फूले न समाना मुहावरे का अर्थ (Phula Na Samana Muhavare Ka Arth) होता है, जब कोई व्यक्ति किसी काम या किसी बात से अत्यधिक प्रसन्न हो जाता है। तो उसके लिए हम फूले न समाना मुहावरे का प्रयोग करते हैं। इस ब्लॉग के जरिये हम फूले न समाना मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग और व्याख्या जानेगें।
मुहावरे किसे कहते हैं?
मुहावरे और उनके अर्थ – किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है उसे मुहावरा कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है। इसे हम किस तरह से प्रयोग कर सकते हैं नीचे देखें। हम इस लेख में सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण मुहावरों को हिंदी वर्णमाला के क्रम में आपको बताएंगे।
फूले न समाना मुहावरे का अर्थ क्या है?
फूले न समाना मुहावरे का अर्थ (Phula Na Samana Muhavare Ka Arth) होता है- अत्यधिक प्रसन्न होना, बहुत खुश होना।
फूले न समाना पर व्याख्या
अनुराग अपने माँ-बाप से दूर विदेश से कमा कर जब दिवाली पर अपने घर आया, तो अपने बेटे को देखकर माँ-बाप फूले नहीं समाए।
फूले न समाना मुहावरे का वाक्य प्रयोग
- मोहित की सरकारी नौकरी लग जाने से उसके पिताजी फूले नहीं समा रहे थे।
- जब सूरज को यकीन नहीं था की वह IAS में प्रथम आया है तो वह फूले नहीं समा पाया।
- बहुत मेहनत के बाद किसान ने अपनी लहराती फसल को देख तो वह फूले नहीं समाया।
- कृष्ण के वापस आने से राधा ख़ुशी से फुले नहीं समाई।
उम्मीद है, फूले न समाना मुहावरे का अर्थ (Phula Na Samana Muhavare Ka Arth) आपको समझ आया होगा। हिंदी मुहावरे के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।