फाउंडेशनल एजुकेशन के लिए नियमों में बदलाव लाता है सीबीएसई

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Foundational education ke liye rules me changes karta hai CBSE

नेशनल एजुकेशन पाॅलिसी (NEP) आने के बाद एजुकेशन डिपार्टमेंट में नए नए बदलाव हो रहे हैं। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) ने राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क फॉर फाउंडेशन स्टेज-NCF2022) लागू होगी। सीबीएसई बालवाटिका (Kindergarten प्री-स्कूल) कक्षाओं को फाउंडेशनल एजुकेशन दिलाने वाले स्कूलों के कनेक्शन का विस्तार कर रहा है। ये बदलाव 2023-24 एकेडमिक ईयर से प्रभावी होंगे।

CBSE ने कहा है कि कक्षा I-X/XII की पेशकश करने वाले स्कूलों को कक्षाओं को शामिल करने के लिए कुछ आवश्यकताओं को बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए। पहले से ही फाउंडेशनल क्लास चला रहे स्कूलों को तीन साल की बालवाटिका शिक्षा देनी चाहिए।

बोर्ड के एक सर्कुलर में कहा गया है कि स्कूलों को शुरुआती स्तर पर कक्षाओं और अन्य आवश्यकताओं के लिए एडिशनल लैंड बढ़ाने की जरूरत है। हालांकि फाउंडेशन के शुरुआती तीन वर्षों के लिए वर्गों को जोड़ने के लिए कोई अतिरिक्त लैंड की आवश्यकता नहीं होगी।

बालवाटिका प्रथम वर्ष में तीन वर्ष से छोटे बच्चे को प्रवेश नहीं दे सकते

नए स्कूलों के फाउंडेशन में कई चीजों का क्राइटेरिया निर्धारित किया गया है। खेल का मैदान कम से कम 10,000 वर्ग फुट का होना चाहिए। स्कूलों को बताया गया है कि बालवाटिका प्रथम वर्ष में प्रवेश के लिए वे तीन वर्ष से छोटे बच्चे को प्रवेश नहीं दे सकते हैं।

NCERT द्वारा तैयार की गई टीचिंग मटीरियल 

स्कूलों को NCF-FS 2022 को अपनाने और NCERT द्वारा तैयार टीचिंग और सीखने की मटीरियल के कलेक्शन का उपयोग करने की भी आवश्यकता है। प्री-स्कूल से संबंधित कर्मचारियों और शिक्षकों को प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्राॅम सेक्सुअल ऑफेन्शेस एक्ट (Protection Of Children from Sexual Offences Act) के बारे में जानकारी देने के अलावा इसकी उपयोगिता बताई जाएगी।

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