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उत्तर: सही उत्तर है (B) तीन: मौखिक, लिखित और सांकेतिक
विस्तृत उत्तर:
भाषा मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती है:
- मौखिक भाषा (Maukhik Bhasha): मौखिक भाषा का मतलब है – बोलकर अपनी बातें कहना। जब हम सोचते हैं, कुछ याद करते हैं, या कुछ चाहते हैं, तो हम उसे शब्दों और वाक्यों में बोलकर दूसरों को बताते हैं। यह एक ऐसा तरीका है जिसमें दो लोग आपस में बात करते हैं, एक बोलता है और दूसरा सुनता और समझता है। तो, मौखिक भाषा में सुनना और बोलना दोनों ही ज़रूरी हैं।
- लिखित भाषा (Likhit Bhasha): जब व्यक्ति अपने विचारों और भावनाओं को लिखकर व्यक्त करता है और दूसरा व्यक्ति उसे पढ़कर समझता है, तो यह भाषा का लिखित रूप कहलाता है। पुस्तकें, पत्र, लेख, समाचार पत्र, ईमेल और संदेश इसके उदाहरण हैं। लिखित भाषा मौखिक भाषा की तुलना में अधिक स्थायी और औपचारिक होती है।
- सांकेतिक भाषा (Sanketik Bhasha): सांकेतिक भाषा एक आम तरीका है जिसमें लोग मुंह से बोलने की जगह हाथों और शरीर के इशारों से आपस में बात करते हैं। इसे ज़्यादातर वे लोग इस्तेमाल करते हैं जिन्हें सुनने में परेशानी होती है या जो बोल नहीं पाते। यह एक स्वाभाविक भाषा है, जैसे हम बोलकर बात करते हैं, बस इसमें आवाज़ की जगह हाथों और शरीर का इस्तेमाल होता है।
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