डी.एल.एड (D.El.Ed) कोर्स एक ऐसा कोर्स है जो भारत में प्राथमिक स्तर (कक्षा 1 से 8) के शिक्षकों के लिए एक अनिवार्य व्यावसायिक योग्यता है। राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (NCTE) द्वारा मान्यता प्राप्त यह डिप्लोमा कोर्स ऐसे उम्मीदवारों के लिए डिज़ाइन किया गया है जो सरकारी या निजी स्कूलों में प्राथमिक शिक्षक बनकर अपने करियर को शुरू करना चाहते हैं। शिक्षक बनने का सपना देखने वाले छात्रों के लिए ये कोर्स एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इस करियर गाइड में आपके लिए D.El.Ed कोर्स क्यों चुनें, आवश्यक योग्यता, फीस स्ट्रक्चर और आवेदन प्रक्रिया आदि को कवर किया गया है।
This Blog Includes:
- D.El.Ed का ओवरव्यू
- D.El.Ed कोर्स क्या है?
- D.El.Ed कोर्स क्यों चुनें?
- D.El.Ed कोर्स के लिए आवश्यक योग्यता
- D.El.Ed कोर्स की अनुमानित फीस
- D.El.Ed कोर्स के लिए कॉलेज
- D.El.Ed कोर्स के लिए आवेदन प्रक्रिया
- D.El.Ed कोर्स करने के बाद करियर स्कोप
- D.El.Ed कोर्स करने के बाद करियर स्कोप और सैलरी
- D.El.Ed कोर्स के लिए आवश्यक कौशल और स्किल डेवलपमेंट
- FAQs
D.El.Ed का ओवरव्यू
यहाँ आपके लिए D.El.Ed कोर्स का ओवरव्यू दिया गया है, जिसके जरिए आप इस कोर्स के बारे में संक्षिप्त में जान सकेंगे –
| विशेषताएँ | विवरण |
| कोर्स का नाम | डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (Diploma in Elementary Education) |
| उद्देश्य | प्राथमिक स्तर के शिक्षकों को शिक्षण पद्धतियों और बाल मनोविज्ञान में प्रशिक्षित करना। |
| कोर्स की अवधि | 2 वर्ष (पूर्णकालिक नियमित कार्यक्रम) |
| न्यूनतम योग्यता | 10+2 (बारहवीं कक्षा) न्यूनतम 50% अंकों के साथ (आरक्षित वर्ग के लिए 45%)। |
| मान्यता | राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (NCTE) द्वारा अनिवार्य रूप से मान्यता प्राप्त होना चाहिए। |
| मुख्य विषय | बाल विकास, शिक्षण के सिद्धांत, शैक्षिक मनोविज्ञान, विभिन्न विषयों की शिक्षा शास्त्र (पेडागोजी)। |
| करियर स्कोप | सरकारी और निजी प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक, शिक्षण सहायक, ट्यूटर |
D.El.Ed कोर्स क्या है?
D.El.Ed (Diploma in Elementary Education) एक दो वर्षीय डिप्लोमा प्रोग्राम है जिसे पूरा करने के बाद छात्र कक्षा 1 से 8 तक पढ़ाने का प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं। यह कोर्स प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षक बनने के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें बाल विकास, शिक्षण विधियां, पाठ्यक्रम निर्माण, कक्षा प्रबंधन, शैक्षिक मनोविज्ञान और समावेशी शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल होते हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में करियर बनाने और प्रोफेशनल ग्रोथ पाने के लिए कई राज्य बोर्ड और कॉलेजों ने D.El.Ed कोर्स को NEP-2020 के अनुसार अपडेट किया है, जिसमें AI और डिजिटल शिक्षण सहायता जैसी आधुनिक तकनीकों का समावेश किया गया है।
D.El.Ed कोर्स क्यों चुनें?
D.El.Ed कोर्स उन छात्रों के लिए है जो प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर पर बच्चों को पढ़ाने में रुचि रखते हैं। D.El.Ed कोर्स को क्यों चुनना चाहिए, इसके लिए निम्नलिखित बिंदुओं को ध्यानपूर्वक पढ़ें –
- कोर्स का आसान पाठ्यक्रम और प्रैक्टिकल ट्रेनिंग छात्रों को तैयार शिक्षक बनने में मदद करती है। इसके साथ ही करियर सुरक्षा इसे शिक्षा के क्षेत्र में स्थायी करियर बनाने के इच्छुक छात्रों के लिए लोकप्रिय विकल्प बनाती है।
- D.El.Ed करने के बाद छात्र सीधे प्राइमरी और लोअर सेकेंडरी स्कूल में शिक्षक के रूप में काम शुरू कर सकते हैं और बच्चों की शिक्षा में सक्रिय योगदान दे सकते हैं।
- इस कोर्स को करने के बाद आप में प्राथमिक स्तर की शिक्षण योग्यता का विकास होता है, जिसके जरिए आप राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (NCTE) द्वारा निर्धारित न्यूनतम और अनिवार्य योग्यता को पूरा कर सकते है।
- डी.एल.एड (D.El.Ed) कोर्स को करने से आप केंद्रीय और राज्य सरकार के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक भर्ती के लिए पात्र या योग्य माने जाते हैं। आसान भाषा में कहा जाए तो इस कोर्स को करने के बाद आपके लिए सरकारी और निजी स्कूलों में रोजगार के कई अवसर खुलते हैं।
- यह कोर्स पूरा करने के बाद, आप केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) और विभिन्न राज्य स्तरीय TET परीक्षाओं में बैठने के योग्य हो जाते हैं, जो कि शिक्षक बनने के लिए आवश्यक हैं।
- यह कोर्स बाल मनोविज्ञान (चाइल्ड साइकोलॉजी), शिक्षण विधियों और बच्चों के विकास के लिए आवश्यक व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करता है। साथ ही यह आमतौर पर 2 साल का डिप्लोमा कोर्स है, जो कम समय में करियर शुरू करने का अवसर देता है।
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D.El.Ed कोर्स के लिए आवश्यक योग्यता
D.El.Ed कोर्स करने के लिए आपको कुछ आवश्यक योग्यताओं को पूरा करना होता है जो हैं:
- आपके पास न्यूनतम शैक्षिक योग्यता 12वीं पास होना ज़रूरी है।
- अधिकांश राज्यों और विश्वविद्यालयों में सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए 50 प्रतिशत और आरक्षित वर्गों के लिए 45 प्रतिशत अंक आवश्यक माने जाते हैं।
- कुछ राज्यों में इसके लिए प्रवेश परीक्षा भी आयोजित की जाती है, जबकि कई संस्थान मेरिट सूची के आधार पर भी दाखिला देते हैं।
- इसमें आवेदन करने के लिए आवेदन के समय अभ्यर्थियों की आयु सीमा 17 से 35 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- इस कोर्स की चयन प्रक्रिया के लिए कई राज्यों में मेरिट लिस्ट 12वीं कक्षा के अंकों के आधार पर बनती है, जबकि कुछ जगहों पर प्रवेश परीक्षा भी आयोजित होती है।
प्रवेश परीक्षाएं
D.El.Ed कोर्स में आवेदन करने के लिए उम्मीदवार कुछ प्रमुख परीक्षाओं जैसे – RIE CEE, PTET, CUET, APEdCET आदि में से किसी एक का हिस्सा बन सकते हैं। हालाँकि इसमें प्रवेश प्रक्रिया के लिए आयोजित होने वाली प्रवेश परीक्षा को राज्य अनुसार संचालित किया जाता है, जिसकी जानकारी इस प्रकार है –
| राज्य | संचालन निकाय | पात्रता (न्यूनतम अंक) | चयन प्रक्रिया |
| बिहार | एससीईआरटी (SCERT) बिहार | 50% | लिखित परीक्षा, मेरिट सूची |
| उत्तर प्रदेश (बीटीसी) | परीक्षा नियामक प्राधिकारी, उत्तर प्रदेश | 50% | लिखित परीक्षा, मेरिट सूची |
| मध्य प्रदेश | मध्य प्रदेश राज्य शिक्षा केंद्र | 50% | लिखित परीक्षा, मेरिट सूची |
| असम | एससीईआरटी (SCERT) असम | 50% | लिखित परीक्षा, मेरिट सूची |
| पश्चिम बंगाल | पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड | 50% | लिखित परीक्षा, मेरिट सूची |
| ओडिशा | एससीईआरटी (SCERT) ओडिशा | 50% | लिखित परीक्षा, मेरिट सूची |
| हरयाणा | एससीईआरटी (SCERT) हरियाणा | 50% | लिखित परीक्षा, मेरिट सूची |
| राजस्थान | राजस्थान शिक्षा विभाग | 50% | लिखित परीक्षा, मेरिट सूची |
| झारखंड | झारखंड शैक्षणिक परिषद | 50% | लिखित परीक्षा, मेरिट सूची |
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D.El.Ed कोर्स की अनुमानित फीस
इस कोर्स की फीस स्ट्रक्चर काफी हद तक कॉलेज और यूनिवर्सिटी पर निर्भर करता है। सामान्यत: D.El.Ed कोर्स की सालाना फीस सरकारी और प्राईवेट कॉलेज में भिन्न-भिन्न हो सकती है। कुछ प्राइवेट संस्थानों में यह फीस थोड़ी ज्यादा भी हो सकती है जबकि सरकारी संस्थानों में फीस अपेक्षाकृत कम रहती है। इस कोर्स की फीस में ट्यूशन चार्ज, प्रैक्टिकल ट्रेनिंग और कभी-कभी स्टडी मटेरियल की लागत भी शामिल होती है। इस कोर्स की अनुमानित फीस निम्नलिखित तालिका में दी गई है –
| कॉलेज का प्रकार | फीस का विवरण | औसत वार्षिक शुल्क (INR) | कुल पाठ्यक्रम शुल्क (2 वर्षों के लिए) |
| सरकारी कॉलेज (DIETs) | ट्यूशन फीस, एग्जाम फीस, डेवलपमेंट फंड एंड लैब फीस, हॉस्टल एंड मेस फीस आदि। | INR 5,700 – 25,000 | INR 11,400 – 50,000 |
| निजी कॉलेज | ट्यूशन फीस, एग्जाम फीस, डेवलपमेंट फंड एंड लैब फीस, हॉस्टल एंड मेस फीस आदि। | INR 35,000 – 80,000 या इससे अधिक | INR 70,000 – 1,60,000 या इससे अधिक |
| डिस्टेंस एजुकेशन (एनआईओएस/इग्नू) | ट्यूशन फीस, एग्जाम फीस, डेवलपमेंट फंड एंड लैब फीस, हॉस्टल एंड मेस फीस आदि। | लगभग INR 6,000 प्रति वर्ष | लगभग INR 12,000 – 14,600 (कोर्स के लिए कुल) |
D.El.Ed कोर्स के लिए कॉलेज
फार्मेसी कोर्स के लिए निम्नलिखित कॉलेज/संस्थान आपके लिए बेहतरीन विकल्प हो सकते हैं, इसमें सरकारी और प्राइवेट दोनों ही प्रकार के कॉलेज के नाम शामिल हैं –
D.El.Ed कोर्स के लिए सरकारी कॉलेज
D.El.Ed कोर्स के लिए सरकारी कॉलेजों को आमतौर पर जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान (District Institute of Education and Training – DIET) के नाम से भी जाना जाता है। इन कॉलेज या संस्थानों को राज्य सरकारों द्वारा संचालित किया जाता हैं, जिनमें इस कोर्स की फीस प्राईवेट कॉलेज की तुलना में कम होती है। यहाँ दी गई निम्नलिखित तालिका में कुछ राज्यों द्वारा संचालित कॉलेज की जानकारी दी गई है –
| राज्य | कॉलेज का नाम | स्थान |
| उत्तर प्रदेश | DIET Lucknow, DIET Meerut, DIET Prayagraj (Allahabad) | लखनऊ, मेरठ, प्रयागराज आदि अन्य जिलों में |
| बिहार | DIET Patna, DIET Gaya, DIET Muzaffarpur | पटना, गया, मुजफ्फरपुर आदि अन्य जिलों में |
| दिल्ली | DIET Daryaganj, DIET Keshav Puram, DIET Rohini | दरियागंज, रोहिणी, केशवपुरम आदि नई दिल्ली के कई अन्य जिलों में |
| उत्तराखंड | DIET Kashipur, DIET Dehradun, DIET Pauri | काशीपुर, देहरादून, पौड़ी आदि अन्य जिलों में |
| राजस्थान | DIET Jaipur, DIET Jodhpur, DIET Ajmer | जयपुर, जोधपुर, अजमेर आदि अन्य जिलों में |
| मध्य प्रदेश | DIET Bhopal, DIET Indore, DIET Gwalior | भोपाल, इंदौर, ग्वालियर आदि अन्य जिलों में |
| हरियाणा | DIET Gurgaon, DIET Sonipat, DIET Bhiwani | गुड़गांव, सोनीपत, भिवानी आदि अन्य जिलों में |
| महाराष्ट्र | DIET Mumbai, DIET Pune, DIET Nagpur | मुंबई, पुणे, नागपुर आदि अन्य जिलों में |
D.El.Ed कोर्स के लिए प्राइवेट कॉलेज
यहाँ दी गई निम्नलिखित तालिका में D.El.Ed कोर्स के लिए कुछ प्रमुख प्राइवेट कॉलेज के बारे में बताया गया है, जिनमें आवेदन करने के लिए आप इन संस्थानों की आधिकारिक वेबसाइट को विजिट कर सकते हैं –
| कॉलेज / यूनिवर्सिटी | स्थान | D.El.Ed कोर्स के लिए फोकस फील्ड |
| लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (एलपीयू) | पंजाब | टीचर एजुकेशन, मॉडर्न टीचिंग मेथोडोलोजिज़ |
| एमिटी यूनिवर्सिटी | नोएडा | टीचर ट्रेनिंग, एजुकेशनल इन्नोवेशंस |
| मानव रचना यूनिवर्सिटी | हरयाणा | एलिमेंट्री एजुकेशन, प्रैक्टिकल टीचिंग स्किल्स |
| सिम्बायोसिस कॉलेज ऑफ एजुकेशन | पुणे | कॉम्प्रिहेंसिव टीचर ट्रेनिंग |
| प्रेसीडेंसी यूनिवर्सिटी | बैंगलोर | एलिमेंट्री-लेवल टीचर प्रिपेरेशन |
| तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी (टीएमयू) | मुरादाबाद | हॉलिस्टिक टीचर एजुकेशन |
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D.El.Ed कोर्स के लिए आवेदन प्रक्रिया
इस कोर्स में आवेदन के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से अप्लाई किया जाता है। इसलिए इस कोर्स के लिए निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह की आवेदन प्रक्रिया के बारे में आसानी से समझा जा सकता है।
- राज्य सरकारें और कुछ मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी हर साल D.El.Ed के लिए ऑनलाइन आवेदन फॉर्म जारी करते हैं।
- D.El.Ed कोर्स में ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया के लिए सबसे पहले अपने राज्य के मान्यता प्राप्त संस्थान की ऑफिशियल वेबसाइट पर ऑनलाइन फॉर्म को देखें।
- इसके बाद संबंधित संस्थान की आधिकारिक वेबसाइट पर इस कोर्स के लिए दिए गए आवेदन ऑनलाइन फॉर्म को भरें।
- आवेदन फॉर्म में अपने दस्तावेज जैसे- मार्कशीट 10+2 मार्कशीट, पहचान प्रमाण, जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो) आदि को अपलोड करें और अपनी जानकारी को सही से अपडेट करें।
- इसके बाद आवेदन शुल्क का भुगतान भरें और यदि आपके द्वारा चयनित संस्थान में प्रवेश पाने के लिए किसी प्रवेश परीक्षा का आयोजन होता है तो आप इस परीक्षा के लिए खुद को तैयार करें।
- यदि आपके चुने गए संस्थान में मेरिट लिस्ट के आधार पर एडमिशन होता है तो आप मेरिट लिस्ट की प्रतीक्षा करें, जो कि 12वीं के अंकों के आधार पर बनती है।
- मेरिट लिस्ट में या परीक्षा के बाद चुने जाने पर कॉउंसलिंग प्रोसेस का पार्ट बनें।
- इसके बाद अंत में अपने दस्तावेज़ सत्यापन कराएं, और अपनी प्रवेश प्रक्रिया को पूरा करें।
- इस कोर्स के लिए ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया के लिए सबसे पहले अपने लिए मान्यता प्राप्त संस्थान की पहचान करें और फिर इसके लिए पात्रता मानदंड को जांचें।
- फिर संबंधित संस्थान में जाकर सबसे पहले आप आवेदन फॉर्म को खरीदें और उसे ध्यान पूर्वक पढ़ते हुए ही अपनी जानकारी उस फॉर्म में भरें।
- इसके बाद जरूरी डॉक्यूमेंट्स को वेबसाइट पर अपलोड करें। इसके बाद आप अपने आवेदन शुल्क को समय रहते भरें।
- यदि इसके लिए संस्थान द्वारा किसी परीक्षा का आयोजन किया जाता है, तो उसमें प्रतिभाग करें।
- यदि मेरिट के आधार पर आपका एडमिशन होगा तो इसके लिए अपने संसथान में जाकर मेरिट लिस्ट को चेक करें।
- अंत में मेरिट लिस्ट में नाम आने पर कॉउंसलिंग प्रोसेस का पार्ट बनें और अपनी आवेदन प्रक्रिया को पूरा करें।
D.El.Ed कोर्स करने के बाद करियर स्कोप
D.El.Ed कोर्स करने के बाद छात्रों के लिए शिक्षा क्षेत्र में कई करियर विकल्प खुलते हैं। यह कोर्स न केवल शिक्षण के लिए तैयार करता है, बल्कि शिक्षा प्रबंधन और काउंसलिंग में भी अवसर प्रदान करता है। प्रमुख करियर विकल्प निम्नलिखित हैं:
- सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूल शिक्षक – सरकारी स्कूलों में शिक्षक के पद पर नौकरी के अवसर।
- प्राइवेट स्कूल शिक्षक – प्रतिष्ठित निजी स्कूलों में पढ़ाने और करियर बनाने का अवसर।
- डे‑केयर और प्री‑स्कूल शिक्षक – छोटे बच्चों की शुरुआती शिक्षा में योगदान।
- ऑनलाइन एजुकेटर / ट्यूटर – डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से बच्चों को पढ़ाने के अवसर।
- एजुकेशन काउंसलर – स्कूल और कोचिंग संस्थानों में बच्चों की पढ़ाई और करियर गाइडेंस देना।
- टीचिंग असिस्टेंट / सहायक शिक्षक – स्कूल और प्रशिक्षण संस्थानों में सहायक शिक्षक के रूप में अनुभव हासिल करना।
- शैक्षिक सामग्री डेवलपर – बच्चों के लिए पाठ्यक्रम और शिक्षण सामग्री तैयार करना।
- एडुकेशन NGO और प्रशिक्षण संस्थान में करियर – शिक्षा क्षेत्र में सामाजिक योगदान और प्रोजेक्ट बेस्ड काम।
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D.El.Ed कोर्स करने के बाद करियर स्कोप और सैलरी
D.El.Ed कोर्स करने के बाद अनुमानित सैलरी Ambitionbox.com के माध्यम से निम्नलिखित तालिका में दिया गया है। इस कोर्स को करने के बाद करियर स्कोप और सैलरी, आपकी जिम्मेदारियों, अनुभव और परफॉरमेंस के आधार पर निर्धारित होती है –
| जॉब प्रोफाइल | जिम्मेदारियां | औसतन सालाना सैलरी (INR) |
| प्राइमरी टीचर | प्राइमरी स्कूल के बच्चों को नई तकनीक के साथ शिक्षा प्रदान करना | INR 0.9 लाख – INR 5 लाख |
| कंटेंट रिव्यूर | कंटेंट की जाँच करना, बच्चों के लिए जानकारी से भरपूर कंटेंट उपलब्ध कराना और कंटेंट की क्वालिटी को बनाए रखना | INR 2 लाख – INR 4.5 लाख |
| कंटेंट राइटर | बच्चों को ध्यान में रखते हुए एजुकेशनल कंटेंट लिखना | INR 1.3 लाख – INR 7 लाख |
| करियर कॉउंसलर | बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए उनका मार्गदर्शन या कॉउंसलिंग करना | INR 1.2 लाख – INR 7 लाख |
| इंग्लिश टीचर | बच्चों को अंग्रेजी भाषा के साथ ज्ञान प्रदान करना। | INR 1 लाख – INR 6 लाख |
D.El.Ed कोर्स के लिए आवश्यक कौशल और स्किल डेवलपमेंट
यहाँ D.El.Ed कोर्स के लिए आवश्यक कौशल और स्किल डेवलपमेंट की जानकारी दी गई है, जिनके माध्यम से आप इस कोर्स को अच्छे से सीख सकते हैं और इस क्षेत्र में ग्रोथ पा सकते हैं –
| आवश्यक कौशल | महत्व | स्किल डेवलपमेंट के अवसर |
| कम्युनिकेशन स्किल्स | इस स्किल के माध्यम से बच्चों, अभिभावकों और सहकर्मियों के साथ स्पष्ट और प्रभावी ढंग से संवाद किया जा सकता है। | सार्वजनिक बोलचाल (पब्लिक स्पीकिंग), वाद-विवाद प्रतियोगिताएं, अभिभावक-शिक्षक बैठकें (PTMs)। |
| बाल मनोविज्ञान की समझ | इस स्किल के होने से आप बच्चों के सीखने के तरीके, व्यवहार और भावनात्मक जरूरतों को समझ सकते हैं। | बाल विकास कार्यशालाएं, शैक्षिक मनोविज्ञान सेमिनार, केस स्टडीज। |
| धैर्य और सहानुभूति (पेशेंस एंड एम्पैथी) | ये स्किल आपको बच्चों को पढ़ाते समय बहुत धैर्य रखना सिखाती है, जिससे प्रत्येक बच्चे की व्यक्तिगत जरूरतों को समझना आसान हो जाता है। | कक्षा इंटर्नशिप के दौरान अनुभव, रोल-प्लेइंग गतिविधियाँ, परामर्श सत्र। |
| क्रिएटिविटी एंड इनोवेटिव | इस स्किल के होने से आप शिक्षण को रोचक और आकर्षक बनाने के लिए नई शिक्षण पद्धतियों और सामग्रियों (टीचिंग ऐड) का उपयोग करना सीख पाते हैं। | DIY (Do It Yourself) शिक्षण सामग्री बनाना, प्रोजेक्ट-आधारित सीखना, कला और शिल्प कार्यशालाएं। |
| क्लासरूम मैनेजमेंट | इस स्किल के होने से आप कक्षा में एक व्यवस्थित और सुरक्षित सीखने का माहौल बनाए रख सकते हैं। | व्यावहारिक प्रशिक्षण, कक्षा प्रबंधन कार्यशालाएं, वरिष्ठ शिक्षकों का अवलोकन। |
| प्रॉब्लम सॉल्विंग एंड डिसीजन मेकिंग | ये स्किल शिक्षण के दौरान आने वाली चुनौतियों (जैसे किसी बच्चे का खराब प्रदर्शन) का आपको समाधान खोजना सिखाती है। | क्रिटिकल थिंकिंग अभ्यास, टीम-शिक्षण प्रोजेक्ट्स। |
| डिजिटल लिटरेसी | इस स्किल के होने से आप आधुनिक शिक्षण उपकरणों, कंप्यूटर और शैक्षिक सॉफ्टवेयर का उपयोग करना सीख पाते हैं। | कंप्यूटर कोर्स, स्मार्ट क्लासरूम तकनीक पर प्रशिक्षण, ऑनलाइन शिक्षण संसाधन। |
FAQs
D.El.Ed यानी डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन एक दो वर्षीय डिप्लोमा कोर्स है, जिसे खास तौर पर प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर के शिक्षकों की तैयारी के लिए डिजाइन किया गया है।
इस कोर्स में प्रवेश के लिए उम्मीदवार को बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक है। कुछ राज्यों में न्यूनतम अंक सीमा पचास प्रतिशत तक रखी जाती है।
D.el.ed कोर्स कुल दो वर्ष का होता है, जिसमें चार सेमेस्टर शामिल होते हैं।
इस कोर्स में शिक्षा शास्त्र, बाल विकास, मनोविज्ञान, शिक्षण विधियाँ, बाल अधिकार और प्राथमिक शिक्षा से जुड़ी विभिन्न गतिविधियाँ पढ़ाई जाती हैं।
हमें उम्मीद है कि इस लेख के माध्यम से आपको D.El.Ed कोर्स के बारे में उपयोगी जानकारी प्राप्त हुई होगी। ऐसे ही अन्य कोर्स से संबंधित लेख पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।
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