होम्योपैथी एक पारंपरिक और प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति है, जिसमें साइड इफेक्ट न के बराबर होते हैं। भारत में यह चिकित्सा पद्धति लगभग 200 साल पहले आई थी और आज यह देश की स्वास्थ्य प्रणाली का अहम हिस्सा बन चुकी है। बीते कुछ दशकों में लोगों का भरोसा होम्योपैथी पर तेजी से बढ़ा है, जिससे करियर की संभावनाएं भी बढ़ी हैं। यही कारण है कि भारत ही नहीं, दुनिया के 80 से अधिक देशों में इसका उपयोग किया जा रहा है और 42 देशों में अलग औषधि-प्रणाली के रूप में इसे कानूनी मान्यता प्राप्त है। होम्योपैथी डॉक्टर गठिया, अस्थमा, माइग्रेन, एलर्जी, सोरायसिस और एक्जिमा जैसी त्वचा की बीमारियाँ, पाचन संबंधी विकार और ऑटोइम्यून जैसे रोगों का इलाज करता है। यदि आप चिकित्सा के क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक हैं, लेकिन दवाओं के प्राकृतिक और न्यूनतम दुष्प्रभावों वाले दृष्टिकोण में विश्वास रखते हैं, तो एक होम्योपैथी डॉक्टर (BHMS) बनना आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। इस गाइड में आपके लिए होम्योपैथी डॉक्टर बनने के लिए आवश्यक योग्यता, प्रमुख संस्थान और करियर विकल्पों आदि को कवर किया गया है।
This Blog Includes:
- होम्योपैथी डॉक्टर बनने के लिए स्टेप-बाय-स्टेप गाइड
- स्टेप 1: होम्योपैथी डॉक्टर के कार्यों को जानें और अपना लक्ष्य निर्धारित करें
- स्टेप 2: होम्योपैथी डॉक्टर बनने के लिए न्यूनतम योग्यता को पूरा करें
- स्टेप 3: BHMS कोर्स में प्रवेश के लिए NEET (UG) परीक्षा दें
- स्टेप 4: BHMS कोर्स की संरचना को जानें
- स्टेप 5: होम्योपैथी चिकित्सा प्रमुख संस्थान और कॉलेज
- स्टेप 6: जानें BHMS कोर्स में क्या सिखाया जाता है?
- स्टेप 7: BHMS कोर्स के बाद होम्योपैथिक मेडिकल काउंसिल में रजिस्ट्रेशन करें
- स्टेप 8: होम्योपैथी डॉक्टर बनने के बाद के करियर विकल्पों को जानें
- स्टेप 9: BHMS के बाद हायर स्टडी और स्पेशलाइजेशन को चुनें
- भारत में होम्योपैथी की वैधता और भविष्य
- FAQs
होम्योपैथी डॉक्टर बनने के लिए स्टेप-बाय-स्टेप गाइड
यहाँ होम्योपैथी डॉक्टर बनने के लिए स्टेप-बाय-स्टेप गाइड दिए गए हैं, जो आपके लिए उपयोगी हो सकते हैं –
स्टेप 1: होम्योपैथी डॉक्टर के कार्यों को जानें और अपना लक्ष्य निर्धारित करें
होम्योपैथी डॉक्टर ही रोगियों की सामान्य सर्दी-खांसी, फ्लू, बुखार, कान का दर्द, चोटें और छोटे-मोटे संक्रमणों का इलाज करने, तनाव-संबंधी विकार, चिंता, अवसाद, नींद न आने की समस्या आदि का होम्योपैथिक दवाओं से उपचार करते हैं। यदि आप भी मेडिसिन में रुचि रखते हैं तो ये करियर विकल्प आपके बेहतर भविष्य का आधार बन सकता है। होम्योपैथी डॉक्टर बनने के लिए सबसे महत्वपूर्ण कदम ‘प्राकृतिक इलाज के साथ-साथ मरीजों से सहानुभूति और धैर्य रखना’ है। यदि आप होम्योपैथी डॉक्टर बनना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने लक्ष्य का निर्धारण करें और अपनी शैक्षणिक पृष्ठभूमि को मजबूत करें।
स्टेप 2: होम्योपैथी डॉक्टर बनने के लिए न्यूनतम योग्यता को पूरा करें
छात्रों के लिए होम्योपैथी डॉक्टर बनने की अनिवार्य योग्यताएं नीचे दी गई हैं:-
- शैक्षणिक योग्यता: होम्योपैथी डॉक्टर बनने के लिए छात्रों को 12वीं कक्षा (10+2) साइंस स्ट्रीम से पास होना चाहिए, जिसमें फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी अनिवार्य विषय हों। अंग्रेजी विषय में भी अच्छे अंक आवश्यक हैं।
- न्यूनतम अंक और आयु सीमा: सामान्य वर्ग के छात्रों को 12वीं (PCB) में कम से कम 50% कुल अंक प्राप्त करने चाहिए। वहीं आरक्षित वर्ग (SC/ST/OBC) के लिए न्यूनतम 40% और सामान्य PwD श्रेणी के लिए 45% अंक निर्धारित किए जाते हैं। इसके अलावा एडमिशन के समय आवेदक की न्यूनतम आयु 17 वर्ष होनी चाहिए।
- विदेश में अध्ययन की योग्यता: 12वीं में PCB विषयों के साथ पास होना ज़रूरी है। अधिकांश विदेशी विश्वविद्यालय होम्योपैथी या संबंधित हेल्थ साइंसेज़ कोर्स में एडमिशन के लिए NEET स्कोर नहीं मांगते, बल्कि आपके अकेडमिक मार्क्स, अंग्रेज़ी भाषा परीक्षा (जैसे IELTS/TOEFL) और SOP व LOR जैसे डॉक्युमेंट्स को देखते हैं।
स्टेप 3: BHMS कोर्स में प्रवेश के लिए NEET (UG) परीक्षा दें
BHMS कोर्स में दाखिला पाने के लिए नीट (यूजी) परीक्षा पास करना ज़रूरी होता है। सरकारी और निजी- दोनों तरह के कॉलेज अलग से कोई मेडिकल एंट्रेंस परीक्षा नहीं करवाते। NEET में मिले अंक, मेरिट लिस्ट और राष्ट्रीय/राज्य स्तर की AYUSH काउंसलिंग के आधार पर ही एडमिशन मिलता है। NEET परीक्षा में प्रवेश के लिए आपको फिजिक्स, केमेस्ट्री और बायोलॉजी आदि विषयों को पढ़ना अनिवार्य होता है।
स्टेप 4: BHMS कोर्स की संरचना को जानें
BHMS कोर्स 5.5 वर्षों का होता है, जिसमें एक वर्ष की अनिवार्य इंटर्नशिप शामिल है। बताना चाहेंगे BHMS एक अंडरग्रेजुएट डिग्री है, जो होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति पर आधारित होती है और इसे पूरा करने के बाद छात्र एक पंजीकृत होम्योपैथिक डॉक्टर के रूप में प्रैक्टिस कर सकते हैं। इसके बाद छात्र MD (Homeopathy), PG Diploma, Certificate Courses या PhD भी कर सकते हैं।
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स्टेप 5: होम्योपैथी चिकित्सा प्रमुख संस्थान और कॉलेज
होम्योपैथी चिकित्सा की पढ़ाई के लिए कई प्रतिष्ठित संस्थान और कॉलेज हैं जो BHMS, MD (होम्योपैथी) जैसे पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं। नीचे प्रमुख होम्योपैथी कॉलेजों और संस्थानों की सूची दी गई है:-
- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ होम्योपैथी (NIH), कोलकाता, पश्चिम बंगाल
- शासकीय होम्योपैथिक चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल, भोपाल
- श्रीमती चंदाबेन मोहनभाई पटेल होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, मुंबई
- सरकारी होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, तिरुवनंतपुरम, केरल
- बीवीवीएस होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज बागलकोट, कर्नाटक
- वीर नर्मद साउथ गुजरात यूनिवर्सिटी, सूरत- होम्योपैथिक विभाग
- NEIAH, शिलांग, मेघालय
- नेहरू होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, दिल्ली
- महात्मा गांधी होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, जबलपुर
- डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर होम्योपैथिक कॉलेज, नागपुर, महाराष्ट्र
- भारती विद्यापीठ होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, पुणे
- सरकारी होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, बेंगलुरु
- असम होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, असम
- भगवान बुद्ध होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, मल्लाथल्ली, बैंगलोर, कर्नाटक
स्टेप 6: जानें BHMS कोर्स में क्या सिखाया जाता है?
BHMS कोर्स होम्योपैथी डॉक्टर बनने की दिशा में एक अनिवार्य डिग्री है, जिसमें छात्रों को चिकित्सा विज्ञान और होम्योपैथिक पद्धति से जुड़े विभिन्न विषयों का अध्ययन कराया जाता है। इस कोर्स में बॉडी स्ट्रक्चर, फिजियोलॉजी, बॉटनी, मेटाबॉलिज्म, होम्योपैथी का इतिहास और फिलॉसफी, पेशेंट कम्युनिकेशन, पैथोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, फोरेंसिक मेडिसिन और कम्युनिटी मेडिसिन जैसे विषय शामिल होते हैं।
इसके साथ ही केस एनालिसिस, रिपर्टरी और होम्योपैथिक फार्मेसी पर भी गहराई से अध्ययन होता है। छात्रों को कोर्स के दौरान क्लिनिकल ट्रेनिंग, इंटर्नशिप और प्रैक्टिकल अनुभव भी प्रदान किया जाता है, जिससे वे रोगियों की बेहतर समझ विकसित कर सकें और भविष्य में स्वतंत्र रूप से चिकित्सा सेवा दे सकें।
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स्टेप 7: BHMS कोर्स के बाद होम्योपैथिक मेडिकल काउंसिल में रजिस्ट्रेशन करें
BHMS कोर्स सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद किसी भी छात्र के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया अनिवार्य होती है। इसके तहत आपको अपने राज्य की होम्योपैथिक मेडिकल काउंसिल में रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है। यह रजिस्ट्रेशन प्राप्त करने के बाद ही आप रजिस्टर्ड होम्योपैथिक डॉक्टर के रूप में मान्य होते हैं और मरीजों का इलाज करने के लिए अधिकृत हो जाते हैं।
बताना चाहेंगे बिना रजिस्ट्रेशन के आप डॉक्टर के रूप में कानूनी रूप से प्रैक्टिस नहीं कर सकते। हर राज्य की अपनी अलग मेडिकल काउंसिल होती है, जहां रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी दस्तावेज और प्रमाणपत्र जमा करने होते हैं। यह प्रक्रिया आपको चिकित्सा क्षेत्र में विधिक मान्यता प्रदान करती है और स्वतंत्र रूप से प्रैक्टिस करने का अधिकार देती है।
स्टेप 8: होम्योपैथी डॉक्टर बनने के बाद के करियर विकल्पों को जानें
BHMS कोर्स पूरा करने के बाद छात्रों के पास चिकित्सा क्षेत्र में कई करियर विकल्प उपलब्ध होते हैं। एक रजिस्टर्ड होम्योपैथिक डॉक्टर के रूप में वे निजी क्लिनिक खोल सकते हैं या सरकारी अस्पतालों व स्वास्थ्य संस्थानों में कार्य कर सकते हैं। करियर के रूप में वे होम्योपैथिक चिकित्सक के रूप में सामान्य ओपीडी चला सकते हैं और बच्चों, त्वचा संबंधी समस्याओं, श्वसन रोगों या क्रॉनिक बीमारियों जैसी विभिन्न बीमारियों पर विशेष फोकस कर सकते हैं।
इसके अलावा वे चिकित्सा सलाहकार, चिकित्सा सहायक, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, रिसर्चर, पब्लिक हेल्थ प्रोफेशनल या फार्मासिस्ट जैसे पदों पर भी काम कर सकते हैं। रिसर्च और शिक्षण क्षेत्र में जाने के इच्छुक उम्मीदवार होम्योपैथिक प्रोफेसर या वैज्ञानिक के रूप में भी कार्य कर सकते हैं। फार्मास्युटिकल कंपनियों में भी होम्योपैथिक विशेषज्ञों की मांग बनी रहती है। इस प्रकार BHMS कोर्स के बाद चिकित्सा, शिक्षा, प्रशासन और शोध जैसे विविध क्षेत्रों में करियर की अपार संभावनाएं मौजूद हैं।
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स्टेप 9: BHMS के बाद हायर स्टडी और स्पेशलाइजेशन को चुनें
BHMS कोर्स पूरा करने के बाद छात्र उच्च शिक्षा और विशेषज्ञता के लिए कई ऑप्शन चुन सकते हैं। MD in Homeopathy जैसे पोस्टग्रेजुएट कोर्स में एडमिशन लेकर किसी विशेष क्षेत्र में गहराई से अध्ययन कर सकते हैं, जैसे कि मेडिसिन, पेडियाट्रिक्स, साइकायट्री या मटेरिया मेडिका।
इसके अतिरिक्त रिसर्च क्षेत्र में रुचि रखने वाले छात्र विभिन्न रिसर्च कोर्स या फेलोशिप प्रोग्राम के माध्यम से चिकित्सा अनुसंधान में करियर बना सकते हैं। BHMS के बाद विदेश में अध्ययन की संभावनाएं भी उपलब्ध हैं, जहां छात्र आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों के साथ होम्योपैथी का समन्वय कर वैश्विक स्तर पर काम कर सकते हैं और विशेषज्ञता प्राप्त कर सकते हैं।
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भारत में होम्योपैथी की वैधता और भविष्य
भारत में होम्योपैथी को वैध और मान्यता प्राप्त चिकित्सा पद्धति के रूप में स्वीकार किया गया है, जिसे सरकार ने आयुष मंत्रालय (AYUSH) के अंतर्गत शामिल किया है। सरकार की विभिन्न नीतियों और योजनाओं के माध्यम से होम्योपैथी को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके अंतर्गत शिक्षा, शोध और चिकित्सकीय सेवाओं को मजबूत किया जा रहा है।
आर्थिक रूप से कमजोर होम्योपैथी छात्रों के लिए केंद्र और राज्य सरकारें स्कॉलरशिप योजनाएं भी चलाती हैं, जिससे फीस में राहत मिलती है और पढ़ाई आसान हो जाती है। भविष्य में होम्योपैथी के क्षेत्र में करियर के अच्छे अवसर हैं, हालांकि गुणवत्ता, रिसर्च और तकनीकी विकास की दिशा में चुनौतियां भी बनी हुई हैं।
FAQs
BHMS करने के बाद सरकारी नौकरी पाना पूरी तरह संभव है। आप AYUSH विभाग, सरकारी अस्पताल, PHC/CHC, और NHM जैसी योजनाओं में होम्योपैथिक मेडिकल ऑफिसर के रूप में काम कर सकते हैं। इसके अलावा UPSC और राज्य PSC भी BHMS डॉक्टरों की भर्ती करते हैं।
BHMS के बाद सीधे डर्मेटोलॉजिस्ट या एलोपैथिक स्किन स्पेशलिस्ट नहीं बना जा सकता, क्योंकि यह MD डर्मेटोलॉजी (MBBS के बाद) की कैटेगरी में आता है। लेकिन BHMS के बाद आप MD (होमियोपैथी) – डर्मेटोलॉजी / स्किन स्पेशलिटी जैसे विषयों में विशेषज्ञता लेकर होम्योपैथिक स्किन स्पेशलिस्ट बन सकते हैं। होम्योपैथिक स्किन रोगों का इलाज करने वाले डॉक्टर के रूप में आप प्रैक्टिस कर सकते हैं, पर आपकी विशेषज्ञता होम्योपैथी तक सीमित रहती है।
होम्योपैथी डॉक्टर बनने में लगभग 5.5 साल लगते हैं, जिसमें 4.5 साल की पढ़ाई और 1 साल की इंटर्नशिप शामिल होती है।
होम्योपैथी में सबसे अच्छी डिग्री MD in Homeopathy मानी जाती है, जो BHMS के बाद उच्च विशेषज्ञता प्रदान करती है।
होम्योपैथी (BHMS) कोर्स की फीस सरकारी कॉलेजों में लगभग 20,000-80,000 रुपये प्रति वर्ष और प्राइवेट कॉलेजों में 1.5–3 लाख रुपये प्रति वर्ष होती है।
हाँ, भारत में बीएचएमएस (बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी) की डिग्री पूरी करने के बाद आप “डॉक्टर” लिख सकते हैं क्योंकि यह एक मेडिकल स्नातक डिग्री है। ये डिग्री आपको होम्योपैथी में अभ्यास करने के लिए योग्य बनाती है।
हमें उम्मीद है कि इस लेख में आपको होम्योपैथी डॉक्टर बनने की पूरी जानकारी मिली होगी। अन्य करियर से संबंधित लेख पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।
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