विद्युत विभव एक सर्किट के माध्यम से बिजली का पुश है। इलेक्ट्रिक करंट और इलेक्ट्रिक पोटेंशियल (Electric Potential in Hindi) में लोग जल्दी भ्रमित हो जाते है कि दोनों का कार्य समान है लेकिन ऐसा नहीं है, इसलिए हम एक उदाहरण के जरिये आपको यह समझा रहे हैं जैसे: आपके शॉवर में जो पानी आता है वह इलेक्ट्रिक करंट का उदाहरण है और जो उस पानी का प्रेशर होता है वह आपका विद्युत विभव है। पानी के दबाव की तरह, अलग वोल्टेज बिजली के प्रवाह को बढ़ा या घटा सकता है। यदि आप अपना शावर बंद कर देते हैं, तो आपका पानी बहना बंद हो जाता है (अर्थात करंट बहना बंद हो जाता है), लेकिन आपका पानी का दबाव (इलेक्ट्रिक पोटेंशियल) नहीं बदलता है। चलिए जानते हैं Electric Potential in Hindi के बारे में।
The Blog Includes:
इलेक्ट्रिक पोटेंशियल क्या है?
दो या दो से अधिक पॉइंट चार्जेस के एंटिटी के लिए उन आवेशो को अनन्त से लाकर दी गई स्थितियों तक विस्थापित करने में किया गया कार्य इलेक्ट्रिक स्थिति ऊर्जा कहलाता है।
दो 2 चार्जेस के लिए इलेक्ट्रिक पोटेंशियल एनर्जी
माना किसी विद्युत आवेश q₁ को अनन्त से किसी बिंदु जिसका स्थिति सदिश r₁ है तक लाते है।
इस स्थिति में इस पर कोई भी बल नहीं लगने कारण के कारण किया गया कार्य शून्य होगा जिसके कारण किसी बिंदु P पर उत्पन्न विभव
V1 = kq1/ r1p
जब किसी आवेश q₂ को अनन्त से उस बिंदु तक लाते है। जिसका सदिश r₂ हो तो आवेश q₂ पर किया गया कार्य
V= W/ Q
W= V.q
=( kq1/ r12) × q2
= k q1 q2/ r12
चूंकि स्थिर विद्युत बल संरक्षी होता है। अतः किया गया कार्य निकाय की विधुत स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित हो जाता है।
अतः दो आवेशो के निकाय की स्थितिज ऊर्जा
U = k q1 q2/ r12
U= q1 q2/ 4 π Eo r 12
यदि आवेश q₂ को रखकर q₁ को लाए तो उस स्थिति में भी विद्युत स्थितिज ऊर्जा का मान यही प्राप्त होता है इससे यह सिद्ध होता है कि किया गया कार्य पथ पर निर्भर नहीं होता है।
Check Out: Science GK Quiz in Hindi
परिभाषा
अनन्त से इकाई धनावेश को विद्युत क्षेत्र में स्थित किसी बिन्दु तक लाने में जितना कार्य करना पड़ता है उसे उस बिन्दु का विद्युत विभव कहते हैं। (अनन्त पर विद्युत विभव शून्य माना जाता है){ विद्युत विभव एक अदिश राशि है। इसे ट से व्यक्त करते हैं।
V= W/ Q
विद्युत विभव का मात्रक एवं विमा
विद्युत विभव का मात्रक जूल प्रति कूलाम होता है, जिसे वोल्ट कहा जाता है।
V=W/q
V= Fd/it
V =mad/it
अतः विद्युत विभव की विमा = [ML²T-A-¹]
यहां यह बात ध्यान रखना बहुत आवश्यक है कि यदि धन परीक्षण आवेश को अनंत से वैद्युत क्षेत्र के भीतर किसी बिंदु तक लाने में कार्य वैद्युत क्षेत्र के विरुद्ध किया जाता है तो उस बिंदु का वैद्युत विभव धनात्मक होता है इसके विपरीत यदि कार्य स्वयंस्वयं वैद्युत क्षेत्र करता है तो वैद्युत विभव ऋणात्मक होता है।
SI मात्रक
जूल/ कूलाम = वोल्ट
C.G.S. मात्रक = e.s.u. या स्थैत वोल्ट 1 वोल्ट = 1 / 300 स्थैत
Check Out: 150+ GK in Hindi
आवेशों के युग्म के कारण स्थितिज ऊर्जा
माना एक निकाय AB दो आवेशों +q₁ तथा -q₂ से मिलकर बना है, यह एक ऐसे माध्यम में स्थित हैै जिसका परावैद्युतांक K है। दोनों आवेशों के बीच की दूरी r है।
माना आवेश +q₂ बिंदु B पर न होकर अनन्त पर स्थित हो,तब
आवेश +q₁ के कारण बिंदु B पर वैद्युत विभव
V=1/4πɛ₀K×q₁/r ……..(1)
आवेश q₂ को अनंत से बिंंदु B तक लाने में किया गया कार्य
W=q₂×V …………(2)
समीकरण(1) से V का मान समीकरण(2) में रखने पर
W=1/4πɛ₀K×q₁q₂/r
यदि यह कार्य स्थितिज ऊर्जा U के रूप में संचित हो, तब
[U=1/4πɛ₀K×q₁q₂/r] सिद्ध हुआ।
बाहरी वैद्युत क्षेत्र में एकल बिंदु आवेश की स्थितिज ऊर्जा
यदि किसी बिंदु P का मूल बिंदु के सापेक्ष स्थिति सदिश वेक्टर r है, तब बाहरी वैद्युत क्षेत्र वेक्टर E में एकल आवेश q की बिंदु P पर स्थितिज ऊर्जा U=qVᵣ
स्थितिज ऊर्जा के प्रकार
स्थितिज ऊर्जा के निम्न प्रकार हैं।
- वैद्युत स्थितिज ऊर्जा:- दो आवेशों को एक दूसरे के समीप लाने तथा एक दूसरे से दूर ले जाने में आकर्षण तथा प्रतिकर्षण बल के विरूद्ध जो कार्य किया जाता है,वह निकाय की वैद्युत स्थितिज ऊर्जा कहलाती है।
- प्रत्यास्थ स्थितिज ऊर्जा:- जब किसी वस्तु को खींचा जाता है तो हमें बिरूपक बल के विरोध में कुछ कार्य करना पड़ता है यह कार्य प्रत्यास्थ स्थितिज ऊर्जा कहलाता है।
स्थितिज ऊर्जाा के उदाहरण
- बड़े बड़े जलाशय तथा बांधों के रुके हुए पानी में स्थितिज ऊर्जा होती है, इस पानी का उपयोग ऊपर से गिराकर टरबाइन को घुुमाकर विद्युत ऊर्जा उत्पन्न की जाती है।
- चाबी वाली घड़ी की चाबी भरने में जो कार्य किया जाता है, वह स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित होता है।
Electric Potential in Hindi MCQs
(A) फैराडे के नियम से
(B) कुलॉम के नियम से
(C) लाप्लास के नियम से
(D) गॉस के नियम से
उत्तर: (B) कुलॉम के नियम से
(A) धन विद्युत आवेश
(B) ऋण विद्युत आवेश
(C) धन एवं ऋण दोनों विद्युत आवेश
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (A) धन विद्युत आवेश
(A) NC-1
(B) JC-1
(C) Vm-I
(D) JC–1m–1
उत्तर: (B) JC-1
(A) धन विद्युत आवेश
(B) ऋण विद्युत आवेश
(C) धन एवं ऋण दोनों विद्युत आवेश
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (A) धन विद्युत आवेश
(A) धन विद्युत आवेश
(B) ऋण विद्युत आवेश
(C) धन एवं ऋण दोनों विद्युत आवेश
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (B) ऋण विद्युत आवेश
(A) न्यूटन
(B) फैराड
(C) कूलम्ब
(D) जूल
उत्तर: (C) कूलम्ब
(A) 6.25×10-18 इलेक्ट्रॉन
(B) 6.25 x 10-19 इलेक्ट्रॉन
(C) 1.6 x 10-19 इलेक्ट्रॉन
(D) 3.2 x 10-19 इलेक्ट्रॉन
उत्तर: (A) 6.25×10-18 इलेक्ट्रॉन
(A) 3.2 x 10-19 C
(B) 6.4 x 10-19 C
(C) 1.6 x 10–19 C
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (C) 1.6 x 10–19 C
(A) जूल/कूलम्ब
(B) न्यूटन/कूलम्ब
(C) मीटर/कूलम्ब
(D) कूलम्ब
उत्तर: (A) जूल/कूलम्ब
(A) कूलम्ब
(B) कूलम्ब/मीटर
(C) कूलम्ब-मीटर
(D) जूल/कूलम्ब
उत्तर: (C) कूलम्ब-मीटर
आशा करते हैं कि आपको Electric Potential in Hindi का ब्लॉग अच्छा लगा होगा। हमारे Leverage Edu में आपको ऐसे कई प्रकार के ब्लॉग मिलेंगे जहां आप अलग-अलग विषय की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं ।