भाषा किसी भी संस्कृति का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह वह तरीका है जिसके द्वारा लोग एक-दूसरे के साथ बात करते हैं। इन्हीं भाषाओं में हम कई शब्द ऐसे सुनते हैं जो विशेष हैं। कुछ शब्दों में भारतीय और विश्व के इतिहास और सभ्यताओं का भी काफी महत्व है, इसलिए इस ब्लाॅग में हम मोहनजोदड़ो किस भाषा का शब्द है (Mohenjodaro Kis Bhasha Ka Shabd Hai) के बारे में जानेंगे।
Mohenjodaro Kis Bhasha Ka Shabd Hai?
मोहनजोदड़ो सिंधी भाषा का शब्द है और यह शब्द भारतीय प्राचीन सभ्यता में उल्लेखित है।
मोहनजोदड़ो किस भाषा का शब्द है? | सिंधी |
Mohenjodaro Kis Bhasha Ka Shabd Hai | Sindhi |
मोहनजोदड़ो क्या है?
Mohenjodaro Kis Bhasha Ka Shabd Hai जानने के साथ यह जानना जरूर है कि मोहनजोदड़ो क्या है, जोकि यहां बताया जा रहा हैः
- मोहनजोदड़ो नाम का अर्थ “मृतकों का टीला” माना जाता है।
- इस स्थल के पुरातात्विक महत्व को पहली बार हड़प्पा की खोज के एक साल बाद 1922 में पहचाना गया था।
- खुदाई से पता चला कि टीलों में उस जगह के अवशेष हैं जो कभी सिंधु सभ्यता का सबसे बड़ा शहर था।
मोहनजोदड़ो का इतिहास क्या है?
Mohenjodaro Kis Bhasha Ka Shabd Hai जानने के साथ यह जानना जरूर है कि मोहनजोदड़ो का इतिहास क्या है, जोकि यहां बताया जा रहा हैः
- मोहनजोदड़ो और पास के शहर हड़प्पा की स्थापना लगभग 2500 ईसा पूर्व हुई थी।
- मोहनजोदड़ो सिंधु घाटी सभ्यता का सबसे बड़ा शहर था। यह लगभग 40,000-50,000 लोगों का घर था, जो उस समय अन्य शहरों की आबादी का लगभग पांच गुना था।
- मोहनजो-दारो छह सौ वर्षों तक आबाद रहा।
- दूसरी सहस्राब्दी ईसा पूर्व में, सिंधु घाटी सभ्यता का पतन शुरू हो गया था।
- हड़प्पावासियों ने छोटी-छोटी बस्तियाँ बसाने के लिए अपने शहरों को छोड़ दिया और मोहनजो-दारो 1900 ईसा पूर्व के आसपास वीरान हो गया।
मोहनजोदड़ो स्थान क्या है?
मोहनजोदड़ो के स्थान ने शहर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सिंधु नदी से केवल दो मील की दूरी पर स्थित, हड़प्पावासियों ने शहर को बाढ़ से बचाने के लिए उपाय किए।
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आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको मोहनजोदड़ो किस भाषा का शब्द है? (Mohenjodaro Kis Bhasha Ka Shabd Hai) के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ब्लाॅग्स पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ बने रहें।