज्ञानी, गुलाम या आज़ाद बनाता है।”
“जो पक्के दृढ़ विश्वास से कहता है ‘मैं बंधा हुआ नहीं हूं, मैं मुक्त हूं’ वह मुक्त हो जाता है। वह मूर्ख है जो हमेशा रटता रहता है ‘मैं बंधन में हूं, मैं बंधा हुआ हूँ’ वह हमेशा वैसा ही रह जाता है।”
“ठीक ऐसी ही जो बार-बार दिन और रात ये रटता रहता है, ‘मैं पापी हूँ, मैं पापी हूँ,’ वह वाकई पापी ही बन जाता है।”
“जिस प्रकार हवा हमेशा बहती रहती है, उसी तरह ईश्वर की कृपा भी हमेशा बरसती रहती है। बस, हमें अपनी नाव की पाल उठानी है और उसकी दिशा में जाना है।”
“ईश्वर को प्यार करने वाला भक्त किसी जाति का नहीं हो सकता है। क्योंकि भगवान किसी धर्म-जाति में विश्वास नहीं रखते, भगवान को केवल सच्चे मन से याद करना चाहिए।”
“मन की परिभाषा को बताते हुए परमहंस जी ने बताया है कि मन वो होता है जो किसी को बुद्धिमान, किसी को अज्ञानी और किसी को मुक्ति देता है।”
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स्वामी रामकृष्ण परमहंस के प्रेरणादायक विचार
विद्यार्थियों को एक नई दिशा दिखाने के लिए स्वामी रामकृष्ण परमहंस के अनमोल विचार महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। स्वामी रामकृष्ण परमहंस के प्रेरणादायक विचार (Ramakrishna Paramahamsa Quotes in Hindi) कुछ इस प्रकार हैं –
“सच्चा ज्ञान वही है जो हमें दूसरों के प्रति प्रेम और दयालु बनाता है।”
“ईश्वर को प्राप्त करना मोक्ष से नहीं, बल्कि कर्म से संभव है.”
“जो व्यक्ति दूसरों की बिना किसी भी स्वार्थपूर्ण उद्देश्य से मदद करता है, वह असल में खुद के लिए अच्छे का निर्माण कर रहा होता है।”
“मन की परिभाषा को बताते हुए परमहंस जी ने बताया है कि मन वो होता है जो किसी को बुद्धिमान, किसी को अज्ञानी और किसी को मुक्ति देता है।”
“जो पक्के दृढ़ विश्वास से कहता है ‘मैं बंधा हुआ नहीं हूं, मैं मुक्त हूं’ वह मुक्त हो जाता है। वह मूर्ख है जो हमेशा रटता रहता है ‘मैं बंधन में हूं, मैं बंधा हुआ हूँ’ वह हमेशा वैसा ही रह जाता है।”
“जो व्यक्ति हमेशा आत्म-चिंतन में रहता है, वह धीरे-धीरे अपने सभी दोषों को दूर कर सकता है।”
“जो व्यक्ति दूसरों को क्षमा कर देता है, वह ईश्वर द्वारा भी क्षमा कर दिया जाता है।”
“जो व्यक्ति सच्चा और ईमानदार होता है, उसे भगवान की कृपा अवश्य प्राप्त होती है।”
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स्वामी रामकृष्ण परमहंस के सामाजिक विचार
Ramakrishna Paramahamsa Quotes in Hindi के इस ब्लॉग में आपको स्वामी रामकृष्ण परमहंस के जीवन से प्रेरित सामाजिक विचारों को पढ़ने का अवसर मिल जाएगा, जो कि निम्नलिखित हैं-
“ईश्वर की दृष्टि में सभी समान हैं।”
“महिलाएं भी पुरुषों की तरह ही बुद्धिमान और सक्षम हैं।”
“गरीबों की सेवा करना ईश्वर की सेवा करना है।”
“शिक्षा ही एकमात्र तरीका है जिससे समाज को बेहतर बनाया जा सकता है।”
“सभी धर्म एक ही ईश्वर की ओर ले जाते हैं।”
“अपने देश से प्यार करना एक धार्मिक कर्तव्य है।”
“आत्मनिर्भरता ही सच्ची स्वतंत्रता है।”
रामकृष्ण परमहंस पर प्रसिद्ध हस्तियों के विचार – Lines on Ramakrishna Paramahamsa in Hindi
रामकृष्ण परमहंस पर प्रसिद्ध हस्तियों के विचार (Lines on Ramakrishna Paramahamsa in Hindi) कुछ इस प्रकार हैं –
“रामकृष्ण परमहंस एक जीवंत वेदांत थे। उन्होंने मुझे सिखाया कि धर्म केवल शब्दों का खेल नहीं, बल्कि अनुभव का विषय है।” – स्वामी विवेकानंद
“रामकृष्ण परमहंस ने हमें दिखाया कि सच्ची भक्ति और निस्वार्थ प्रेम कैसे जीवन को दिव्य बना सकता है।” – महात्मा गांधी
“उनके विचारों में प्रेम, करुणा और आत्मज्ञान की अद्भुत शक्ति है, जो हर व्यक्ति को जागृत कर सकती है।” – रवींद्रनाथ टैगोर
“भारत की आत्मा को समझने के लिए रामकृष्ण परमहंस के उपदेशों को पढ़ना आवश्यक है।” – सुभाष चंद्र बोस
FAQs
रामकृष्ण परमहंस 19वीं शताब्दी के एक महान संत और आध्यात्मिक गुरु थे। वे अद्वैत वेदांत, भक्ति योग और अन्य साधनाओं के माध्यम से ईश्वर की भक्ति का प्रचार करते थे। उनका जीवन सादगी, प्रेम और त्याग का प्रतीक था।
रामकृष्ण परमहंस के विचार सादगी, भक्ति और आत्म-अनुसंधान को प्रोत्साहित करते हैं। वे हमें यह सिखाते हैं कि सभी धर्म समान हैं, और प्रेम, दया तथा निष्काम कर्म से ही मोक्ष प्राप्त किया जा सकता है।
रामकृष्ण परमहंस के कुछ प्रसिद्ध अनमोल विचार इस प्रकार हैं:
“ईश्वर एक हैं, लेकिन लोग उन्हें अलग-अलग नामों से पूजते हैं।”
“जिस प्रकार विभिन्न नदियाँ समुद्र में मिल जाती हैं, उसी प्रकार सभी धर्म एक ही सत्य की ओर ले जाते हैं।”
“सच्चा प्रेम और भक्ति ही ईश्वर तक पहुँचने का मार्ग है।”
रामकृष्ण परमहंस के अनुसार सच्चा गुरु वही है जो शिष्य को आत्मज्ञान की ओर ले जाए और अहंकार से मुक्त करे। वे कहते थे, “जब फूल खिलता है, तो मधुमक्खियाँ खुद आ जाती हैं। उसी तरह, जब शिष्य तैयार होता है, तो सच्चा गुरु अपने आप मिल जाता है।”
रामकृष्ण परमहंस के विचारों ने भारत में धार्मिक सहिष्णुता और भक्ति आंदोलन को मजबूत किया। उनके शिष्य स्वामी विवेकानंद ने उनके संदेशों को पूरी दुनिया में फैलाया और भारतीय आध्यात्मिकता को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया।
रामकृष्ण परमहंस का सबसे प्रसिद्ध कथन है: “जितने मत, उतने पथ।” इसका अर्थ है कि हर व्यक्ति की आध्यात्मिक यात्रा अलग होती है, लेकिन सभी का लक्ष्य एक ही होता है – ईश्वर की प्राप्ति।
रामकृष्ण परमहंस ने कहा कि बिना भक्ति के आत्मज्ञान प्राप्त नहीं किया जा सकता। वे मानते थे कि सच्ची श्रद्धा और प्रेम से ही मनुष्य ईश्वर के निकट जा सकता है।
रामकृष्ण परमहंस के विचारों को “रामकृष्ण वचनामृत” नामक पुस्तक में पढ़ा जा सकता है, जिसे उनके प्रमुख शिष्य महेंद्रनाथ गुप्त ने लिखा है।
आज के समय में जब लोग तनाव और अशांति से घिरे हुए हैं, उनके विचार आत्मिक शांति, सहिष्णुता और सरल जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं। उनका संदेश हमें भक्ति, प्रेम और सत्य की राह पर चलने की सीख देता है।
रामकृष्ण परमहंस के अनुसार, जीवन का वास्तविक लक्ष्य आत्मा की पहचान करना और ईश्वर से एकत्व स्थापित करना है। वे कहते थे, “ईश्वर को अपने हृदय में अनुभव करो, यही जीवन का परम उद्देश्य है।”
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आशा है कि आपको इस लेख में दिए गए रामकृष्ण परमहंस के अनमोल विचार (Ramakrishna Paramahamsa Quotes in Hindi) पसंद आए होंगे। साथ ही Ramakrishna Paramahamsa Quotes in Hindi विद्यार्थी जीवन को सकारात्मकता से भर देंगे। इसी प्रकार के कोट्स पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ बने रहें।