Ken Betwa Link Project in Hindi: केन-बेतवा लिंक परियोजना (Ken-Betwa Link Project) भारत की सबसे बड़ी और महत्वाकांक्षी अंतर-नदी लिंक परियोजना है, जिसका उद्देश्य मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के जल संकट को हल करना है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य दो नदियों, केन (Ken) और बेतवा (Betwa) को जोड़कर इन क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति करना है, ताकि कृषि, पेयजल और अन्य उपयोगों के लिए जल की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।
बता दें कि UPSC परीक्षा में यह परियोजना एक महत्वपूर्ण विषय है। इसलिए इस ब्लॉग में केन-बेतवा लिंक परियोजना (Ken Betwa Link Project in Hindi) के बारे में विस्तार से बताया गया है।
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क्या है केन बेतवा लिंक परियोजना?
केन-बेतवा लिंक परियोजना (Ken-Betwa Link Project) भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित एक प्रमुख अंतर-नदी सिंचाई परियोजना है, जिसका उद्देश्य मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के सूखाग्रस्त क्षेत्रों में जल आपूर्ति को सुनिश्चित करना है। इस परियोजना का क्षेत्र उत्तर प्रदेश के झाँसी, बांदा, ललितपुर और महोबा ज़िलों तथा मध्य प्रदेश के टीकमगढ़, पन्ना तथा छतरपुर ज़िलों में फैला हुआ है। बता दें कि केन-बेतवा लिंक परियोजना को वर्ष 2030 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
इस परियोजना में 77 मीटर लंबा तथा 2 किमी. चौड़ा ‘दौधन बांँध’ (Dhaudhan Dam) एवं 230 किलोमीटर लंबी नहर का निर्माण कार्य शामिल है। वहीं केन-बेतवा लिंक परियोजना देश की 30 नदियों को जोड़ने हेतु शुरू की गई ‘नदी जोड़ो परियोजनाओं’ ‘(River Interlinking Projects ) में से एक है। केंद्रीय बजट में इस परियोजना के लिए 44,605 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है।
केन बेतवा लिंक परियोजना का घटनाक्रम
केन बेतवा लिंक परियोजना का घटनाक्रम इस प्रकार है:-
तारीख | घटनाक्रम |
अगस्त 1980 | नेशनल परियोजना पत्र (NPP) तैयार किया गया। |
अगस्त 2005 | परियोजना की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) बनाने के लिए मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार ने समझौता किया। |
अप्रैल 2010 | राष्ट्रीय जल विकास एजेंसी (NWDA) ने केन-बेतवा परियोजना के पहले चरण की DPR तैयार की। |
जनवरी 2014 | NWDA ने परियोजना के दूसरे चरण की डीपीआर तैयार की। |
सितंबर 2014 | नदियों को आपस में जोड़ने के लिए एक विशेष समिति बनाई गई। |
अप्रैल 2015 | नदी जोड़ने के लिए जल संसाधन मंत्रालय ने एक टास्क फोर्स (विशेष टीम) बनाई। |
मार्च 2021 | मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश ने केन-बेतवा नदी जोड़ने के लिए जल शक्ति मंत्रालय के साथ समझौता किया। |
दिसंबर 2021 | कैबिनेट (केंद्र सरकार) ने इस परियोजना को मंजूरी दी और इसे लागू करने का फैसला लिया। |
फरवरी 2022 | केंद्र सरकार ने केंद्रीय बजट में इस परियोजना के लिए 44,605 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया। |
केन-बेतवा लिंक परियोजना का उद्देश्य
केन-बेतवा लिंक परियोजना (Ken Betwa Link Project in Hindi) का मुख्य उद्देश्य जल संकट को हल करना है, खासकर मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के प्रभावित इलाकों में। इस परियोजना के तहत, केन और बेतवा नदियों का पानी आपस में जोड़ा जाएगा, जिससे 10 लाख हेक्टेयर से ज्यादा कृषि भूमि को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा। इससे खेती में सुधार होगा और कृषि उत्पादन बढ़ेगा। इसके अलावा, यह परियोजना जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली सूखा और बाढ़ जैसी समस्याओं से निपटने में सहायक सिद्ध होगी। नदियों के जोड़ने से भूजल स्तर में सुधार होगा और पानी की उपलब्धता बढ़ेगी। इस परियोजना से आर्थिक विकास और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे, जिससे लोगों का जीवन स्तर बेहतर होगा।
केन-बेतवा लिंक परियोजना के लाभ
केन-बेतवा लिंक परियोजना के लाभ निम्नलिखित हैं:-
- यह परियोजना बुंदेलखंड क्षेत्र में पानी की कमी को दूर करने में मदद करेगी, जिससे कृषि और घरेलू पानी की आपूर्ति बेहतर होगी।
- बांध और नहर के जरिए पानी की आपूर्ति बढ़ने से क्षेत्र की 6.3 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई बेहतर होगी, जिससे कृषि उत्पादन में वृद्धि हो सकेगी।
- परियोजना से लगभग 62 लाख लोगों को पीने का पानी मिलेगा, जिससे पानी की कमी वाली जगहों पर जीवन स्तर बेहतर होगा।
- परियोजना में जलविद्युत संयंत्र का निर्माण भी किया जाएगा, जो 34 मिलियन किलोवाट बिजली उत्पन्न करेगा, जिससे क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति में सुधार होगा।
- यह परियोजना क्षेत्र में कृषि और उद्योग को बढ़ावा देगी, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और आर्थिक विकास होगा।
केन-बेतवा लिंक परियोजना की विशेषताएं
केन-बेतवा लिंक परियोजना की विशेषताएं (Ken Betwa Link Project in Hindi) निम्नलिखित है:-
- जल हस्तांतरण के लिए नहर का निर्माण : इस परियोजना में केन नदी से बेतवा नदी में पानी भेजने के लिए बांध और नहर बनाई जाएगी, ताकि इन दोनों नदियों को जोड़ा जा सके। नहर की लंबाई 230 किलोमीटर होगी। इसका मुख्य उद्देश्य बुंदेलखंड क्षेत्र में कृषि और घरेलू जरूरतों के लिए पानी की कमी को दूर करना है।
- उत्तर प्रदेश के जिले: बांदा, महोबा, झांसी और ललितपुर।
- मध्य प्रदेश के जिले: पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह, दतिया, विदिशा, शिवपुरी और रायसेन।
- जल संग्रहण के लिए बाँध का निर्माण: ‘पन्ना टाइगर रिजर्व’ में केन नदी पर ‘दौधन बाँध’ (Dhaudhan Dam) बनाया जाएगा। इस बांध के जरिए दो नदियों को जोड़ने वाली एक नहर बनेगी, जो छतरपुर, टीकमगढ़ और झांसी जिलों से होकर जाएगी। यह बांध हर साल 6.3 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई के लिए पानी जमा करेगा।
- जल संरक्षण: इस परियोजना का उद्देश्य मानसून के दौरान प्राप्त होने वाले जल का संरक्षण करना है। इस परियोजना से क्षेत्र के 62 लाख लोगों को पीने का पानी उपलब्ध कराने की परिकल्पना की गई है।
- जलविद्युत: इस परियोजना से जो जलविद्युत संयंत्र बनाया जाएगा, उसकी क्षमता लगभग 34 मिलियन किलोवाट बिजली उत्पन्न करने की होगी।
केन-बेतवा लिंक परियोजना से जुड़ी चुनौतियाँ
केन-बेतवा लिंक परियोजना से जुड़ी चुनौतियाँ निम्नलिखित हैं:-
पर्यावरणीय मुद्दे
- इस परियोजना से ‘पन्ना टाइगर रिजर्व’ का एक हिस्सा जलमग्न हो सकता है, जिससे बाघ, सियार और गिद्ध जैसे जानवरों के आवास पर असर पड़ेगा।
- केन घड़ियाल अभयारण्य (Ken Gharial Sanctuary) में बांध बनाने से पानी के प्रवाह पर बुरा असर होगा, जिससे घड़ियालों की संख्या पर भी प्रभाव पड़ सकता है।
- परियोजना के लिए लगभग 6 मिलियन पेड़ काटे जाएंगे, जिससे बुंदेलखंड क्षेत्र में वर्षा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
सामाजिक मुद्दे
- परियोजना के कारण कई लोगों को अपने घरों से विस्थापित होना पड़ेगा और उनका पुनर्वास करना पड़ेगा।
- इसके अलावा, पन्ना क्षेत्र में लोगों को स्वच्छ पानी की आपूर्ति में समस्या हो सकती है।
आर्थिक मुद्दे
- परियोजना की लागत करीब 45,000 करोड़ रुपये है, और विशेषज्ञों का मानना है कि इससे होने वाला लाभ परियोजना की लागत के बराबर नहीं हो सकता।
FAQs
केन-बेतवा लिंक परियोजना (Ken-Betwa Link Project) भारत की सबसे बड़ी और महत्वाकांक्षी अंतर-नदी लिंक परियोजना है, जिसका उद्देश्य मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के जल संकट को हल करना है।
केन-बेतवा लिंक परियोजना का बजट 44,605 करोड़ रुपये है।
इस परियोजना में 77 मीटर लंबा तथा 2 किमी. चौड़ा दौधन बांँध (Dhaudhan Dam) एवं 230 किलोमीटर लंबी नहर का निर्माण कार्य शामिल है।
केन-बेतवा लिंक परियोजना का कार्य 2024 में शुरू होने की उम्मीद है। इसे 2030 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
केन-बेतवा लिंक परियोजना से भारतीय किसानों और जल प्रबंधन को बहुत लाभ होगा। यह परियोजना पानी की कमी को दूर करेगी, जिससे 10 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा।
इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य पानी की कमी वाले क्षेत्रों में जल आपूर्ति को सुनिश्चित करना, कृषि उत्पादन में वृद्धि करना, और जलवायु परिवर्तन से निपटना है।
केन-बेतवा लिंक परियोजना के माध्यम से लगभग 10 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा।
परियोजना का पानी मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में पहुंचेगा, खासकर उन क्षेत्रों में जहां पानी की भारी कमी है और जहां खेती के लिए सिंचाई की आवश्यकता है।
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आशा है कि आपको इस ब्लॉग में केन बेतवा लिंक परियोजना (Ken Betwa Link Project in Hindi) से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी मिल गई होगी। ऐसे ही UPSC से जुड़े अन्य ब्लॉग पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।