उपमा अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित 

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Upma Alankar Ke Udaharan

उपमा शब्द का अर्थ होता है – तुलना। जब किसी व्यक्ति या वस्तु की तुलना किसी दूसरे व्यक्ति या वस्तु से की जाए तो वहाँ पर उपमा अलंकार होता है। वर्तमान समय में सभी स्कूल, कॉलेजों और प्रतियोगी परीक्षाओं में हिंदी व्याकरण और उनमें अलंकारों से संबंधित प्रश्न जरूर पूछे जाते हैं। जिसमें मुख्य अलंकार जो प्रतियोगी परीक्षाओं में बार-बार पूछे जाते है उनमें वक्रोक्ति, उपमा, रूपक, उत्प्रेक्षा, अतिश्योक्ति, मानवीकरण, अनुप्रास, यमक, तथा श्लेष अलंकार मुख्य माने जाते हैं। यहां उन्हीं में से एक उपमा अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित बताई गई है। 

अलंकार क्या है?

अलंकार को काव्य का आभूषण या गहना माना गया है अर्थात यह काव्य में प्रस्तुत होकर उसकी सुंदरता को बढ़ाते हैं साथ ही काव्य में चमत्कार उत्पन्न करने की क्षमता भी रखते हैं। जिस प्रकार स्त्री अपनी सुंदरता को बढ़ाने के लिए गहनों का प्रयोग करती है। ठीक उसी प्रकार एक कवि या लेखक अपनी कविता या काव्य की शोभा और सुंदरता को बढ़ाने के लिए अलंकारों का प्रयोग करते है। अलंकार साहित्य को रुचिकर बनाने में भी योगदान देते हैं।

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उपमा अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित 

उपमा अलंकार हिंदी काव्य और भाषा कला में एक प्रमुख अलंकार है, जिसका उपयोग दो व्यक्तियों या वस्तुओं के बीच विशेषता या समानता को दर्शाने के लिए किया जाता है। दो वस्तुओं के बीच, भेद रहने पर भी, जब उनमें समानता प्रतिपादित की जाती है तो वहाँ ‘उपमा अलंकार’ होता है। 

उदाहरण 

रविस‌ङ्क्रान्तसौभाग्यस्तुषारारुणमण्डलः।
निःश्वासान्ध इवादर्शश्चन्द्रमा न प्रकाशते।।
(रामायणम्)

स्पष्टीकरण – यहाँ पर सूर्य के प्रकाश से मलिन चंद्रमा की उपमा निःश्वासों से मलिन आदर्श (दर्पण) से की गई है। यह उपमा श्लोक के अर्थ की चारुता की वृद्धि में सहायक है। 

उपमा अलंकार के अंग 

नीचे उपमा अलंकार के चार अंग बताए गए हैं:-

  • उपमेय – जिसकी तुलना या समानता बताई जाए अर्थात् जिस वस्तु की तुलना किसी  दूसरी वस्तु से की जाए तो वहाँ पर उपमेय होता है। जैसे: मुख चाँद-सा सुंदर है। इसमें “मुख” उपमेय है।
  • उपमान – जिससे तुलना व समानता बताई जाए यानी उपमेय की जिस के साथ समानता बताई जाती है उसे उपमान कहते हैं। जैसे: मुख चाँद-सा सुंदर है। इसमें “चाँद” उपमान है।
  • साधारण धर्म – उक्त दोनों में समान गुण अर्थात् दो वस्तुओं के बीच समानता दिखाने के लिए जब किसी ऐसे गुण या धर्म की सहायता ली जाती है जो दोनों में वर्तमान स्थिति में हो उसी गुण या धर्म को साधारण धर्म कहते हैं। जैसे: मुख चाँद-सा सुंदर है। इसमें “सुंदर” शब्द साधारण धर्म है। 
  • वाचक शब्द – समानता प्रकट करने वाले शब्द अर्थात् जब उपमेय और उपमान में समानता दिखाई जाती है तब जिस शब्द का प्रयोग किया जाता है उसे वाचक शब्द कहते हैं। जैसे: मुख चाँद-सा सुंदर है। इसमें “सा” वाचक शब्द है। 

उपमा अलंकार के भेद 

उपमा अलंकार के दो भेद होते हैं, जिन्हें नीचे बिंदुओं के रूप में उदाहरण सहित समझाया गया है:-

1. पूर्णोपमा अलंकार – इसमें उपमा के सभी अंग होते हैं – उपमेय, उपमान, साधारण धर्म और वाचक शब्द। इसमें तुलना किसी अन्य वस्तु से की जाती है जो वाक्य में उपस्थित नहीं होती। 

पूर्णोपमा अलंकार का उदहारण – सागर-सा गंभीर हृदय हो,
                                        गिरी-सा ऊँचा हो जिसका मन।   

2. लुप्तोपमा अलंकार – जब उपमा के चारों अंगों में से यदि किसी एक या दो का या फिर तीन का न होना पाया जाए तब वहाँ पर लुप्तोपमा अलंकार होता है। 

लुप्तोपमा अलंकार का उदहारण – कल्पना सी अतिशय कोमल। इस वाक्य में उपमेय नहीं है तो इसलिए यह लुप्तोपमा अलंकार का एक उदहारण है। 

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उपमा अलंकार के 10 उदाहरण 

उपमा अलंकार को समझने के लिए कुछ उदाहरण नीचे दिए गए हैं:-

  • सुनि सुरसरि सम पावन वानी। 
  • कोमल कुसुम समान देह हा। हुई तप्त अंगारमयी।  
  • हरि-पद कोमल कमल से 
  • पीपर पात सरिस मन डोला। 
  • मखमल के झूल पड़े, हाथी-सा टीला।
  • हाय ! फूल सी कोमल बच्ची, हुई राख की थी ढेरी। 
  • मुख बाल-रवि-सम लाल होकर ज्वाल-सा बोधित हुआ।  
  • कोटि कुलिस-सम वचन तुम्हारा। व्यर्थ धरहु धनु बान कुठारा। 
  • यह देखिए, अरविंद-से शिशुवृंद कैसे सो रहे। 
  • असंख्य कीर्ति रश्मियां विकीर्ण दिव्य दाह-सी।  

उपमा अलंकार से जुड़े बहुविकल्पीय प्रश्न

नीचे उपमा अलंकार से जुड़े बहुविकल्पीय प्रश्न दिए गए हैं, जो आपकी परीक्षा की तैयारी में मदद करेंगे:-

1. “कनक-कनक तै सौ गुनी मादकता अधिकाय।” में किस अलंकार का प्रयोग किया गया है?

(A) रूपक अलंकार 
(B) यमक अलंकार 
(C) वक्रोक्ति अलंकार
(D) उपमा अलंकार 
उत्तर- यमक अलंकार

2. “नदियाँ जिनकी यशधारा-सी बहती हैं अब भी निशि-वासर।” में किस अलंकार का प्रयोग किया गया है?

(A) उत्प्रेक्षा अलंकार
(B) विरोधाभास अलंकार
(C) वक्रोक्ति अलंकार
(D) उपमा अलंकार 
उत्तर- उपमा अलंकार

3. “मै सुकुमारि नाथ बन जोगू।  तुमहिं उचित तप मोकहँ भोगू।” में कौनसा अलंकार है?

(A) उत्प्रेक्षा अलंकार
(B) अनुप्रास अलंकार
(C) वक्रोक्ति अलंकार
(D) अतिश्योक्ति अलंकार
उत्तर- वक्रोक्ति अलंकार 

4. अलंकार को कितने वर्गों में बांटा जा सकता है?

(A) एक
(B) दो
(C) तीन
(D) चार
उत्तर- दो

5. उपमा अलंकार के कितने अंग है?

(A) तीन 
(B) चार 
(C) पांच 
(D) सात 
उत्तर- चार

FAQs 

उपमा अलंकार की परिभाषा क्या होती है?

जब किसी व्यक्ति या वस्तु की तुलना किसी दूसरे व्यक्ति या वस्तु से की जाए तो वहाँ पर उपमा अलंकार होता है। 

उपमा अलंकार के कितने तत्व होते हैं?

उपमा अलंकार में चार तत्व-उपमेय, उपमान, साधारण धर्म व वाचक शब्द होते हैं। 

उपमा अलंकार में कितने भेद हैं?

उपमा अलंकार में मुख्यतः दो भेद हैं- पूर्णोपमा अलंकार और लुप्तोपमा अलंकार। 

आशा है कि आपको इस ब्लॉग में उपमा अलंकार से संबंधित संपूर्ण जानकारी मिल गई होगी। ऐसे ही हिंदी व्याकरण से जुड़े अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें। 

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