जैसलमेर भारत का एक ऐतिहासिक नगर है। यह भारत के पश्चिमी प्रांत राजस्थान में स्थित है। इतिहास के अनुसार महाभारत के युद्ध के बाद राजस्थान में यादव वंश के लोग भारी संख्या में रहने के लिए आए थे। ये भगवान कृष्ण के वंशज माने जाते हैं। जैसलमेर पर अनेक राजवंशों ने शासन किया जिसमें से भाटी वंश का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। यहाँ जैसलमेर भाटी वंशावली के बारे में बताया जा रहा है।
जैसलमेर पर शासन करने वाले भाटी वंश के राजाओं के नाम (जैसलमेर भाटी वंशावली)
यहाँ जैसलमेर पर शासन करने वाले भाटी (जैसलमेर भाटी वंशावली) वंश के राजाओं के नाम दिए जा रहे हैं :
- भट्टी (285 ई.)
- मंगलराव भाटी
- देवराज
- राव जैसल (1155 ई. )
- जैत्र सिंह (1275 ई.)
- मूलराज प्रथम
- घड़सी
- रावल दूदा (1370-71)
- लूणकरण (1528 ई.)
- हरराय भाटी (1570 ई.)
- भीम सिंह भाटी
- मूलराज
- जवाहर सिंह भाटी
जैसलमेर जिले की भाषा
यहाँ जैसलमेर जिले की भाषा से जुड़े कुछ तथ्य बताए जा रहे हैं :
- जैसलमेर में बोली मुख्यतः राजस्थान के मारवा क्षेत्र में बोली जाने वाली मारवाड़ी का एक भाग ही है। परन्तु जैसलमेर क्षेत्र में बोली जानेवाली भाषा थली या थार के रेगिस्तान की भाषा है।
- इसका स्वरुप राज्य के विभिन्न स्थानों पर भिन्न-भिन्न है। उदाहरण स्वरुप लखा,म्याजलार के इलाके में मालानी घाट व भाषाओं का मिश्रण बोला जाता है।
- इसके अतिरिक्त यहाँ परगना सम, सहागढ़ व घोटाडू की भाषा में थाट, व सिंधी भाषा का मिश्रित रूप भी प्रचलित है।
जैसलमेर से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य
यहाँ जैसलमेर से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य बताए जा रहे हैं :
- जैसलमेर राजस्थान के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है।
- जैसलमेर को गोल्डन सिटी कहा जाता है। इसका कारण इसके रेगिस्तान का रेत है। रेगिस्तान के रेत पर जब सूरज की किरणें पड़ती हैं तो वह सोने की तरह चमकता हुआ प्रतीत होता है।
- जैसलमेर में कई जैन मंदिर और विशाल हवेलियां स्थित हैं।
उम्मीद है कि इस ब्लॉग में आपको जैसलमेर भाटी वंशावली के बारे में जानकारी मिल गयी होगी। ऐसे ही अन्य रोचक और महत्वपूर्ण ब्लॉग पढ़ने के लिए बने रहिये Leverage Edu के साथ बने रहिए।