हेल्थकेयर सेक्टर जितनी तेजी से आगे बढ़ रहा है, उसी तेजी से मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी (MLT) की डिमांड भी बढ़ रही है। किसी भी बीमारी का सही इलाज सटीक लैब रिपोर्ट पर निर्भर करता है, और यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मेडिकल लैब टेक्नोलॉजिस्ट निभाते हैं। खून, यूरिन और टिश्यू की जांच करना, आधुनिक लैब मशीनों का संचालन और रोग की पहचान में डॉक्टरों की सहायता करना इस क्षेत्र का अहम भाग है।
यदि आपको हेल्थ साइंस में रुचि है, लैब में काम करना पसंद है और आप एक ऐसे करियर की तलाश में हैं जिसमें जॉब सिक्योरिटी, ग्रोथ और विदेशों में अवसर मिलें, तो MLT आपके लिए एक बेस्ट ऑप्शन हो सकता है। इस लेख में MLT कोर्स से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है।
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MLT कोर्स क्या है और इसे क्यों करें?
MLT एक ऐसा प्रोफेशनल कोर्स है जिसमें छात्रों को खून, यूरिन, टिश्यू और अन्य मेडिकल सैंपल्स की जांच करना सिखाया जाता है। इस दौरान उन्हें अलग-अलग लैब मशीनों, आधुनिक तकनीकों और टेस्टिंग प्रक्रियाओं को चलाने की ट्रेनिंग दी जाती है, ताकि वे डॉक्टरों को बीमारियों की सही रिपोर्ट उपलब्ध करा सकें। इस कोर्स को पूरा करने के बाद छात्रों के पास करियर के कई अच्छे विकल्प होते हैं। वे अस्पतालों, बड़े डायग्नोस्टिक सेंटर्स, पैथोलॉजी लैब्स, ब्लड बैंक्स और रिसर्च संगठनों में आसानी से काम पा सकते हैं। इसके अलावा, विदेशों में भी मेडिकल लैब टेक्नोलॉजिस्ट की अच्छी मांग है, इसलिए यह कोर्स एक सुरक्षित, स्थिर और विकास देने वाला करियर विकल्प माना जाता है।
MLT कोर्स के प्रकार
भारत में MLT कोर्स तीन अलग-अलग स्तरों पर उपलब्ध हैं, जिन्हें विद्यार्थी अपनी योग्यता और करियर लक्ष्य के अनुसार चुन सकते हैं।
1. डिप्लोमा इन MLT (DMLT): डिप्लोमा इन MLT एक 1 से 2 साल का बेसिक लेवल का कोर्स है, जिसे 12वीं (विज्ञान) पास छात्र आसानी से कर सकते हैं। इसमें विद्यार्थियों को लैब के बेसिक काम जैसे सैंपल कलेक्शन, माइक्रोस्कोपी, ब्लड एवं यूरिन टेस्टिंग, स्लाइड प्रिपरेशन और बेसिक लैब उपकरणों के उपयोग की ट्रेनिंग दी जाती है। यह कोर्स उन छात्रों के लिए बहुत अच्छा है जो जल्दी जॉब शुरू करना चाहते हैं। DMLT पूरा करने के बाद अस्पतालों, पैथोलॉजी लैब्स, क्लिनिक और डायग्नोस्टिक सेंटर्स में लैब टेक्नीशियन की नौकरी आसानी से मिल जाती है।
2. B.Sc MLT: यह एक 3 से 4 साल का ग्रेजुएशन लेवल का कोर्स है, जो MLT फील्ड में सबसे लोकप्रिय विकल्प माना जाता है। इसमें छात्रों को एडवांस लैब तकनीकें सिखाई जाती हैं, जैसे क्लिनिकल बायोकेमिस्ट्री, पैथोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, हेमेटोलॉजी, इम्यूनोलॉजी और अलग-अलग तरह की डायग्नोस्टिक टेस्ट की ट्रेनिंग। इस कोर्स में आपको सिर्फ थ्योरी ही नहीं, बल्कि क्लिनिकल प्रैक्टिस का बेस भी मिलता है। B.Sc MLT करने के बाद अस्पतालों, रिसर्च लैब्स, ब्लड बैंक्स, डायग्नोस्टिक सेंटर्स और फार्मा कंपनियों में अच्छे करियर के मौके आसानी से मिल जाते हैं।
3. M.Sc MLT: यह एक 2 साल का पोस्टग्रेजुएट कोर्स है, जो उन छात्रों के लिए अच्छा विकल्प है जो किसी खास लैब फील्ड में स्पेशलाइजेशन करना चाहते हैं या फिर रिसर्च और टीचिंग लाइन में आगे बढ़ना चाहते हैं। इस कोर्स में आपको एडवांस डायग्नोस्टिक तकनीकें, मॉडर्न लैब मशीनों का इस्तेमाल, रिसर्च करने के तरीके, स्पेशल टेस्टिंग और हाई लेवल की क्लिनिकल प्रैक्टिस की ट्रेनिंग दी जाती है। M.Sc MLT करने के बाद करियर के मौके और भी बढ़ जाते हैं, जैसे आप सीनियर लैब टेक्नोलॉजिस्ट, रिसर्च साइंटिस्ट, क्वालिटी मैनेजर, लेक्चरर या किसी स्पेशल लैब डिपार्टमेंट में एक्सपर्ट के तौर पर काम कर सकते हैं।
MLT कोर्स के लिए आवश्यक योग्यता
MLT कोर्स में एडमिशन लेने से पहले इसकी शैक्षणिक पात्रता, आयु सीमा और प्रवेश प्रक्रिया जानना आवश्यक है:-
शैक्षणिक पात्रता
इस कोर्स में दाखिला लेने के लिए उम्मीदवार का 12वीं पास होना आवश्यक है। ज़्यादातर कॉलेज उन छात्रों को प्राथमिकता देते हैं जिन्होंने 12वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी पढ़ी हो।
न्यूनतम आयु सीमा
बहुत-से संस्थानों में MLT कार्यक्रम के लिए न्यूनतम आयु 17 वर्ष रखी जाती है। अधिकतम आयु की सीमा हर कॉलेज अलग-अलग तय कर सकता है, लेकिन सामान्यतः 30 वर्ष तक के विद्यार्थियों को आवेदन की अनुमति होती है।
प्रवेश प्रक्रिया (एंट्रेंस/मेरिट)
MLT कोर्स में दाखिला लेने के लिए आम तौर पर दो तरह की प्रक्रिया अपनाई जाती है:
- मेरिट के आधार पर: कई कॉलेज 12वीं के अंकों को देखकर सीधे एडमिशन देते हैं।
- प्रवेश परीक्षा के माध्यम से: कुछ विश्वविद्यालय अपनी एंट्रेंस टेस्ट लेते हैं, जिसके बाद मेरिट लिस्ट और काउंसलिंग के आधार पर अंतिम चयन किया जाता है।
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MLT कोर्स का सिलेबस
MLT कोर्स में छात्रों को लैब टेस्ट, डायग्नोस्टिक तकनीक और क्लिनिकल ट्रेनिंग से जुड़ी पढ़ाई कराई जाती है। इसमें थ्योरी के साथ-साथ प्रैक्टिकल नॉलेज पर भी जोर दिया जाता है। नीचे यूजी, पीजी और डिप्लोमा MLT कोर्स का सिलेबस दिया गया है। सिलेबस राज्य और यूनिवर्सिटी के अनुसार थोड़ा अलग हो सकता है:-
यूजी MLT कोर्स सिलेबस
| सेमेस्टर | विषय |
| सेमेस्टर 1 | मानव शरीर रचना (Anatomy), मानव मनोविज्ञान (Physiology), बायोकैमिस्ट्री–I, बेसिक लैब उपकरण व सुरक्षा |
| सेमेस्टर 2 | पैथोलॉजी–I, माइक्रोबायोलॉजी–I, बायोकैमिस्ट्री–II, पर्यावरण विज्ञान |
| सेमेस्टर 3 | हेमेटोलॉजी (Blood Study), क्लिनिकल बायोकैमिस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी–II, हिस्टोपैथोलॉजी |
| सेमेस्टर 4 | इम्यूनोलॉजी व सीरोलॉजी, पैरासिटोलॉजी, इंस्ट्रूमेंटेशन तकनीकें, क्लिनिकल पैथोलॉजी |
| सेमेस्टर 5 | साइटोजेनेटिक्स, ब्लड बैंकिंग व ट्रांसफ्यूजन, डायग्नोस्टिक तकनीकें, क्वालिटी कंट्रोल |
| सेमेस्टर 6 | इंटर्नशिप/क्लिनिकल ट्रेनिंग, एडवांस्ड लैब मैनेजमेंट, मेडिकल एथिक्स, केस स्टडी |
पीजी MLT कोर्स सिलेबस
| सेमेस्टर | विषय |
| सेमेस्टर 1 | एडवांस्ड क्लिनिकल बायोकैमिस्ट्री, एडवांस्ड हेमेटोलॉजी, मॉलिक्यूलर बायोलॉजी, रिसर्च मेथड्स |
| सेमेस्टर 2 | एडवांस्ड माइक्रोबायोलॉजी, इम्यूनोऐसे, एंजाइमोलॉजी, एडवांस्ड डायग्नोस्टिक तकनीकें |
| सेमेस्टर 3 | स्पेशलाइज्ड MLT तकनीकें, मेडिकल बायोटेक्नोलॉजी, एडवांस्ड पैथोलॉजी, सेमिनार प्रेजेंटेशन |
| सेमेस्टर 4 | रिसर्च थीसिस, ट्रेनिंग, एडवांस्ड क्वालिटी एश्योरेंस, वाइवा/ओरल एग्जाम |
डिप्लोमा MLT कोर्स सिलेबस
| सेमेस्टर | विषय |
| सेमेस्टर 1 | एनाटॉमी व फिजियोलॉजी, MLT की बेसिक जानकारी, बायोकैमिस्ट्री, लैब सेफ्टी |
| सेमेस्टर 2 | क्लिनिकल पैथोलॉजी, हेमेटोलॉजी, बेसिक माइक्रोबायोलॉजी, सैंपल कलेक्शन |
| सेमेस्टर 3 | इम्यूनोलॉजी, हिस्टोपैथोलॉजी तकनीकें, ब्लड बैंकिंग की बेसिक जानकारी, डायग्नोस्टिक इंस्ट्रूमेंटेशन |
| सेमेस्टर 4 | इंटर्नशिप/प्रैक्टिकल ट्रेनिंग, रिपोर्ट लेखन, लैब एथिक्स, केस स्टडी |
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MLT कोर्स की अवधि और औसत फीस
MLT कोर्स कितने समय का होगा और इसकी फीस कितनी होगी, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप डिप्लोमा कर रहे हैं, ग्रेजुएशन (B.Sc MLT) कर रहे हैं या पोस्ट ग्रेजुएशन (M.Sc MLT)। नीचे अनुमानित औसत फीस और कोर्स की अवधि बताई गई है:
| कोर्स | अवधि | औसत फीस |
| डिप्लोमा MLT | 1 से 2 साल | ₹50,000 – ₹1,50,000 |
| बी.एससी. MLT (UG) | 3 से 4 साल | ₹1,00,000 – ₹4,00,000 |
| एम.एससी. MLT (PG) | 2 साल | ₹1,50,000 – ₹3,00,000 |
नोट: यहां दी गई जानकारी अन्य स्रोतों से ली गई है जिसमें बदलाव संभव है।
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MLT कॉलेज / यूनिवर्सिटी और उनकी फीस
भारत में MLT कोर्स के लिए कुछ प्रमुख कॉलेज और उनकी अनुमानित फीस इस प्रकार हैं। नीचे दिए गए आंकड़े विश्वसनीय स्रोतों पर आधारित हैं, लेकिन ऐडमिशन के समय हर कॉलेज की फीस में बदलाव हो सकता है, इसलिए आधिकारिक वेबसाइट ज़रूर चेक करें।
| कॉलेज | सालाना / कुल अनुमानित फीस |
| जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी, दिल्ली | लगभग ₹ 4.20 लाख (B.Sc MLT) |
| पोस्ट ग्रैजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (PGIMER), चंडीगढ़ | लगभग ₹ 8,000-10,000 (B.Sc MLT) |
| मणिपाल अकैडमी ऑफ़ हायर एजुकेशन, मणिपाल | लगभग ₹ 1.20 लाख – ₹ 1.50 लाख (B.Sc MLT) |
| सीआराइस्टियन मेडिकल कॉलेज (CMC), वेल्लोर | लगभग ₹ 1,800 (B.Sc MLT) |
| महा. मार्कंडेश्वर यूनिवर्सिटी, मुलाना (Maharishi Markandeshwar University) | लगभग ₹ 1.65 लाख – ₹ 2.64 लाख (B.Sc MLT) |
| एसआरएम इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, तमिलनाडु | लगभग ₹ 85,000 – ₹ 1.50 लाख (B.Sc MLT) |
| गैलगोटिया यूनिवर्सिटी, उत्तर प्रदेश | लगभग ₹ 85,000 – ₹ 1.20 लाख (B.Sc MLT) |
नोट: यहां दी गई जानकारी अन्य स्रोतों से ली गई है जिसमें बदलाव संभव है।
MLT कोर्स के बाद करियर स्कोप
MLT कोर्स पूरा करने के बाद छात्रों के पास हेल्थकेयर सेक्टर में कई तरह की नौकरी के अवसर होते हैं। आप सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह के हॉस्पिटल, डायग्नोस्टिक लैब, रिसर्च सेंटर और ब्लड बैंक में काम कर सकते हैं। इस क्षेत्र में जॉब प्रोफाइल्स अलग-अलग हैं और उनके हिसाब से शुरुआती सैलरी भी बदलती है।
| जॉब प्रोफाइल | वर्क सेक्टर | औसत शुरुआती सैलरी (प्रति माह) |
| मेडिकल लैब टेक्नीशियन | हॉस्पिटल, डायग्नोस्टिक लैब | ₹15,000 – ₹25,000 |
| लैब सुपरवाइज़र | पैथोलॉजी लैब, रिसर्च लैब | ₹25,000 – ₹40,000 |
| ब्लड बैंक टेक्नीशियन | ब्लड बैंक, हॉस्पिटल | ₹18,000 – ₹30,000 |
| पैथोलॉजिस्ट असिस्टेंट | पैथोलॉजी डिपार्टमेंट | ₹20,000 – ₹35,000 |
| रिसर्च असिस्टेंट | मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट | ₹25,000 – ₹45,000 |
| क्वालिटी कंट्रोल एनालिस्ट | फार्मास्यूटिकल/लैब | ₹22,000 – ₹40,000 |
नोट: यहां दी गई जानकारी अन्य स्रोतों से ली गई है जिसमें बदलाव संभव है।
MLT के बाद कौन सा कोर्स करें?
MLT पूरा करने के बाद आपके पास आगे पढ़ाई और करियर ग्रोथ के कई अच्छे विकल्प होते हैं। अगर आपने डिप्लोमा MLT (DMLT) किया है, तो आप आगे B.Sc MLT या BMLT कर सकते हैं। वहीं अगर आपने B.Sc MLT किया है, तो आप अपनी स्किल और करियर को और आगे बढ़ाने के लिए नीचे दिए गए कोर्स चुन सकते हैं:
- एम.एससी MLT (मास्टर ऑफ साइंस इन मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी)
- एम.एससी सूक्ष्म जीव विज्ञान (माइक्रोबायोलॉजी)
- एम.एससी जैव रसायन (बायोकेमिस्ट्री)
- एम.एससी पैथोलॉजी / क्लिनिकल पैथोलॉजी
- पीजी डिप्लोमा इन मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी
- एमबीए इन हॉस्पिटल मैनेजमेंट / हेल्थकेयर मैनेजमेंट
- एमएचए (मास्टर ऑफ हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन)
- सर्टिफिकेट कोर्स – मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक्स, हिस्टोपैथोलॉजी, ब्लड बैंकिंग, रेडियोलॉजी की बेसिक ट्रेनिंग आदि।
FAQs
MLT कोर्स करने के बाद सरकारी अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों और लैब्स में तकनीशियन या लैब असिस्टेंट के रूप में नौकरी मिल सकती है। हालांकि आपको संबंधित पोस्ट की चयन प्रक्रिया को पूरा करना अनिवार्य होगा।
BSc MLT डिग्री डिप्लोमा की तुलना में अधिक करियर ऑप्शन और उच्च पदों के लिए बेहतर विकल्प है।
नर्सिंग में मरीजों की देखभाल की ट्रेनिंग दी जाती है, जबकि MLT में बीमारियों की पहचान और टेस्टिंग से जुड़ी ट्रेनिंग दी जाती है।
MLT कोर्स में इंटर्नशिप अनिवार्य है। क्लिनिकल इंटर्नशिप/हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग जरूरी होती है क्योंकि लैब वर्क में प्रैक्टिकल स्किल बहुत महत्वपूर्ण है। बिना इंटर्नशिप कई अस्पताल जॉब नहीं देते।
हमें आशा है कि आप इस लेख के माध्यम से MLT कोर्स की जानकारी प्राप्त कर पाए होंगे। ऐसे ही अन्य कोर्स से संबंधित लेख पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।
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