भारत के दक्षिणी राज्य कर्नाटक के एक प्रमुख शहर मैंगलोर में एक एनजीओ एम फ्रेंड्स चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को डिजिटल बस में बैठाकर कम्प्यूटर शिक्षा प्रदान की जाएगी। मुख्य तौर पर यह एनजीओ मैंगलुरु के सरकारी स्कूलों में खाना प्रदान करने का काम करता है। एनजीओ ने अपने इस नए कम्प्यूटर शिक्षा अभियान का नाम क्लासरूम ऑन व्हील्स रखा है।
18 नवम्बर से होगी बस की शुरुआत
एनजीओ द्वारा इस अनोखे शिक्षा अभियान की शुरुआत 18 नवम्बर 2023 को की जाएगी। इस अभियान की लॉन्चिंग के मौके पर एनजीओ के द्वारा एक छोटी सी पार्टी भी आयोजित की जाएगी। उसके बाद यह बस अपने शिक्षा अभियान पर निकल पड़ेगी।
INR 50 लाख की ईनामी राशि से की गई अभियान की शुरुआत
एम फ्रेंड्स चैरिटेबल ट्रस्ट एनजीओ के जनरल सेक्रेटरी राशिद विटा ने बताया कि इस चलते फिरते स्कूल का आइडिया मोहम्मद हनीफ पुतुर के दिमाग में आया था। मोहम्मद हनीफ यूएई में एक आईटी कम्पनी में मैनेजर के पद पर कार्यत हैं। उन्हें INR 50 लाख की राशि इनाम में मिली थी। वे इस राशि का प्रयोग बच्चों की शिक्षा में करना चाहते थे। खासतौर से कम्प्यूटर एजुकेशन में। उन्होंने इस राशि को ग्रामीण प्राइमरी स्कूलों के बच्चों को शिक्षित करने के लिए खर्च करने का फैसला लिया क्योंकि वे खुद भी ऐसे ही एक सरकारी प्राइमरी स्कूल से पढ़े हुए हैं।
मोहम्मद हनीफ ने क्लासरूम ऑन व्हील्स अभियान की शुरुआत करने के लिए एम फ्रेंड्स चैरिटेबल ट्रस्ट एनजीओ को INR 50 लाख दान में दिए। इसके अलावा एनजीओ ने भी अपनी ओर से लोगों के द्वारा INR 10 लाख की राशि जमा की। इस राशि से बच्चों के लिए कंप्यूटर सेट्स, लैपटॉप और वाईफाई आदि का मैनेजमेंट किया जाएगा।
स्कूली बच्चों के लिए फायदेमंद है अभियान
यह अभियान स्कूली बच्चों के लिए बहुत ही फायदेमंद है-
- इस अभियान से ग्रामीण स्कूली बच्चों को कम्प्यूटर से परिचय मिलेगा।
- इस अभियान के कारण वे बच्चे जो स्कूल जाना पसंद नहीं करते थे, उत्सुकतावश वे भी अब स्कूल में एडमिशन लेंगे।
- इस अभियान से बच्चों का बौद्धिक विकास होगा और उनकी रूचि साइंस एंड टेक्नोलॉजी जैसे विषयों के प्रति अग्रसर होगी।
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