Essay On Qutub Minar in Hindi : भारत की राजधानी दिल्ली में कई प्रमुख स्मारक हैं। इन सभी स्मारकों की संरचनाएँ वास्तुशिल्प विवरण प्रदर्शित करती हैं और हमें दिल्ली और इसके शासक राजवंशों के इतिहास के बारे में बताती हैं। इनको देख कर आज भी लोग दूर-दूर से आते हैं। इनमें से ऐसा ही एक स्मारक है कुतुब मीनार। यह एक लाल और भूरे बलुआ पत्थर की मीनार है, जिसमें अरबी और नागरी शिलालेख हैं। तो चलिए जानते हैं Essay On Qutub Minar in Hindi के बारे में कुछ अन्य रोचक तथ्य।
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कुतुब मीनार पर निबंध 100 शब्द में
कुतुब मीनार दिल्ली के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। कुतुब मीनार 73 मीटर की ऊंचाई वाली ईंटों से बनी सबसे ऊंची मीनार है। इसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल भी माना जाता है। कुतुबमीनार को विजय का प्रतीक भी माना जाता है। यही नहीं इसे दिल्ली सल्तनत की निशानी माना जाता है। कुतुब मीनार की इसकी ऊंचाई 62 मीटर है और इसका निर्माण वर्ष 1190 में किया गया था। यह वास्तुकला जाम की मीनार के निर्माण से प्रेरित थी। इस मीनार के वास्तुशिल्प में इंडो-इस्लामिक और अफगानी दोनों शैलियों को मिलाकर बनाया गया है। टॉवर धीरे-धीरे शीर्ष पर सिकुड़ता जाता है और इसमें 379 सीढ़ियाँ हैं।
कुतुब मीनार पर निबंध 200 शब्द में
क़ुतुबमीनार के प्रत्येक मंजिल में बाहर निकलती सुंदर बालकनियाँ हैं। इसे विशाल ऐतिहासिक महत्व के कारण, भारत में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थलों में गिना जाता है। क़ुतुबमीनार में भारत की पहली मस्जिद कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद है, जिसका निर्माण उत्तरपूर्वी हिस्से में 1198 में किया गया था। सम्राट कुतुब-उद-दीन ऐबक ने राजा पृथ्वीराज चौहान को हराने के बाद इस मीनार का निर्माण शुरू कराया था। उनकी जीत से भारत में मुस्लिम सम्राटों के शासन की शुरुआत हुई। ऐबक के उत्तराधिकारी और उसके दामाद शम्स-उद-दीन इल्तुतमिश ने अपनी देखरेख में तीन और स्तरों का निर्माण कराया।
क़ुतुबमीनार संगमरमर और लाल बलुआ पत्थर से बनी है। मुगल काल की प्रमुख निशानियां में से एक क़ुतुबमीनार का निर्माण सन् 1199 से 1220 में शुरू हुआ था। कुतुब मीनार दुनिया की सबसे ऊंची ईंट से बनी मीनार है। इसकी ऊंचाई 72.5 मीटर है और इसका निर्माण कुतुब-उद-दीन ऐबक ने शुरू करवाया था। इस मीनार का निर्माण अफगानिस्तान में स्थित जाम की मीनार की वास्तुकला के अनुरूप किया गया था।
कुतुब मीनार पर निबंध 500 शब्द में
कुतुब मीनार का इतिहास
कुतुब मीनार दिल्ली में एक विश्व धरोहर स्थल है। मुहम्मद-बिन-सैम (मुहम्मद गोरी) द्वारा पृथ्वी राज चौहान को हराने से पहले यह भूमि तोमर राजपूतों और चौहानों के पास थी। 1060 ई. में पृथ्वी राज चौहान को हराने के बाद गोरी ने अपने गवर्नर कुतुब-उद-दीन ऐबक को भारत पर शासन करने के लिए छोड़ दिया और इस तरह भारत में गुलाम वंश की शुरुआत हुई थी। इस मीनार का निर्माण कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1193 में शुरू करवाया था। कुतुब मीनार काम ऐबक द्वारा शुरू करवा गया था, कार्य के दौरान ही उसकी मृत्यु हो गई। इसके बाद इल्तुतमिश ने जो ऐबक के बाद दिल्ली की गद्दी पर बैठा उसने इसने मीनार की तीन मंजिलों का निर्माण कराया।
कुतुब मीनार का निर्माण कब हुआ
भारत कि यह सुप्रसिद्ध मीनार दिल्ली के पहले मुस्लिम शासक कुतुबुद्धीन ऐबक ने 1200 ई. में इसके निर्माण कार्य शुरु कराया किन्तु वे केवल इसका आधार ही पूरा कर पाए थे। इनके उत्तराधिकारी अल्तमश ने इसकी तीन मंजिलें बनाई और 1368 में फिरोजशाह तुगलक ने पांचवीं और अंतिम मंजिल बनवाई थी। आपको बता दें की 238 फीट कुतुबमीनार का आधार 17 फीट और शीर्ष 9 फीट का है। इस मीनार कि शिलालेख अपने में ही इसकी व्याख्या बताती है और यही नहीं इसमें चार बालकनी भी हैं। कुतुब परिसर के खंड़हरों में भी कुव्वत-ए-इस्लाम मस्जिद विश्व का एक भव्य मस्जिद मानी जाती है। जिसका निर्माण कुतुबुद्धीन-ऐबक ने 1193 में शुरू कराया और 1197 में ये बनकर तैयार हो गई थी।
कुतुब मीनार की विशेषता
क़ुतुब मीनार की ऊँचाई 73 मीटर (239.5 फीट) और व्यास 14.3 मीटर है, जो ऊपर जाकर शिखर पर 2.75 मीटर (9.02 फीट) हो जाता है। इस मीनार में 379 सीढ़ियाँ हैं। मीनार के चारों तरफ बने आंगन में भारतीय कला के कई उत्कृष्ट आकृतियां हैं, जिनमें से कई नमूने क़ुतुब मीनार के निर्माण काल सन 1192 के हैं। यह परिसर युनेस्को द्वारा विश्व धरोहर के रूप में स्वीकृत किया गया है।
क़ुतुब मीनार किसने बनवाया था?
कुतुब मीनार एक विशाल मील का पत्थर है जो देश के ही नहीं विदेश के लोगों को आकर्षित करता है। कुतुब मीनार करीब 800 से अधिक वर्षों से ऐसा ही बना हुआ है। सन 1199 से 1220 में कुतुब मीनार को बनाया गया था। जिसे बनाने की शुरुआत कुतुबुद्दीन-ऐबक ने की थी.
कुतुब मीनार इमारत की मंजिलें
क़ुतुबमीनार कि ऊंचाई 73 मीटर (239.5 फीट) है। मीनार में पांच मंजिलें हैं, जिनकी व्यास 14.3 मीटर, 12.2 मीटर, 2.7 मीटर, 2.2 मीटर और 2.2 मीटर है। मीनार का आधार एक वर्गाकार प्लेटफॉर्म पर स्थित है, जिसकी प्रत्येक भुजा 30 मीटर लंबी है। क़ुतुबमीनार लोगों के बीच आज भी आकर्षक का केंद्र बना हुआ है।
कुतुब मीनार के बारे में 10 लाइन
- क़ुतुब मीनार भारत में दक्षिण दिल्ली के महरौली में स्थित है, यह ईंट से बनी विश्व की सबसे ऊँची मीनार है। इसकी ऊँचाई 73 मीटर (239.5 फीट) है।
- क़ुतुबमीनार की मीनार लगभग 238 फीट ऊँची है, जिसमें लगभग 379 सीढ़ियां हैं, जो कि गोलाई में बनाई गई है।
- क़ुतुबमीनार में 1974 से पहले आम जनता को मीनार के टॉप तक जाने की अनुमति थी।
- कुतुब मीनार परिसर में आयरन का पिलर 2000 वर्षों से अधिक समय से बिना जंग लगे खड़ा है।
- मीनार का निर्माण 1199 में शुरू हुआ और 1220 में पूरा हुआ था।
- क़ुतुबमीनार को लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर से तैयार किया गया था।
- क़ुतुबमीनार में तकरीबन 379 सीढ़ियां हैं।
- इसे 1993 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था।
- कुव्वत-उल-इस्लाम मीनार के समान परिसर में बनी एक मस्जिद है।
- क़ुतुबमीनार को 12वीं शताब्दी में कुतुबुद्दीन ऐबक ने अंतिम हिंदू साम्राज्य के शासन के अंत को चिह्नित करने के लिए बनवाया था। इसलिए इसे विजय मीनार के नाम से भी जाना जाता है।
उपसंहार
क़ुतुबमीनार में हर वर्ष नवंबर-दिसंबर के महीने में कुतुब महोत्सव, एक वार्षिक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। यह कार्यक्रम तीन दिनों तक चलता है जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कराया जाता हैं। कुतुब मीनार के पास कई घूमने की जगहें। जैसे- जफर महल (1.5 किमी), जहाज़ महल (2 किमी), अधम खान का मकबरा (850 मीटर), हज़रत ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी की दरगाह (1.4 किमी), हौज़-ए-शम्सी (2.1 किमी), जमाली कमाली मस्जिद और मकबरा (3.3 किमी) और बलबन का मकबरा (3.3 किमी).
FAQ
1200 ईस्वी में बनवाया था।
कुतुब मीनार पांच मंजिल की इमारत है।
कुतुब या कुटुब मीनार है।
गुलाम वंश ने।
4 दिसंबर 1981।
इल्तुतमिश है।
1199 से 1220 के दौरान कराया गया था.
आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको Essay On Qutub Minar in Hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य निबंध से संबंधित ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।