नासिरा शर्मा (Nasira Sharma) आधुनिक हिंदी साहित्य की लेखिकाओं में एक बहुचर्चित नाम है। उन्होंने हिंदी साहित्य की सभी विधाओं में साहित्य का सृजन किया है। वहीं अपने जीवन की अर्जित अनुभूतियाँ, स्मृतियाँ और कल्पनाओं की अभिव्यक्ति को अपनी रचनाओं का विषय बनाया जिससे पाठक वर्ग जुड़ा हुआ महसूस करता हैं। इसके साथ ही वह उन चुनिंदा महिला साहित्यकारों में से एक हैं जिन्होंने अपनी रचनाओं में मुस्लिम समाज के जीवन का यथार्थ और संजीव चित्रण किया है। वहीं नासिरा शर्मा का नाम उन विरले रचनाकारों में शुमार है जिनकी हर एक कृति का कैनवास बहुत विराट है।
नासिरा शर्मा को आधुनिक हिंदी साहित्य में विशेष योगदान के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका हैं, जिनमें ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’, ‘व्यास सम्मान’, ‘महादेवी वर्मा पुरस्कार’ व ‘अंतरराष्ट्रीय इन्दु शर्मा कथा सम्मान’ शामिल हैं। इसके साथ ही नासिरा शर्मा (Nasira Sharma) उन प्रतिष्ठित साहित्यकारों में से एक है, जिनकी कई रचनाओं को भारत के विभिन्न कॉलेजों के सिलेबस में पढ़ाया जाता है। इसके साथ ही UGC/NET में हिंदी विषय से परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी नासिरा शर्मा का जीवन परिचय और उनकी रचनाओं का अध्यनन करना आवश्यक हो जाता है।
आइए अब हिंदी की सुप्रसिद्ध लेखिका नासिरा शर्मा का जीवन परिचय (Nasira Sharma Ka Jivan Parichay) और उनकी साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।
नाम | नासिरा शर्मा (Nasira Sharma) |
जन्म | 22 अगस्त 1948 |
जन्म स्थान | इलाहाबाद (वर्तमान प्रयागराज), उत्तर प्रदेश |
पिता का नाम | प्रो. जमीर अली |
माता का नाम | नाझनीन बेगम |
पति का नाम | डॉ. रामचंद्र शर्मा |
शिक्षा | एम. ए (फ़ारसी भाषा साहित्य) |
भाषा | हिंदी, उर्दू, अंग्रेज़ी, पश्तो एवं फ़ारसी |
पेशा | लेखिका, लेक्चरार, स्वतंत्र पत्रकारिता |
विधाएँ | उपन्यास, कहानी, लेख, रिपोर्ताज व अनुवाद |
साहित्य काल | आधुनिक काल |
उपन्यास | जीरो रोड, सात नदियाँ एक समंदर, जिंदा मुहावरे व अक्षयवट आदि। |
कहानी संग्रह | इब्ने मरियम, पत्थर गली, ख़ुदा की वापसी, व इंसानी नस्ल आदि। |
सम्मान | ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ (वर्ष 2016), ‘व्यास सम्मान’, ‘महादेवी वर्मा पुरस्कार’ व ‘अंतरराष्ट्रीय इन्दु शर्मा कथा सम्मान’ |
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इलाहाबाद में हुआ था जन्म – Nasira Sharma Ka Jivan Parichay
मशहूर लेखिका नासिरा शर्मा का जन्म एक संपन्न मुस्लिम शिया परिवार में 22 अगस्त 1948 को इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश में हुआ था। उनके पिता का नाम ‘प्रो. जमीर अली’ था जो कि पेशे से उर्दू के प्रोफेसर होने के साथ ही प्रगतिशील विचारों वाले एक मशहूर कवि थे। उनकी माता का नाम ‘नाझनीन बेगम’ था जो कि एक गृहणी थी। नासिरा जी (Nasira Sharma) का अपनी माता से विशेष लगाव था और वह उन्हें अपना प्रथम गुरु मानती थी। वहीं पिता उर्दू अदब के प्रोफेसर और कवि होने के कारण उन्हें साहित्यिक परिवेश घर से ही प्राप्त हुआ जिससे बचपन से ही उन्हें साहित्य के प्रति विशेष रूचि होने लगी।
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फ़ारसी साहित्य में किया एमए
नासिरा शर्मा जी की आरंभिक शिक्षा घर से ही शुरू हुई। इसके बाद उन्होंने अपनी प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा इलाहाबाद (वर्तमान प्रयागराज) के कॉन्वेंट स्कूल (Convent School) से की। फिर वह उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली आ गयी और यहाँ उन्होंने ‘जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय’ (JNU) से फ़ारसी भाषा में एम.ए की डिग्री हासिल की। अपने अध्ययन के साथ साथ उन्होंने कई भाषाओं का भी ज्ञान प्राप्त किया जिनमें हिंदी, उर्दू, अंग्रेजी, पश्तो एवं फ़ारसी भाषाएँ शामिल हैं।
अध्यापन कार्य से की करियर की शुरुआत
अपनी उच्च शिक्षा पूरी करने के बाद नासिरा शर्मा जी ने दिल्ली के ‘जामिया मिलिया इस्लामिया’ में फ़ारसी भाषा का अध्यापन कार्य किया। इसके साथ ही वह स्वतंत्र अध्ययन कार्य भी करती रही। जामिया में कुछ वर्ष तक अध्यापन कार्य करने के बाद उन्होंने यह कार्य छोड़ दिया और कुछ समय तक एक निजी रेडियो स्टेशन पर प्रोग्राम ऑफिसर के रूप में कार्य किया। किंतु यहाँ भी कुछ समय तक कार्य करने के बाद उन्होंने यह कार्य छोड़ दिया और फिर नासिरा जी (Nasira Sharma) ने संपूर्ण जीवन साहित्य सृजन में लगा दिया।
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नासिरा शर्मा जी का वैवाहिक जीवन
बता दें कि नासिरा शर्मा जी ने अंतरधार्मिक प्रेम (Interfaith Marriage) विवाह किया था। उनके पति का नाम ‘डॉ. रमेशचंद्र शर्मा’ है जो ‘जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय’ (JNU), दिल्ली में प्रोफेसर है। इनकी दो संतान हैं जिनके नाम अनिल और अंजु हैं।
नासिरा शर्मा जी साहित्यिक परिचय
नासिरा शर्मा (Nasira Sharma) आधुनिक हिंदी साहित्य में साठोत्तरी काल की महिला साहित्यकारों में अपना एक विशिष्ट स्थान रखती हैं। नासिरा जी ने अपने लेखन कार्य की शुरुआत कहानियों से की थी जिसके बाद उन्होंने साहित्य की अन्य विधाओं में लेखन कार्य किया। बता दें कि उनका प्रथम कहानी संग्रह वर्ष 1986 में ‘पत्थर गली’ नाम से प्रकाशित हुआ। वहीं उनकी कहानियों में जीवन के यथार्थ का संजीव चित्रण होता है जिससे पाठक वर्ग अपने आप को जुड़ा हुआ महसूस करता हैं।
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नासिरा शर्मा जी साहित्यिक रचनाएँ
नासिरा शर्मा ने हिंदी साहित्य की सभी विधाओं में साहित्य का सृजन किया है जिनमें कहानी, उपन्यास, लेख, रिपोर्ताज और अनुवाद कार्य शामिल हैं। आइए अब हम उनकी अनुपम रचनाओं (Nasira Sharma Ki Rachnaye) के बारे में विस्तार से जानते है, जो कि इस प्रकार हैं:-
कहानी संग्रह
- पत्थर गली – 1986
- इब्ने-मरियम
- संगसार – 1993
- सबीना के चालीस चोर
- खुदा की वापसी
- इंसानी नस्ल – 2001
- दूसरा ताजमहल – 2002
- बुतख़ाना
- अफ़ग़ानिस्तान : बुज़कशी का मैदान (सम्पूर्ण अध्ययन दो खंडों में)
- मरजीना का देश इराक़
नासिरा शर्मा के उपन्यास – Nasira Sharma Ke Upanyas
- शाल्मली – 1987
- ठीकरे की मंगनी – 1989
- जिंदा मुहावरे – 1994
- सात नदियाँ एक समंदर
- अक्षयवट
- जीरो रोड
- कुइयाँ जान
- पारिजात
- कागज की नाँव
- शब्द पखेरू
- दूसरी जन्नत
लेख-संग्रह
- राष्ट्र और मुसलमान
- औरत के लिए औरत
- औरत की दुनिया
- वो एक कुमारबाज़ थी
- औरत की आवाज़
रिपोर्ताज
- जहाँ फौव्वारे लहू रोते हैं
संस्मरण
- यादों के गलियारे
अनुवाद
- शाहनामा फ़िरदौसी
- गलिस्तान-ए-सादी
- क़िस्सा जाम का
- काली छोटी मछली
- पोयम ऑफ़ प्रोटेस्ट
- बर्निंग पायर
- अदब में बाईं पसली
आलोचना
- किताब के बहाने
- सबसे पुराना दरख़्त
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पुरस्कार और सम्मान
नासिरा शर्मा (Nasira Sharma Ka Jivan Parichay) को हिंदी साहित्य में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए सरकारी और ग़ैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा कई पुरस्कारों व सम्मान से पुरस्कृत किया जा चुका है, जो कि इस प्रकार हैं :-
- ‘अर्पण सम्मान’ – हिंदी अकादमी, दिल्ली
- ‘महादेवी वर्मा पुरस्कार’
- साहित्य अकादमी पुरस्कार’ – वर्ष 2016
- ‘व्यास सम्मान’
- ‘अंतरराष्ट्रीय इन्दु शर्मा कथा सम्मान’
- ‘नई धारा रचना समान’
- ‘महात्मा गांधी पुरस्कार’ – हिंदी संस्थान उत्तर प्रदेश
- ‘गजानन मुक्तिबोध सम्मान’ – भोपाल
FAQs
नासिरा जी का जन्म 22 अगस्त 1948 को इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश में हुआ था।
बता दें कि उनकी माता का नाम नाझनीन बेगम और पिता का नाम प्रो. जमीर अली है।
यह नासिरा शर्मा जी की चर्चित उपन्यास है।
नासिरा जी का पहला कहानी संग्रह वर्ष 1986 में पत्थर गली नाम से प्रकाशित हुआ था।
यह नासिरा शर्मा जी का बहुचर्चित उपन्यास है।
पारिजात, नासिरा शर्मा का लोकप्रिय उपन्यास है।
वर्ष 2016 में ‘पारिजात’ उपन्यास के लिए नासिरा शर्मा को साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
पत्थर गली, इब्ने-मरियम, खुदा की वापसी (कहानी-संग्रह) और पारिजात (उपन्यास) नासिरा शर्मा की प्रमुख रचनाएं हैं।
आशा है कि आपको हिंदी की सुप्रसिद्ध लेखिका नासिरा शर्मा का जीवन परिचय (Nasira Sharma Ka Jivan Parichay) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचयको पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।