चौहान वंश का इतिहास: यहाँ जानिए चौहान वंश के इतिहास से जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाएं

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चौहान वंश का इतिहास

राजपूतों के 36 राजवंशों में चौहान वंश या चौहान राजवंश एक प्रमुख वंश था। बता दें कि राजपूत एक ऐसी महान कौम है, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए सदैव अपने प्राणों तक की परवाह नहीं की। ये वो कौम है, जिसमें वीरों के सिर धड़ से अलग हो जाने पर भी युद्धभूमि में अपने साहस का परिचय दिया। यहाँ आपको राजपूत कौम के संपन्न और समृद्ध वंश ‘चौहान वंश’ के बारे में जानने को मिलेगा। इस वंश के इतिहास और इसके योगदान से जुड़ी अहम घटनाओं के बारे में विस्तार से जानने के लिए ब्लॉग को अंत तक पढ़ें।

चौहान वंश के संस्थापक का नाम राजा वासुदेव चौहान
चौहान वंश के महानतम शासक का नाम सम्राट पृथ्वीराज चौहान
चौहान वंश के अंतिम शासकसम्राट पृथ्वीराज चौहान
गजनी के सुलतान को हराने के बाद अजमेर की गद्दी पर विराजने वाले राजा का नाम राजा विग्रहराज चतुर्थ बीसलदेव 
कवि बान्धव के नाम से प्रसिद्ध राजा का नाम जिन्होंने ललित विग्रहराज नाटक लिखा?राजा विग्रहराज चतुर्थ बीसलदेव 
अजमेर में आनासागर झील का निर्माण कराने वाले राजा का नामराजा अर्णोराज 
अजयमेरु (अजमेर) को अपनी राजधानी किस राजा ने बनाई?राजा अजयदेव चौहान

चौहान वंश का संक्षिप्त इतिहास 

उत्तर भारत की आर्य जातियों में से एक “च्वहाण” या “चौहान” भी हैं, जो की राजपूतों के प्रसिद्ध वंशों में से एक हैं। चौहान वंश की स्थापना का समय लगभग 7वीं शताब्दी का माना जाता है, चौहान वंश की स्थापना एक शूरवीर यौद्धा “राजा वासुदेव चौहान” ने की थी। कई इतिहासकार और विद्वानों का मानना है कि चौहान वंश का पुष्कर, सांभर झील, आमेर (राजस्थान) आदि क्षेत्रों में शासन था, हालाँकि अब पूरे उत्तर भारत में चौहान वंश के राजपूत अच्छी-खासी संख्या में पाए जाते हैं।

इस वंश के संस्थापक “वासुदेव” के बाद प्रसिद्ध शासकों की श्रेणी में पूर्णतल्ल, जयराज, विग्रहराज प्रथम, चंद्रराज, गोपराज जैसे सुप्रसिद्ध सामंतों का नाम आता है। जिन्होंने न केवल इस वंश का विस्तार किया बल्कि राजपूतों की गरिमा को पुनर्गठित किया। चौहान वंश के एक मुख्य शासक “राजा अजयदेव चौहान” ने अजमेर नगर की स्थापना की, इस समृद्ध नगर में एक भव्य सुन्दर महल के साथ-साथ अलौकिक मंदिर की भी स्थापना की गई थी।

चौहान वंश के प्रमुख शासक

चौहान वंश के प्रमुख शासकों की सूचीं निम्नलिखित है, जिसकी सहायता से आप इस वंश के बारे में और अधिक गहनता से जान पाएंगे। इस वंश के इन महान शासकों ने कला से लेकर व्यापार तक के क्षेत्र में अपना-अपना अहम योगदान दिया था।

शासकों का नाम शासनकाल की अवधि
राजा वासुदेव चौहान 551 ई. के लगभग
राजा विग्रहराज द्वितीय956 ई. के लगभग
राजा अजयदेव चौहान 1113 ई. के लगभग
राजा अर्णोराज लगभग 1133 से 1153 ई
राजा विग्रहराज चतुर्थ बीसलदेव लगभग 1153 से 1163 ई
सम्राट पृथ्वीराज चौहान तृतीय1178-1192 ई

सम्राट पृथ्वीराज चौहान तृतीय के महत्वपूर्ण सैन्य अभियान

चौहान वंश के प्रतापी राजा ने अपनी वीरता के बल पर एक बड़े भूखंड को अपने राज्य में मिलाया था। इस प्रकार इतिहास में सम्राट पृथ्वीराज चौहान तृतीय के सैन्य अभियानों और उनसे मिली विजयों को, चौहान वंश के लिए “स्वर्णिम काल” के रूप में देखा जाता है। इन सैन्य अभियानों को आप निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से आसानी से समझ सकते हैं-

नागार्जुन एवं भंडानकों का दमन

  • सम्राट पृथ्वीराज चौहान तृतीय के गद्दी पर बैठते ही सही मौका देख उनके चचेरे भाई नागार्जुन ने विद्रोह कर दिया, जिसका लक्ष्य था अजमेर की सत्ता पर अपना आधिपत्य जमाना। इस विद्रोह को देख सम्राट पृथ्वीराज चौहान ने सैन्य कार्यवाही कर नागार्जुन को परास्त किया।
  • इसके बाद 1182 ई में सम्राट पृथ्वीराज चौहान ने भंडानकों के विद्रोह को कुचलकर उनका दमन किया।

महोबा के चंदेलों पर सैन्य अभियान और उसके बाद चंदेलों पर विजय

  • 1182 ई में सम्राट पृथ्वीराज चौहान ने महोबा के चंदेल शासक पर चढ़ाई कर दी, परिणाम स्वरुप चंदेल राजा सन्धि करने को विवश हुआ।
  • इस विजय से सम्राट पृथ्वीराज चौहान ने महोबा के कई गांवों को अपने अधिकार क्षेत्र में ले लिया था।

चालुक्यों पर सैन्य अभियान और विजय

  • 1184 ई में सम्राट पृथ्वीराज चौहान ने गुजरात के चालुक्य शासक के साथ सैन्य अभियान किया और चालुक्यों पर जीत हासिल की।
  • इस युद्ध के बाद सम्राट पृथ्वीराज चौहान और चालुक्य शासक के बीच एक संधि हुई, जिसके कारण दोनों के बीच वर्षों से चली आ रही शत्रुता का अंत हुआ।

सम्राट पृथ्वीराज चौहान और गजनी के शासक मोहम्मद गौरी के बीच सैन्य संघर्ष (तराइन का युद्ध)

  • इतिहास के पन्नों को पलटकर देखा जाए तो सम्राट पृथ्वीराज चौहान और गजनी के सुल्तान मोहम्मद गौरी के बीच अनेकों बार संघर्ष देखने को मिलते हैं। इन संघर्षों में मोहम्मद गौरी की हर बार पराजय होती दिखती है।
  • जयचंद और सम्राट पृथ्वीराज चौहान के आपसी मतभेद का फायदा गजनी का सुल्तान उठाता है, इस तरह जयचंद, सम्राट पृथ्वीराज चौहान के साथ धोखा करके गजनी के सुल्तान का साथ दे देता है। इस युद्ध के बाद से भारत का इतिहास बदल जाता है।

FAQs

चौहान वंश का प्रथम शासक कौन था?

चौहान वंश का प्रथम शासक वासुदेव चौहान था।

चौहान वंश का सबसे शक्तिशाली राजा कौन था?

चौहान वंश का सबसे शक्तिशाली राजा सम्राट पृथ्वीराज चौहान था।

चौहान वंश की स्थापना किस राजा ने की?

चौहान वंश की स्थापना राजा वासुदेव चौहान ने की थी।

चौहान वंश की स्थापना कब हुई थी?

कई इतिहासकारों के अनुसार चौहान वंश की स्थापना लगभग 7वीं शताब्दी में हुई थी।

अजमेर नगर की स्थापना किस चौहान राजा ने कराई थी?

अजमेर नगर की स्थापना राजा अजय देव चौहान ने कराई थी?

आशा है कि चौहान वंश का इतिहास के बारे में आपको जानकारी मिल गयी होगी। इतिहास से जुड़े हुए ऐसे ही अन्य ब्लॉग पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ बने रहें।

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