संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण के जिस रूप से हमें संख्या का पता चले उसे वचन कहते हैं। Vachan हिंदी व्याकरण का आधार है। इसे ऐसे भी समझ सकते है संज्ञा के जिस रूप से किसी व्यक्ति, वस्तु के एक से अधिक होने का या एक होने का पता चलता है उसे वचन कहते हैं। इस ब्लॉग में वचन क्या है, वचन किसे कहते हैं?, Vachan की परिभाषा, वचन के भेद के बारे में विस्तार से बताया गया है।
वहीं वर्तमान समय में सभी स्कूल, कॉलेजों और प्रतियोगी परीक्षाओं में हिंदी व्याकरण से संबंधित प्रश्न जरूर पूछे जाते हैं। इसमें मुख्य रूप से संज्ञा, अलंकार, विलोम शब्द, पर्यायवाची शब्द व वचन हर प्रतियोगी परीक्षाओं में बार-बार पूछे जाते है। यहाँ आपको वचन किसे कहते है? (Vachan Kise Kahate Hain) के बारे में उदाहरण सहित बताया गया है। जो आपकी सभी परीक्षाओं के लिए बहुत उपयोगी साबित होगी।
This Blog Includes:
वचन की परिभाषा – Vachan Kise Kahate Hain
शब्दों के संख्यावाचक रुप को Vachan कहते हैं। संज्ञा के जिस रूप से किसी व्यक्ति वस्तु स्थान के एक या एक से अधिक होने का बोध हो उसे Vachan कहते हैं।
उदाहरण
- लड़का भागता है।
- लड़के भागते हैं।
ऊपर दिए गए दोनों उदाहरण में थोड़ा सा परिवर्तन है जहां लड़का एक होने बोध करा रहा है, वहीं लड़के कई होने का बोध करा रहे हैं।
वचन के प्रकार
वचन क्या है जानने से पहले यह जानना भी आवश्यक है कि हिन्दी में Vachan दो प्रकार के होते हैं-
1. एकवचन
2. बहुवचन
संज्ञा के जिस रूप से किसी व्यक्ति, वस्तु, प्राणी, पदार्थ आदि के एक होने का बोध हो या पता चलता है उसे एकवचन कहते हैं। जैसे- लड़का, गाय, सिपाही घोड़ा, बच्चा, कपड़ा, माला, पुस्तक, स्त्री, टोपी, मोर आदि।
संज्ञा के जिस रुप से किसी व्यक्ति, वस्तु, प्राणी, पदार्थ आदि के एक से अधिक होने का बोध होता है या पता चलता है उसे बहुवचन कहते हैं। जैसे-लड़के, बच्चे कपड़े पुस्तकें स्त्रियां टोपिया, गाड़ियां, ठेले, नदियां आदि।
यह भी पढ़ें : उपवाक्य: परिभाषा, भेद, प्रकार, उदाहरण
वचन के उदाहरण
वचन (एकवचन-बहुवचन) के उदाहरण निम्न हैं-
एकवचन | गमला | लकड़ी | गाय | कपड़ा | बच्चा | माला |
बहुवचन | गमले | लकड़ियाँ | गायें | कपड़े | बच्चे | मालाएँ |
वाक्यों में इन शब्दों का प्रयोग-
एकवचन वाक्य | बहुवचन वाक्य |
गमला सुख गया है। | गमले दीवार पर रख दो। |
लकड़ी टूट गई। | लकड़ियाँ उठा कर यहाँ लाओं |
गाय घास खा रही है। | गायें घास खा रहीं हैं। |
वह माला खरीद रहा है। | वह मालाएँ खरीद रहा है। |
बच्चा पढ़ रहा है। | बच्चे पढ़ रहे हैं। |
कपड़ा अभी सूख रहा है। | कपड़े अभी सूख रहे हैं। |
हिन्दी में एकवचन के स्थान पर बहुवचन का प्रयोग
- (क) आदर के लिए भी बहुवचन का प्रयोग होता है। जैसे-
- (1) भीष्म पितामह तो ब्रह्मचारी थे।
- (2) गुरुजी आज नहीं आये।
- (3) शिवाजी सच्चे वीर थे।
- (ख) बड़प्पन दर्शाने के लिए कुछ लोग वह के स्थान पर वे और मैं के स्थान हम का प्रयोग करते हैं जैसे-
- (1) मालिक ने कर्मचारी से कहा, हम मीटिंग में जा रहे हैं।
- (2) आज गुरुजी आए तो वे प्रसन्न दिखाई दे रहे थे।
- (ग) केश, रोम, अश्रु, प्राण, दर्शन, लोग, दर्शक, समाचार, दाम, होश, भाग्य आदि ऐसे शब्द हैं जिनका प्रयोग बहुधा बहुवचन में ही होता है। जैसे-
- (1) तुम्हारे केश बड़े सुन्दर हैं।
- (2) लोग कहते हैं।
बहुवचन के स्थान पर एकवचन का प्रयोग
- (क) तू एकवचन है जिसका बहुवचन है तुम किन्तु सभ्य लोग आजकल लोक-व्यवहार में एकवचन के लिए तुम का ही प्रयोग करते हैं जैसे-
- (1) मित्र, तुम कब आए।
- (2) क्या तुमने खाना खा लिया।
- (ख) वर्ग, वृंद, दल, गण, जाति आदि शब्द अनेकता को प्रकट करने वाले हैं, किन्तु इनका व्यवहार एकवचन के समान होता है। जैसे-
- (1) सैनिक दल शत्रु का दमन कर रहा है।
- (2) स्त्री जाति संघर्ष कर रही है।
- (ग) जातिवाचक शब्दों का प्रयोग एकवचन में किया जा सकता है। जैसे-
- (1) सोना बहुमूल्य वस्तु है।
- (2) मुंबई का आम स्वादिष्ट होता है।
नोट- कुछ शब्द हमेशा एकवचन ही होते है जैसे _ जनता , सामग्री, प्रजा, माल सोना सामान आग, हवा, वर्षा आदि
वचन परिवर्तन
वचन क्या है जानने के साथ-साथ यह जानना भी आवश्यक है कि Vachan परिवर्तन का मतलब किसी एक संख्या को अधिक संख्या में व्यक्त करना होता है। किसी भी विकारी शब्द का वचन परिवर्तन उस शब्द के साथ प्रयुक्त कारक विभक्ति चिन्ह के आधार पर किया जाता है। जब किसी शब्द को वाक्य में प्रयुक्त किया जाता है तो वह शब्द या तो किसी कारक विभक्ति के साथ प्रयुक्त होता है या बिना कारक विभक्ति के प्रयुक्त होता है।
हिंदी में किसी शब्द का वचन बदलते समय इसी को (विभक्ति) आधार बनाया जाता है। जैसे:-
- हाथी दौड़ रहा है।
- हाथी दौड़ रहे हैं।
- हाथी ने फ़सल बर्बाद कर दी।
- हाथियों ने फ़सल बर्बाद कर दी।
उपरोक्त वाक्यों में से पहले दो उदाहरणों में संज्ञा शब्द ‘हाथी’ बिना विभक्ति के वाक्य में प्रयुक्त हुआ है, इसलिए हाथी का बहुवचन हाथी ही होगा। अंतिम दो उदाहरणों में संज्ञा शब्द ‘हाथी’ कारक विभक्ति चिन्ह ‘ने’ के साथ प्रयुक्त हुआ है, इसलिए हाथी का बहुवचन हाथियों होगा।
वचन की पहचान कैसे करें?
वचन क्या है जानने के साथ-साथ यह जानना भी आवश्यक है कि वचन की पहचान कैसे करें, जो नीचे बताए गए हैं-
1. वचन की पहचान संज्ञा अथवा सर्वनाम के द्वारा
एकवचन | बहुवचन |
मैं विद्यालय जाता हूँ। | हम विद्यालय जाते हैं। |
वह खेलता है। | वे खेलते हैं। |
भैंस चारा खा रही है। | भैंसें चारा खा रही हैं। |
2. क्रिया के द्वारा वचन की पहचान करना।
एकवचन | बहुवचन |
बालक भाग रहा है। | बालक भाग रहे हैं। |
शेर सो रहा है। | शेर सो रहे हैं। |
लड़का गाना गा रहा है। | लड़के गाना गा रहे हैं। |
कबूतर उड़ रहा है। | कबूतर उड़ रहे हैं। |
एकवचन और बहुवचन पहचानने के नियम
Vachan में एकवचन और बहुवचन पहचानने के नियम इस प्रकार हैं:
- आदर के लिए हमेशा बहुवचन प्रयोग होता है। एकवचन व्यक्तिवाचक संज्ञा को ही बहुवचन में प्रयोग कर दिया जाता है।
जैसे-
गुरु जी आज नहीं आएंगे।
शिवाजी सच्चे वीर थे ।
गांधीजी बंटवारे के खिलाफ थे।
श्री राम एक आज्ञाकारी पुत्र थे ।
- बड़प्पन दिखाने के लिए कभी-कभी मैं के स्थान पर हम का प्रयोग होता है।
जैसे-
हमें याद नहीं है हम कभी आप से मिले थे। आज गुरु जी आए तो वह क्रोधित थे।
प्रधानमंत्री कल हम से मिलने आएंगे। - द्रव्यवाचक भाववाचक, व्यक्तिवाचक सदैव एकवचन रहते हैं।
जैसे दूध पानी तेल आदि।
वहां तेल गिरा है।
सुरेश और रमेश को पानी दो।
मुझे बहुत क्रोध आ रहा है। - आशु ,लोग ,समाचार ,केश, भाग्य ,आयु, आशीर्वाद आदि सदैव बहुवचन रहते हैं।
आज के समाचार क्या है?
इसका दाम ज्यादा है।
आजकल मेरे बाल टूट रहे हैं - कुछ सदैव एकवचन रहते हैं।
मुझे बहुत क्रोध आ रहा है।
पास में बादल छाए हैं। - संबंध दर्शाने वाले संज्ञान एकवचन और बहुवचन एक समान रहते हैं।
नाना, नानी, चाचा, चाची ,काका, काकी ,मामा, मामी, फूफा ,बुआ।
यह भी पढ़ें: क्रिया
एकवचन से बहुवचन बनाने के नियम
- आकारांत पुल्लिंग शब्दों को एकवचन से बहुवचन बनाने के लिए शब्दों में “आ” के स्थान पर “ए” का प्रयोग किया जाता है ।
एकवचन | बहुवचन |
जूता | जूते |
कपड़ा | कपड़े |
कमरा | कमरे |
केला | केले |
कुत्ता | कुत्ते |
घोडा | घोड़े |
बेटा | बेटे |
मुर्गा | मुर्गे |
गधा | गधे |
2. आकारांत स्त्रीलिंग शब्दों को एकवचन से बहुवचन बनाने के लिए शब्दों में “अ “ के स्थान पर “ऐ” का प्रयोग किया जाता है ।
एकवचन | बहुवचन |
बात | बातें |
रात | रातें |
आँख | आँखें |
सड़क | सड़कें |
गाय | गायें |
पुस्तक | पुस्तकें |
चप्पल | चप्पलें |
झील | झीलें |
किताब | किताबें |
3. आकारांत स्त्रीलिंग शब्दों को एकवचन से बहुवचन बनाने के लिए शब्दों में “आ “ के स्थान पर “एँ” का प्रयोग किया जाता है ।
एकवचन | बहुवचन |
कविता | कविताएँ |
लता | लताएँ |
आशा | आशाएँ |
पत्रिका | पत्रिकाएँ |
माता | माताएँ |
कामना | कामनाएँ |
कथा | कथाएँ |
4. एकवचन और बहुवचन दोनों में शब्द एक समान हो ।
एकवचन | बहुवचन |
राजा | राजा |
पिता | पिता |
पानी | पानी |
फल | फल |
चाचा | चाचा |
मामा | मामा |
प्रेम | प्रेम |
बाज़ार | बाज़ार |
5. जब स्त्रीलिंग शब्दों में “य” के बदले “याँ” आए
एकवचन | बहुवचन |
गुडिया | गुड़ियाँ |
चुहिया | चुहियाँ |
डिबिया | डिबियाँ |
कुतिया | कुतियाँ |
बुढ़िया | बुढियाँ |
बिंदिया | बिंदियाँ |
6. इकारांत स्त्र्लिंग शब्दों में “इ” या “ई” के स्थान पर “इयाँ ” आए
एकवचन | बहुवचन |
नीति | नीतियाँ |
नारी | नारियाँ |
नदी | नदियाँ |
लडकी | लडकियाँ |
टोपी | टोपियाँ |
सखी | सखियाँ |
7. जब शब्दोँ का 2 बार प्रयोग हो
एकवचन | बहुवचन |
भाई | भाई -भाई |
घर | घर-घर |
शहर | शहर -शहर |
8. संज्ञा के पुल्लिंग और स्त्रीलिंग शब्दों में गण,वर्ग, ,जन ,दल,लोग आदि शब्द जोड़कर बहुवचन बनाते है ।
एकवचन | बहुवचन |
अध्यापक | अध्यापकगण |
विद्यार्थी | विद्यार्थीगण |
मित्र | मित्रवर्ग |
गुरु | गुरुजन |
आप | आपलोग |
गरीब | गरीबलोग |
200 वचन के उदाहरण
वचन क्या है जानने के बाद अब वचनों के उदाहरण भी जान लेने चाहिए, जो नीचे दिए गए हैं-
ताली | तालियाँ |
गुरु | गुरुजन |
खिलाड़ी | खिलाड़ी |
बच्चा | बच्चे |
नदी | नदियाँ |
नारी | नारियाँ |
सब्जी | सब्जियाँ |
मोर | मोर |
रात | रातें |
भक्त | भक्तगण |
टुकड़ी | टुकड़ियाँ |
लड़ी | लड़ियाँ |
धातु | धातुएँ |
बर्फी | बर्फियाँ |
धेनु | धेनुएँ |
जाति | जातियाँ |
लेखक | लेखकगण |
स्त्री | स्त्रियाँ |
थाली | थालियाँ |
फसल | फसलें |
कन्या | कन्याएँ |
औज़ार | औज़ार |
हथियार | हथियार |
उँगली | उँगलियाँ |
तिथि | तिथियाँ |
माता | माताएँ |
अबला | अबलाएँ |
कुत्ता | कुत्ते |
गली | गलियाँ |
मुर्गी | मुर्गियाँ |
कामना | कामनाए |
गन्ना | गन्ने |
वधू | वधुएँ |
झाड़ी | झाड़ियाँ |
विधि | विधियाँ |
बहू | बहुएं |
लता | लताएँ |
प्याला | प्याले |
सखी | सखियाँ |
घर | घर |
देश | देश |
रिश्ता | रिश्ते |
कली | कलियाँ |
कलम | कलमें |
लड़की | लड़कियाँ |
लड़का | लड़के |
कहानी | कहानियाँ |
कथा | कथाएँ |
कविता | कविताएँ |
मैदान | मैदान |
गुड़िया | गुड़ियाँ |
गति | गतियाँ |
शाखा | शाखाएँ |
विद्या | विद्याएँ |
गऊ | गउएँ |
खिड़की | खिड़कियाँ |
पत्रिका | पत्रिकाएँ |
घोड़ा | घोड़े |
गधा | गधे |
साइकिल | साइकिलें |
पपीता | पपीते |
लठिया | लुठियाँ |
घड़ी | घड़ियाँ |
दीवार | दीवारें |
विद्यार्थी | विद्यार्थीगण |
महल | महल |
लुटिया | लुटियाँ |
नाली | नालीयाँ |
सपेरा | सपेरे |
कान | कान |
आँख | आँखें |
पैर | पैर |
टाँग | टाँगें |
भेड़ | भेड़ें |
बकरी | बकरियाँ |
सड़क | सड़कें |
गाड़ी | गाड़ियाँ |
दूरी | दूरियाँ |
चुहिया | चुहियाँ |
बिल्ली | बिल्लियाँ |
जु | जुएँ |
पेड़ | पेड़ |
परदा | परदे |
बात | बातें |
चुटिया | चुटियाँ |
गौ | गौएँ |
दाना | दानें |
तोता | तोते |
वाद्य | वाद्य |
भुजा | भुजाएँ |
रीति | रीतियाँ |
प्रजा | प्रजाजन |
कर्मचारी | कर्मचारीवर्ग |
दवा | दवाएँ |
कवि | कविगण |
घोंसला | घोंसले |
पक्षी | पक्षीवृंद |
ढेला | ढेले |
कुर्सी | कुर्सियाँ |
सहेली | सहेलियाँ |
आप | आपलोग |
बस्ता | बस्ते |
मुद्रा | मुद्राएँ |
अध्यापिका | अध्यापिकाएँ |
पुस्तक | पुस्तकें |
गहना | गहने |
गरीब | गरीब लोग |
व्यापारी | व्यापारीगण |
मटका | मटके |
पौधा | पौधे |
डिबिया | डिबियाँ |
शेर | शेर |
बेटा | बेटे |
खंभा | खंभे |
पाती | पातियाँ |
तरु | तरुओं |
वस्तु | वस्तुएँ |
सेना | सेनादल |
आत्मा | आत्माएँ |
बर्तन | बर्तन |
मिठाई | मिठाईयाँ |
जानवर | जानवर |
समुद्र | समुद्र |
मछली | मछलियाँ |
पक्षी | पक्षीवृंद |
बादल | बादल |
चश्मा | चश्मे |
तारा | तारे |
सुधी | सुधिजन |
रास्ता | रास्ते |
रेखा | रेखाएँ |
गोला | गोले |
डाल | डालें |
साथी | साथियों |
मेला | मेले |
मुर्गा | मुर्गे |
साड़ी | साड़ियाँ |
केला | केले |
नज़दीक | नज़दीकियाँ |
फूल | फूल |
कला | कलाएँ |
मित्र | मित्रजन |
दलित | दलित समाज |
भाई | भाई |
बहिन | बहिनें |
जूता | जूते |
शीशा | शीशे |
कपड़ा | कपड़े |
शिक्षक | शिक्षकगण |
श्रोता | श्रोतागण |
- लड़का – लड़के
- पपीता – पपीते
- गमला – गमले
- ताला – ताले
- कपड़ा – कपड़े
- रास्ता – रास्ते
- छाता – छाते
- बछड़ा – बछड़े
- बकरा – बकरे
- साला – साले
- भानजा – भानजे
- भतीजा – भतीजे
- बेटा – बेटे
- पुस्तक – पुस्तकें
- कलम – कलमें
- सड़क – सड़कें
- बहन – बहनें
- बाला – बालाएँ
- कला – कलाएँ
- कविता – कविताएँ
- माता – माताएँ
- शाखा – शाखाएँ
- कक्षा – कक्षाएँ
- कली – कलियाँ
- स्त्री – स्त्रियाँ
- टोपी – टोपियाँ
- रानी – रानियाँ
- जाति – जातियाँ
- नीति – नीतियाँ
- रीति – रीतियाँ
- चिड़िया – चिड़ियाँ
- गुड़िया – गुड़ियाँ
- डिबिया – डिबियाँ
- चुहिया – चुहियाँ
- कुटिया – कुटियाँ
- वस्तु – वस्तुएँ
- वधू – वधुएँ
- बहू – बहुएँ
- कलम कलमें
- अध्यापक-अध्यापकगण
- अध्यापिका-अध्यापिकाएँ
- अबला-अबलाएँ
- आँख-आँखें
- आत्मा-आत्माएँ
- आप-आपलोग
- आशा-आशाएँ
- इरादा-इरादे
- उँगली-उँगलियाँ
- ऋतु-ऋतुएँ
- कक्षा-कक्षाएँ
वचन कक्षा 9 व 10 MCQ
तिथियों
तिथियाँ
तीथियो
इनमे से कोई नहीं
उत्तर – तिथियाँ
गीदड़ीन
गीदड़ी
गीदड़ीनी
गिदडीन
उत्तर – गीदड़ी
संख्या
बोली
संज्ञा
लिंग
उत्तर- संख्या
यवनानी
यवनों
यावनी
यावनायीं
उत्तर – यवनानी
ओठ
अक्षत
प्राण
ये सभी
उत्तर – ये सभी
घोडा -घोड़े
आसू -आसुओं
गली -गालियाँ
चिड़िया -चिड़ियाँ
उत्तर -आसू -आसुओं
एकवचन
बहुवचन
विशेषण
क्रिया
उत्तर – बहुवचन
अभ्यास वर्कशीट्स
Vachan Work sheet Free Download
FAQs
वचन के कितने दो भेद होते हैं-
1. एकवचन
2. बहुवचन
बहुवचन
एकवचन
संज्ञा के जिस रूप से किसी व्यक्ति वस्तु स्थान के एक से अधिक होने का बोध हो उसे वचन कहते हैं। vachan के दो प्रकार हैं-
1. एकवचन
2. बहुवचन
बहुवचन
एक या एक से अधिक वस्तुओं का बोध कराने वाले शब्दों को वचन कहते हैं।
आशा है कि इस ब्लॉग से आपको वचन किसे कहते है? (Vachan Kise Kahate Hain) से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी मिल गई होगी। ऐसे ही हिंदी व्याकरण और सामान्य ज्ञान से जुड़े ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहे।
1 comment