जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा बनाना सीखें इस तरह से

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जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा बनाना (2)

संस्कृत, हिंदी, और अन्य भारतीय भाषाओं में संज्ञा एक महत्वपूर्ण वाक्यांश है जो किसी वस्तु, व्यक्ति, स्थान, गुण या विचार का नाम देता है। संज्ञा के कई प्रकार होते हैं, जिनमें से जातिवाचक संज्ञा और भाववाचक संज्ञा का महत्वपूर्ण स्थान है। इस लेख में जातिवाचक संज्ञा और भाववाचक संज्ञा के बारे में विस्तार से जानने के अलावा यह भी समझेंगे जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा बनाना।

जातिवाचक संज्ञा की परिभाषा क्या है?

जिन शब्दों से एक जाति के सभी प्राणियों अथवा वस्तुओं का बोध हो उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। जातिवाचक संज्ञा वह संज्ञा होती है जो किसी विशेष प्रकार या वर्ग की वस्तु, व्यक्ति, स्थान या जीव का नाम देती है। यह संज्ञा समूह या वर्ग को दर्शाती है, न कि किसी विशेष या व्यक्तिगत वस्तु को। जातिवाचक संज्ञाओं का उपयोग उस वर्ग के हर सदस्य के लिए किया जाता है। जैसे- बच्चा, जानवर, नदी, अध्यापक, बाजार, पहाड़, खिड़की आदि।

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भाववाचक संज्ञा की परिभाषा क्या है?

भाववाचक संज्ञाएँ किसी विशेष स्थिति, भावना, या मानसिक स्थिति को व्यक्त करती हैं और इनका भौतिक रूप नहीं होता। भाववाचक संज्ञा वह संज्ञा होती है जो किसी भाव, विचार, गुण, अवस्था या स्थिति को व्यक्त करती है। यह संज्ञा किसी ठोस या भौतिक रूप में नहीं होती, बल्कि यह अमूर्त होती है। जैसे: मिठास, बुढ़ापा, गरीबी, आजादी, साहस, वीरता, आदि।

जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा कैसे बनाते हैं?

जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा बनाने के लिए कुछ विशेष प्रत्ययों का प्रयोग किया जाता है। यह प्रक्रिया बहुधा किसी विशेष गुण, अवस्था, या विचार को व्यक्त करने के लिए की जाती है। उदाहरण के साथ जातिवाचक से भाववाचक संज्ञा बनाना यहां बताया जा रहा है-

  • ता (Ta) प्रत्यय- इस प्रत्यय का प्रयोग जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा बनाने के लिए किया जाता है। यह प्रत्यय किसी गुण, अवस्था या स्थिति को व्यक्त करता है। उदाहरण: सज्जन (जातिवाचक संज्ञा) → सज्जनता (भाववाचक संज्ञा)
    यहाँ ‘सज्जन’ एक व्यक्ति को दर्शाता है, और ‘सज्जनता’ उस गुण को व्यक्त करता है, जो किसी व्यक्ति के पास होता है। मित्र (जातिवाचक संज्ञा) → मित्रता (भाववाचक संज्ञा) ‘मित्र’ व्यक्ति के वर्ग को दर्शाता है, और ‘मित्रता’ उस संबंध या भावना को व्यक्त करता है जो मित्रों के बीच होती है।
  • पण (Pan) प्रत्यय– यह प्रत्यय भी किसी व्यक्ति के गुण या स्थिति को व्यक्त करने के लिए प्रयोग किया जाता है। यह प्रत्यय जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा बनाने में सहायक होता है। उदाहरण: कवि (जातिवाचक संज्ञा) → कविपण (भाववाचक संज्ञा) यहां ‘कवि’ एक व्यक्ति को दर्शाता है और ‘कविपण’ उस व्यक्ति के काव्यकला के गुण को व्यक्त करता है।
  • वत्ता (-watta) प्रत्यय- यह प्रत्यय किसी गुण या विशेषता को व्यक्त करता है। इसका प्रयोग विशेषत: गुणसूचक भाववाचक संज्ञाएँ बनाने के लिए किया जाता है। उदाहरण: धन (जातिवाचक संज्ञा) → धनवत्ता (भाववाचक संज्ञा)। यहां ‘धन’ वस्तु का नाम है और ‘धनवत्ता’ उस वस्तु के धन होने के गुण को व्यक्त करता है।

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जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा बनाना

उदाहरण के साथ जातिवाचक से भाववाचक संज्ञा बनाना यहां बताया जा रहा है-

जातिवाचक संज्ञाभाववाचक संज्ञा
इंसानइंसानियत
ईमानईमानदारी
ईश्वरईश्वरत्व
क्षत्रियक्षत्रियत्व
गुरुगुरुत्व
घरघरेलू
चोरचोरी
ठगठगी
डाकूडकैती
दानवदानवता
देवदेवत्व
दोस्तदोस्ती
नरनरत्व
नारीनारीत्व
नेतानेतृत्व
पशुपशुता/पशुत्व
पुरुषपुरुषत्व
प्रभुप्रभुता/प्रभुत्व
बंधुबंधुत्व
बच्चाबचपन
बालबालपन
बूढ़ाबुढ़ापा
भ्रातृभ्रातृत्व
मनुष्यमनुष्यता/मनुष्यत्व
मर्दमर्दानगी
मातामातृत्व
मानवमानवता
मित्रमित्रता/मैत्री
राष्ट्रराष्ट्रीयता
लड़कालड़कपन
वक्तावाक्तृत्व/वक्तृता
वत्सवात्सल्य
विद्वानविद्वत्ता
वीरवीरत्व/वीरता
व्यक्तिव्यक्तित्व
शत्रुशत्रुता
शिशुशैशव/शिशुता
संस्कृतिसंस्कार
सज्जनसज्जनता
सेवकसेवा
स्त्रीस्त्रीत्व।

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50+ जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा बनाना

यहां 50 उदाहरण दिए गए हैं, जिनमें जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा बनाई गई है:

जातिवाचक संज्ञाभाववाचक संज्ञाउदाहरण
पुस्तकपुस्तकितापुस्तक का महत्व (पुस्तकिता)
बालकबालकत्वबालक का व्यवहार (बालकत्व)
विद्यार्थीविद्यार्थीपनविद्यार्थी का अनुशासन (विद्यार्थीपन)
राजाराज्याधिकारराजा का शासन (राज्याधिकार)
पुस्तकालयपुस्तकालयतापुस्तकालय में शांति (पुस्तकालयता)
फूलफूलपनफूलों की सुंदरता (फूलपन)
आदमीमानवतामानवता का पालन (मानवता)
सेनासैन्यशक्तिसेना की शक्ति (सैन्यशक्ति)
कलमकलमकारितालेखक की कलमकारिता (कलमकारिता)
कविकवित्वकवि का उत्कृष्ट कवित्व (कवित्व)
लड़कीललिततालड़की का सौंदर्य (ललितता)
आदमीपुरुषत्वआदमी की ताकत (पुरुषत्व)
चित्रचित्रकलाचित्रकार की चित्रकला (चित्रकला)
गानागायनगायक का गायन (गायन)
मनुष्यमनुष्यतामनुष्य का धर्म (मनुष्यता)
विद्यार्थीअध्ययनशीलताविद्यार्थी की मेहनत (अध्यानशीलता)
सिखसिखतासिख की निष्ठा (सिखता)
मित्रमित्रतादोस्तों के बीच मित्रता (मित्रता)
बच्चाबचपनबचपन की यादें (बचपन)
शिक्षकशिक्षकताशिक्षक का कार्य (शिक्षकता)
गुलाबगुलाबितागुलाब की सुगंध (गुलाबिता)
किसानकिसानताकिसान का परिश्रम (किसानता)
घोड़ाघोड़ापनघोड़े की चाल (घोड़ापन)
छात्राछात्रत्वछात्रा का अनुशासन (छात्रत्व)
व्यक्तिव्यक्तित्वव्यक्ति का स्वभाव (व्यक्तित्व)
नेतानेतृत्वनेता का विचार (नेतृत्व)
फूलोंफूलत्वफूलों की खुशबू (फूलत्व)
बच्चाबचपनाबचपन का अनुभव (बचपना)
इंसानइंसानियतइंसानियत का पालन (इंसानियत)
शिवशिवत्वशिव की भक्ति (शिवत्व)
देवतादेवत्वदेवता की पूजा (देवत्व)
कलाकला रूपकला का महत्व (कला रूप)
सन्तसंतत्वसन्त की तपस्या (संतत्व)
त्यागत्यागीपनत्याग का आदर्श (त्यागीपन)
राजाराजतंत्रराजतंत्र की व्यवस्था (राजतंत्र)
जीवनजीवन्तताजीवन की सुंदरता (जीवन्तता)
खिलाड़ीखेलभावनाखिलाड़ी की मेहनत (खेलभावना)
खगखगत्वखगों की उड़ान (खगत्व)
आदमीआदमीयतआदमी की समझ (आदमीयत)
सैनिकसैनिकीसैनिक का कर्तव्य (सैनिकी)
कर्मचारीकर्मचारिताकर्मचारी की कार्यक्षमता (कर्मचारिता)
परिवारपरिवारिकतापरिवार की एकता (परिवारिकता)
स्त्रीस्त्रीत्वस्त्री की शक्ति (स्त्रीत्व)
बच्चाबचपनपनबच्चे की मुस्कान (बचपनपन)
लेखकलेखनलेखक का लेखन (लेखन)
युवायौवनयुवा का जोश (यौवन)
बुद्धिबुद्धिमत्ताबुद्धि का विकास (बुद्धिमत्ता)
कर्मीकर्मठताकर्मी का परिश्रम (कर्मठता)
उत्सवउत्सविताउत्सव की खुशी (उत्सविता)
गायगायिकागाय का महत्व (गायिका)।
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FAQs

जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा कैसे बनती है?

उत्तर: जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा बनाने के लिए हम कुछ विशेष प्रत्ययों का प्रयोग करते हैं। ये प्रत्यय गुण, अवस्था, या स्थिति को व्यक्त करने वाले शब्दों का निर्माण करते हैं। प्रत्यय: -ता (-ta), -पन (-pan), -वत्ता (-watta), -त्व (-tva), -भावना (-bhavana), आदि।

क्या भाववाचक संज्ञा से किसी जातिवाचक संज्ञा को बनाया जा सकता है?

आमतौर पर भाववाचक संज्ञा से जातिवाचक संज्ञा नहीं बनाई जाती क्योंकि भाववाचक संज्ञा किसी अमूर्त विचार, भावना या गुण को व्यक्त करती है, जबकि जातिवाचक संज्ञा भौतिक वस्तुओं, स्थानों या व्यक्तियों के वर्ग का नाम देती है। लेकिन कुछ विशेष स्थितियों में यह संभव हो सकता है।

क्या जातिवाचक संज्ञा और भाववाचक संज्ञा का उपयोग भाषा में समान रूप से किया जाता है?

हां, जातिवाचक संज्ञाएँ और भाववाचक संज्ञाएँ दोनों का ही उपयोग भाषा में विभिन्न प्रकार के वाक्य बनाने के लिए किया जाता है। जबकि जातिवाचक संज्ञाएँ किसी वस्तु या व्यक्ति की श्रेणी या वर्ग को दर्शाती हैं, वहीं भाववाचक संज्ञाएँ मानसिक या भावनात्मक अवस्थाओं को व्यक्त करती हैं।

क्या किसी भाववाचक संज्ञा का प्रयोग सीधे वाक्य में किया जा सकता है?

हां, भाववाचक संज्ञाओं का प्रयोग वाक्य में सीधे किया जा सकता है। उदाहरण: उसने सच्चाई को स्वीकार किया।

उम्मीद है कि आपको इस ब्लॉग में जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा बनाना अच्छा लगा होगा। हिंदी व्याकरण से जुड़े अन्य ब्लॉग पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहिए।

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