संधि, हिंदी व्याकरण के महत्वपूर्ण विषयों में से एक है। इसका शाब्दिक अर्थ है- मेल। यानी दो वर्णों के परस्पर मेल से जो परिवर्तन होता है, उसे संधि कहा जाता है और दो शब्दों के मेल से बने शब्द को पुनः अलग अलग करना संधि विच्छेद कहलाता है।
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Swagat ka Sandhi Viched क्या है?
इस लेख में हम जानेंगे कि स्वागत का संधि विच्छेद क्या होगा। तो आईये आपको बताते हैं कि स्वागत का संधि विच्छेद होगा “सु + आगत”। स्वागत का अर्थ है अभिनंदन करना। स्वागत शब्द में यण संधि है।
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यण संधि क्या है?
यदि इ/ई, उ/ऊ और ऋ के बाद भिन्न स्वर आए तो इ/ई का ‘य’ उ/ऊ का ‘व’ और ऋ का ‘र’ हो जाता है और यह यण संधि कहलाता है।
उदाहरण
- अति + अधिक = अत्यधिक
- अनु + ईक्षा= अन्वीक्षा
स्वागत से बनने वाले शब्दों का वाक्य में प्रयोग
स्वागत से बनने वाले शब्दों का वाक्य में प्रयोग निम्नलिखित है:
- तुमने मेहमानों का स्वागत करना पड़ेगा।
- आपका मेरे घर में हमेशा स्वागत है।
- भारत पहुँचने पर खिलाड़ियों का जोरदार स्वागत हुआ।
- जीत हासिल कर गाँव पहुँचने पर मेरी माँ की आँखे की आँखे नम हो गई।
- उसने मेहमानो का ढंग से स्वागत नहीं किया जिसके कारन सभी मेहमान नराज हो गए।
आशा करते हैं कि इस ब्लॉग से आपको Swagat ka Sandhi Viched पता चल गया होगा। संधि से जुड़े हुए अन्य महत्वपूर्ण और रोचक ब्लॉग पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहिए।