उत्तर: A, इस प्रश्न का सही उत्तर है। बता दें कि ऑल इंडिया रेडियो की स्थापना 8 जून 1936 को हुई थी।
इस प्रश्न का विस्तृत उत्तर:
ऑल इंडिया रेडियो की स्थापना 8 जून 1936 को हुई थी। इसे शुरू में ‘इंडियन ब्रॉडकास्टिंग सर्विस’ कहा गया था, लेकिन बाद में इसका नाम बदलकर ऑल इंडिया रेडियो कर दिया गया। यह नाम बदलना भारतीय पहचान और राष्ट्र की आवाज़ बनने की दिशा में एक बड़ा कदम था।
ऑल इंडिया रेडियो की स्थापना का इतिहास
भारत में रेडियो प्रसारण की शुरुआत वर्ष 1923 में कुछ प्राइवेट संस्थाओं द्वारा की गई थी। पहली बार बॉम्बे और कोलकाता में रेडियो क्लबों ने प्रयोग के तौर पर प्रसारण किया। लेकिन बाद में ब्रिटिश सरकार ने इसे अपने नियंत्रण में लेकर वर्ष 1930 में इंडियन ब्रॉडकास्टिंग कंपनी नाम से एक संगठन बनाया। ये कंपनी आर्थिक कारणों से ज्यादा समय नहीं चल सकी।
इसके बाद, सरकार ने खुद प्रसारण व्यवस्था को संभालते हुए 8 जून 1936 में ‘ऑल इंडिया रेडियो’ की औपचारिक स्थापना की। बताना चाहेंगे कि आज यह प्रसार भारती के अंतर्गत काम करता है, जो भारत सरकार की एक स्वतंत्र संस्था है।
ऑल इंडिया रेडियो का उद्देश्य
AIR का मुख्य उद्देश्य भारत की विविधता भरी संस्कृति, भाषाओं और मूल्यों को एक मंच देना था। यह न केवल मनोरंजन का माध्यम बना, बल्कि शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य, मौसम पूर्वानुमान और सरकारी योजनाओं की जानकारी गाँव-गाँव तक पहुँचाने का महत्वपूर्ण माध्यम भी रहा।
ऑल इंडिया रेडियो का प्रमुख योगदान
ऑल इंडिया रेडियो ने देशभक्ति से जुड़े संदेशों और नेताओं के भाषणों को जन-जन तक पहुँचाया, जिसके माध्यम से विशेषकर आज़ादी की लड़ाई को नया बल मिला। इसका जीवंत उदाहरण पंडित नेहरू का “ट्रिस्ट विद डेस्टिनी” भाषण था, जिसे 15 अगस्त 1947 को AIR पर प्रसारित किया गया था। आजादी के इस नाद को सुनकर करोड़ों भारतीयों की आँखों में आँसू आ गए थे, क्योंकि यह भारत की स्वतंत्रता के एक बड़े उत्सव के समान था।
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