हिंदी व्याकरण में कारक से परीक्षाओं में अहम सवाल पूछे जाते हैं। यह कम से लेकर बड़े अंकों के रूप में पूछे जाते हैं। कारक के 8 भेद होते हैं, जिनमें संबोधन कारक भी होता है। संबोधन कारक क्या होते हैं और इसके उदाहरण क्या-क्या होते हैं, यह आपको बताया जाएगा। आइए इस ब्लॉग में जानते हैं Sambodhan Karak के बारे में विस्तार से।
कारक किसे कहते हैं?
संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से वाक्य का सम्बन्ध किसी दूसरे शब्द के साथ जाना जाए, उसे कारक (Karak) कहते हैं। कारक (Karak) संज्ञा या सर्वनाम शब्दों का वह रूप होता है जिसका सीधा सम्बन्ध क्रिया से ही होता है। किसी कार्य को करने वाला कारक यानि जो भी क्रिया को करने में मुख्य भूमिका निभाता है, वह कारक (Karak) कहलाता है।
कारक | विभक्तियाँ |
कर्ता | ने |
कर्म | को |
करण | से, द्वारा |
सम्प्रदान | को, के लिये, हेतु |
अपादान | से (अलग होने के अर्थ में) |
सम्बन्ध | का, की, के, रा, री, रे |
अधिकरण | में, पर |
सम्बोधन | हे! अरे! ऐ! ओ! हाय! |
संबोधन कारक की परिभाषा
संज्ञा या जिस रूप से किसी को पुकारने तथा सावधान करने का बोध हो, उसे सम्बोधन कारक कहते हैं। इसका सम्बन्ध न क्रिया से और न किसी दूसरे शब्द से होता है। यह वाक्य से अलग रहता है। इसका कोई कारक चिन्ह भी नहीं है।
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संबोधन कारक के 10 मुख्य उदाहरण
Sambodhan Karak के 10 मुख्य उदाहरण इस प्रकार हैं:
- हे प्रभु! आपको यह मेरे साथ ही ऐसा क्यों किया।
- अरे! तुम इतनी देर से क्यों उठ गए।
- लड़के! जरा बाजार से सामान ले आ।
- अरे यार! तुम अब आ रहे हो।
- अरे! तू इतना बड़ा हो गया।
- ओह, यह तूने क्या कर दिया।
- भाई, उस रास्ते से मत जाइयो।
- अरे, यह आपने क्या कर दिया।
- सुन, तेरी गाड़ी से पेट्रोल टपक रहा है।
- भाई, ज़मीन पर कांटे पड़े हैं।
संबोधन कारक के 5 अन्य मुख्य उदाहरण
Sambodhan Karak के 5 अन्य मुख्य उदाहरण इस प्रकार हैं:
- अरे, जिसका डर था वही हुआ।
- भाई, तेरे पैर से खून निकल रहा है।
- ओह तो तूने मेरी नहीं सुनी।
- प्रभु, मुकुल को वह काम मत करने देना।
- भगवान, आप अजित के साथ वह हादसा मत होने देना।
आशा है कि इस ब्लॉग से Sambodhan Karak की जानकारी मिली होगी। हिंदी व्याकरण के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए बने रहिए Leverage Edu के साथ।