Chalisa Mein Kaun Sa Samas Hai – जानिए चालीसा में कौनसा समास है?

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Chalisa Mein Kaun Sa Samas Hai

क्या आप सोच रहे हैं Chalisa Mein Kaun Sa Samas Hai? तो आपको बता दें कि चालीसा में द्विगु समास है। यह जानने से पहले की द्विगु समास क्या होता है, यह जानते हैं कि समास किसे कहते हैं? अलग अर्थ रखने वाले दो शब्दों या पदों (पूर्वपद तथा उत्तरपद) के मेल से बना तीसरा नया शब्द या पद समास या समस्त पद कहलाता है तथा वह प्रक्रिया जिसके द्वारा ‘समस्त पद’ बनता है, समास-प्रक्रिया कही जाती है। Chalisa Mein Kaun Sa Samas Hai यह तो आप जान गए हैं, आप इस ब्लॉग में आगे जानेंगें चालीसा का समास विग्रह, चालीसा में द्विगु समास क्यों हैं, द्विगु समास क्या होता है साथ ही द्विगु समास के कुछ अन्य उदाहरण। 

Chalisa Mein Kaun Sa Samas Hai?

चालीसा में द्विगु समास है।

द्विगु समास क्या है?

Samas in Hindi में द्विगु समास के बारे में यहां बताया जा रहा हैः

  • द्विगु समास भी तत्पुरुष समास का ही उपभेद है; अत: इसका भी पूर्वपद गौण तथा उत्तरपद प्रधान होता है। 
  • द्विगु समास’ तथा ‘कर्मधारय समास’ में सबसे बड़ा अंतर यही है कि द्विगु समास का पूर्वपद संख्यावाची विशेषण होता है जबकि कर्मधारय समास का पूर्वपद अन्य कोई भी विशेषण हो सकता है।
  • सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि द्विगु समास का उत्तरपद किसी समूह का बोध कराता है। यदि विग्रह करते समय उत्तरपद के साथ समूह या समाहार शब्द का प्रयोग नहीं किया गया हो तो पूर्वपद संख्यावाची होते हुए भी यह ‘कर्मधारय समास’ कहलाएगा। ‘द्विगु समास’ के उदाहरण इस प्रकार हैं:
समस्तपदविग्रह-1 (कर्मधारय समास)विग्रह-II (द्विगु समास)
पंचतंत्रपाँच हैं तंत्र जोपाँच तंत्रों का समाहार
अष्टसिद्धिआठ सिद्धियां हैं जोआठ सिद्धियों का समाहार
चतुर्भुजचार भुजाएँ हैं जोचार भुजाओं का समाहार
चवन्नीचार आने हैं जोचार आनों का समाहार

अन्य उदाहरण

समस्तपदसमास-विग्रह
दुराहादो राहों का समाहार
सतसईसात सौ दोहों का समाहार
तिरंगातीन रंगों का समाहार
दशाननदस आननों (मुखों) का समाहार
पंचवटीपाँच वट वृक्षों का समूह
सप्ताहसात दिनों का समूह
पंजाबपाँच आबों का समाहार
अठन्नीआठ आनों का समाहार
नवग्रहनौ ग्रहों का समाहार
नवरत्ननव रत्नों का समाहार
शताब्दीसौ अब्दों (वर्षों) का समाहार
नवरात्रनव (नौ) रातों का समाहार
पंचमुखीपाँच मुखों का समाहार
त्रिफलातीन फलों का समाहार

Chalisa शब्द का समास विग्रह

चालीसा एक ऐसा संख्या वाचक शब्द है जिसका विग्रह नहीं किया जा सकता, लेकिन भक्ति भाव में जब इसको कुछ लोग जबरदस्ती प्रयोग में लाते है तो इसको “चाल + ईश” कर देते हैं, जिसका अर्थ होता है चालीसा अर्थात जो संपूर्ण जगत को चलाए या जिससे संपूर्ण जगत चले वह अर्थात ईश्वर।

द्विगु और कर्मधारय समास में अंतर

द्विगु समास तथा कर्मधारय समास में सबसे बड़ा अंतर यही है कि द्विगु समास का पूर्वपद संख्यावाची विशेषण होता है जबकि कर्मधारय समास का पूर्वपद विशेषण हो सकता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि द्विगु समास का उत्तरपद किसी समूह का बोध कराता है। यदि विग्रह करते समय उत्तरपद के साथ समूह या समाहार शब्द का प्रयोग नहीं किया गया हो तो पूर्वपद संख्यावाची होते हुए भी यह कर्मधारय समास कहलाएगा।

FAQs

विद्यार्थी का समास विग्रह क्या है?

तत्पुरुष समास (कर्मतत्पुरुष) होता है।

नीलकंठ में कौन सा समास होता है?

बहुव्रीहि समास। 

पाठशाला का समास विग्रह क्या है?

(सम्प्रदान तत्पुरुष)| 

राजकुमारी का समास विग्रह क्या है?

तत्पुरुष समास।

उम्मीद है, Chalisa Mein Kaun Sa Samas Hai आपको समझ आया होगा। यदि आप समास के अन्य प्रश्नों से जुड़े ब्लॉग्स पढ़ना चाहते हैं तो Leverage Edu के साथ बनें रहें।

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