घी के चिराग जलाना मुहावरे का अर्थ (Ghee Ke Chirag Jalaana Muhavare Ka Arth) होता है, खुशी मनाना। जब कोई व्यक्ति बेहद खुश होता है, तो उस स्थिति के संदर्भ में इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है। इस ब्लॉग के माध्यम से आप घी के चिराग जलाना मुहावरे का अर्थ, इसका वाक्यों में प्रयोग और इसकी व्याख्या के बारे में जानेगें।
मुहावरे किसे कहते हैं?
मुहावरे और उनके अर्थ – किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है, उसे मुहावरा कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है।
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घी के चिराग जलाना मुहावरे का अर्थ क्या है?
घी के चिराग जलाना मुहावरे का अर्थ (Ghee Ke Chirag Jalaana Muhavare Ka Arth) होता है- खुशी मनाना। आसान शब्दों में समझें तो इस मुहावरे का प्रयोग उस स्थिति का वर्णन करने के लिए किया जाता है, जिसमें कोई व्यक्ति किसी शुभ समाचार पर या किसी ख़ुशी की बात का जश्न मनाते हैं।
घी के चिराग जलाना पर व्याख्या
“घी के चिराग जलाना” हिंदी भाषा का एक बेहद लोकप्रिय मुहावरा है जिसका अर्थ होता है- खुशी मनाना। इस मुहावरे के माध्यम से ऐसी स्थिति को परिभाषित करना आसान हो जाता है, जहाँ कोई व्यक्ति किसी मंगल बेला का आनंद मनाता है या किसी शुभ घड़ी का उत्सव मनाता है।
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घी के चिराग जलाना मुहावरे का वाक्य प्रयोग
घी के चिराग जलाना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग निम्नलिखित है;
- भगवान राम का बनवास पूर्ण हुआ, जिसके उपलक्ष्य में अयोध्यावासियों ने घी के चिराग जलाए।
- देवांग चाहता था कि जीवन में एक न एक बार उसको भी घी के चिराग जलाने का अवसर प्रदान हो।
- विशाखा के स्वस्थ होने पर परिवारजनों ने घी के चिराग जलाए।
- रितिका ने कड़ा परिश्रम किया कर परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त किए, जिस पर उसके जीवन में घी के चिराग जले।
- वैभव ने दिवाली पर्व का उत्सव अपने प्रतिष्ठान पर घी के चिराग जलाकर मनाया।
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आशा है कि आपको घी के चिराग जलाना मुहावरे का अर्थ (Ghee Ke Chirag Jalaana Muhavare Ka Arth) आपको समझ आया होगा। हिंदी मुहावरे के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।