भारत में वैकल्पिक चिकित्सा प्रणालियों का एक लंबा इतिहास रहा है, जिन्हें आयुष (AYUSH) मंत्रालय के तहत मान्यता और प्रोत्साहन मिल रहा है। इन चिकित्सा प्रणालियों में से एक ‘बैचलर ऑफ इलेक्ट्रो-होम्योपैथी मेडिसिन एंड सर्जरी (BEMS) कोर्स’ भी है। यह एक ऐसा ही चिकित्सा कोर्स है, जो पौधों से प्राप्त औषधियों के उपयोग पर आधारित है। यदि आप भी इस कोर्स को करना छाते हैं तो आपको इस गाइड को ध्यानपूर्वक पढ़ना चाहिए। इस गाइड में आपके लिए BEMS कोर्स की संरचना, पात्रता मानदंड, प्रमुख संस्थानों और करियर स्कोप जैसे विषयों को कवर किया गया है।
This Blog Includes:
- BEMS कोर्स का ओवरव्यू
- BEMS कोर्स क्या है?
- BEMS कोर्स क्यों चुनें?
- BEMS कोर्स के लिए आवश्यक योग्यता
- BEMS कोर्स की अनुमानित फीस
- BEMS कोर्स के लिए सिलेबस
- BEMS कोर्स के लिए कॉलेज
- BEMS कोर्स के लिए आवेदन प्रक्रिया
- BEMS कोर्स करने के बाद करियर स्कोप
- BEMS कोर्स करने के बाद मिलने वाली सैलरी
- BEMS कोर्स के लिए आवश्यक कौशल और स्किल डेवलपमेंट
- FAQs
BEMS कोर्स का ओवरव्यू
यहाँ आपके लिए BEMS कोर्स का ओवरव्यू दिया गया है, जिसके जरिए आप इस कोर्स के बारे में संक्षिप्त में जान सकेंगे –
| विशेषताएँ | विवरण |
| कोर्स का नाम | बैचलर ऑफ इलेक्ट्रो-होम्योपैथी मेडिसिन एंड सर्जरी (BEMS) |
| चिकित्सा प्रणाली | इलेक्ट्रो-होम्योपैथी – यह पौधों पर आधारित एक प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली है |
| कोर्स की अवधि | आमतौर पर 4 से 5 साल (संस्थान के आधार पर भिन्न हो सकती है, जिसमें इंटर्नशिप शामिल है) |
| न्यूनतम योग्यता | किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10+2 (बारहवीं कक्षा) विज्ञान स्ट्रीम (भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान – PCB) के साथ उत्तीर्ण |
| मुख्य विषय | शरीर रचना विज्ञान (एनाटॉमी) शरीर क्रिया विज्ञान (फिजियोलॉजी) पैथोलॉजी (पैथोलॉजी) इलेक्ट्रो-होम्योपैथी दर्शन औषध विज्ञान (फार्माकोलॉजी) सर्जरी के सिद्धांत |
| मान्यता | यह कोर्स भारत में कुछ राज्य सरकारों द्वारा मान्यता प्राप्त निजी बोर्डों या विश्वविद्यालयों द्वारा विनियमित है। केंद्रीय स्तर पर आयुष मंत्रालय (Ministry of AYUSH) द्वारा इलेक्ट्रो-होम्योपैथी को एक स्वतंत्र प्रणाली के रूप में विनियमित करने पर अभी भी चर्चा चल रही है। |
| करियर स्कोप | निजी क्लिनिक स्थापित करना (स्थानीय कानूनों के अनुसार) इलेक्ट्रो-होम्योपैथी सलाहकार वेलनेस सेंटर में थेरेपिस्ट अनुसंधान सहायक |
BEMS कोर्स क्या है?
बैचलर ऑफ इलेक्ट्रो-होम्योपैथी मेडिसिन एंड सर्जरी (BEMS) कोर्स एक ग्रेजुएशन लेवल का कोर्स है, जिसमें छात्रों को इलेक्ट्रो-होम्योपैथी की मूल बातें, दवाओं की तैयारी, प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियां और रोगों के इलाज के तरीके सिखाए जाते हैं। यह कोर्स सामान्यतः 4 से 5 साल का होता है, जिसमें इंटर्नशिप भी शामिल रहती है।
BEMS कोर्स क्यों चुनें?
BEMS कोर्स उन छात्रों के लिए खासतौर पर उपयोगी है जो हेल्थकेयर सेक्टर में वैकल्पिक और अलग करियर बनाना चाहते हैं। BEMS कोर्स आपके करियर के लिए कैसे सहायक साबित हो सकता है, इसके बारे में जानने के लिए निम्नलिखित बिंदुओं को ध्यानपूर्वक पढ़ें –
- एलोपैथी के साथ-साथ प्राकृतिक और समग्र उपचारों की ओर आकर्षित होने वाले छात्रों के लिए इलेक्ट्रो-होम्योपैथी एक बेहतर कोर्स हो सकता है, जिसकी लगातार डिमांड बढ़ती जा रही है।
- यह कोर्स करने के बाद आप प्राकृतिक चिकित्सा शैली के बारे में सीख सकते हैं, जो आपको दुष्प्रभाव-रहित उपचार के बारे में सीखता है।
- एमबीबीएस (MBBS) या बीडीएस (BDS) जैसे पारंपरिक मेडिकल कोर्स की तुलना में BEMS कोर्स की फीस काफी कम होती है और प्रवेश पाना भी आसान होता है।
- इस कोर्स को करने का एक बड़ा फायदा यह भी है कि इसे करके आपको कम अवधि में चिकित्सक बनने का अवसर प्राप्त होता है।
- यह कोर्स कम समय और कम खर्च में डॉक्टर जैसी प्रोफेशनल स्किल्स हासिल करने का अवसर देता है। इसमें छात्रों को प्राकृतिक और आयुर्वेदिक तरीकों से इलाज करने की जानकारी दी जाती है, जिसमें साइड इफेक्ट बेहद कम होते हैं।
- BEMS कोर्स उन छात्रों के लिए एक शानदार विकल्प है जो मेडिकल फील्ड में करियर बनाने के साथ-साथ प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के माध्यम से लोगों को स्वस्थ जीवन देना चाहते हैं।
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BEMS कोर्स के लिए आवश्यक योग्यता
BEMS कोर्स में प्रवेश के लिए निम्नलिखित योग्यताएँ अनिवार्य हैं:
- इस कोर्स को जॉइन करने के लिए छात्रों ने 12वीं कक्षा में साइंस स्ट्रीम (फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी) से पास की हो।
- इसके लिए छात्रों ने 12वीं में सामान्यतः 50% अंक प्राप्त किए हों।
- इसमें एडमिशन के लिए छात्रों की न्यूनतम आयु 17 वर्ष हो।
- कुछ यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में प्रवेश के लिए एंट्रेंस एग्जाम देना आवश्यक होता है, जिसे पास करना अनिवार्य है।
- इसके लिए छात्रों को बायोलॉजी, हेल्थ साइंस और प्राकृतिक चिकित्सा में रुचि हो।
- लोगों की सेवा करने का जुनून और हेल्थकेयर क्षेत्र में काम करने की तत्परता जरूरी है।
- यह एक ऐसा कोर्स है इसके लिए NEET एंट्रेंस एग्जाम देना अनिवार्य होता है। हालाँकि कई संस्थान सीधे मेरिट के आधार पर प्रवेश देते हैं, जबकि कुछ राज्य भी इस तरह की प्रवेश परीक्षाओं का आयोजन करते हैं।
BEMS कोर्स की अनुमानित फीस
इस कोर्स की फीस कॉलेज और राज्य के स्तर के आधार पर अलग‑अलग हो सकती है। अनुमानित एडमिशन फीस 10,000 से 25,000 रुपये तक हो सकती है। जबकि प्राइवेट कॉलेजों में यह फीस अनुमानित लगभग 50,000 रुपये से लेकर 1.5 लाख रुपये प्रतिवर्ष तक रहती है। इसके साथ ही कई गवर्नमेंट/रीकॉग्नाइज्ड कॉलेज की फीस अपेक्षाकृत कम होती है, जो लगभग 20,000 से 60,000 रुपये प्रतिवर्ष होती है। लैब चार्ज, लाइब्रेरी, हॉस्टल और परीक्षा शुल्क जोड़कर इसका कुल खर्च 3 से 6 लाख रुपये तक आ सकता है।
BEMS कोर्स के लिए सिलेबस
BEMS कोर्स का सिलेबस राज्य और यूनिवर्सिटी के अनुसार थोड़ा अलग हो सकता है, लेकिन इसका सामान्य और बुनियादी सिलेबस कुछ इस प्रकार होता है –
| वर्ष | मुख्य विषय / पाठ्यक्रम | विषय सार / विवरण |
| प्रथम वर्ष | एनाटॉमी (ह्यूमन एनाटॉमी-I) फिजियोलॉजी-I इलेक्ट्रोपैथी फंडामेंटल एंड फार्मेसी फ़ूड एंड हाइजीन | मानव शरीर रचना कोशिका और ऊतकों की संरचना रक्त-परिसंचरण श्वसन, पाचन आदि की कार्यप्रणाली इलेक्टरो-होम्योपैथी की मूल बातें औषधि तैयारी पौधों का उपयोग दवाओं का निर्माण ग्लोब्यूल लोशन कॉम्प्रेस स्वच्छता, पोषण, जल/हवा/खाद्य स्वच्छता, संक्रामक रोगों की रोकथाम व स्वास्थ्य संबंधी आधार बातें |
| द्वितीय वर्ष | एनाटॉमी – II एडवांस्ड एनाटॉमी फिजियोलॉजी – II पैथोलॉजी मैटेरियल मेडिकल (इलेक्ट्रो-होम्योपैथी) | शरीर की संरचना का अगला स्तर शरीर प्रणालियों की कार्यप्रणाली रोगों की उत्पत्ति पैथोलॉजी इलेक्ट्रो-होम्योपैथी हेतु औषधीय पौधों की जानकारी, औषधीय गुण, उपयोग और दवाओं का अध्ययन |
| तृतीय वर्ष | प्रैक्टिस ऑफ़ मेडिसिन – I ओफ्थालमोलॉजी E.N.T (कान, नाक, गला) गायनोकॉलोजी / आब्सटेट्रिक्स एंड गायनोकॉलोजी (संस्थान पर निर्भर करता है।) | क्लिनिकल अभ्यास – रोग निदान एवं उपचार आंखों से संबंधित रोग व उपचार कर्ण–नाक–गला (ENT) क्षेत्र स्त्री रोग और प्रसूति संबंधी अध्ययन |
| चतुर्थ वर्ष | प्रैक्टिस ऑफ़ मेडिसिन – II सर्जरी आब्सटेट्रिक्स एंड पीडियाट्रिक्स मेडिकल जुरीसप्रूडेंस एंड टॉक्सिकोलॉजी / डायग्नोसिस एंड ट्रीटमेंट / प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन (कुछ संस्थानों में) | रोगों का गहन उपचार और देखभाल शल्यक्रिया सर्जरी प्रसूति एवं शिशु चिकित्सा कानूनी पहलू (मेडिकल क़ानून, विष विज्ञान / विष विलेप, दवाओं/औषधि कानून), रोग निदान, सामाजिक व रोकथाम चिकित्सा |
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BEMS कोर्स के लिए कॉलेज
BEMS कोर्स के लिए NIRF रैंकिंग फिलहाल लागू नहीं होती है, हालाँकि निम्नलिखित कॉलेज/संस्थान आपके स्थान के आधार पर आपके लिए अच्छा विकल्प हो सकते हैं –
| क्रम संख्या | कॉलेज का नाम | स्थान |
| 1 | डॉ. मतेई इलेक्ट्रो-होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर | सिकंदराबाद, तेलंगाना |
| 2 | पंजाब मेडिकल इंस्टीट्यूट एंड हॉस्पिटल ऑफ इलेक्ट्रोपैथी | जालंधर, पंजाब |
| 3 | पोंडुचेरी इलेक्ट्रोपैथी मेडिकल कॉलेज | पुडुचेरी |
| 4 | श्री जेसी बोस मेडिकल इंस्टीट्यूट एंड हॉस्पिटल ऑफ इलेक्ट्रोपैथी | जयपुर, राजस्थान |
| 5 | अन्नाई निवेथा इलेक्ट्रोपैथी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल | शिवगंगा, तमिलनाडु |
| 6 | इलेक्ट्रोपैथी एंड एलाइड रिसर्च इंस्टीट्यूट (EARI) | नई दिल्ली, दिल्ली |
| 7 | प्रज्ञान इलेक्ट्रोपैथी मेडिकल कॉलेज | कटक, ओडिशा |
| 8 | आईएमएस बीएचयू | वाराणसी |
| 9 | नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद (NIA) | जयपुर |
| 10 | पतंजलि आयुर्वेद कॉलेज | हरिद्वार |
| 11 | केएलयू यूनिवर्सिटी | कर्नाटक |
BEMS कोर्स के लिए आवेदन प्रक्रिया
BEMS कोर्स में आवेदन करने के लिए निम्नलिखित स्टेप्स को फॉलो कर सकते हैं –
- BEMS कोर्स करने के लिए सबसे पहले उन संस्थानों की जानकारी जुटाएं जो इस कोर्स को कराती हैं।
- इसके बाद अपने द्वारा चुनी गए संस्थान की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं और ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया को शुरू करें।
- इस कोर्स में प्रवेश पाने के लिए संबंधित संस्थान की आधिकारिक वेबसाइट पर दिए गए आवेदन ऑनलाइन फॉर्म को ध्यानपूर्वक भरें।
- आवेदन फॉर्म में अपने दस्तावेज जैसे- मार्कशीट 10+2 मार्कशीट, पहचान प्रमाण, जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो) आदि को अपलोड करें और अपनी जानकारी को सही से अपडेट करें।
- अब आवेदन शुल्क का भुगतान करें और यदि आपके द्वारा चयनित संस्थान में प्रवेश पाने के लिए किसी प्रवेश परीक्षा का आयोजन होता है तो आप इस परीक्षा के लिए खुद को तैयार करें।
- यदि आपके चुने गए संस्थान में मेरिट लिस्ट के आधार पर एडमिशन होता है तो आप मेरिट लिस्ट की प्रतीक्षा करें, जो कि 12वीं के अंकों के आधार पर बनती है।
- मेरिट लिस्ट या परीक्षा के बाद चुने जाने पर कॉउंसलिंग प्रोसेस का पार्ट बनें।
- अंत में अपने दस्तावेज़ सत्यापन कराएं, और अपनी प्रवेश प्रक्रिया को पूरा करें।
BEMS कोर्स करने के बाद करियर स्कोप
BEMS कोर्स पूरा करने के बाद छात्रों के सामने हेल्थकेयर क्षेत्र में कई करियर अवसर खुल जाते हैं। इस कोर्स को करने के बाद आप सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों, डायग्नोस्टिक सेंटर और हेल्थकेयर क्लिनिक, सर्जिकल उपकरण कंपनियों, रिसर्च सेंटर में प्रयोगशाला में, मेडिकल कॉलेजों में शिक्षण या ट्रेनिंग असिस्टेंट के रूप में, आपातकालीन सेवाओं और ट्रॉमा सेंटर में नीचे बताए गए पदों पर काम करके अपना करियर बना सकते हैं या खुद का ऑपरेशन थिएटर सेटअप या हेल्थकेयर सेवा से जुड़ा व्यवसाय खोलकर एक अच्छा करियर बनाया जा सकता है।
- सहायक चिकित्सक
- मेडिकल कोर
- स्वास्थ्य दावा प्रबंधक
- इलेक्ट्रो होम्योपैथिक चिकित्सक
- इलेक्ट्रो-होम्योपैथी व्यवसायी
- चिकित्सा अधिकारी
- शिक्षण या ट्रेनिंग असिस्टेंट
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BEMS कोर्स करने के बाद मिलने वाली सैलरी
BEMS कोर्स करने के बाद मिलने वाली अनुमानित सालाना सैलरी Ambitionbox.com के अनुसार नीचे दी गई तालिका में दर्शाई गई है। वास्तविक सैलरी आपके अनुभव, कौशल और परफॉर्मेंस के आधार पर इससे अधिक भी हो सकती है।
| जॉब प्रोफाइल्स | जिम्मेदारियाँ | अनुमानित सालाना सैलरी (INR) |
| शिक्षण सहायक (Teaching Assistant) | इलेक्ट्रो-होम्योपैथी कॉलेजों में व्याख्याताओं की सहायता करना और छात्रों को व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करना। | INR 1 लाख – 7 लाख |
| औषधि प्रतिनिधि (Medical Representative) | इलेक्ट्रो-होम्योपैथिक दवा कंपनियों के लिए काम करना, चिकित्सकों और संस्थानों तक उत्पादों की जानकारी पहुंचाना। | INR 1.5 लाख – 5.4 लाख |
| अनुसंधान सहायक (Research Assistant) | इलेक्ट्रो-होम्योपैथी के क्षेत्र में चल रहे शोध परियोजनाओं में सहायता करना, डेटा एकत्र करना और साइंटिफिक पब्लिकेशन में अपना योगदान देना। | INR 1.4 लाख – 8.8 लाख |
| वेलनेस थेरेपिस्ट (Wellness Therapist) | रोगी की देखभाल के साथ-साथ, उनकी जीवनशैली को बेहतर बनाना। | INR 2 लाख – 6.6 लाख |
| हेल्थ काउंसलर (Health Counselor) | रोगियों को संतुलित आहार, व्यायाम और तनाव प्रबंधन के बारे में सलाह देना। | INR 1.8 लाख – 5.5 लाख |
BEMS कोर्स के लिए आवश्यक कौशल और स्किल डेवलपमेंट
यहाँ BEMS कोर्स के लिए आवश्यक कौशल और स्किल डेवलपमेंट की जानकारी दी गई है, जिनके माध्यम से आप इस कोर्स को अच्छे से सीख सकते हैं और इस क्षेत्र में ग्रोथ पा सकते हैं –
| आवश्यक स्किल्स | स्किल्स का महत्व | स्किल डेवलपमेंट के अवसर |
| संचार कौशल (कम्युनिकेशन स्किल्स) | रोगियों के साथ प्रभावी ढंग से संवाद करने, उनकी समस्याओं को सुनने और उपचार योजना को स्पष्ट रूप से समझाने के लिए आवश्यक है। | सार्वजनिक बोलचाल (पब्लिक स्पीकिंग), रोगी परामर्श कार्यशालाएं (पेशेंट कॉउंसलिंग वर्कशॉप्स), सेमिनार में भागीदारी। |
| सहानुभूति और धैर्य (एम्पैथी एंड पेशेंस) | रोगियों की चिंताओं को समझने और प्राकृतिक उपचारों के परिणाम आने तक धैर्यपूर्वक मार्गदर्शन करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। | इंटर्नशिप के दौरान वास्तविक मामलों को संभालना, मेंटरशिप प्रोग्राम्स का हिस्सा बनना। |
| विश्लेषणात्मक कौशल (एनालिटिकल स्किल्स) | रोग के लक्षणों का विश्लेषण करने, सही निदान तक पहुंचने और व्यक्तिगत उपचार योजना तैयार करने में मददगार है। | केस स्टडीज का अभ्यास करते समय, साथ ही शोध पत्रों को पढ़ते समय और क्लिनिकल पोस्टिंग के रूप में इस स्किल पर काम किया जा सकता है। |
| समस्या-समाधान (प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स) | जटिल स्वास्थ्य समस्याओं के लिए रचनात्मक और प्रभावी इलेक्ट्रो-होम्योपैथिक समाधान खोजने के लिए आवश्यक है। | क्रिटिकल थिंकिंग वर्कशॉप्स और क्लिनिक में प्रैक्टिकल ट्रेनिंग के समय इस स्किल को सुधारा जा सकता है। |
| शोध और सीखने की इच्छा | चिकित्सा विज्ञान और इलेक्ट्रो-होम्योपैथी के क्षेत्र में नवीनतम शोध और विकास से अपडेट रहने में मददगार है। | मेडिकल जर्नल पढ़ते और ऑनलाइन चिकित्सा डेटाबेस का उपयोग करते समय, साथ ही निरंतर लर्निंग प्रोग्राम का हिस्सा बनते हुए आप इस स्किल को सुधार सकते हैं। |
| पारस्परिक कौशल (इंटरपर्सनल स्किल्स) | सहकर्मियों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्य पेशेवरों के साथ टीम में प्रभावी ढंग से काम करने में मदद करती है। | ग्रुप प्रोजेक्ट्स, टीम-आधारित क्लिनिकल अभ्यास, नेटवर्किंग इवेंट्स आदि में इस स्किल को सुधारा और विकसित किया जा सकता है। |
FAQs
BEMS का पूरा नाम Bachelor of Electro Homeopathy Medicine and Surgery है। यह एक स्नातक स्तर का कोर्स है जिसमें इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति और सर्जरी से संबंधित अध्ययन कराया जाता है।
सामान्य तौर पर BEMS कोर्स की अवधि 4 से 5 वर्ष होती है। इसमें क्लासरूम अध्ययन, प्रैक्टिकल ट्रेनिंग और क्लिनिकल प्रैक्टिस शामिल होते हैं।
भारत में BEMS डॉक्टर की शुरूआती अनुमानित सालाना सैलरी लगभग 3 लाख से 4 लाख के बीच हो सकती है, जो आपके अनुभव और नॉलेज पर भी निर्भर करती है।
BEMS कोर्स से ग्रेजुएट होने वाले स्टूडेंट्स को डॉक्टर ही कहा जाता है, हालाँकि उनकी योग्यताएँ और प्रैक्टिस करने की परमिशन अक्सर एलोपैथिक डॉक्टरों (एमडी) से भिन्न होती है। BEMS कोर्स करने के बाद स्टूडेंट्स पारंपरिक एलोपैथिक चिकित्सा नहीं कर सकते हैं।
हमें आशा है कि आप इस लेख के माध्यम से BEMS कोर्स के बारे में जो जानकारी चाहते थे वो प्राप्त कर पाए होंगे। ऐसे ही अन्य कोर्स से संबंधित लेख पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ जुड़े रहें।
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