सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान : रॉयल बंगाल टाइगर के लिए एक सुरक्षित घर

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सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान

भारत में मौजूद सभी राष्ट्रीय उद्यान प्रकृति की सुंदरता का एक अद्भुत खजाना है जो हमें प्रकृति के बारे में जानने और उसकी रक्षा करने का अवसर प्रदान करते हैं। आपको बता दें कि हमारे देश में 100 से भी अधिक राष्ट्रीय उद्यान हैं, जो दुनियाभर के लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। इस आर्टिकल में आपको एक ऐसे नेशनल पार्क के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे रॉयल बंगाल टाइगर के लिए एक सुरक्षित घर माना जाता है। हम जिस राष्ट्रीय उद्यान की बात कर रहे हैं, वह है पश्चिम बंगाल में स्थित सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान। आइए इस ब्लॉग के माध्यम से जानते हैं सुंदरबन नेशनल पार्क के बारे में सम्पूर्ण जानकारी। यहाँ आपको उद्यान का इतिहास, महत्व एवं रोचक तथ्य आदि के बारे में विस्तृत रूप से जानने को मिलेगा। 

सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान का परिचय

अपने प्राकृतिक सौंदर्य और जैव विविधता के लिए विश्व प्रसिद्ध सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान भारत के पश्चिम बंगाल राज्य के दक्षिणी भाग में स्थित है। यह विश्व के सबसे बड़े मैंग्रोव जंगलों में से एक है और करीब 10,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। यह एक प्राकृतिक चमत्कार होने के साथ साथ एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल भी है जहाँ प्रतिवर्ष लाखों पर्यटक जंगल सफारी, नाव सफारी का आनंद लेने आते हैं। वहीं सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान जीव जंतु और पक्षी प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से काम नहीं है। इन सब के अलावा ये उद्यान रॉयल बंगाल टाइगर का सबसे बड़ा संरक्षित क्षेत्र भी है।

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सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान का संक्षिप इतिहास

मैन्ग्रोव के घने जंगलों से घिरा हुआ सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान का इतिहास 1973 से शुरू होता है। उस दौरान भारत सरकार ने इस क्षेत्र को सबसे पहले एक बाघ संरक्षित क्षेत्र घोषित किया। उसके बाद 1977 में इसे वाइल्डलाइफ सेंचुरी घोषित किया गया और 4 मई 1984 को इसे राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा मिला। 

आपको बता दें कि इस उद्यान की स्थापना का मुख्य उद्देश्य रॉयल बंगाल टाइगर एवं अन्य वन्यजीवों और वनस्पतियों का संरक्षण करना था। ऐसे में 1987 में यूनेस्को द्वारा इसे क्षेत्र को विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया। अब यह उद्यान एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल जहाँ आप नाव की सवारी, वन सफारी और पक्षी देखने जैसे कई गतिविधियाँ कर सकते हैं।

सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान

सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाने वाले जीव-जंतु

अपने प्राकृतिक सौंदर्य और जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान के जंगलों में कई प्रकार के वन्यजीव पाए जाते हैं, जिनमें रॉयल बंगाल टाइगर, खारे पानी के मगरमच्छ, पक्षी एवं सरीसृप शामिल हैं। आपको बता दें कि रिपोर्ट्स के मुताबिक, यहाँ पाए जाने वाले जीव-जंतुओं की संख्या लगभग 2,487 है, जिनमें से कई प्रजातियाँ विलुप्त है। 

सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाने वाले जीव-जंतु की सूची निम्लिखित है। 

मैमल्स पक्षी रेप्टाइलएम्फीबियन 
रॉयल बंगाल टाइगरसाइबेरियन क्रेनकोबरा मेंढक 
खारे पानी का मगरमच्छबत्तख नाग टॉड 
हिरण हंस अजगर 
जंगली सुअरकबूतर छिपकली 
बन्दर तोता कछुआ 
तेंदुआ उल्लू 
लोमड़ी चील 
सियारबाज 
बंगाल बिल्लीसारस क्रेन
गौर एशियाई गिद्ध
बाघिन काला और सफ़ेद गिद्ध
चित्तीदार हिरण
मगरमच्छ

सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान के लिए खतरे

सुंदरबन नेशनल पार्क को इस समय कई खतरों का सामना करना पड़ रहा है। आईये जानते हैं उनके बारे में विस्तार से। 

  1. अवैध शिकार: सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान में वन्यजीवों का अवैध शिकार एक गंभीर समस्या है। इससे जानवरों की आबादी कम हो रही है जो उन्हें विलुप्त होने के खतरे में डाल रही है। 
  2. जलवायु परिवर्तन: जलवायु परिवर्तन भी यहाँ एक गंभीर समस्या है। इसके कारण समुद्र का स्तर बढ़ रहा है, जिससे क्षेत्र में कमी आ रही है और साथ ही साथ बाढ़ और तूफान की घटनाएं भी बढ़ रही हैं। 
  3. बाढ़ और कटाव: इस क्षेत्र में बाढ़ एक सामान्य घटना है। लेकिन इससे मैंग्रोव वन एवं वन्यजीवों को काफी नुकसान पहुंचता है। 
  4. मानव आबादी का विस्तार होना : बढ़ती मानव आबादी के कारण जंगलों की कटाई हो रही है और अन्य पर्यावरणीय समस्याएं बढ़ रही हैं जो इस उद्यान को कई नुकसान पहुंचा रही हैं।

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सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान के लिए किए जा रहे संरक्षण प्रयास

ऊपर बताये गए खतरों को दूर करने के लिए भारत सरकार कई प्रयास कर रही हैं। जिसमें अवैध शिकार को रोकने के लिए कानूनों को लागू करना, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए उपाय निकालना और मानव आबादी के विस्तार को नियंत्रित करना आदि शामिल है। आईये जानते हैं इन प्रयासों के बारे में विस्तार से। 

  • अवैध शिकार को रोकने के लिए कानून : सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान में अवैध शिकार को रोकने के लिए वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 लागू किया गया है जिसके तहत  अवैध शिकार करने वालों को 7 साल तक की जेल और 25,000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
  • वन्यजीव संरक्षण बल (डब्ल्यूसीबी): यह एक विशेष बल है जो सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान में अवैध शिकार को रोकने के लिए छापेमारी करता है।
  • मैंग्रोव वन का पुनर्विकास: सरकार इस उद्यान में मैंग्रोव वन के पुनर्विकास के लिए कई कार्यक्रम चला रही है। इसके अलावा सरकार क्षेत्र में जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम भी चला रही है।

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FAQs

सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान का क्षेत्रफल कितना है?

सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान का क्षेत्रफल लगभग 10,000 वर्ग किलोमीटर है। यह विश्व का सबसे बड़ा मैंग्रोव वन भी है।

सुंदरबन नेशनल पार्क में कौन से जीव-जंतु पाए जाते हैं?

आपको बता दें कि सुंदरबन नेशनल में रॉयल बंगाल टाइगर, हिरण, सूअर, जंगली जल भैंस, पक्षी और मछलियाँ शामिल हैं। यह एक महत्वपूर्ण जैव विविधता हॉटस्पॉट है।

सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान जाने के लिए सबसे अच्छा मौसम कौन सा है?

सुंदरबन नेशनल पार्क जाने का सबसे अच्छा मौसम अक्टूबर से मार्च तक का है। इस दौरान मौसम सुहावना रहता है और ऐसे में आप प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं। 

क्या सुंदरबन नेशनल पार्क में घूमने के लिए एक गाइड की आवश्यकता होगी?

जी हाँ, सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान में जंगल में घूमने के लिए, आपको एक गाइड की आवश्यकता होगी जो आपको जंगल में सुरक्षित रूप से घूमने में मदद करेगा और जंगली जानवरों को पास से देखने में भी मदद करेगा। 

सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा कैसे करें?

सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा करने के लिए, आपको भारत या बांग्लादेश में प्रवेश करना होगा। आप भारत में कोलकाता शहर से सुंदरबन के लिए सीधी ट्रेन या बस ले सकते हैं और बांग्लादेश में चटगांव से सुंदरबन के लिए सीधी ट्रेन या बस ले सकते हैं। 

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आशा है कि आपको सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान से जुड़ी सभी जानकारी इस लेख में मिल गयी होगी। वैश्विक धरोहर से जुड़े ऐसे ही अन्य ब्लॉग पढने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहिए।

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