BEMS कोर्स क्या है? योग्यता, अवधि, फीस और करियर ऑप्शंस की जानकारी

1 minute read
BEMS कोर्स

अगर आप मेडिकल फील्ड में करियर बनाना चाहते हैं और प्राकृतिक तरीकों से इलाज करना पसंद करते हैं, तो BEMS (बैचलर ऑफ़ इलेक्ट्रो होमियोपैथी मेडिसिन एंड सर्जरी) आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इस कोर्स में पौधों से बनने वाली दवाओं और प्राकृतिक उपचार की बेसिक पढ़ाई कराई जाती है। ध्यान रहे, इलेक्ट्रो-होम्योपैथी की मान्यता हर राज्य में अलग होती है, इसलिए एडमिशन लेने से पहले इसकी जानकारी जरूर जांच लें। यह कोर्स उन छात्रों के बीच लोकप्रिय है जिन्हें हेल्थकेयर से जुड़ना है, लेकिन पारंपरिक मेडिकल कोर्स उनकी पसंद या बजट में फिट नहीं बैठते। BEMS में पढ़ाई का पैटर्न भी थोड़ा अलग होता है, इसलिए इसका पूरा विवरण जानना जरूरी है। इसी वजह से इस लेख में हम योग्यता, कोर्स की अवधि, फीस से लेकर करियर ऑप्शंस तक हर जरूरी जानकारी विस्तार से समझेंगे, ताकि आप सही फैसला ले सकें।

BEMS कोर्स का ओवरव्यू

यहाँ आपके लिए BEMS कोर्स का ओवरव्यू दिया गया है, जिसके जरिए आप इस कोर्स के बारे में संक्षिप्त में जान सकेंगे –

विशेषताएँविवरण
कोर्स का नामबैचलर ऑफ इलेक्ट्रो-होम्योपैथी मेडिसिन एंड सर्जरी (BEMS)
चिकित्सा प्रणालीइलेक्ट्रो-होम्योपैथी – यह पौधों पर आधारित एक प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली है
कोर्स की अवधिआमतौर पर 4 से 5 साल (संस्थान के आधार पर भिन्न हो सकती है, जिसमें इंटर्नशिप शामिल है)
न्यूनतम योग्यताकिसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10+2 (बारहवीं कक्षा) विज्ञान स्ट्रीम (भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान – PCB) के साथ उत्तीर्ण
मुख्य विषयशरीर रचना विज्ञान (एनाटॉमी)
शरीर क्रिया विज्ञान (फिजियोलॉजी)
पैथोलॉजी (पैथोलॉजी)
इलेक्ट्रो-होम्योपैथी दर्शन
औषध विज्ञान (फार्माकोलॉजी)
सर्जरी के सिद्धांत
मान्यतायह कोर्स भारत में कुछ राज्य सरकारों द्वारा मान्यता प्राप्त निजी बोर्डों या विश्वविद्यालयों द्वारा विनियमित है।
केंद्रीय स्तर पर आयुष मंत्रालय (Ministry of AYUSH) द्वारा इलेक्ट्रो-होम्योपैथी को एक स्वतंत्र प्रणाली के रूप में विनियमित करने पर अभी भी चर्चा चल रही है।
करियर स्कोपनिजी क्लिनिक स्थापित करना (स्थानीय कानूनों के अनुसार)
इलेक्ट्रो-होम्योपैथी सलाहकार
वेलनेस सेंटर में थेरेपिस्ट
अनुसंधान सहायक

BEMS कोर्स क्या है और इसे क्यों चुनें?

BEMS, एक ऐसा कोर्स है जिसमें छात्रों को इलेक्ट्रो-होम्योपैथी, प्राकृतिक इलाज और हर्बल उपचार की बेसिक जानकारी सिखाई जाती है। यह लगभग 4–5 साल का कोर्स होता है और उन छात्रों के लिए अच्छा विकल्प माना जाता है जिन्हें प्राकृतिक और वैकल्पिक उपचारों में रुचि हो। कई जगहों पर इसकी फीस MBBS जैसे कोर्स की तुलना में कम होती है और एडमिशन भी आसान होता है, लेकिन ध्यान रहे कि इलेक्ट्रो-होम्योपैथी की मान्यता हर राज्य में अलग हो सकती है, इसलिए कोर्स करने से पहले मान्यता ज़रूर जाँच लें।

BEMS कोर्स के लिए आवश्यक योग्यता

BEMS कोर्स में प्रवेश के लिए निम्नलिखित योग्यताएँ अनिवार्य हैं:

  • इस कोर्स को जॉइन करने के लिए छात्रों ने 12वीं कक्षा में साइंस स्ट्रीम (फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी) से पास की हो।
  • इसके लिए छात्रों ने 12वीं में सामान्यतः 50% अंक प्राप्त किए हों।
  • इसमें एडमिशन के लिए छात्रों की न्यूनतम आयु 17 वर्ष हो।
  • कुछ यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में प्रवेश के लिए एंट्रेंस एग्जाम देना आवश्यक होता है, जिसे पास करना अनिवार्य है।

BEMS कोर्स के लिए आवश्यक कौशल और स्किल डेवलपमेंट

यहाँ BEMS कोर्स के लिए आवश्यक कौशल और स्किल डेवलपमेंट की जानकारी दी गई है, जिनके माध्यम से आप इस कोर्स को अच्छे से सीख सकते हैं और इस क्षेत्र में ग्रोथ पा सकते हैं –

आवश्यक स्किल्सस्किल्स का महत्वस्किल डेवलपमेंट के अवसर
संचार कौशल (कम्युनिकेशन स्किल्स)रोगियों के साथ प्रभावी ढंग से संवाद करने, उनकी समस्याओं को सुनने और उपचार योजना को स्पष्ट रूप से समझाने के लिए आवश्यक है।सार्वजनिक बोलचाल (पब्लिक स्पीकिंग), रोगी परामर्श कार्यशालाएं (पेशेंट कॉउंसलिंग वर्कशॉप्स), सेमिनार में भागीदारी।
सहानुभूति और धैर्य (एम्पैथी एंड पेशेंस)रोगियों की चिंताओं को समझने और प्राकृतिक उपचारों के परिणाम आने तक धैर्यपूर्वक मार्गदर्शन करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।इंटर्नशिप के दौरान वास्तविक मामलों को संभालना, मेंटरशिप प्रोग्राम्स का हिस्सा बनना।
विश्लेषणात्मक कौशल (एनालिटिकल स्किल्स)रोग के लक्षणों का विश्लेषण करने, सही निदान तक पहुंचने और व्यक्तिगत उपचार योजना तैयार करने में मददगार है।केस स्टडीज का अभ्यास करते समय, साथ ही शोध पत्रों को पढ़ते समय और क्लिनिकल पोस्टिंग के रूप में इस स्किल पर काम किया जा सकता है।
समस्या-समाधान (प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स)जटिल स्वास्थ्य समस्याओं के लिए रचनात्मक और प्रभावी इलेक्ट्रो-होम्योपैथिक समाधान खोजने के लिए आवश्यक है।क्रिटिकल थिंकिंग वर्कशॉप्स और क्लिनिक में प्रैक्टिकल ट्रेनिंग के समय इस स्किल को सुधारा जा सकता है।
शोध और सीखने की इच्छाचिकित्सा विज्ञान और इलेक्ट्रो-होम्योपैथी के क्षेत्र में नवीनतम शोध और विकास से अपडेट रहने में मददगार है।मेडिकल जर्नल पढ़ते और ऑनलाइन चिकित्सा डेटाबेस का उपयोग करते समय, साथ ही निरंतर लर्निंग प्रोग्राम का हिस्सा बनते हुए आप इस स्किल को सुधार सकते हैं।
पारस्परिक कौशल (इंटरपर्सनल स्किल्स)सहकर्मियों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्य पेशेवरों के साथ टीम में प्रभावी ढंग से काम करने में मदद करती है।ग्रुप प्रोजेक्ट्स, टीम-आधारित क्लिनिकल अभ्यास, नेटवर्किंग इवेंट्स आदि में इस स्किल को सुधारा और विकसित किया जा सकता है।

BEMS कोर्स के लिए सिलेबस

BEMS कोर्स का सिलेबस राज्य और यूनिवर्सिटी के अनुसार थोड़ा अलग हो सकता है, लेकिन इसका सामान्य और बुनियादी सिलेबस कुछ इस प्रकार होता है –

वर्षमुख्य विषय / पाठ्यक्रमविषय सार / विवरण
प्रथम वर्षएनाटॉमी (ह्यूमन एनाटॉमी-I)
फिजियोलॉजी-I
इलेक्ट्रोपैथी फंडामेंटल एंड फार्मेसी
फ़ूड एंड हाइजीन
मानव शरीर रचना
कोशिका और ऊतकों की संरचना
रक्त-परिसंचरण
श्वसन, पाचन आदि की कार्यप्रणाली
इलेक्टरो-होम्योपैथी की मूल बातें
औषधि तैयारी
पौधों का उपयोग
दवाओं का निर्माण
ग्लोब्यूल
लोशन
कॉम्प्रेस
स्वच्छता, पोषण, जल/हवा/खाद्य स्वच्छता, संक्रामक रोगों की रोकथाम व स्वास्थ्‍य संबंधी आधार बातें
द्वितीय वर्षएनाटॉमी – II
एडवांस्ड एनाटॉमी फिजियोलॉजी – II
पैथोलॉजी
मैटेरियल मेडिकल (इलेक्ट्रो-होम्योपैथी)
शरीर की संरचना का अगला स्तर
शरीर प्रणालियों की कार्यप्रणाली
रोगों की उत्पत्ति
पैथोलॉजी
इलेक्ट्रो-होम्योपैथी हेतु औषधीय पौधों की जानकारी, औषधीय गुण, उपयोग और दवाओं का अध्ययन
तृतीय वर्षप्रैक्टिस ऑफ़ मेडिसिन – I
ओफ्थालमोलॉजी
E.N.T (कान, नाक, गला)
गायनोकॉलोजी / आब्सटेट्रिक्स एंड गायनोकॉलोजी (संस्थान पर निर्भर करता है।)
क्लिनिकल अभ्यास – रोग निदान एवं उपचार
आंखों से संबंधित रोग व उपचार
कर्ण–नाक–गला (ENT) क्षेत्र
स्त्री रोग और प्रसूति संबंधी अध्ययन
चतुर्थ वर्षप्रैक्टिस ऑफ़ मेडिसिन – II
सर्जरी
आब्सटेट्रिक्स एंड पीडियाट्रिक्स
मेडिकल जुरीसप्रूडेंस एंड टॉक्सिकोलॉजी / डायग्नोसिस एंड ट्रीटमेंट / प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन (कुछ संस्थानों में)
रोगों का गहन उपचार और देखभाल
शल्यक्रिया
सर्जरी
प्रसूति एवं शिशु चिकित्सा
कानूनी पहलू (मेडिकल क़ानून, विष विज्ञान / विष विलेप, दवाओं/औषधि कानून), रोग निदान, सामाजिक व रोकथाम चिकित्सा

BEMS कोर्स के लिए कॉलेज और उनकी फीस

अगर आप BEMS कोर्स करना चाहते हैं, तो आपके लिए यह जानना जरूरी है कि भारत में कौन-कौन से कॉलेज यह कोर्स ऑफर करते हैं और उनकी फीस कितनी होती है। अलग-अलग कॉलेजों में फीस और सुविधाएं बदल सकती हैं, इसलिए एडमिशन लेने से पहले इनकी जानकारी होना बहुत जरूरी है। नीचे दिए गए टेबल में कुछ प्रमुख संस्थानों और उनकी अनुमानित फीस की जानकारी दी गई है।

क्रम संख्याकॉलेज का नामस्थानअनुमानित फीस (प्रति वर्ष)
1डॉ. मतेई इलेक्ट्रो-होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटरसिकंदराबाद, तेलंगाना₹40,000 – ₹70,000
2पंजाब मेडिकल इंस्टीट्यूट एंड हॉस्पिटल ऑफ इलेक्ट्रोपैथीजालंधर, पंजाब₹35,000 – ₹60,000
3पोंडुचेरी इलेक्ट्रोपैथी मेडिकल कॉलेजपुडुचेरी₹30,000 – ₹65,000
4श्री जेसी बोस मेडिकल इंस्टीट्यूट एंड हॉस्पिटल ऑफ इलेक्ट्रोपैथीजयपुर, राजस्थान₹40,000 – ₹75,000
5अन्नाई निवेथा इलेक्ट्रोपैथी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटलशिवगंगा, तमिलनाडु₹35,000 – ₹70,000
6इलेक्ट्रोपैथी एंड एलाइड रिसर्च इंस्टीट्यूट (EARI)नई दिल्ली₹45,000 – ₹80,000
7प्रज्ञान इलेक्ट्रोपैथी मेडिकल कॉलेजकटक, ओडिशा₹30,000 – ₹60,000

BEMS कोर्स के लिए आवेदन प्रक्रिया

BEMS कोर्स में आवेदन करने के लिए निम्नलिखित स्टेप्स को फॉलो कर सकते हैं –

  • BEMS कोर्स करने के लिए सबसे पहले उन संस्थानों की जानकारी जुटाएं जो इस कोर्स को कराती हैं।
  • इसके बाद अपने द्वारा चुनी गए संस्थान की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं और ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया को शुरू करें।
  • इस कोर्स में प्रवेश पाने के लिए संबंधित संस्थान की आधिकारिक वेबसाइट पर दिए गए आवेदन ऑनलाइन फॉर्म को ध्यानपूर्वक भरें।
  • आवेदन फॉर्म में अपने दस्तावेज जैसे- मार्कशीट 10+2 मार्कशीट, पहचान प्रमाण, जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो) आदि को अपलोड करें और अपनी जानकारी को सही से अपडेट करें।
  • अब आवेदन शुल्क का भुगतान करें और यदि आपके द्वारा चयनित संस्थान में प्रवेश पाने के लिए किसी प्रवेश परीक्षा का आयोजन होता है तो आप इस परीक्षा के लिए खुद को तैयार करें।
  • यदि आपके चुने गए संस्थान में मेरिट लिस्ट के आधार पर एडमिशन होता है तो आप मेरिट लिस्ट की प्रतीक्षा करें, जो कि 12वीं के अंकों के आधार पर बनती है।
  • मेरिट लिस्ट या परीक्षा के बाद चुने जाने पर कॉउंसलिंग प्रोसेस का पार्ट बनें। 
  • अंत में अपने दस्तावेज़ सत्यापन कराएं, और अपनी प्रवेश प्रक्रिया को पूरा करें।

BEMS कोर्स करने के बाद करियर स्कोप

BEMS कोर्स पूरा करने के बाद छात्रों के सामने हेल्थकेयर क्षेत्र में कई करियर अवसर खुल जाते हैं। इस कोर्स को करने के बाद आप सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों, डायग्नोस्टिक सेंटर और हेल्थकेयर क्लिनिक, सर्जिकल उपकरण कंपनियों, रिसर्च सेंटर में प्रयोगशाला में, मेडिकल कॉलेजों में शिक्षण या ट्रेनिंग असिस्टेंट के रूप में, आपातकालीन सेवाओं और ट्रॉमा सेंटर में नीचे बताए गए पदों पर काम करके अपना करियर बना सकते हैं या खुद का ऑपरेशन थिएटर सेटअप या हेल्थकेयर सेवा से जुड़ा व्यवसाय खोलकर एक अच्छा करियर बनाया जा सकता है।

  • सहायक चिकित्सक
  • मेडिकल कोर
  • स्वास्थ्य दावा प्रबंधक
  • इलेक्ट्रो होम्योपैथिक चिकित्सक
  • इलेक्ट्रो-होम्योपैथी व्यवसायी
  • चिकित्सा अधिकारी
  • शिक्षण या ट्रेनिंग असिस्टेंट

BEMS कोर्स करने के बाद मिलने वाली सैलरी

BEMS कोर्स करने के बाद मिलने वाली अनुमानित सालाना सैलरी Ambitionbox.com के अनुसार नीचे दी गई तालिका में दर्शाई गई है। वास्तविक सैलरी आपके अनुभव, कौशल और परफॉर्मेंस के आधार पर इससे अधिक भी हो सकती है।

जॉब प्रोफाइल्सजिम्मेदारियाँअनुमानित सालाना सैलरी (INR)
शिक्षण सहायक (Teaching Assistant)इलेक्ट्रो-होम्योपैथी कॉलेजों में व्याख्याताओं की सहायता करना और छात्रों को व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करना।INR 1 लाख – 7 लाख
औषधि प्रतिनिधि (Medical Representative)इलेक्ट्रो-होम्योपैथिक दवा कंपनियों के लिए काम करना, चिकित्सकों और संस्थानों तक उत्पादों की जानकारी पहुंचाना।INR 1.5 लाख – 5.4 लाख
अनुसंधान सहायक (Research Assistant)इलेक्ट्रो-होम्योपैथी के क्षेत्र में चल रहे शोध परियोजनाओं में सहायता करना, डेटा एकत्र करना और साइंटिफिक पब्लिकेशन में अपना योगदान देना।INR 1.4 लाख – 8.8 लाख
वेलनेस थेरेपिस्ट (Wellness Therapist)रोगी की देखभाल के साथ-साथ, उनकी जीवनशैली को बेहतर बनाना।INR 2 लाख – 6.6 लाख
हेल्थ काउंसलर (Health Counselor)रोगियों को संतुलित आहार, व्यायाम और तनाव प्रबंधन के बारे में सलाह देना।INR 1.8 लाख – 5.5 लाख

FAQs

क्या बीईएमएस एक डॉक्टर है?

BEMS कोर्स से ग्रेजुएट होने वाले स्टूडेंट्स को डॉक्टर ही कहा जाता है, हालाँकि उनकी योग्यताएँ और प्रैक्टिस करने की परमिशन अक्सर एलोपैथिक डॉक्टरों (एमडी) से भिन्न होती है। BEMS कोर्स करने के बाद स्टूडेंट्स पारंपरिक एलोपैथिक चिकित्सा नहीं कर सकते हैं।

भारत में BEMS डॉक्टर की सैलरी कितनी है?

भारत में BEMS डॉक्टर की शुरूआती अनुमानित सालाना सैलरी लगभग 3 लाख से 4 लाख के बीच हो सकती है, जो आपके अनुभव और नॉलेज पर भी निर्भर करती है।

क्या BEMS कोर्स भारत में पूरी तरह मान्यता प्राप्त है?

BEMS की मान्यता हर राज्य में अलग-अलग होती है। कुछ जगह संस्थान इसे सिखाते हैं, लेकिन कई राज्यों में इसकी प्रैक्टिस मान्य नहीं है। इसलिए एडमिशन से पहले मान्यता ज़रूर जांचें।

क्या BEMS करने के बाद अपनी क्लिनिक खोली जा सकती है?

यह आपके राज्य की इलेक्ट्रो-होम्योपैथी प्रैक्टिस संबंधी नीतियों पर निर्भर करता है। कई राज्यों में सीमाएं लागू होती हैं।

क्या BEMS करने के बाद सरकारी नौकरी मिल सकती है?

अभी सरकारी सेक्टर में इलेक्ट्रो-होम्योपैथी के लिए जॉब ऑप्शंस बहुत सीमित हैं। ज़्यादातर अवसर प्राइवेट या सेल्फ-प्रैक्टिस से आते हैं।

हमें आशा है कि आप इस लेख के माध्यम से आपको BEMS कोर्स की जानकारी मिल गई होगी। ऐसे ही अन्य कोर्स से संबंधित लेख पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ जुड़े रहें।

Leave a Reply

Required fields are marked *

*

*