का बरसा जब कृषि सुखाने मुहावरे का अर्थ और इसका वाक्य में प्रयोग

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का बरसा जब कृषि सुखाने मुहावरे का अर्थ

का बरसा जब कृषि सुखाने मुहावरे का अर्थ (Ka Barsa Jab Krishi Sukhane Muhavare Ka Arth) होता है, अवसर बीत जाने पर सहायता व्यर्थ है। जब कोई व्यक्ति समय बीत जाने पर किसी की मदद करता है, तो उस स्थिति के संदर्भ में इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है। इस ब्लॉग के माध्यम से आप का बरसा जब कृषि सुखाने मुहावरे का अर्थ, इसका वाक्यों में प्रयोग और इसकी व्याख्या के बारे में जानेगें।

मुहावरे किसे कहते हैं?

मुहावरे और उनके अर्थ – किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है, उसे मुहावरा कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है।

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का बरसा जब कृषि सुखाने मुहावरे का अर्थ क्या है?

का बरसा जब कृषि सुखाने मुहावरे का अर्थ (Ka Barsa Jab Krishi Sukhane Muhavare Ka Arth) होता है- अवसर बीत जाने पर सहायता व्यर्थ है। आसान शब्दों में समझें तो इस मुहावरे का प्रयोग उस स्थिति का वर्णन करने के लिए किया जाता है, जिसमें कोई व्यक्ति किसी की समय बीत जाने के बाद सहायता करता है या सहायता करने का प्रयास करता है तो वो व्यर्थ ही मानी जाती है।

का बरसा जब कृषि सुखाने पर व्याख्या

“का बरसा जब कृषि सुखाने” हिंदी भाषा का एक बेहद लोकप्रिय मुहावरा है जिसका अर्थ होता है- अवसर बीत जाने पर सहायता व्यर्थ है। जैसे – रोहित के संकट के समय पर किसी ने उसका साथ न दिया, अब सब उसके साथ होने की बात करते हैं, लेकिन का बरसा जब कृषि सुखाने।

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का बरसा जब कृषि सुखाने मुहावरे का वाक्य प्रयोग

का बरसा जब कृषि सुखाने मुहावरे का वाक्य में प्रयोग निम्नलिखित है;

  • जरुरत के समय में देवांग को स्तुति ने अकेला छोड़ा, आज देवांग कामयाब है तो हर कोई उसके साथ है लेकिन अब का बरसा जब कृषि सुखाने।
  • मँछी को परीक्षा के समय में किताब की आवश्यकता थी, तब तो उसकी किसी ने मदद की नहीं लेकिन अब सब उसके साथ खड़े हैं, अब का बरसा जब कृषि सुखाने।
  • का बरसा जब कृषि सुखाने एक ऐसा मुहावरा है, जिसका अर्थ है अवसर बीत जाने पर सहायता व्यर्थ है।
  • एक दौर था कि नए शहर में नवीन अकेला पड़ गया था, आज सफलता के बाद सब उसके साथ खड़े होने का दम भरता है लेकिन का बरसा जब कृषि सुखाने।
  • मनोज का स्वास्थ्य बिगड़ने पर कोई रिश्तेदार उसके काम न आया, आज उसके सुखों का हर कोई हिस्सेदार बनना चाहता है लेकिन का बरसा जब कृषि सुखाने।

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आशा है कि आपको का बरसा जब कृषि सुखाने मुहावरे का अर्थ (Ka Barsa Jab Krishi Sukhane Muhavare Ka Arth) आपको समझ आया होगा। हिंदी मुहावरे के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।

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