किसी भी विद्यार्थी के जीवन में दसवीं कक्षा सबसे ज्यादा मायने रखती है। यह स्कूल जीवन की पहली बोर्ड की क्लास होती है। इस क्लास को पास करने के बाद जो सर्टिफिकेट मिलता है उसे मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट कहा जाता है। इसे भारत में बर्थ सर्टिफिकेट के रूप में भी जाना जाता है। इस ब्लॉग में मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट क्या है? इस बारे में विस्तार से बताया गया है। मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट क्या है इस बारे में जानने के लिए पूरा ब्लॉग पढ़ें।
This Blog Includes:
- मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट क्या है?
- मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट का महत्व जानिए
- मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट कैसे प्राप्त करें?
- मेट्रीकुलेशन सर्टिफिकेट कहाँ से प्राप्त करें?
- मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट प्रदान करने वाले भारत के कुछ प्रमुख बोर्ड
- मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट पाने के लिए ज़रूरी योग्यता
- मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट खो जाए तो नया कैसे बनवाएँ
- FAQs
मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट क्या है?
मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट वास्तव में दसवीं पास करने का सर्टिफिकेट है। इसे भारत में बर्थ प्रूफ के तौर पर भी प्रयोग किया जाता है। मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट एक सर्टिफिकेट होता है जो छात्रों को मिलता है जब वे माध्यमिक शिक्षा पूरी करते हैं, आमतौर पर 10वीं के अंत में। इस सर्टिफिकेट के जरिए छात्र का प्रूफ होता है कि वह माध्यमिक शिक्षा पूरी करने के लिए न्यूनतम आवश्यक योग्यता पूरी कर चुका है और उच्च शिक्षा के लिए योग्य है या फिर कार्य शुरू कर सकता है।
कुछ देशों में, जैसे भारत में, मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट को सेकेंडरी स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट (SSLC) भी कहा जाता है, जबकि कुछ अन्य देशों में, जैसे यूनाइटेड किंगडम में, इसे जनरल सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (GCSE) कहा जाता है। देश या शैक्षणिक प्रणाली के आधार पर सर्टिफिकेट का नाम और आवश्यक योग्यताएं भिन्न हो सकती हैं।
मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट का महत्व जानिए
मेट्रीकुलेशन सर्टिफिकेट कई मायनों में महत्वपूर्ण है-
- मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट दसवीं के बाद आगे की पढ़ाई करने के लिए ज़रूरी होता है।
- अगर आप दसवीं के बाद पोलीटेक्निक का डिप्लोमा करना चाहते हैं तो आपको मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट की जरूरत होगी।
- मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट को भारत में बर्थ प्रूफ के रूप में भी स्वीकारा जाता है।
- विभिन्न सरकारी कामों के लिए मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट की ज़रूरत पड़ती है।
- आधार कार्ड बनवाने के लिए भी मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट का ही प्रयोग किया जाता है।
- पासपोर्ट और वीज़ा बनवाने के लिए भी मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट की आवश्यकता होती है।
- कुछ ऐसी नौकरियाँ भी होती हैं जिनमें न्यूनतम योग्यता दसवीं होती है। वहाँ मेट्रीकुलेशन सर्टिफिकेट विशेष महत्व रखता है।
मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट कैसे प्राप्त करें?
मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट क्या है जानने के साथ-साथ यह भी जानिए कि इस सर्टिफिकेट को कैसे प्राप्त करें, यह नीचे जानिए-
- मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए आपको किसी मान्यता प्राप्त शिक्षा बोर्ड से दसवीं की परीक्षा पास करनी होगी।
- आप चाहें तो दसवीं किसी सरकारी या प्राइवेट स्कूल से कर सकते हैं या फिर किसी ओपन बोर्ड या कोरस्पोंडेंस के द्वारा भी किसी मान्यता प्राप्त शिक्षा बोर्ड से दसवीं की परीक्षा पास कर मेट्रीकुलेशन सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते हैं।
मेट्रीकुलेशन सर्टिफिकेट कहाँ से प्राप्त करें?
आप इन जगहों से प्राप्त कर सकते हैं-
- आप अपने स्कूल से मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते हैं।
- अगर आपने ओपन स्कूलिंग से दसवीं की परीक्षा पास की है तो आप अपने एजुकेशनल बोर्ड के ऑफिस जाकर सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते हैं।
- आप चाहें तो बोर्ड की वेबसाइट पर जाकर भी ऑनलाइन के जरिये अपना मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट मंगा सकते हैं।
मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट प्रदान करने वाले भारत के कुछ प्रमुख बोर्ड
मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट प्रदान करने वाले भारत के कुछ प्रमुख बोर्ड इस प्रकार हैं:
- CBSE बोर्ड
- ICICI बोर्ड
- NIOS बोर्ड
- उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड
मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट पाने के लिए ज़रूरी योग्यता
मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए आपके पास निम्नलिखित योग्यता होनी चाहिए-
- मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए आपको भारत के किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से दसवीं की परीक्षा पास करनी होगी।
- आपको दसवीं की बोर्ड परीक्षा में बेस्ट 5 विषयों में कम से कम 33% मार्क्स लाने होंगे।
- सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए आपकी आयु कम से कम 14 साल होनी चाहिए।
मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट खो जाए तो नया कैसे बनवाएँ
मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट क्या है जानने के बाद अब यह जानिए कि यह सर्टिफिकेट खो जाता है तो क्या करें, यह नीचे जानिए-
- सबसे पहले अपने स्कूल से संपर्क करें और बताएं कि आपने अपना सर्टिफिकेट खो दिया है। वे आपको आवश्यक दस्तावेज़ों की सूची प्रदान करेंगे जो आपको जमा करनी होंगी।
- उसके बाद आपको इसके लिए स्कूल को एक निर्धारित फीस जमा करनी होगी।
- स्कूल आपके मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट की एक अंतिम प्रति तैयार करेगा और आपको दे देगा।
- यदि आप अपने स्कूल से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं तो आपको अपने शिक्षा बोर्ड से संपर्क करना होगा। आपको बोर्ड को पास भी कुछ दस्तावेज़ जमा कराने होंगे और आपको बोर्ड को भी कुछ निर्धारित फीस देनी होगी। इसके बाद बोर्ड आपको आपके मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट की एक प्रति प्रदान कर देगा।
FAQs
भारत में दसवीं की परीक्षा पास करने पर जो सर्टिफिकेट दिया जाता है उसे मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट कहा जाता है।
हाँ। दसवीं की परीक्षा पास करने के बाद ही मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट प्रदान किया जाता है।
मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए दसवीं की परीक्षा में कम से कम 33 प्रतिशत अंक प्राप्त करना आवश्यक होता है।
मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए कम से कम 14 वर्ष की आयु होना ज़रूरी है।
हाँ। पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती। कोई किसी भी उम्र में दसवीं की परीक्षा पास करके मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकता है।
उम्मीद है आपको मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट क्या है? पर आधारित यह ब्लॉग पसंद आया होगा। यह ब्लॉग अपने दोस्तों और परिवार के साथ जरूर शेयर करें। ऐसे ही अन्य रोचक, ज्ञानवर्धक और आकर्षक ब्लॉग पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।