एकेडमिक सेशन 2024-25 से भारतीय स्कूलों में नेशनल एजुकेशन पाॅलिसी के तहत किताबों से पढ़ाई की शुरुआत हो जाएगी। इसके लिए नेशनल करिकुलम फ्रेम (NCF) तैयार हो गया है और अब NCF ने निर्देश दिया है कि अगले एकेडमिक सेशल यानी 2024-25 से सिलेबस में प्राचीन भारतीय काॅन्सेप्ट और डिजिटल आउटरीच के बारे में बताया जाएगा।
इसरो के पूर्व अध्यक्ष के कस्तूरीरंगन के नेतृत्व में विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा स्कूली शिक्षा के लिए डेवलप NCF ड्राफ्ट पिछले सप्ताह सार्वजनिक डोमेन में प्रतिक्रिया आमंत्रित करने के लिए रखा गया था। ड्राफ्ट में कहा गया है कि नया काॅन्सेप्ट भारत के बारे में सीखने और बच्चे के रिजनल और नेशनल काॅन्सेप्ट्स सीखने पर जोर देता है।
बताया गया है कि एक बार NCF अधिसूचित हो जाने के बाद स्कूल की बुक्स, सिलेबस के साथ-साथ सभी कक्षाओं के लिए शिक्षण गतिविधियों और मूल्यांकन विधियों में वर्तमान में पढ़ाए जा रहे एजुकेशन और सिलेबस में बड़ा बदलाव होगा।
डिजिटल रूप से भी उपलब्ध होंगी बुक्स
एजुकेशन मिनिस्ट्री के ऑफिसर ने कहा कि नए NCF ड्राफ्ट में किए गए दिशानिर्देशों के आधार पर संशोधित बुक्स को 2024-25 शैक्षणिक सत्र तक लॉन्च किए जाने की संभावना है। ऑफिसर ने बताया कि ये बुक्स डिजिटल रूप से भी उपलब्ध होंगी। सुझाव दिया गया है कि बच्चे के अपने सीखाने के लिए कहानियां, संगीत, कला, खेल आदि शैक्षणिक सामग्री का हिस्सा हैं।
कहानियों को पढ़ने और सीखने का दिया जाता है अवसर
भारतीय परंपरा से अन्य मजेदार कथाओं और प्रेरक कहानियों की मूल कहानियों को पढ़ने और सीखने का अवसर दिया जाता है। इतिहास के महान भारतीय नायकों के जीवन की कहानियों को भी बच्चों में मूल मूल्यों को प्रेरित करने और पेश करने के तरीके के रूप में देखा जाता है।
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