संधि, हिंदी व्याकरण के महत्वपूर्ण विषयों में से एक है। इसका शाब्दिक अर्थ है- मेल। यानी दो वर्णों के परस्पर मेल से जो परिवर्तन होता है, उसे संधि कहा जाता है और दो शब्दों के मेल से बने शब्द को पुनः अलग अलग करना संधि विच्छेद कहलाता है।
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Ganesh ka Sandhi Viched क्या है?
इस लेख में हम जानेंगे कि गणेश का संधि विच्छेद क्या होगा। तो आईये आपको बताते हैं कि गणेश का संधि विच्छेद होगा “गण+ ईश”। गणेश शब्द में गुण संधि लागू होती है।
गुण संधि क्या है?
यदि ‘अ’ या ‘आ’ के साथ इ/ई आए तो ‘ए’ ; ऊ/ऊ आए तो ‘ओ’ और ‘ऋ’ आए तो ‘अर’ बनता है। इस प्रकार से बनने वाले शब्दों को गुण संधि कहा जाता है।
इस संधि के 3 रूप होते हैं जो कि निम्नलिखित है-
- जब अ,आ के साथ इ, ई हो तो “ए” बनता है।
- जब अ,आ के साथ उ,ऊ हो तो “ओ” बनता है।
- जब अ,आ के साथ ऋ हो तो” अर” बनता है।
उदाहरण
- नर + इंद्र = नरेंद्र
- प्र + ईक्षा = प्रेक्षा
- महा + ईश = महेश
गणेश से बनने वाले शब्दों का वाक्य में प्रयोग
गणेश से बनने वाले शब्दों का वाक्य में प्रयोग निम्नलिखित है:
- आज देशभर में गणेश चतुर्थी मनाई जा रही है।
- गणेश जी के मंदिर में हर दिन हज़ारों श्रद्धालु पूजा करने आते हैं।
- नीरज प्रतिदिन लक्ष्मी गणेश की आराधना करता है।
- गणेश भगवान को कई स्थानों पर अंबिकेय के नाम से भी जाना जाता है।
- दीपावली में लक्ष्मी गणेश जी की पूजा की जाती है।
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आशा करते हैं कि इस ब्लॉग से आपको Ganesh ka Sandhi Viched पता चल गया होगा। संधि से जुड़े हुए अन्य महत्वपूर्ण और रोचक ब्लॉग पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहिए।