संधि, हिंदी व्याकरण के महत्वपूर्ण विषयों में से एक है। इसका शाब्दिक अर्थ है- मेल। यानी दो वर्णों के परस्पर मेल से जो परिवर्तन होता है, उसे संधि कहा जाता है और दो शब्दों के मेल से बने शब्द को पुनः अलग अलग करना संधि विच्छेद कहलाता है।
यह भी पढ़े : संधि विच्छेद ट्रिक
Nirasha ka Sandhi Viched क्या है?
इस लेख में हम जानेंगे कि निराशा का संधि विच्छेद क्या होगा। तो आईये आपको बताते हैं कि निराशा का संधि विच्छेद होगा ‘ निः + आशा ‘। निराशा शब्द में विसर्ग संधि लागू होती है।
विसर्ग संधि क्या है?
जब विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन आ जाए तब जो परिवर्तन होता है ,वह विसर्ग संधि कहलाता है।
उदाहरण
- मन: + अनुकूल = मनोनुकूल
- नि: + पाप =निष्पाप
निराशा से बनने वाले शब्दों का वाक्य में प्रयोग
निराशा से बनने वाले शब्दों का वाक्य में प्रयोग निम्नलिखित है:
- उसकी निराशा से सीता रोने लगी।
- मैं उन्हें न ढूंढ पाने के कारण निराशा से घर चला गया।
- आख़िरकार राज ने निराशा में हार मान ही ली।
संबंधित आर्टिकल्स :
आशा करते हैं कि इस ब्लॉग से आपको Nirasha ka Sandhi Viched पता चल गया होगा। संधि से जुड़े हुए अन्य महत्वपूर्ण और रोचक ब्लॉग पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहिए।