डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का नाम सुनते ही प्रेरणा, सादगी और मेहनत की छवि मन में उभर आती है। उनका जीवन यह सिखाता है कि परिस्थितियां चाहे जैसी हों, सपनों को सच्चे मन से पूरा किया जा सकता है। बच्चे हों या बड़े हर कोई उनकी सोच और वैज्ञानिक दृष्टि से सीख लेता है। उनका नाम भारतीय विज्ञान और शिक्षा के क्षेत्र में स्वर्णाक्षरों में लिखा गया है। उन्हें ‘मिसाइल मैन’ के रूप में सम्मानित किया जाता है और वे भारत के 11वें राष्ट्रपति भी रह चुके हैं। इसी वजह से स्कूलों में अक्सर अब्दुल कलाम पर निबंध लिखने को दिया जाता है, ताकि छात्र उनके जीवन से प्रेरणा ले सकें और अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ने की हिम्मत पा सकें। इस ब्लॉग में दिए गए डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध के सैंपल आपको अपना निबंध तैयार करने में मदद कर सकते हैं।
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डॉ.ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर 100 शब्दों में निबंध
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम भारत के 11वें राष्ट्रपति थे। वे एक महान वैज्ञानिक और एयरोस्पेस इंजीनियर थे, जिन्होंने भारत के मिसाइल कार्यक्रम को मजबूती प्रदान की। इसी योगदान के कारण उन्हें “मिसाइल मैन ऑफ इंडिया” के नाम से जाना जाता है। उनका जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। उन्होंने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत ‘रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन’ (DRDO) से की और बाद में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) से जुड़े।
ISRO में वे भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण वाहन (SLV-III) के प्रोजेक्ट डायरेक्टर रहे। DRDO में रहते हुए उन्होंने ‘अग्नि’ और ‘पृथ्वी’ जैसी महत्वपूर्ण बैलिस्टिक मिसाइलों के विकास में अहम भूमिका निभाई। डॉ. कलाम एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व थे। वे हमेशा युवाओं को बड़े सपने देखने और उन्हें पूरा करने के लिए सतत प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित करते थे।
डॉ.ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर 200 शब्दों में निबंध
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का पूरा नाम ‘अवुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम’ था। उनका जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में एक तमिल मुस्लिम परिवार में हुआ। डॉ. कलाम एक प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक थे, जिन्हें भारत के रक्षा और मिसाइल कार्यक्रम के विकास में उनके विशेष योगदान के लिए जाना जाता है। वर्ष 2002 से 2007 तक वे भारत के 11वें राष्ट्रपति रहे। वे बच्चों के बीच अत्यंत लोकप्रिय थे क्योंकि वे छात्रों से खुलकर बातचीत करते थे और उन्हें मेहनत तथा ईमानदारी के साथ अपने सपने पूरा करने के लिए प्रेरित करते थे।
डॉ. कलाम का जीवन बहुत साधारण परिस्थितियों से शुरू हुआ। वे रामेश्वरम में एक नाव मालिक के पुत्र थे, लेकिन उनकी मेहनत, लगन और प्रतिभा ने उन्हें देश के महत्वपूर्ण वैज्ञानिक अभियानों का नेतृत्व करने योग्य बना दिया। भारत की महत्वपूर्ण बैलिस्टिक मिसाइलों ‘अग्नि’ और ‘पृथ्वी’ के विकास में उनके योगदान के कारण उन्हें ‘मिसाइल मैन ऑफ इंडिया’ का सम्मान प्राप्त हुआ। इसके अलावा, उन्होंने ‘भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन’ (ISRO) के शुरुआती चरणों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और देश के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण वाहन (SLV-III) के विकास में योगदान दिया।
डॉ. कलाम एक महान प्रेरणादायक व्यक्तित्व थे। देश के लोग, विशेषकर बच्चे, उन्हें अत्यंत सम्मान और प्रेम देते थे। वर्ष 2015 में उनके निधन को पूरे देश ने एक अपूरणीय क्षति के रूप में महसूस किया।
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डॉ.ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर 500 शब्दों में निबंध
नीचे स्कूली छात्रों के लिए 500 शब्दों में लिखा गया डॉ. कलाम पर निबंध का सैंपल दिया गया है:-
प्रस्तावना
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का नाम विश्वभर में सम्मान के साथ लिया जाता है, और उन्हें आधुनिक भारत के सबसे प्रमुख वैज्ञानिकों में गिना जाता है। वे भारत के 11वें राष्ट्रपति रहे और अपने कार्यकाल में देश की सेवा को नई दिशा दी। वे केवल एक महान वैज्ञानिक ही नहीं, बल्कि एक दूरदर्शी नेता भी थे, जिनका राष्ट्र निर्माण में योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण रहा।
डॉ. कलाम ने ISRO और DRDO में कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का नेतृत्व किया। उन्होंने भारत की प्रमुख बैलिस्टिक मिसाइलों ‘अग्नि’ और ‘पृथ्वी’ के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा, वर्ष 1998 के पोखरण-II परमाणु परीक्षणों में भी उनका योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण रहा। उनके योगदान को देखते हुए उन्हें भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ प्रदान किया गया। विज्ञान, शिक्षा और राष्ट्र सेवा के प्रति उनकी समर्पित सोच आज भी देश और दुनिया के युवाओं को प्रेरित करती है।
मिसाइल मैन ऑफ इंडिया
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का जन्म तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। उस समय उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर थी, इसलिए उन्होंने बचपन से ही अपने परिवार की आर्थिक सहायता करना शुरू कर दिया था। इसके बावजूद उन्होंने कभी भी पढ़ाई से समझौता नहीं किया। परिवार का सहारा बनते हुए भी वे अपनी शिक्षा पूरी करने में सफल रहे और आगे चलकर स्नातक की डिग्री हासिल की। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि वर्ष 1998 में हुए पोखरण-II परमाणु परीक्षण में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
एक एयरोस्पेस वैज्ञानिक के रूप में डॉ. कलाम ने DRDO और ISRO के साथ काम किया। ISRO में रहते हुए वे भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण वाहन (SLV-III) के प्रोजेक्ट डायरेक्टर भी रहे। इन अभियानों ने भारत की अंतरिक्ष और रक्षा क्षमताओं को नई दिशा दी। इन उपलब्धियों के कारण उन्हें “भारत के मिसाइल मैन” के रूप में जाना जाता है। 27 जुलाई, 2015 को IIM शिलांग में एक व्याख्यान देते समय दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गई। उनका पूरा जीवन भारत को आगे बढ़ाने और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए समर्पित रहा।
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डॉ.ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का देश के लिए योगदान
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने देश को तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। ‘अग्नि’ और ‘पृथ्वी’ जैसी प्रमुख बैलिस्टिक मिसाइलों के विकास का श्रेय उनके नेतृत्व और मार्गदर्शन को जाता है। वे एक उत्कृष्ट वैज्ञानिक होने के साथ-साथ एक कुशल एयरोस्पेस इंजीनियर भी थे। युवा इंजीनियरों और वैज्ञानिकों के लिए वे हमेशा एक पथ-प्रदर्शक और प्रेरणा स्रोत रहे। अपने नेतृत्व के माध्यम से उन्होंने भारत के लिए अनेक प्रतिभाशाली इंजीनियर और वैज्ञानिक तैयार किए, जो आगे चलकर देश की प्रगति में योगदान देते रहे।
FAQs
भारत के मिसाइल मैन डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम थे।
एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम- अवुल पकीर जैनुलाबदीन अब्दुल कलाम है।
डॉ. अब्दुल कलाम विज्ञान, मिसाइल विकास, राष्ट्रपति कार्यकाल और युवाओं को प्रेरित करने के लिए प्रसिद्ध हैं।
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की माता का नाम ‘आशिअम्मा’ और पिता का नाम ‘जैनुलाब्दीन’ था।
आशा है कि इस लेख में दिए गए डॉ डॉ.ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध के सैंपल आपको पसंद आए होंगे। ऐसे ही अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर निबंध के लेख पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।
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