क्या आप सोच रहे हैं Harihar Mein Kaunsa Samas Hai? तो आपको बता दें कि हरि-हर में द्वंद्व समास है। यह जानने से पहले की द्वंद्व समास क्या होता है, यह जानते हैं कि समास किसे कहते हैं? जिस समास में दोनों पद प्रधान हो तथा विग्रह करने पर उनके बीच ‘तथा’, ‘या’, ‘अथवा’, ‘एवं’ या ‘और’ का प्रयोग होता है वह द्वंद्व समास कहलाता है। Harihar Mein Kaunsa Samas Hai यह तो आप जान गए हैं, आप इस ब्लॉग में आगे जानेंगें हरि-हर का समास विग्रह, हरि-हर में द्वंद्व समास क्यों हैं, द्वंद्व समास क्या होता है साथ ही द्वंद्व समास के कुछ अन्य उदाहरण।
समास की परिभाषा क्या है?
अलग अर्थ रखने वाले दो शब्दों या पदों (पूर्वपद तथा उत्तरपद) के जोड़ से बना तीसरा नया शब्द या पद समास (Samas in Hindi) या समस्त पद कहलाता है और वह प्रक्रिया जिसके द्वारा ‘समस्त पद’ बनता है, समास-प्रक्रिया कही जाती है।
हरि-हर का समास विग्रह क्या होगा?
हरि-हर का समास विग्रह है हरि और हर। सामासिक शब्दों के बीच के संबंध को स्पष्ट करने को समास – विग्रह कहते हैं। विग्रह के बाद सामासिक शब्द लुप्त हो जाते है।
द्वंद्व समास क्या होता है?
द्वंद्व समास में कोई पद गौण नहीं होता बल्कि दोनों ही पद प्रधान होते हैं। समस्तपद बनाते समय दोनों पदों को जोड़ने वाले समुच्चयबोधक अव्ययों- ‘और’, ‘तथा’, ‘या’ आदि को हटा दिया जाता है तथा विग्रह करते समय इनको पुनः दोनों पदों के बीच जोड़ दिया जाता है; जैसे- राम-श्याम, इसका विग्रह होगा- राम और श्याम। द्वंद्व समास के उदाहरण इस प्रकार हैंः
समस्तपद | विग्रह |
दाल-चावल | दाल और चावल |
जल-थल | जल और थल |
माता-पिता | माता और पिता |
नदी-नाले | नदी और नाले |
बाप-दादी | बाप और दादा |
छोटा-बड़ा | छोटा और बड़ा |
राधा-कृष्ण | राधा और कृष्ण |
पूर्व-पश्चिम | पूर्व और पश्चिम |
आगे-पीछे | आगे और पीछे |
गुण-दोष | गुण और दोष |
स्वर्ग-नर्क | स्वर्ग और नर्क |
अन्न-जल | अन्न और जल |
खट्टा-मीठा | खट्टा और मीठा |
रात-दिन | रात और दिन |
हार-जीत | हार और जीत |
पाप-पुण्य | पाप और पुण्य |
राजा-रंक | राजा और रंक |
जीवन-मरण | जीवन और मरण। |
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उम्मीद है कि Harihar Mein Kaunsa Samas Hai आपको समझ आया होगा। यदि आप समास के अन्य प्रश्नों से जुड़े ब्लॉग्स पढ़ना चाहते हैं तो Leverage Edu के साथ बनें रहें।