सिकंदर जिसका असली नाम एलेक्ज़ेंडर था। सिकंदर को भारतीय उपमहाद्वीप में इतिहासकारों ने सिकंदर के रूप में सबोधित किया है। सिकंदर यूनान का महान प्रशासक और योद्धा था। अपनी मृत्यु से पहले तक वह लगभग आधी दुनिया जीत चुका था। उसने भारतीय राजा पोरस से युद्ध लड़ा युद्ध में वह पोरस की वीरता से इतना प्रभावित हुआ कि उसने पोरस का राज्य उसे वापस लौटा दिया था। सिकंदर का पूरा नाम एलेक्ज़ेंडर मेसेडोनियन था। एलेक्ज़ेंडर को एलेक्ज़ेंडर तृतीय के नाम से भी जाना जाता है।
सिकंदर का संक्षिप्त परिचय
सिकंदर का जन्म 20 जुलाई 356 ईसा पूर्व में “पेला” में हुआ था, जो की प्राचीन नेपोलियन की राजधानी थी। अलेक्जेंडर फिलिप द्वितीय का पुत्र था, जो मेक्डोनिया और ओलम्पिया के राजा थे और इसके पडोसी राज्य एपिरुस की राजकुमारी ओलिम्पिया उनकी माँ थी। एलेक्जेंडर की एक बहन भी थी।
सिकंदर की मृत्यु
कुछ इतिहासकारों का मानना है कि सिकंदर की मृत्यु 13 जून 323 BC में मलेरिया रोग के कारण बेबीलोन में हुई थी, उस समय सिकंदर की उम्र मात्र 32 वर्ष थी। सिकंदर जब भारत में अपना विजय अभियान ख़त्म करके भारतीय राजा पोरस को उसका राज्य वापस करके जब अपने देश यूनान लौट रहा था तो ईरान के बेबीलोन शहर में मलेरिया के कारण उसकी मृत्यु हो गई थी।
सिकंदर के गुरु अरस्तू के द्वारा दी गईं 5 सीखें
यहाँ सिकंदर के गुरु अरस्तू से सीखने योग्य 5 काम की बातों के बारे में बताया जा रहा है :
- संकोच युवाओं के लिए आभूषण की भांति है लेकिन बुजुर्गों के लिए लानत है।
- चरित्र को हम अपनी बात मनवाने का सबसे प्रभावी माध्यम बना सकते हैं।
- बुरे लोग पश्चाताप से भरे होते हैं।
- कोई भी इंसान उस इंसान से कभी प्रेम नहीं करता जिससे वह डरता हो।
- डर बुराई की अपेक्षा से पैदा होने वाला दर्द है।
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