सिविल इंजीनियर बनकर आप पुल, सड़कें, इमारतें, हवाई अड्डे और जल आपूर्ति जैसी संरचनाओं का निर्माण करने और इनका रखरखाव करने में अपनी भूमिका को निभा सकते है। यह फील्ड एक ऐसे विकल्प के रूप में उभर सकती है, जो आपका रचनात्मक विकास कर सकती है। इसके साथ ही सिविल इंजीनियर बनकर आप इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। यदि आपके मन में सवाल है सिविल इंजीनियर कैसे बनें, तो ये गाइड आपके लिए उपयोगी साबित हो सकते हैं। इस गाइड में आपके लिए सिविल इंजीनियर कौन होते हैं, इसके लिए कौन-सी परीक्षाएँ देनी होंगी, इसके लिए कोर्स और विशेषज्ञता (स्पेशलाइजेशन), प्रमुख संस्थान, आवश्यक योग्यता और स्किल्स, करियर विकल्प जैसे मुख्य बिंदुओं को कवर किया गया है।
This Blog Includes:
- सिविल इंजीनियर कौन होता है?
- 12वीं के बाद सिविल इंजीनियर कैसे बनें?
- सिविल इंजीनियर बनने के लिए कोर्स
- सिविल इंजीनियर बनने के लिए कॉलेज और यूनिवर्सिटी
- सिविल इंजीनियर बनने के लिए आवश्यक योग्यता
- सिविल इंजीनियर बनने के लिए आवश्यक स्किल्स
- सिविल इंजीनियर बनने की तैयारी कैसे करें?
- सिविल इंजीनियर को मिलने वाला वेतन
- FAQs
सिविल इंजीनियर कौन होता है?
सिविल इंजीनियर समाज का निर्माणकर्ता कहा जाता है, क्योंकि इनके काम से ही शहरों और गांवों का विकास संभव होता है। आज के समय में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट, सतत विकास और ग्रीन बिल्डिंग्स जैसी योजनाओं में सिविल इंजीनियर ही अहम भूमिका निभा रहे हैं। सिविल इंजीनियरिंग एक ऐसी फील्ड है, जहाँ आप सड़कों, पुलों, बिल्डिंग्स और पानी की सप्लाई जैसी चीज़ें डिजाइन करना सीखते हैं।
12वीं के बाद सिविल इंजीनियर कैसे बनें?
12वीं के बाद सिविल इंजीनियरिंग आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। सिविल इंजीनियर बनकर आप न केवल पुल, सड़कें और इमारतों का निर्माण करते हैं, बल्कि पूरे समाज के लिए मजबूत बुनियादी ढांचा तैयार करते हैं। 12वीं के बाद सिविल इंजीनियर बनने के लिए निम्नलिखित योग्यता को ध्यानपूर्वक पढ़ें –
- 12वीं के बाद सिविल इंजीनियर बनने के लिए छात्रों का इंजीनियरिंग में बैचलर डिग्री (B.Tech या B.E. in Civil Engineering) करना बेहद जरुरी होता है।
- इंजीनियरिंग में बैचलर डिग्री के लिए आपको 12वीं कक्षा में गणित और विज्ञान विषयों के साथ कम से कम 50% अंक हासिल करने जरूरी होते हैं। हालाँकि इसके लिए कॉलेज के आधार पर मार्क्स भिन्न हो सकते हैं, जिसकी सटीक और वास्तविक जानकारी पाने के लिए आपको अपने द्वारा चुने गए संस्थान की आधिकारिक वेबसाइट को विजिट करना चाहिए।
- सिविल इंजीनियर बनने के लिए चुने गए कोर्स की अवधि आमतौर पर 4 साल होती है, जिसमें स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग, कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट, सर्वेइंग, और डिजाइनिंग जैसे विषय पढ़ाए जाते हैं।
- अगर आप रिसर्च या किसी खास क्षेत्र जैसे स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग, एनवायरनमेंटल इंजीनियरिंग में आगे बढ़ना चाहते हैं तो M.Tech या MS भी कर सकते हैं।
- 12वीं के बाद सिविल इंजीनियर बनने के लिए कैंडिडेट्स को मुख्य रूप से जेईई मेन, जेईई एडवांस्ड, राज्य स्तरीय इंजीनियरिंग परीक्षाएं (जैसे – KCET, MHT CET, WBJEE, BITSAT, VITEEE और COMEDK UGET) जैसी प्रवेश परीक्षाओं में पास होना जरुरी होता है।
सिविल इंजीनियर बनने के लिए कोर्स
इसके लिए छात्रों को निम्नलिखित कोर्सेज पर जरूर ध्यान देना चाहिए –
भारत में उपलब्ध कोर्सेज
सिविल इंजिनियर बनने के लिए भारत में उपलब्ध कोर्सेज के साथ-साथ प्रवेश परीक्षाओं और न्यूनतम योग्यता की जानकारी निम्नलिखित टेबल में दी गई है –
| कोर्स का स्तर | कोर्स का नाम | अवधि | प्रवेश के लिए न्यूनतम योग्यता | प्रवेश परीक्षा (2025 सत्र के लिए) | प्रमुख नियामक/मान्यता प्राप्त निकाय |
| डिप्लोमा | डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग (पॉलिटेक्निक) | 3 वर्ष | 10वीं कक्षा उत्तीर्ण (विज्ञान और गणित के साथ) | राज्य स्तरीय पॉलिटेक्निक प्रवेश परीक्षाएँ (जैसे UPJEE, Delhi CET) | ऑल इंडिया कॉउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE)/राज्य तकनीकी शिक्षा बोर्ड |
| ग्रेजुएशन डिग्री | बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (B.Tech.) इन सिविल इंजीनियरिंग | 4 वर्ष | 12वीं कक्षा PCM (भौतिकी, रसायन, गणित) विषयों के साथ उत्तीर्ण | JEE Main, JEE Advanced, राज्य CETs | AICTE/UGC |
| ग्रेजुएशन डिग्री | बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग (B.E.) इन सिविल इंजीनियरिंग | 4 वर्ष | 12वीं कक्षा PCM (भौतिकी, रसायन, गणित) विषयों के साथ उत्तीर्ण | JEE Main, JEE Advanced, राज्य CETs | AICTE/UGC |
| पोस्ट-ग्रेजुएशन डिग्री | मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी (M.Tech.) इन सिविल इंजीनियरिंग | 2 वर्ष | B.E./B.Tech. इन सिविल इंजीनियरिंग | GATE (ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग) | AICTE/UGC |
| पोस्ट-ग्रेजुएशन डिग्री | मास्टर ऑफ इंजीनियरिंग (M.E.) इन सिविल इंजीनियरिंग (विशेषज्ञता के साथ) | 2 वर्ष | B.E./B.Tech. इन सिविल इंजीनियरिंग | GATE (ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग) | AICTE/UGC |
| डॉक्टोरल | पीएचडी (Ph.D.) इन सिविल इंजीनियरिंग | 3-5 वर्ष | M.E./M.Tech. इन सिविल इंजीनियरिंग | UGC NET, CSIR NET, या संस्थान-विशिष्ट प्रवेश परीक्षाएँ | UGC/संस्थान-विशिष्ट दिशानिर्देश |
विदेश में उपलब्ध कोर्स
सिविल इंजिनियर बनने के लिए विदेश में उपलब्ध कोर्सेज के साथ-साथ प्रवेश परीक्षाओं और न्यूनतम योग्यता की जानकारी निम्नलिखित टेबल में दी गई है। हालाँकि, इसकी न्यूनतम आवश्यकताएं कॉलेज/यूनिवर्सिटीज के नाम और देश के आधार पर भिन्न-भिन्न हो सकती हैं –
| कोर्स का स्तर | कोर्स का नाम | सामान्य अवधि | प्रवेश के लिए न्यूनतम योग्यता | प्रवेश परीक्षाएँ / आवश्यकताएँ (आधिकारिक स्रोतों के आधार पर) |
| स्नातक | बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग (BEng) या बैचलर ऑफ साइंस (BSc) इन सिविल इंजीनियरिंग | 3-4 वर्ष | 12वीं कक्षा PCM विषयों के साथ (उच्च प्रतिशत की आवश्यकता) | IELTS या TOEFL स्कोर अनिवार्य होते हैं। इसके आलावा यूएसए/कनाडा के लिए अक्सर SAT या ACT स्कोर आवश्यक होते हैं। |
| स्नातकोत्तर | मास्टर ऑफ इंजीनियरिंग (MEng) या मास्टर ऑफ साइंस (MSc) इन सिविल इंजीनियरिंग | 1-2 वर्ष | BEng/BTech सिविल इंजीनियरिंग में (अच्छा CGPA) | IELTS या TOEFL स्कोर करना अनिवार्य होता है। इसके अलावा यूएसए के लिए: अक्सर GRE (ग्रेजुएट रिकॉर्ड एग्ज़ामिनेशन) स्कोर आवश्यक होते हैं। |
| डॉक्टोरल | पीएचडी (PhD) इन सिविल इंजीनियरिंग | 3-5 वर्ष | MEng/MSc सिविल इंजीनियरिंग में | अनुसंधान प्रस्ताव (Research Proposal), IELTS स्कोर, अकादमिक संदर्भ अनिवार्य होते हैं। |
सिविल इंजीनियर बनने के लिए कॉलेज और यूनिवर्सिटी
सिविल इंजीनियर बनने के लिए सही समय पर कोर्स के साथ-साथ, टॉप कॉलेज और यूनिवर्सिटी का चयन करना भी बेहद जरुरी होता है। यहाँ आपके लिए प्रमुख भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय कॉलेज की जानकारी दी गई है –
भारतीय कॉलेज और यूनिवर्सिटी
सिविल इंजीनियर बनने के लिए आप निम्नलिखित भारतीय कॉलेज और यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई कर सकते हैं। इनकी योग्यताओं की सटीक जानकारी के लिए आप इन कॉलेज की आधिकारिक वेबसाइट को भी विजिट कर सकते हैं –
- आईआईटी दिल्ली
- आईआईटी बॉम्बे
- आईआईटी मद्रास
- वीआईटी वेल्लोर
- दिल्ली टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी
- आईआईटी खड़गपुर
- लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी
- जामिया मिलिया इस्लामिया
- एनआईटी वारंगल
- आईआईटी धनबाद
प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय कॉलेज और यूनिवर्सिटी
सिविल इंजीनियर बनने के लिए आप निम्नलिखित अंतर्राष्ट्रीय कॉलेज और यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई कर सकते हैं। इनकी योग्यताओं की सटीक जानकारी के लिए आप इन कॉलेज की आधिकारिक वेबसाइट को भी विजिट कर सकते हैं –
- द यूनिवर्सिटी ऑफ क्वींसलैंड
- कार्लटन यूनिवर्सिटी
- लेकहेड यूनिवर्सिटी
- ग्रिफ़िथ यूनिवर्सिटी
- यूनिवर्सिटी ऑफ वारविक
- यूनिवर्सिटी ऑफ हल
- किंग्स्टन यूनिवर्सिटी
यह भी पढ़ें – अकाउंटेंट कैसे बने: आवश्यक योग्यता, स्किल्स और टिप्स
सिविल इंजीनियर बनने के लिए आवश्यक योग्यता
सिविल इंजीनियर बनने के लिए आवश्यक योग्यता की जानकारी को निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से आसानी से समझा जा सकता है, जो इस प्रकार हैं –
- सिविल इंजीनियर बनने के लिए छात्रों को 12वीं कक्षा विज्ञान (फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स) विषयों के साथ पास करनी होती है।
- 12वीं के बाद ही कोई छात्र बी.टेक या बी.ई. इन सिविल इंजीनियरिंग में दाखिला ले सकता है।
- भारत में JEE Main, JEE Advanced, और राज्य स्तरीय इंजीनियरिंग एग्ज़ाम के माध्यम से छात्र अच्छा स्कोर करके बेस्ट कॉलेज में प्रवेश पा सकते हैं।
- सिविल इंजीनियर बनने के लिए छात्रों में गणितीय सोच, ड्राइंग और डिज़ाइन की समझ, समस्या समाधान क्षमता और तकनीकी ज्ञान जैसी स्किल्स होना बेहद ज़रूरी होती हैं।
- आज के दौर में AutoCAD, STAAD Pro जैसे सॉफ़्टवेयर का ज्ञान भी सिविल इंजीनियरिंग छात्रों के लिए आवश्यक बन गया है।
- पढ़ाई पूरी करने के बाद ही छात्र सरकारी विभागों, प्राइवेट कंस्ट्रक्शन कंपनियों, रिसर्च संगठनों और विदेशों में भी नौकरी पा सकते हैं।
- विदेशी यूनिवर्सिटी से सिविल इंजीनियर संबंधित कोर्सेज करने के लिए किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय से 10+2 विज्ञान (भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित) में अच्छे अंक से पास करना अनिवार्य है।
- सिविल इंजीनियरिंग में अंतरराष्ट्रीय यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की डिग्री पाने के लिए आपको अंग्रेजी भाषा में दक्षता (जैसे – IELTS या TOEFL) की आवश्यकता होती है, जो कि हर यूनिवर्सिटी की मांग के अनुसार भिन्न-भिन्न हो सकता है। इसके लिए आप अपने द्वारा चुने गए कॉलेज की आधिकारिक वेबसाइट को जरूर विजिट करें।
- कई बार यूनिवर्सिटी के प्रवेश के लिए अकादमिक रिकॉर्ड के आधार पर प्रवेश, और कुछ देशों में प्रोफेशनल रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता भी होती है।
सिविल इंजीनियर बनने के लिए आवश्यक स्किल्स
सिविल इंजीनियर की पढ़ाई के साथ निम्नलिखित स्किल्स के होने से करियर बनाने की संभवना बढ़ जाती है –
- कम्युनिकेशन स्किल्स
- टीमवर्क और लीडरशिप
- टाइम मैनेजमेंट और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट स्किल्स
- टेक्नोलॉजी और सॉफ्टवेयर नॉलेज
- गणित और विज्ञान की मजबूत समझ
- समस्या हल करने की क्षमता
सिविल इंजीनियर बनने की तैयारी कैसे करें?
सिविल इंजीनियर बनने के लिए निम्नलिखित स्टेप्स को फॉलो करके आप अपनी तैयारी को शुरू कर सकते हैं –
- सिविल इंजीनियर बनने के लिए छात्र सबसे पहले बारहवीं के बाद सही स्ट्रीम को चुनें।
- इसके बाद सिविल इंजीनियरिंग के लिए आयोजित होने वाले एंट्रेंस एग्ज़ाम में रजिस्ट्रेशन करें और इसके लिए अपनी परीक्षा की तैयारी को शुरू करें।
- एग्जाम के लिए अपना टाइम मैनेजमेंट करें और परीक्षा के सिलेबस से हर विषय को बराबर का समय दें।
- सिविल इंजीनियर बनने के लिए कोर्स को उपलब्ध करवाने वाले कॉलेज या यूनिवर्सिटी का चयन आप NIRF रैंकिंग, प्लेसमेंट नंबर्स और अंतर्राष्ट्रीय यूनिवर्सिटीज की वर्ल्ड रैंकिंग के आधार पर करना चाहिए।
- परीक्षा से पहले अपने वीक पॉइंट्स पर काम करें, इसके बाद अपनी इंजीनियरिंग की पढाई को शुरू करें।
- कोर्स के साथ-साथ ही आप इंटर्नशिप और प्रैक्टिकल का भी अनुभव प्राप्त करें।
- सिविल इंजीनियर बनने के लिए नवीनतम टेक्नोलॉजी सीखें और साथ ही अपनी सॉफ्ट स्किल्स पर काम करें।
सिविल इंजीनियर को मिलने वाला वेतन
सिविल इंजीनियर को मिलने वाली अनुमानित सालाना सैलरी Ambitionbox.com के अनुसार नीचे दी गई तालिका में दर्शाई गई है। वास्तविक सैलरी आपके अनुभव, कौशल और परफॉर्मेंस के आधार पर इससे अधिक भी हो सकती है।
| पद | औसत वार्षिक वेतन (INR) | विदेशों में मिलने वाला अनुमानित वार्षिक वेतन |
| जूनियर सिविल इंजीनियर | 1.5 लाख – 4.8 लाख | 63,000 – 75,000 अमेरिकी डॉलर |
| असिस्टेंट इंजीनियर | 2 लाख – 7.2 लाख | 75,000 – 80,000 अमेरिकी डॉलर |
| सीनियर सिविल इंजीनियर | 3.6 लाख – 10.8 लाख | 55,000 – 120,000 अमेरिकी डॉलर |
| प्रोजेक्ट मैनेजर | 4.9 लाख – 24 लाख | 116,000 – 130,000 अमेरिकी डॉलर |
FAQs
सिविल इंजीनियर बनने के लिए छात्र को विज्ञान संकाय से 12वीं कक्षा में भौतिकी, रसायन और गणित विषयों के साथ उत्तीर्ण होना आवश्यक है।
डिप्लोमा कोर्स तीन साल का होता है जबकि बी टेक कोर्स चार साल का होता है। उसके बाद एम टेक करने पर दो साल और लगते हैं।
जेईई मेन, जेईई एडवांस, राज्य स्तरीय इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा और निजी विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाएं सिविल इंजीनियरिंग में दाखिले के लिए होती हैं।
प्रमुख कोर्सों में डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग, बी टेक इन सिविल इंजीनियरिंग और एम टेक इन सिविल इंजीनियरिंग शामिल हैं।
सिविल इंजीनियर फील्ड में पुल, सड़कें, इमारतें, हवाई अड्डे और जल आपूर्ति जैसी संरचनाओं का निर्माण करना और इनका रखरखाव करना जैसे कई महत्वपूर्ण कार्य आते हैं।
हमें आशा है कि आप इस लेख में जान पाए होंगे कि सिविल इंजीनियर कैसे बनें, साथ ही ये जानकारी आपके लिए सहायक साबित होगी। करियर से सम्बंधित अन्य लेख पढ़ने के Leverage Edu के साथ जुड़े रहें।
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