क्या आप सोच रहे हैं Barasingha mein Kaun sa Samas Hai? तो आपको बता दें कि बारहसिंघा में बहुब्रीहि समास है। यह जानने से पहले की बहुब्रीहि समास क्या होता है, यह जानते हैं कि समास किसे कहते हैं? अलग अर्थ रखने वाले दो शब्दों या पदों (पूर्वपद तथा उत्तरपद) के मेल से बना तीसरा नया शब्द या पद समास या समस्त पद कहलाता है तथा वह प्रक्रिया जिसके द्वारा ‘समस्त पद’ बनता है, समास-प्रक्रिया कही जाती है। Barasingha mein Kaun sa Samas Hai यह तो आप जान गए हैं, आप इस ब्लॉग में आगे जानेंगें बारहसिंघा का समास विग्रह, बारहसिंघा में बहुब्रीहि समास क्यों हैं, बहुब्रीहि समास क्या होता है साथ ही बहुब्रीहि समास के कुछ अन्य उदाहरण।
Barasingha mein Kaun sa Samas Hai?
बारहसिंघा में बहुब्रीहि समास है।
बारहसिंघा का समास विग्रह
बारहसिंघा का समास विग्रह ‘बारह हैं सींग जिसके वह’ होगा। बारहसिंघा शब्द में बहुब्रीहि समास है क्योंकि इसमें दोनों पद प्रधान नहीं है और उनका अर्थ भी नहीं निकल रहा है लेकिन यहां अन्य किसी पद की बात हो रही है।
आसानी के लिए यह बता दें कि यदि किसी पद का समास विग्रह करने पर आखिर में ‘जिसका या जिनका’ आए जिससे किसी अन्य पद के होने का पता चले तो वहां बहुब्रीहि समास होगा।
बहुब्रीहि समास क्या होता है?
बहुव्रीहि समास में न तो पूर्वपद प्रधान होता है और न ही उत्तरपद। बल्कि इसके दोनों पद परस्पर मिलकर किसी तीसरे बाहरी पद के बारे में कुछ कहते हैं और यह तीसरा पद ही ‘प्रधान’ हाता है। उदाहरण के लिए, त्रिलोचन यह शब्द ‘त्रि’ तथा ‘लोचन’ दो पदों से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है-तीन नेत्र। यदि इसका विग्रह किया जाए -तीन हैं नेत्र जिसके अर्थात महादेव तो यह उदाहरण बहुव्रीहि समास का होगा, क्योंकि इस विग्रह में ‘त्रि’ तथा ‘लोचन’ दोनों पद मिलकर तीसरे पद ‘महादेव’ की विशेषता बता रहे हैं।
अन्य उदाहरण
समस्तपद | विग्रह | प्रधान पद |
अंशुमाली | अंशु (किरणें) हैं मालाएँ जिसकी | सूर्य |
चारपाई | चार हैं पाए जिसके | पलंग |
तिरंगा | तीन रंग हैं जिसके | भारतीय राष्ट्रध्वज |
विषधर | विष को धारण किया है जिसने | शिव |
षडानन | षट् (छह) हैं आनन (मुख) जिस के | कार्तिकेय |
चक्रधर | चक्र धारण किया है जिसने | विष्णु |
गजानन | गज के समान आनन है जिसका | गणेश |
घनश्याम | घन के समान श्याम (काले) हैं जो | कृष्ण |
मेघनाद | मेघ के समान करता है नाद जो | रावण-पुत्र इंद्रजीत |
विषधर | विष को धारण करता है जो | सर्प |
चतुरानन | विष को धारण करता है जो | ब्रह्मा |
गिरिधर | गिरि को धारण किया है जिसने | श्री कृष्ण |
सुलोचना | सुंदर लोचन हैं जिसके | विशेष स्त्री |
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FAQs
नीलकंठ में बहुब्रीहि समास होता है।
पीतांबर का समास विग्रह पीत है अम्बर जिसका अर्थात् ‘कृष्ण’ है।
चंद्रमुखी का समास विग्रह ‘चंद्र के समान मुख वाली या वाला’ होगा।
चंद्रशेखर में बहुब्रीहि समास है।
उम्मीद है, Barasingha mein Kaun sa Samas Hai आपको समझ आया होगा। यदि आप समास के अन्य प्रश्नों से जुड़े ब्लॉग्स पढ़ना चाहते हैं तो Leverage Edu के साथ बनें रहें।